Tuesday, October 20, 2020
कराची की दो मंजिला इमारत में धमाका- 3 की मौत, 15 घायल October 20, 2020 at 07:27PM
पाकिस्तान के कराची शहर में बुधवार सुबह एक बम धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई। 15 लोग घायल हैं। सभी की हालत गंभीर बताई गई है। घटना गुलशन-ए-इकबाल क्षेत्र में सुबह करबी 10 बजे हुई। डॉन न्यूज के मुताबिक, इस इलाके में दो दिन पहले भी एक इमारत में धमाका हुआ था। जिस बिल्डिंग में बुधवार को धमाका हुआ, वहां से पाकिस्तान के सबसे बड़े सामाजिक संगठन ईधी फाउंडेशन का ऑफिस कुछ ही मीटर की दूरी पर है।
बम धमाके का शक
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमाके की आवाज और वहां फैली बदबू से शुरुआती तौर पर बम धमाके का ही शक है। रेंजर्स और पुलिस की टीम मौके पर मौजूद हैं। घायलों को अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट दूसरी मंजिल पर हुआ।
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पुलिस और फौज आमने-सामने; नवाज के दामाद की सेना द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में पुलिस अफसर छुट्टी पर जाएंगे October 20, 2020 at 06:32PM
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर की दिन पहले कराची में गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ रहा है। सफदर को सोमवार को कराची के एक होटल से दरवाजा तोड़कर गिरफ्तार किया गया था। वे यहां पत्नी मरियम के साथ ठहरे हुए थे। उनकी गिरफ्तारी फौज और रेंजर्स ने की थी। इससे सिंध प्रांत की पुलिस बेहद नाराज है। आईजीपी समेत तमाम आला अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने का ऐलान कर दिया। बाद में आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने फौरन मामले की जांच के आदेश दिए। आईजीपी से बातचीत की। इसके बाद पुलिस अफसरों ने छुट्टी पर जाने का फैसला 10 दिन टाल दिया।
सियासत में फंसी फौज
विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेट फ्रंट (पीडीएम) ने पिछले दिनों पंजाब प्रांत के गुजरांवाला और कराची में बड़ी रैलियां की हैं। उनके निशाने पर सरकार से ज्यादा फौज है। पीडीएम का आरोप है कि फौज की धांधली और मिलीभगत की वजह से ही इमरान सत्ता में आए। अब तमाम विपक्षी दल इमरान और फौज के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन चला रहे हैं। पहली बार फौज का जनरलों का नाम सियासी रैलियों में लिया जा रहा है। आईएसआई भी निशाने पर है। ऐसे में सरकार और फौज दोहरी मुश्किल में फंस गए हैं।
सफदर मामले में गलती हुई
मरियम नवाज के पति कैप्टन सफदर को कराची से गिरफ्तार करके फौज फंस गई है। कराची सिंध प्रांत का हिस्सा है और यहां पीपीपी की सरकार है। यहां सूबे के पुलिस प्रमुख मुश्ताक मेहर और तमाम आला अफसरों ने फौज की कार्रवाई के विरोध में छुट्टी पर जाने का ऐलान किया तो हड़कंप मच गया। आर्मी चीफ बाजवा हरकत में आए। उन्होंने पहले पीपीपी चीफ बिलावल भुट्टो से बातचीत की। इसके बाद मुश्ताक को भरोसा दिलाया कि वे मामले की फौरन जांच कराएंगे और दोषी लोगों को सजा दिलाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, बाजवा ने माना कि उनके अफसरों ने गलती की।
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'Trump Heights' a symbol of US shift on Mideast policy October 20, 2020 at 05:36PM
अगले हफ्ते भारत आएंगे अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री; अमेरिका ने कहा- राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का भारत से रिश्तों पर असर नहीं होगा October 20, 2020 at 05:25PM
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अंतिम चरण में है। 3 नवंबर को वहां वोटिंग होनी है। लेकिन, डिप्लोमैसी इससे बेअसर नजर आती है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अगले हफ्ते पहली बार एक साथ भारत दौरे पर आ रहे हैं। दूसरी तरफ, एक अमेरिकी अफसर ने साफ कर दिया है कि चुनाव के चाहे जो नतीजें हों, भारत के साथ रिश्तों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
चीन पर फोकस होगा
अमेरिकी एडमिनिस्ट्रेश भारत से रिश्तों को कितनी अहमियत देता है, इसका सबूत मंगलवार रात के घटनाक्रम से मिलता है। डिफेंस मिनिस्टर मार्क एस्पर खुद मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा- मैं और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो अगले हफ्ते भारत दौरे पर जा रहे हैं। एस्पर ने कहा- भारत हमारे लिए सबसे अहम साझेदार है। यह इस सदी में इंडो-पैसेफिक की अहम पार्टनरशिप है। कुछ देर बाद एटलांटिक काउंसिल की बैठक में उन्होंने यही बात कही। एस्पर ने संकेत दिए कि एक और जहां रूस और चीन मिलकर ग्लोबल पावर नेटवर्क तैयार कर रहे हैं, वहीं भारत और अमेरिका चुनौतियों का मुकाबला करने तैयार हैं ।
किस बारे में बात होगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और अमेरिका के बीच कई संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत होगी। हालांकि, इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन, माना जा रहा है कि लद्दाख में चीन की हरकतों के बीच इंटेलिजेंस शेयरिंग पर सबसे ज्यादा फोकस होगा। एस्पर ने कहा- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यह देश ताकतवर और प्रतिभाशाली लोगों का है। यहां के लोग हर दिन चुनौतियों का सामना करते हैं। चीन का हिमालय क्षेत्र में आक्रामक रवैया इसकी मिसाल है।
सैन्य तैयारियां भी जारी
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया अगले महीने मलाबार नेवल एक्सरसाइज करने जा रहे हैं। चीन इससे पहले ही परेशान है। इस अभ्यास में चारों देशों के सबसे आधुनिक हथियार और शिप शामिल किए जाने वाले हैं। चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच कूटनीतिक तनाव चल रहा है। दूसरी तरफ, जापान ने भी साफ कर दिया है कि चीन की हर हरकत का जवाब दिया जाएगा। जुलाई में भारत और अमेरिका नेवल एक्सरसाइज कर चुके हैं। तब दुनिया का सबसे खतरनाक वॉरशिप यूएसएस निमित्ज भी इसमें शामिल हुआ था।
चुनाव नतीजों का रिश्तों पर असर नहीं
अमेरिका का उप विदेश मंत्री स्टीफन बिगन ने मंगलवार रात एक अहम बयान दिया। स्टीफन ने कहा- हमारे देश में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हो रहा है। इसके नतीजों को लेकर हर किसी को उत्सुकता है। लेकिन, मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं। चुनाव के नतीजों का भारत से रिश्तों पर कोई असर नहीं होगा। स्टीफन ने कहा- भारत और अमेरिका के रिश्ते किसी भी पॉलिटिकल पार्टी से ऊपर हैं। हमें भविष्य के बारे में सोचना है और भारत की इसमें सबसे बड़ी भूमिका होगी।
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China, Russia violating sovereignty of smaller states: US October 20, 2020 at 04:44PM
बाइडेन चुनाव जीते तो इकोनॉमी सुधारना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी, अमेरिका को इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर फोकस करना होगा October 20, 2020 at 03:57PM
अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हैं। मुकाबला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन के बीच है। सवाल यह है कि अगर बाइडेन जीते तो उनकी इकोनॉमिक पॉलिसी क्या होगी। मुझे लगता है कि इकोनॉमिस्ट्स भी ये जानते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। लेकिन, इस बात पर जरूर शक है कि उनकी टीम इसे ठीक से समझ पाई है। फिक्र इस बात की भी है कि मीडिया को भी इससे झटका लगेगा।
तो क्या होना चाहिए
अगर अमेरिका की वर्तमान और भविष्य की आर्थिक रणनीति पर बात करें तो दो चीजें नजर आती हैं। पहली- भविष्य की योजनाओं पर तगड़ा बजट खर्च किया जाए। दूसरी- इस बात पर विचार की जरूरत नहीं है कि पैसा कहां से आएगा। फिलहाल और आने वाले कुछ साल तक बड़ा बजट घाटा ठीक नहीं होगा। इस बारे में जिम्मेदारी से काम करना होगा।
पहली और बड़ी चुनौती
मान लीजिए अगर बाइडेन जनवरी में सत्ता संभालते हैं तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी- कोरोनावायरस। यह चली आ रही है। ट्रम्प तो कब से कह रहे हैं कि ये बिल्कुल खत्म होने वाली है। लेकिन, सच्चाई तो कुछ दूसरी है। और वो ये है कि संक्रमित भी बढ़ रहे हैं और अस्पताल भी मरीजों से भरते जा रहे हैं। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन अब तक चुपचाप तमाशा देख रहा है। उसने हालात से निपटने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। यहां एक बात साफ तौर पर समझ लेनी चाहिए कि जब तक हम महामारी पर काबू नहीं पा लेते तब तक इकोनॉमी भी नहीं सुधरेगी।
लोगों की मदद करनी होगी
इकोनॉमी को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने होंगे। लेकिन, इसके मायने क्या हैं? क्या फिर कोई बड़ा आर्थिक पैकेज देना होगा। खास तौर पर उन राज्यों और परिवारों को जहां इस वक्त कैश की परेशानी है। क्या शहरों की मदद करनी होगी। इस मदद का सही मायनों में अर्थ मानवीय आधार पर मदद देना है। ताकि वे किराया दे सकें और उनके पास दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो। राज्यों और शहरों की बुनियादी सुविधाओं में कमी नहीं की जानी चाहिए। इस बारे में आमदनी और खर्च का संतुलन भी बनाकर रखना होगा।
भविष्य पर ध्यान देना होगा
बड़े बजट या खर्च का यह मतलब नहीं होना चाहिए कि यह महामारी को खत्म करने के लिए ही हो। हमें भविष्य की योजनाओं पर निवेश करना होगा। कई साल तक हमने लोगों का जीवन स्तर सुधारने पर ज्यादा खर्च नहीं किया। अमेरिका को अब सबसे ज्यादा जरूरत अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने की है। एक ऐसी इकोनॉमी तैयार करनी होगी जिसमें पर्यावरण की जरूरतें भी पूरी हों। इस बात का प्लान तैयार करना होगा कि हमारे बच्चे बड़े होकर हेल्दी यानी स्वस्थ रहें और अमेरिका के विकास में योगदान दे सकें। अमेरिका दुनिया के उन अमीर देशों में शामिल है, जो परिवारों को बहुत कम मदद देते हैं।
फंड का इंतजाम कैसे होगा
बड़ा सवाल यह है कि इतने खर्च के लिए पैसे यानी बजट का इंतजाम कहां से होगा। कई बार आपने सुना होगा और कई लोग अकसर कहते हैं- सरकार को कारोबार जैसे चलाना चाहिए। लेकिन, ये गलत सोच है। लेकिन, स्मार्ट बिजनेस के लिए जब मौके मिलें तो हमारी सोच क्या होनी चाहिए। फरवरी में लॉन्ग टर्म इन्फ्लेशन रेट 0.12% था। इसे शून्य से कम होना चाहिए। लोगों और बचत करना होगी और फिर इस पैसे का इस्तेमाल निवेश पर करना चाहिए। सरकार को फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लेने से बचना होगा।
कर्ज की दिक्कत
सरकार जब भी कर्ज तो ब्याज कम होना चाहिए। इससे भविष्य में इकोनॉमी को फायदा होता है। कर्ज हमेशा दिक्कत पैदा करते हैं। लेकिन, सरकार को इससे निपटने का तरीका आना चाहिए। प्राईवेट इन्वेस्टमेंट्स को बढ़ावा देना होगा। मूडीज के एनालिस्ट्स कहते हैं- बाइडेन राष्ट्रपति बने तो ट्रम्प सरकार जारी रहने की तुलना में जीडीपी 4.5% ज्यादा होगी। गोल्डमैन शेशे यह संभावना 3.7% बताते हैं। कुल मिलाकर बाइडेन के लिए तो यह अच्छे संकेत हैं। उन्हें दो काम करने होंगे। पहला- महामारी से निपटें। दूसरा- देश का भविष्य बेहतर बनाएं। लेकिन, क्या सियासत आड़े आएगी? इस बारे में आगे बात करेंगे।
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न्यूजीलैंड में 25 नए मामले, अमेरिका में मरने वालों का आंकड़ा दोगुना होने की आशंका; दुनिया में अब तक 4.10 करोड़ मामले October 20, 2020 at 03:54PM
दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.10 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 6 लाख 18 हजार 927 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.28 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। हाल ही में चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनीं जेसिंडा आर्डर्न के लिए परेशान करने वाली खबर है। न्यूजीलैंड में 25 नए मामले सामने आए हैं। दूसरी तरफ, अमेरिका में आशंका जताई गई है कि कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा दोगुना यानी करीब चार लाख हो सकता है।
न्यूजीलैंड में कई हफ्तों बाद इतने मामले
न्यूजीलैंड की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बुधवार को 25 नए केस मिलने की पुष्टि की। मिनिस्ट्री द्वारा जारी बयान के मुताबिक, कई हफ्तों बाद एक दिन में इतने मामले एक साथ सामने आए हैं। इनमें से दो मामले कम्युनिटी ट्रांसमिशन के हैं। इसके अलावा सभी मामले आईसोलेशन से जुड़े थे। संक्रमित पाए गए लोगों में 18 रूस और यूक्रेन के हैं। ये हाल ही में मछली पालन के सिलसिले में न्यूजीलैंड पहुंचे थे। इन्हें एक होटल में क्वारैंटाइन किया गया था। न्यूजीलैंड के डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ एश्ले ब्लूमफील्ड भी पॉजिटिव पाए गए हैं। वे रूस जाने वाले थे, लेकिन अब उन्होंने यात्रा रद्द कर दी है।
अमेरिका में फिक्र बढ़ाते आंकड़े
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा जो जारी किया गया है, उससे दोगुना हो सकता है। सीडीसी ने इसे एक्सेस डेथ कैटेगरी में रखा गया है। इसके लिए कोविड के शुरुआती 8 महीनों का डेटा एनालिसिस किया गया है। सीडीसी ने तीन आंकड़ों को मिलाकर यह डेटा तैयार किया है। किसी भी तरह की बीमारी से मौत, अमेरिका में होने वाली औसत मौतें और फिर इनका 2015 से 2019 के दौरान लिए गए डेटा से मिलान। रिपोर्ट में कहा गया है- जनवरी से 3 अक्टूबर तक 2 लाख 99 हजार 28 मौतें ज्यादा हुईं। इनमें 1 लाख 98 हजार 81 मौतें कोविड-19 से होने की आशंका है। ये वो आंकड़ा है, जो वर्तमान में बताए गए आंकड़े से अलग हैं।
पैक्ड फूड में वायरस
चीन में पैक्ड फ्रोजन फूड के पैकेट पर कोविड-19 वायरस मिला है। इसका मतलब यह हुआ कि कोरोनावायरस कोल्ड सप्लाय चेन्स में जिंदा रह सकता है। चीन के लिए यह खबर फिक्र बढ़ाने वाली है। शनिवार को सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने एक बयान जारी कर माना कि क्विनदाओ प्रांत के एक स्टोर में फ्रोजन फूड में वायरस पाया गया है। रिसर्चर को शक है कि यह वायरस इस शहर के एक क्लस्टर से वहां तक पहुंचा। इसके पहले भी इस तरह की स्टडी की गई थी। लेकिन, तब वायरस के जिंदा होने के सबूत नहीं मिले थे।
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फाइनल डिबेट में बाइडेन की टोकाटाकी नहीं कर पाएंगे ट्रम्प; माइक म्यूट करने का नियम बनाया October 20, 2020 at 02:50PM
(माइकल एम ग्रिनबाम) अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट जो बाइडेन के बीच आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट गुरुवार को टेनेसी के नैशविले में बेलमोंट यूनिवर्सिटी में होगी। लेकिन, पिछली डिबेट में ट्रम्प की टोकाटाकी को देखते हुए कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट (सीपीडी) ने इसमें कुछ बदलाव किए हैं।
नए नियम के मुताबिक, ‘90 मिनट तक होने वाली बहस को 15-15 मिनट के 6 हिस्सों में बांटा गया है। दोनों नेताओं को 45-45 मिनट बोलने का समय मिलेगा। शुरुआती बहस के दौरान उम्मीदवार का माइक्रोफोन दो मिनट के लिए बंद रखा जाएगा।
जब सवाल पूछा जाएगा तो सिर्फ उस उम्मीदवार का माइक चालू रहेगा, जिसे जवाब देना है। यानी सवाल बाइडेन से पूछा गया है, तो ट्रम्प का माइक बंद रहेगा। इसके बाद दोनों के माइक खोल दिए जाएंगे। इससे ट्रम्प और बाइडेन एक-दूसरे को बोलने के दाैरान टाेक नहीं पाएंगे। यदि कोई नेता डिबेट में टोकता है तो उसका समय भी काटा जाएगा।’
माइक बंद करने के फैसले से ट्रम्प की कैम्पेन टीम खुश नहीं है। सीपीडी काे लिखी गई चिट्ठी में टीम मैनेजर बिल स्टेपाइन ने कहा है कि हम म्यूट बटन के इस्तेमाल को सही नहीं मानते। कोई किसी उम्मीदवार की आवाज कैसे दबा सकता है?
अर्ली वोटिंग: अब तक 3 करोड़ वोट पड़े; 2016 से 5 गुना ज्यादा
अमेरिका में अर्ली वोटिंग के तहत चुनाव से 13 दिन पहले तक तीन करोड़ से ज्यादा नागरिक मतदान कर चुके हैं। यह 2016 में पड़े वोटों की तुलना में 5 गुना ज्यादा है। यह आकड़ा सरकार की वेबसाइट पर जारी किया गया है। इसके मुताबिक, अब तक 3,02,42,866 लोगों ने मतदान किया है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिशेल मैकडोनाल्ड ने बताया कि 2016 में लगभग 50.90 लाख मतदाताओं ने वोटिंग डेट से पहले वोट डाले थे।
ट्रम्प ने लोकप्रिय वैज्ञानिक डॉ. एंथनी फॉसी को इडियट कहा
अमेरिका के शीर्ष सरकारी और लोकप्रिय वैज्ञानिक डॉ. एंथनी फॉसी पिछले कुछ दिनों से ट्रम्प के निशाने पर हैं। ट्रम्प ने एक चुनावी रैली के दौरान कैंपेन स्टाफ से कहा- ‘लोग कोरोना को लेकर डॉ. फॉसी और उनके जैसे इडियट को सुन-सुन कर थक गए हैं।’
दरअसल, कोरोना से निपटने में लापरवाही बरतने पर ट्रम्प प्रशासन को आरोपी करार दिया जा रहा है। इस आलोचना से ट्रम्प निराश हैं। वहीं, डॉ. फॉसी उस टीम का हिस्सा हैं, जिसे व्हाइट हाउस की तरफ से कोविड-19 का सामना करने के लिए बनाया गया है। इसलिए ट्रम्प अपनी भड़ास डॉ. फॉसी पर निकाल रहे हैं।
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