कोविड-19 पर एक मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए डेनमार्क की प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिक्सन ने अपनी शादी टाल दी। यह तीसरा मौका है जब 42 साल की मैट को शादी टालनी पड़ी है। पिछली दो बार कारण अलग थे। मैट और उनके मंगेतर बो टेनबर्ग 18 जुलाई को शादी करने वाले थे। लेकिन, इसी दौरान यूरोपीय यूनियन (ईयू) के राष्ट्र प्रमुखों की मीटिंग है। लिहाजा, मैट और बो फिलहाल ‘एक दूजे के’ नहीं हो पाएंगे।
डेनमार्क में महामारी की बात करें तो यहां अब तक 12 हजार 636 मामले सामने आ चुके हैं। 603 लोगों की मौत हुई है।
17 और 18 जुलाई को ईयू समिट
महामारी शुरू होने के बाद 17 और 18 जुलाई को ईयू के नेता पहली बार आमने-सामने मिलेंगे। मीटिंग में महामारी से हुए आर्थिक नुकसान और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा होगी। ईयू 846 अरब डॉलर के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसमें उन देशों को आर्थिक मदद दी जानी है जो संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। डेनमार्क, स्वीडन, ऑस्ट्रिया और नीदरलैंड्स इसका विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि आर्थिक मदद देने से पहले यह तय किया जाए कि संबंधित देश यह फंड लौटाएगा। इसलिए, यह मीटिंग अहम है।
डेनमार्क के हित पहले : मैट
बहरहाल, शादी टालने का ऐलान करते हुए मैट ने फेसबुक पर लिखा- मेरे लिए डेनमार्क के हितों की हिफाजत ज्यादा जरूरी है। मैं खुद इस शानदार आदमी से शादी करना चाहती हूं। लेकिन, फिलहाल यह आसान नहीं लगता। ब्रसेल्स में मीटिंग है। लेकिन, हम जल्द शादी करेंगे। मेरा पार्टनर संयम रखने वाला इंसान है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह तीसरा मौका है जब मैट और बो की शादी टल गई है। बता दें कि मैट 2019 में 41 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनीं थीं। वो देश की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री हैं।
Denmark's Prime Minister Mette Frederiksen thought she had finally found a date for her wedding, but has now had to postpone it for a third time due to an EU summit, she said Thursday. Many a wedding plan has been upended by the Covid-19 pandemic and it seems not even world leaders are immune.
Pope Francis has ordered a Polish bishop to leave his central diocese and let someone else run it while he is under investigation for covering up cases of sexual abuse that were featured in a second clergy abuse documentary that has rocked Poland's Catholic Church.
The US Senate passed legislation on Thursday that would impose mandatory sanctions on people or companies that back efforts by China to restrict Hong Kong's autonomy, pushing back against Beijing's new security law for the city. To become law, it must also pass the House of Representatives and be signed by President Donald Trump.
संसद में ओसामा बिन लादेन को शहीद बताने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान घर में ही घिर गए। विपक्षी सांसद मुस्तफा नवाज ने इमरान खान को देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। बिलावल भुट्टो के मुताबिक- इमरान ने बता दिया है कि वो कट्टरपंथियों के कितने बड़े समर्थक हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि प्रधानमंत्री शायद ये भूल गए कि लादेन की वजह से ही पाकिस्तान में आतंकवाद फैला।
गुरुवार को इमरान ने एक चर्चा के दौरान लादेन को शहीद बताया था। अब उनके मंत्री प्रधानमंत्री का बचाव कर रहे हैं। फवाद चौधरी ने कहा- हो सकता है प्रधानमंत्री की जुबान फिसल गई हो।
लादेन आतंकी था और रहेगा
पीएमएल-एन नेता और पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा- प्रधानमंत्री लादेन को शहीद बताते हैं। लादेन ही वो व्यक्ति था जो आतंकवाद को पाकिस्तान लाया। वो आतंकी था और हमेशा रहेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा- इमरान का इतिहास बताता है कि वो हमेशा कट्टरपंथियों का समर्थन करते रहे हैं। अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारों को उन्होंने राहत दी। आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला करने वाले आतंकियों को उन्होंने भागने में मदद की।
इमरान ‘तालिबान खान’
पीपीपी के प्रवक्ता और वरिष्ठ सांसद मुस्तफा नवाज ने कहा, “लादेन को शहीद बताने के बाद इमरान खान साफ तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं। अगर लादेन शहीद है तो प्रधानमंत्री ये बताएं कि अल-कायदा ने हमारे जिन बेगुनाह लोगों और सैनिकों को मारा, उनको क्या कहेंगे? इमरान ने साबित कर दिया है कि वो तालिबान खान ही हैं। आखिर वो हमारे युवाओं को क्या मैसेज देना चाहते हैं। इमरान ही वो व्यक्ति हैं जिन्होंने तालिबान को देश में ऑफिस खोलने की मंजूरी दी थी।
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बैकफुट पर सरकार
इमरान के बचाव में सरकार भी एक्टिव होती दिखी। उनके स्पेशल एडवाइजर शाहबाज गिल ने कहा- प्रधानमंत्री ने दो बार ये भी कहा था कि लादेन मारा गया था। अकसर चर्चा में रहने वाले मंत्री फवाद चौधरी ने कहा- प्रधानमंत्री के बयान को तूल देना समझ से बाहर है। हो सकता है उनकी जुबान फिसल गई हो।
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 97 लाख 10 हजार 205 लोग संक्रमित हैं। इनमें 52 लाख 55 हजार 758 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 91 हजार 783 लोगों की मौत हो चुकी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका में दो करोड़ लोगों के संक्रमित होने की आशंका है। उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि कोरोना को लेकर अगर कोई देश कन्फ्यूज नहीं है तो वह है पाकिस्तान।
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
25,04,588
1,26,780
1,052,293
ब्राजील
12,33,147
55,054
6,49,908
रूस
6,13,994
8,605
3,75,164
भारत
4,91,170
15,308
2,85,671
ब्रिटेन
307,980
43,230
उपलब्ध नहीं
स्पेन
2,94,566
28,330
उपलब्ध नहीं
पेरू
2,68,602
8,761
1,56,074
चिली
2,59,064
4,903
2,19,327
इटली
2,39,706
34,678
1,86,725
ईरान
2,15,096
1,0130
1,75,103
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
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हम कोरोना को लेकर कन्फ्यूज नहीं: इमरान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि कोरोना को लेकर अगर कोई देश कन्फ्यूज नहीं है तो वह है पाकिस्तान। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सरकार कोरोना को लेकर कन्फ्यूज है। हमारे ऊपर भारत के जैसे प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया गया था। पाकिस्तान में 13 मार्च को लॉकडाउन लगाया गया था। देश में अब तक 1 लाख 92 हजार 970 संक्रमित हैं, जबकि 3903 लोगों की मौत हो चुकी है।
मैक्सिको: संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार
मैक्सिको में 24 घंटेमें महामारी के 6,104 नए मामले सामने आ चुके हैं। संक्रमितों की संख्या दो लाख के पार हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एक ही दिन में 736 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों की संख्या बढ़कर 25,060 हो गई है। एक दिन पहले यहां कोरोना के 5473 नए मामले सामने आए थेऔर 947 लोगों की मौत हुई थी।
ब्राजील: एक दिन में 39,483 संक्रमित
ब्राजील में 24 घंटे में 39,483 नए मामले सामने आए हैं और 1141 लोगों की मौत हुई है।संक्रमितों की संख्या 12 लाख 28 हजार 114 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यहां अब तक 54,971 की जान जा चुकी है। एक दिन पहले ब्राजील में 40 हजार से ज्यादा मामले आए थे और 1185 लोगों की मौत हुई थी। संक्रमण के मामले में अमेरिका के बाद ब्राजील दूसरा सबसे प्रभावित देश है।
बीजिंग में 11 नए मामले मिले
बीजिंग में 24 घंटे में संक्रमण के 11 नए मामले मिले हैं। म्युनसिपल हेल्थ कमीशन ने शुक्रवार को कहा कि 3 संदिग्ध और एक बिना लक्षण वाला मरीज भी मिला है। 11 से 25 जून के बीच 280 संक्रमित मिले हैं, जो देश में रहने वाले हैं। वहीं, 22 बिना लक्षण वाले मरीजों का इलाज चल रहा है। चीन में अब तक 83,462 मामले मिल चुके हैं, जबकि 4634 लोगों की मौत हो चुकी है।
इजराइल:संक्रमितों की संख्या 22,400
इजराइल में महामारी के 356 नए मामले सामने आए हैं। देश में शुक्रवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 22,400 हो गई।स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मृतकों की संख्या 309 हो गई है। महामारी से अब तक16,007 लोग ठीक हो गए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के एक संयुक्त बयान के अनुसार, तटीय शहरों बाट यम और अशदोद में मामलों में वृद्धि को देखते हुए प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वहीं दस लोगों से ज्यादा की सभाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।
फिलीस्तीन: संक्रमण के54 नए मामले
फिलीस्तीन में 24 घंटे में54 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या1,588 हो गई। स्वास्थ्य मंत्री माई अल-कैला ने गुरुवार को कहा कि हेब्रोन में 41, बेथलेहम में 10, रामल्लाह में दो और नब्लस में एक मामलासामने आया है। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कोरोना के मामले बढ़ते देखहेब्रोन और नब्लस में दोबारा लॉकडाउन लगा दिया है।
US officials estimate that 20 million Americans have been infected with the coronavirus since it first arrived in the United States, meaning that the vast majority of the population remains susceptible. Twenty million infections means that about 6% of the nation's 331 million people have been infected.
While greatly expanded testing probably accounts for some of the increase, experts say other measures indicate the virus is making a comeback. Daily deaths, hospitalizations and the percentage of tests that are coming back positive also have been rising over the past few weeks in parts of the country, mostly in the South and West.
जापान में 25 मई को स्टेट इमरजेंसी हटाए जाने के बाद बुधवार को पहली बार राजधानी टोक्यो में सबसे ज्यादा 55 कोरोना मरीज मिले हैं। इनमें से 9 मरीज अस्थायी रोजगार दिलाने वाली एक कंपनी के कर्मचारी हैं। 12 मरीज नाइट लाइफ के लिए मशहूर कुबिकिचो इलाके में मिले हैं। टोक्यो के गवर्नर यूरिको कोइके ने कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
जापान में अब तक 18,024 संक्रमित मिले हैं। जबकि 963 मौतें हुई हैं। राजधानी टोक्यो, दक्षिणी शहर कितक्युशु, उत्तरी शहर होकाइदो हॉटस्पॉट हैं। जापान में एसोसिएशन ऑफ इंफेक्शियस डिजीज के अध्यक्ष काजुहिरो टेड्टा ने कहा कि अक्टूबर में देश में कोरोना की दूसरीलहर आ सकती है। इसका कारण शहरी जिंदगी को माना जा रहा है।
यह सर्वे 10 हजार लोगों पर किया गया था
कैबिनेट सचिवालय के नए सर्वे में पता चला है कि कोरोना का खौफ इतना है कि टोक्यो और उसके आसपास के शहरों कनागावा, चिबा और सीतामा के करीब 50 फीसदी लोग गांवों में बसना चाहते हैं। यह सर्वे 10 हजार लोगों पर किया गया था। दो साल पहले किए गए इसी तरह के सर्वे में 23 फीसदी लोगों ने गांवों में जाकर बसने की इच्छा जताई थी। सरकार भी ऐसे लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।
टोक्यो महानगरीय क्षेत्र छोड़कर जो लोग गांवों में जाना चाहते हैं, उन्हें सरकार 21 लाख रुपए देगी। टोक्यो महानगरीय क्षेत्र में 3.60 करोड़ लोग रहते हैं। यहां का क्षेत्रफल 2,188 वर्ग किमी है। एक अन्य सरकारी सर्वे के अनुसार 55 फीसदी लोग अच्छे प्राकृतिक वातावरण के लिए गांवों में रहना चाहते हैं।
16%का कहना है कि वे अपने मूल निवास क्षेत्र में जाकर रहना पसंद करेंगे
जबकि 16 फीसदी का कहना है कि वे अपने परिवार के मूल निवास क्षेत्र में जाकर रहना पसंद करेंगे। उन्हें अपने लोगों की कमी महसूस होती है। इस संबंध में सरकार ने एक वेबसाइट भी तैयार की है। यह लोगों को उनके समुदाय विशेष के क्षेत्रों की जानकारी और वहां मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी देती है।
टोक्यो की कियोको इवामुरा (40) कार कंपनी में काम करती हैं। इवामुरा कहती है, ‘मैं अपने गांव के खुले वातावरण की कमी महसूस करती हूं। इसलिए अब गांव लौटना चाहती हूं। मेरे पड़ोसी दूसरी तरह की परेशानी महसूस करते हैं। उनके घर छोटे हैं। उनके ज्यादा दोस्त भी नहीं हैं। वे खुद को अकेला महसूस करने के कारण गांव लौटना चाहते हैं।’
11 हजार रु. मासिक किराये में समुद तट पर मकान मिल रहा
अच्छे प्राकृतिक वातावरण वाले जापान के छोटे शहर नए प्रस्ताव दे रहे हैं। इनमें से एक सुवानो शहर का प्रशासन उन लोगों को 21 हजार रुपए मासिक किराये में फैमिली हाउस दे रहा है, जो 25 साल रहने का वादा कर रहे हैं। जबकि द्वीपीय शहर कुरोशिमा समुद तट के पास 11 हजार रुपए मासिक किराये में मकान दे रहा है। दूसरी ओर सरकार गांवों में रोजगार बढ़ाने पर जोर दे रही है।
बेलारूस में लोग राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ सड़कों पर हैं। वे 1994 से राष्ट्रपति हैं। लुकाशेंको रूस की मदद और लोकलुभावन वादों के दम पर चुनाव जीतते आ रहे थे, लेकिन कोरोना पर उनके बयानों और लापरवाही से लोगों में नाराजगी है। उन्होंने कहा था कि वोदका पीने, ट्रैक्टर चलाने और स्टीम बाथ से कोरोना नहीं होता।
यहां तक कि लोगों ने चंदे से डॉक्टर और अन्य स्टाफ को मास्क, पीपीई किट मुहैया करवाई। लोग अब एक ब्लॉगर सर्गेई तीखानोव्स्की को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं। सर्गेई ने लुकाशेंकों की नीतियों के विरोध में उन्हें बच्चों की कविता के पात्र की तर्ज पर ‘कॉकरोच’ कहा था। इसके बाद कार पर बड़ी सी स्लीपर यानी चप्पल लगाकर विरोध जताया।
उन्होंने यह संदेश भी दिया कि ‘कॉकरोच को चप्पल से चपटा करना है।’ हालांकि उन्हें जेल भेज दिया गया। अब लोग उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं। उनका कहना है कि जब पड़ोसी देश यूक्रेन में कॉमेडियन राष्ट्रपति बन सकता है, तो हमारे यहां ब्लॉगर क्यों नहीं।
लुकाशेंको ने ओपिनियन पोल, मीडिया पर रोक लगा रखी है
लुकाशेंको लोकलुभावन घोषणाएं और विरोधियों का दमन करने में माहिर हैं। चुनाव में उन्हें अयोग्य घोषित करवा देते हैं, जिनसे हार का खतरा होता है। ओपिनियन पोल और मीडिया पर भी पाबंदी है। लेकिन अब लोग उनके खिलाफ सड़कों पर हैं और स्लीपर क्रांति वाले ब्लॉगर में ‘कॉकरोच’ प्रेसिडेंट का विकल्प देख रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भरी संसद में अलकायदा के सरगना रहेआतंकवादीओसामा बिन लादेन को शहीद बताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ नहीं देना चाहिए था।
इमरानने कहा कि अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर लादेन को शहीद कर दिया और पाकिस्तान को बताया भी नहीं। इसके बाद पूरी दुनिया ने पाकिस्तान को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया, जिससे देश को शर्मिंदा होना पड़ा।
अमेरिका का साथ देकर अपने 70 हजार लोग खोए- इमरान
इमरान ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ देकर अपने 70 हजार लोगों को खो दिया। विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। 2010 के बाद पाकिस्तान में ड्रोन अटैक हुए और सबने सिर्फ निंदा की।
2011 में मारा गया था ओसामा
ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में 2 मई 2011 को मारा गया था। अमेरिकी के सुरक्षा बलों ने एक स्पेशलऑपरेशन के जरिए उसे पाकिस्तान में घुसकर मारा था। लादेन अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमलेका दोषी था। लादेन के शव को समुद्र में दफना दिया गया था।
पाकिस्तान मिलिट्री बेस के पास ही ठिकाना था
आईएसआई डाइरेक्टर जनरल अहमदशुजा पाशा को आईएसआई के महानिदेशक अहमद शुजा पाशा को लादेन की मौजूदगी का पता था। पाकिस्तान सरकार पर लादेन को पनाह देने के आरोप लगे थे। एबटाबाद में जिस जगह पर लादेन छिपा था, वहां से एक मील से भी कम दूरी पर ही पाकिस्तान का मिलिट्री बेस था।
रूस के संविधान में बदलाव को लेकर गुरुवार से वोटिंग की शुरुआत हो गई। यह 1 जुलाई तक चलेगी। अगर संशोधन के पक्ष में वोटिंग होती है तो इसके कानून बनने के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले दो कार्यकाल यानी 2036 तक राष्ट्रपति बन सकते हैं। यहां राष्ट्रपति का कार्यकाल 2012 में 6 साल का कर दिया गया।
जीवनभर राष्ट्रपति बने रहेंगे पुतिन: विपक्ष
जानकारी के मुताबिक, आधिकारिक रूप से वोटिंग 1 जुलाई को होने वाली थी। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के बीच भीड़ को कम करने के लिए एक हफ्ते पहले ही वोटिंग हो रही है। इस पर विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी ने कहा कि इस बदलाव के बाद पुतिन जीवनभर राष्ट्रपति बने रहेंगे। वहीं, पुतिन ने कहा है कि वे रूस की स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।
बदलाव हुआ तो अगले कार्यकाल पर विचार करेंगे: पुतिन
हालांकि, राष्ट्रपति ने सार्वजनिक रूप से कभी ये नहीं कहा है कि वे 2024 का चुनाव फिर से लड़ेंगे। उनका कार्यकाल 2024 में खत्म हो रहा है। उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर उन्हें मौका मिला तो इसपर विचार कर सकते हैं। पुतिन ने पिछले हफ्ते एक इंटव्यू में कहा था मुझे पता है कि दो साल में सभी की नजरें काम की बजाए अगले उत्तराधिकारी पर होंगी।
वोटिंग से क्या बदलाव होगा?
अगर वोटिंग पुतिन के पक्ष में हुई तो इससे उनका अब तक कार्यकाल शून्य मान लिया जाएगा और वे फिर से अगला कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। पुतिन पिछले 20 सालों से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में हैं। बाल्टिक तट पर कैलिनिनग्राद से प्रशांत तक लगभग 11 करोड़ वोटर्स वोटिंग के योग्य हैं। देशभर के मतदान केंद्रों पर मास्क और हैंड सैनिटाइजर दिया जा रहा है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी पासपोर्ट वाले लोग भी वोटिंग कर सकते हैं।
पुतिन पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे
मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया था। पुतिन पहली बार 7 मई 2000 को राष्ट्रपति बने थे। उनका पिछला कार्यकाल 2008 में पूरा हुआ था। इसके बाद मेदवेदेव राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और पुतिन प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, सरकार की असल कमान पुतिन के हाथों में थी। 2012 में एक बार फिर से पुतिन राष्ट्रपति बने और मेदवेदेव प्रधानमंत्री चुने गए। राष्ट्रपति के रूप में 7 मई 2020 को उन्हें 16 साल हो गए। इस दौरान देश में कई बदलाव देखने को मिले। इसके साथ ही राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने खुद को बेहद मजबूत बनाया।
Many of the veterans who gathered in the South Korean border town of Cheorwon said they hoped for more peaceful relations with North Korea, but weren't optimistic as they said Pyongyang's policies hadn't changed.
पीआईए (पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस) के 150 पायलटों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई है। यह जानकारी इस सरकारी एयरलाइंस कंपनी ने खुद दी है। आरोप है कि इन पायलट्स के लाइसेंस फर्जी हैं। 22 मई को कराची में हुए प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई। इस दौरान एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कुछ हैरान कर देने वाले खुलासे किए।
खान के मुताबिक, पीआईए में 860 पायलट हैं। इनमें से 262 ऐसे हैं जिन्होंने पायलट बनने के लिए परीक्षा ही नहीं दी।
नेताओं के दबाव में नौकरी मिली
खान ने कराची प्लेन क्रैश की रिपोर्ट पेश करते हुए साफ तौर पर कहा- पीआईए में पायलटों के अपॉइंटमेंट सियासी दबाव और दखल के आधार पर होते रहे हैं। फरवरी 2019 में इसकी जांच शुरू हुई। इसमें पाया गया कि 262 पायलटों ने नौकरी पाने के लिए एग्जाम में अपनी जगह किसी और व्यक्ति को भेज दिया। इन पायलट्स के पास जरूरी फ्लाइंग एक्सपीरिएंस भी नहीं था। मुल्क की यह बदकिस्मती है कि एविएशन सेक्टर में भी सियासतदान दखल देते हैं।
अब एक्शन
पीआईए के प्रवक्ता अबदुल्ला खान ने पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ से कहा- हमने 150 पायलट्स के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। इनके लाइसेंस नकली होने का शक है। कुछ और पायलट्स के लाइसेंस की जांच चल रही है। अगर ये दोषी पाए गए तो फौरन बर्खास्त किए जाएंगे।
हालांकि, ये जांच कितनी कारगर होगी, ये कहा नहीं जा सकता। 2018 में एक क्रैश के बाद भी जांच कमेटी बनी थी। इसकी रिपोर्ट का रिपोर्ट भी आई लेकिन कार्रवाई क्या हुई, इसकी जानकारी नहीं है।
कराची प्लेन क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार थे
खान ने बुधवार को संसद में कहा था- कराची में पिछले महीने क्रैश हुए एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार थे। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है।इस क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे। सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट्स के पास फर्जी लाइसेंस हैं।
House Speaker Nancy Pelosi unveiled a plan Wednesday to expand “Obamacare," even as Trump's administration is about to file arguments in a Supreme Court case to strike it down. Pelosi announced an upcoming floor vote on her measure, setting up a debate that will juxtapose the Democrats' top policy issue, Trump's unrelenting efforts to dismantle Obama's legacy, and the untamed coronavirus pandemic.
जेन ई ब्रॉडी. कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर मेंकई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि कोविड-19 की वैक्सीन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को खत्म कर देगी और वे पहले की तरह जिंदगी जी पाएंगे। दुनियाभर के वैज्ञानिक जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। हालांकि, मेडिकल एक्सपर्ट्सइस जल्दबाजी को लेकर चिंतित भी हैं।
जल्दबाजी ठीक नहीं
एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि समय से पहले वैक्सीन रिलीज करना फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। 1955 में ओरिजिनल साल्क पोलियो की वैक्सीन को बनाने में जल्दबाजी दिखाई गई थी,लेकिनइससे कोई अच्छे परिणाम नहीं मिले। बड़े स्तर पर वैक्सीन के निर्माण में हुई गड़बड़ी के कारण 70 हजार बच्चे पोलियो की चपेट में आ गए थे।10 बच्चोंकी मौत हो गई थी।
राजनीतिक दबाव ठीक नहीं
एनवाययू लैंगोन मेडिकल सेंटर एंड बेलव्यू हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक रेसिडेंट डॉक्टर ब्रिट ट्रोजन के मुताबिक, कोरोनावायरस वैक्सीन के साथ भी ऐसी ही घटना लोगों के वैक्सीन के विकास को लेकर संदेह बढ़ा सकता है।इससे डॉक्टर्स के प्रति भरोसा भी कम हो सकता है।
ट्रोजन कहते हैं किहर कोई वैक्सीन को चांदी की गोली की तरह चाहता है, जो हमें इस संकट से बाहर निकालेगी, लेकिन साइंस के तैयार होने से पहले वैक्सीन रिलीज करने के राजनीतिक और लोगों के दवाब के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
वैक्सीन के असर की भी चिंता
एक्सपर्ट्स वैक्सीन के असरदार होने की उम्मीदों को लेकर भी चिंतित हैं। कोई भी वैक्सीन मरीज के 100%बीमारी को ठीकनहीं करती,जैसा फ्लू की वैक्सीन के साथ है कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गई, उन्हें कुछ बीमारी हो सकती है।
वैक्सीन डेवलपमेंट मेंवर्ल्ड लीडर डॉक्टर पॉल ए ऑफिट के अनुसार, टेस्ट की जा रही वैक्सीन में से एक कई गंभीर संक्रमण के मामलों को रोकने में मदद कर सकती हैं। यहां तक कि गंभीर बीमारियों को रोकने में 50% असरदार वैक्सीन भी स्वीकार की जा सकती हैं।
कुछ लोगों पर टेस्टिंग काफी नहीं
यह जानना काफी नहीं है कि संदिग्ध लोगों में यह एंटीबॉडी रिस्पॉन्स पैदा करता है या सैकड़ों वॉलंटियर्स में इसका कोई दुष्प्रभाव नजर नहीं आता। जब तक वैक्सीन लाखों लोगों पर टेस्ट नहीं की जाती, डॉक्टर्स यह नहीं कह सकते कि या सुरक्षित और असरदार है।
सामान्य हालात में इस प्रोसेस को पूरा होने में कई साल लग जाते हैं। हालांकि यह हालात सामान्य नहीं है, इसलिए कोरोनावैक्सीन की टेस्टिंग महीनों तक आ गई। ऐसे में गलतियां होने का जोखिम ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर डॉक्टर फ्रांसिस कॉलिन्स बताते हैं कि लोगों को असरदार वैक्सीन देने की जल्दी में हम सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेंगे।
कैसे तैयार होती है वैक्सीन?
एक संभावित वैक्सीन को लैब के जानवरों पर टेस्ट किया जाता है, जो आमतौर पर कोविड 19 से ग्रस्त होते हैं। यह देखने के लिए कि क्या यह बीमारी होने से रोकता है। इसे "प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट" कहा जाता है, जिसमें पता लगता है कि यह वैक्सीन काम कर सकती है या नहीं।
इसके बाद फेज 1 और 2 के ट्रायल्स में शायद 100 से 1000 इंसान होते हैं। शोधकर्ता इस सबूत को तलाशते हैं कि क्या वैक्सीन सेफ है। इसके बाद वे सबसे बेहतर रिजल्ट्स के लिए दूसरे वैक्सीन डोज को टेस्ट करते हैं।
फिर बड़ा टेस्ट फेज 3 आता है। इस प्लेसबो कंट्रोल्ड ट्रायल्स में लाखों लोगों पर वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को टेस्ट किया जाता है। फेज 3 ट्रायल में 20 हजार लोग शामिल होंगे, जिन्हें एक्स्पेरिमेंटल वैक्सीन और प्लेस्बो कंट्रोल ग्रुप के 10 हजार लोग दिए जाएंगे।
यह ट्रायल्स पहले से या संभावित हॉटस्पॉट इलाकों में किए जाएंगे। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इन गर्मियों में जहां ट्रायल किए जाने हैं, वहां वायरस कैसे फैला हुआ है। यह वैक्सीन बीमारी को कितनी अच्छी तरह से रोक रहा है, इस बात का पता करने में महीनों और साल भी लग सकते हैं।
डॉक्टर ऑफिट कहते हैं कि यह जानने का एकमात्र तरीका है कि पहले के ट्रायल्स में इम्यून रिस्पॉन्स वास्तविक दुनिया में सुरक्षित है या नहीं। अगर गर्मियों में छोटी बीमारी भी आती है तो परेशानी हो सकती है। हमें लोगों को तब तक भर्ती करते रहना होगा, जब तक प्लेस्बो ग्रुप में वैक्सीन मिले लोगों की तुलना में पर्याप्त बीमार नहीं हो जाते। हम प्रक्रिया को शॉर्ट सर्किट नहीं कर सकते।
गंभीर बीमारी को रोकने पर ही वैक्सीन स्वीकृत होगी
डॉक्टर ऑफिट उम्मीद करते हैं कि वैक्सीन को बड़े स्तर पर उपयोग के लिए 70 फीसदी असरदार होने जरूरी होता है। हम आने वाले कईमहीनों तक यह नहीं जान पाएंगे कि इम्युनिटी कितनी लंबी चलेगी। वैक्सीन को तब ही स्वीकार किया जाएगा, जब यह वैक्सीन ज्यादातर नहीं, लेकिन कुछ गंभीर बीमारियों और उन संक्रमणों को रोक लेगी, जिनमें लक्षण नजर नहीं आते।
अमेरिकीसरकार के "ऑपरेशन वॉर्प स्पीड" के तहत फैक्ट्रियां असरदार वैक्सीन के करोड़ों डोज बानाने की तैयारी कर रही हैं, ताकि अगर एक या दो अप्रूव हो गईं तो वैक्सीन भेजने में और देरी न हो। यही तरीका 1950 में तैयार हुई साल्क वैक्सीन बनाने में अपनाया गया था। अब कोविड वैक्सीन के डेवलपर्स जल्दबाजी के कारण हुई गलतियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तान में कोरोनावायरस बेकाबू होता दिख रहा है। इसका असर वहां के एविएशन सेक्टर और पैसेंजर्स पर हो रहा है। फ्लाय दुबई और एमिरेट्स के बाद अब एतिहाद ने भी पाकिस्तान जाने वाली पैसेंजर फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है।एतिहाद एयरलाइन्स ने गुरुवार को कहा कि 3 जुलाई तक उसकी कोई पैसेंजर फ्लाइट पाकिस्तान नहीं जाएगी।
पाकिस्तान से आने वाली और कार्गो फ्लाइट्स पर रोक नहीं लगाई गई है। दरअसल, 21 जून को एतिहाद एयरलाइन्स की एक फ्लाइट हॉन्गकॉन्ग पहुंची थी। इसके 30 में से 27 पैसेंजर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।हॉन्कॉन्ग की हेल्थ मिनिस्ट्री ने यह जानकारी दी थी।इसके बाद एयरलाइन ने पाकिस्तान जाने वाली उड़ानें बंद करने का फैसला किया। एतिहाद के मुताबिक, पाकिस्तान से किसी भी देश के लिए हमारे पैंसेंजर प्लेन उड़ान नहीं भरेंगे।
एतिहाद ने सफर करने वालों के लिए नए नियम बनाए
एतिहाद ने एक बयान में कहा-हमारे लिए यात्रियों और क्रू मेम्बर्स की सुरक्षा सबसे पहले है। हम पाकिस्तान में सेवाएं जारी रखना चाहते हैंं। फ्लाइट्स ऑपरेशन्स फिर शुरू करने की कोशिशें जारी हैं। पैसेंजर्स के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम किया जा सके। दुबई से किसी दूसरे देश के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट लेने वालों को एयरपोर्ट और प्लेन में फेस मास्क पहनना जरूरी होगा। एयरपोर्ट पहुंचने पर उनकी पूरी जांच की जाएगी।
पाकिस्तान में बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
पाकिस्तान में गुरुवार तक 1 लाख 92 हजार 970 केस मिले। 3 हजार से ज्यादा संक्रमितों की मौत हो चुकी है। पंजाब राज्य में बुधवार से गुरुवार के बीच 86 संक्रमितों की मौत हुई। यह 24 घंटे में देश के किसी भी राज्य में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हैं। यहां दो पूर्व प्रधानमंत्री भी संक्रमित पाए जा चुके हैं।
The US State Department, in its Congressional-mandated 2019 Country Reports on Terrorism on Wednesday, said Pakistan remained a "safe harbor" for regionally-focused terrorist groups and that the suspension of US aid to the country remained in effect throughout 2019.
According to the Ministry of National Health Services, 148 more people died due to the deadly virus in the country, taking the death toll to 3,903. With the detection of 4,044 new cases in the last 24 hours, the coronavirus tally in the country now stands at 192,970, it said.