सीमा विवाद पर भारत-चीन की बातचीत के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ने शुक्रवार को एक वेबिनार में बोलते हुए कहा कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है। रावत ने कहा कि लद्दाख में चीन की आर्मी की गलत हरकतों का भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है। हमारा रुख साफ है, हम लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) की स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने देंगे।
रावत ने कहा कि बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश था कि भारत में आतंकी भेजे तो बख्शेंगे नहीं। आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी है।
'पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर छेड़ रखा है'
रावत ने कहा कि चीन के साथ युद्ध की आशंका कम है, लेकिन सीमा पर बेवजह के एक्शन की वजह से होने वाले बड़े टकरावों की अनदेखी नहीं कर सकते। रावत ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर छेड़ रखा है, इस वजह से दोनों देशों के रिश्ते बेहद बिगड़े हुए हैं।
विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच बातचीत जारी
सीमा विवाद सुलझाने के लिए पूर्वी लद्दाख के चुशूल इलाके में भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर के बीच आज 8वें राउंड की बातचीत हो रही है। इससे पहले हुई मीटिंग्स में तनाव कम करने और LAC की स्थिति में बदलाव नहीं करने पर सहमति बनी थी, लेकिन चीन बार-बार शर्तें तोड़ देता है।
लद्दाख में भारत-चीन के बीच अप्रैल के बाद से लगातार विवाद बना हुआ है। 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद तनाव और बढ़ गया। विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच आर्मी और डिप्लोमेटिक लेवल की कई मीटिंग्स हुईं, लेकिन चीन बार-बार अपनी बात से पीछे हट जाता है।
29-30 अगस्त की रात चीन ने लद्दाख में एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की, लेकिन सेना ने नाकाम कर दी। इसके बाद भी चीन घुसपैठ की कोशिशें करता रहा, लेकिन भारतीय जवानों के आगे उसे हर बार पीछे हटना पड़ा। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत ने लद्दाख के विवादित इलाकों में जवान बढ़ा दिए हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। शुक्रवार को काउंटिंग का तीसरा दिन है। बाइडेन 253 और ट्रम्प 214 इलेक्टोरल वोट जीत चुके हैं। चार राज्यों के नतीजे बाकी हैं। इसलिए ‘कौन बनेगा राष्ट्रपति’ वाले सवाल का सही जवाब हासिल करने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
इस बीच, एक सवाल लोगों के मन में कौंध रहा है। और वो इसलिए क्योंकि ट्रम्प खुद इस बारे में इशारा कर चुके हैं। हालात भी कुछ उसी तरफ इशारा कर रहे हैं। सवाल ये है कि अगर ट्रम्प हार गए और उन्होंने ‘फिजिकली’ व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो क्या होगा?
परंपरा ये है...
अमेरिका में हमेशा 20 जनवरी को नया राष्ट्रपति शपथ लेता है। इसे इनॉगरेशन डे कहा जाता है। इसके कई दिन पहले ही हारा हुआ या दो टर्म पूरा कर चुका राष्ट्रपति (या उम्मीदवार) व्हाइट हाउस छोड़ देता है, खाली कर देता है। जीते हुए उम्मीदवार के हिसाब से इसे सजाया-संवारा जाता है।
पहले बाइडेन का जवाब जानिए
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जून में बाइडेन से पूछा गया था- अगर हारने के बाद ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर दिया तो? बाइडेन का जवाब था- हां, ये बिल्कुल हो सकता है। लेकिन, अगर ऐसा होता है तो मिलिट्री उन्हें वहां से जबरदस्ती बाहर निकाल देगी। चेयरमैन ऑफ ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिले कहते हैं- हम कभी नहीं चाहेंगे कि मिलिट्री का इस्तेमाल चुनावी मामले निपटाने के लिए किया जाए। अगर ऐसा होता है तो कोर्ट्स और यूएस कांग्रेस इसका हल निकालेंगे। आर्मी का इसमें क्या रोल?
पहले कभी ऐसा नहीं हुआ
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब किसी हारे हुए राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार किया हो। इस बार ट्रम्प के कैरेक्टर और बयानों को मिलाकर देखा जा रहा है। इसलिए, कुछ आशंकाएं जरूर हैं। ट्रम्प कई बार कह चुके हैं- सत्ता हस्तांतरण या पावर ट्रांसफर की जरूरत ही नहीं होगी, मैं व्हाइट हाउस में ही रहूंगा। इसे अब धमकी के तौर पर देखा जा रहा है। दूसरी बात, कानूनी मामले हैं। इनमें वक्त लग सकता है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के तीन दिन बाद भी स्पष्ट तौर पर हार और जीत साफ नहीं हो सकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हार मानने को तैयार नहीं हैं। वे काउंटिंग रोकने की मांग कर रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, बाइडेन को अब तक 253 जबकि ट्रम्प को 214 इलेक्टोरल वोट मिले हैं।
अपने होम स्टेट डेलावेयर के विलमिंग्टिन में बाइडेन ने कहा कि राजनीति कभी-कभी गंदी हो जाती है। जब तक हर वोट नहीं गिना जाता, तब तक धैर्य बनाए रखें। इसमें कोई शक नहीं कि जब काउंटिंग खत्म हो जाएगी तो हम ही विजेता होंगे।
LIVE अपडेट्स...
आज 4 राज्यों पर नजर : 3 में बाइडेन और 1 में ट्रम्प को उम्मीद
NYT के मुताबिक, आज चार राज्यों में गिनती पर नजर रहेगी। चारों ही राज्यों में कुछ क्षेत्रों की काउंटिंग बची है। एरिजोना : दो काउंटीज मेरीकोपा और पाइमा में काउंटिंग जारी है। यहां बाइडेन को अब तक 69 जबकि ट्रम्प को 46 हजार वोट मिले हैं। जॉर्जिया : यहां गुरुवार को ट्रम्प 18 हजार वोट से आगे थे। अब यह लीड सिर्फ 2 हजार बची है। नेवादा : यहां भी करीबी मुकाबला। बाइडेन को 11 जबकि ट्रम्प को 8 हजार वोट मिले। पेन्सिलवेनिया : ट्रम्प को यहां गुरुवार को एक लाख 60 हजार वोटों की बढ़त थी। अब ये 37 हजार बची।
ट्रम्प ने कहा- मेरे खिलाफ साजिश
CNN के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प दो दिन की चुप्पी के बाद मीडिया के सामने आए। एक छोटा बयान दिया। कहा- चुनाव नतीजे मेरे खिलाफ चल रही साजिश का नतीजा हैं। चुनाव में अवैध वोटिंग हुई। अब सीक्रेट काउंटिंग चल रही है। डेमोक्रेट्स मुझे दूसरे कार्यकाल से रोकना चाहते हैं। वे चुनाव पर डाका डालना चाहते हैं। अगर वैध यानी लीगल वोटों की ही गिनती होती तो मैं आसानी से जीत जाता। खास बात ये है कि ट्रम्प सिर्फ अपनी बात कहकर चले गए। न तो आरोपों के समर्थन में कोई सबूत दिया और न ही मीडिया के सवालों के जवाब दिए।
ट्रम्प को कोर्ट से भी झटका
मिशिगन की एक स्थानीय अदालत ने रिपब्लिकन पार्टी की काउंटिंग रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। बुधवार देर रात जज ने कहा- कानूनी तौर पर काउंटिंग रोकना सही नहीं है। एब्सेंटी बैलट की टैली तैयार की जा चुकी है। इसको कोई भी देख सकता है। गिनती सही तरीके से चल रही है। राज्य के किसी भी हिस्से में वोटों की गिनती रोकने का कोई सवाल ही नहीं उठता। ट्रम्प कैम्पेन का दावा है कि मिशिगन में एब्सेंटी बैलट के लिए जो एक हजार बॉक्स लगाए गए थे, उनमें फर्जी वोट्स भी हैं। लिहाजा, इनकी गिनती न की जाए।
अमेरिका में क्या चल रहा है
पेन्सिलवेनिया में ट्रम्प ने मंगलवार को 6 लाख पॉपुलर वोटों से बढ़त हासिल की थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने गुरुवार को बताया कि यह आंकड़ा कम होकर सिर्फ 50 हजार रह गया है। अब भी ढाई लाख वोटों की गिनती बाकी है। ये ज्यादातर मेल इन और पोस्टल बैलट हैं। जॉर्जिया में भी यही स्थिति है। यहां भी ट्रम्प की लीड कम हुई है। ट्रम्प यहां 3 हजार 486 पॉपुलर वोटों से आगे हैं। यहां सिर्फ 18 हजार 936 वोटों की गिनती बाकी है।
ट्रम्प को अपनी ही पार्टी में समर्थन नहीं
ट्रम्प चुनावी धांधली का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, अब उनकी ही पार्टी के लोग इससे सहमत नहीं। उटाह के सीनेटर मिट रोमनी ने कहा- लोकतंत्र में हर वोट की गिनती जरूरी है। लोकतंत्र, संविधान और अमेरिकी लोगों पर भरोसा रखें। काउंटिंग बंद करने की कोई जरूरत नहीं है। सीनेटर पैट टूमी ने कहा- पेन्सिलवेनिया में कानूनी तौर पर हुई वोटिंग का हर वोट गिना जाना चाहिए, चाहे यह प्रॉसेस कितना ही लंबा क्यों न हो। आखिर में हर पार्टी को नतीजों को स्वीकार करना चाहिए। फिर वे चाहे जीतें या हारें।
‘वोटों की चोरी रोको....’
नतीजों को लेकर ट्रम्प के समर्थक गुस्से में हैं। अमेरिका के कई शहरों में वे प्रदर्शन कर रहे हैं। फीनिक्स में कुछ देर के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया। ट्रम्प समर्थकों ने बैनर और झंडे लेकर नारेबाजी की। एक नारा था- वोटों की चोरी रोको। इस दौरान कुछ लोग हाथ में रायफल और गन लिए नजर आए। ट्रम्प के एक बुजुर्ग समर्थक डेल विलियम्स ने कहा- साफ तौर पर हमारे मतों की चोरी हुई है। मेरे हिसाब से ट्रम्प एरिजोना आसानी से जीते हैं। वे पूरा जीत चुके हैं, लेकिन डेमोक्रेट्स धांधली से उन्हें रोकना चाहते हैं।
वहीं, बाइडेन समर्थक काउंटिंग के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि हर वोट की गिनती जरूरी है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है। डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन 270 इलेक्टोरल वोटों के काफी नजदीक पहुंच चुके हैं। बाइडेन को 253 और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 214 इलेक्टोरल वोट मिल चुके हैं। यहां हम आपको ग्राफिक्स के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से जुड़ी कुछ उपयोगी जानकारी दे रहे हैं।
The referendum to legalise the drug ended up with 48 per cent support and 51 per cent against, a tightening from the election night split of 46 per cent in favour and 53 per cent against. The special votes counted after the October 17 election included those cast overseas and accounted for about 17 per cent of the total vote.
दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.90 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 49 लाख 74 हजार 120 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 12.38 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में कोरोनावायरस का कहर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यहां 24 घंटे में एक लाख से ज्यादा केस सामने आए। यूरोप में तो हालात और खराब होते जा रहे हैं। इसको लेकर डब्ल्यूएचओ ने वॉर्निंग भी दी है।
अमेरिका में संक्रमण और तेज
अमेरिका में संक्रमण की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ रही है। चुनावी गहमागहमी के बीच संक्रमण के बढ़ते मामलों पर बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही। ‘द गार्डियन’ के मुताबिक, 8 दिन में तीसरी बार आंकड़ा एक लाख से ज्यादा हुआ। बुधवार को यहां 1 लाख 16 मामले सामने आए। इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को एक लाख 14 हजार मामले सामने आए थे। चुनावी रैलियों का दौर थम चुका है, लेकिन अब भी सियासी जोर आजमाइश जारी है। भीड़ तो है ही, लोग मास्क लगाने से भी परहेज कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, यूरोप में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और ये खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगे हैं। फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, बेल्जियम और इटली में कोरोना की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। फ्रांस में हर दिन 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा जर्मनी और बेल्जियम में 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। सरकारों की दिक्कत ये है कि वे जब भी सख्ती करती हैं, तभी विरोध शुरू हो जाता है। संगठन के यूरोप प्रभारी हेन्स क्लूज ने कहा- हम यहां कोरोना विस्फोट देख रहे हैं। 10 लाख से ज्यादा मामले 2 दिन में सामने आए हैं। हमें बहुत ईमानदारी से इन हालात का मुकाबला करना होगा।
फ्रांस प्रतिबंध नाकाम
फ्रांस में लॉकडाउन का असर नहीं हो रहा है। दूसरा लॉकडाउन लगाए करीब एक हफ्ता गुजर चुका है, लेकिन अब तक संक्रमण की दर में कोई कमी नहीं आई। बुधवार को भी यहां 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। इसी दौरान एक हजार लोगों को गंभीर स्थिति में हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। दूसरी तरफ, लॉकडाउन के बावजूद मामले बढ़ने के बाद एमैनुएल मैक्रों सरकार दबाव में है। लोगों का कहना है कि लॉकडाउन हटा लेना चाहिए क्योंकि यह बेअसर साबित हो रहा है। हर दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। देश में अब कुल मामले करीब 15 लाख हो चुके हैं।
उत्तर अमेरिकी देश मैक्सिकाे में हर साल 1 नवंबर काे मृत दिवस (द डे ऑफ द डेड) मनाया जाता है। इस दिन लाेग अपने पूर्वजाें की कब्र पर जाते हैं। उनकी पसंदीदा वस्तुएं सजाते हैं। राेते हैं। सामूहिक रूप से उत्सव भी मनाते हैं। हालांकि इस साल काेराेना के चलते सारे कब्रिस्तान बंद हैं। सार्वजनिक उत्सवों पर पाबंदी रही। लाेग राे नहीं पाए। अपना मन हल्का नहीं कर पाए। अपनाें की माैत का उत्सव मनाने का माैका नहीं मिला। लेकिन सैन जुआन डेल रियाे शहर ने हर साल हाेने वाली राेने की स्पर्धा काे जारी रखा।
हर साल इसमें लाइव परफाॅर्मेंस देना हाेता था। इस बार वर्चुअल अायाेजन हुआ। ई-मेल से 2-2 मिनट की वीडियाे एंट्री बुलवाई गई। आश्चर्यजनक रूप से पिछले साल से दाेगुनी एंट्रीज पहुंचीं। सर्वश्रेष्ठ राेने वाला चुनने की परंपरा दरअसल प्राचीन परंपरा का सम्मान है, जिसमें किसी की माैत पर राेने के लिए किराए की महिलाएं बुलाई जाती थीं।
रोने की इस स्पर्धा का पहला अवॉर्ड कैलिफाेर्निया की प्रिंसेसा कैटलीना चावेज ने जीता। पेशे से अभिनेत्री चावेज कभी नहीं राेईं, लेकिन इस साल उन्हें खूब राेना पड़ा। वे कहती हैं, ‘कोरोना ने मुझे राेने पर मजबूर किया।’ उन्होंने एक अनजान कब्र के पास बैठकर वीडियो बनाया। इसके लिए अनुमति भी ली। दूसरे स्थान पर रहने वाली 58 वर्षीय सिल्वेरिया बाल्डेरास रुबियाे ने कहा कि मैंने पहले राेती हुई महिलाअाें काे देखा था। बस उसी तरह राेई और जीत गई।
सबसे सामयिक वीडियाे ब्रेंडा अनाकेरेन का रहा। जिन्हाेंने साल 2020 के बारे में राेने पर वीडियो बनाया। 31 वर्षीय ब्रेंडा कहती हैं, इस साल की त्रासदियां मेरे वीडियाे के लिए प्रेरणा बनी। टूरिज्म ब्यूराे के प्रमुख एजुअर्डाे गुइलेन के मुताबिक, माैत पर रोना ही नहीं, हंसना भी मैक्सिकाे की संस्कृति का हिस्सा है। यह समस्याओं का सामना करने का एक तरीका है।
रोने की सालाना स्पर्धा में हास्य घुला, रोने के वीडियो देख जज हंस पड़े
कई स्पर्धियाें ने बड़े नाटकीय वीडियाे बनाए। कई ने कब्र के पास बैठकर दहाड़ मार-मारकर राेने के वीडियाे भेजे। कुछ ने हास्यास्पद तरीके भी चुने। एक महिला ने घर में ही फूलों का गुलदस्ता रख रोेने का अभिनय किया। वीडियो देखकर पैनल में शामिल जज खुद को हंसने से नहीं रोक पाए। अगली बार से पुरुषों को भी स्पर्धा में शामिल किया जाएगा।
Macron said the number of police and troops in charge of border controls will double from 2,400 now to 4,800. They will focus on fighting illegal immigration and smuggling activities, he said, during a visit to a frontier post in Le Perthus, at the border with Spain.
French President Emmanuel Macron has said his country is fighting "Islamist separatism, never Islam", responding to a Financial Times article that he claimed misquoted him and has since been removed from the newspaper's website. "I will not allow anybody to claim that France, or its government, is fostering racism against Muslims," he said.
The number of cases has risen in many parts of Norway, hitting a record last week in a country which long had one of Europe's lowest rate of infections.
"Pakistan looks forward to working with anyone who wins today," Foreign Office spokesperson Zahid Chaudhri told Arab News on Tuesday and added that the Presidential election was an "internal matter" of the US but "Pakistan conveyed its best wishes to the American public". Pakistan People's Party Senator Sherry Rehman also former Pakistan ambassador to Washington, claimed that Islamabad had never taken sides in the US elections.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ स्टेट लेवल इलेक्शन भी हुए। इनमें 12 से ज्यादा भारतीयों ने जीत दर्ज की। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चार भारतीय मूल के अमेरिकी फिर चुने गए हैं। ये हैं डॉक्टर एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति। तीन और उम्मीदवारों के जीतने की संभावना है।
ये रेस में
डॉक्टर हीरल टिपरेनई एरिजोना में आगे चल रही हैं। हालांकि, सीनेट सीट के लिहाज से उनकी बढ़त कम है। रूपेंद मेहता न्यूजर्सी स्टेट यूनिट और नीना अहम पेन्सिल्वेनिया ऑडिटर जनरल की दौड़ में बढ़त बनाए हुए हैं।
"We will have to build a new transatlantic relationship, which will be a new partnership," he told Europe 1 radio, adding that France would work "with the person elected and the new US government, whatever happens."
France on Thursday condemned what it said were "declarations of violence" by Turkish President Recep Tayyip Erdogan, and raised the possibility of new sanctions against Ankara.