Wednesday, November 18, 2020
जी-7 मीटिंग से दूर हुए ट्रम्प, उनकी टीम ने इसके लिए नई तारीखें और एजेंडा भी तैयार नहीं किया November 18, 2020 at 06:25PM
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राष्ट्रपति चुनाव हार चुके डोनाल्ड ट्रम्प भले ही इस सच्चाई को स्वीकारने तैयार न हों, लेकिन कुछ संकेत उनकी मायूसी की तरफ इशारा कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प और उनकी टीम ने जून में रद्द हुई G7 समिट के लिए अब तक कोई तैयारी नहीं की है। तैयारी और एजेंडा तो दूर अब तक इसके लिए नई तारीखें भी तय नहीं की जा सकी हैं। माना जा रहा है कि जो बाइडेन सत्ता संभालने के बाद इस पर विचार कर सकते हैं।
ट्रम्प का प्लान ही नहीं
यूएसए न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रम्प और उनकी टीम ने अब तक जी-7 जैसी सबसे अहम इकोनॉमिक फोरम के लिए किसी तरह की तैयारी नहीं की है। इससे संकेत मिलता है कि ट्रम्प ने जी-7 के लिए कोई प्लान ही तैयार नहीं किया है। इतना ही नहीं, इस बारे में अब तक आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी भी नहीं दी गई है। महामारी के दौर में यह मीटिंग काफी जरूरी और निर्णायक मानी जा रही थी, लेकिन ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया। कुछ जानकारों का कहना है कि ट्रम्प की टीम का फोकस राष्ट्रपति चुनाव के बाद कानूनी मामलों पर ज्यादा है।
जून में होनी थी मीटिंग
दुनिया की सात आर्थिक महाशक्तियां जी-7 में शामिल होती हैं। जून में इसका आयोजन अमेरिका में ही किया जाना था। लेकिन, उस वक्त तमाम मुल्क महामारी से परेशान थे। अब भी इसका कहर कम नहीं हुआ। अमेरिका और यूरोप के देशों में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अमेरिका में कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा 2.56 लाख से ज्यादा हो चुका है।
बाइडेन ही करेंगे होस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डिप्लोमैट ये मानकर चल रहे हैं कि 20 जनवरी को इनॉगरेशन परेड के बाद ही जी-7 पर कोई फैसला लिया जाएगा। यही वजह है कि विदेश विभाग ने अब तक इस पर कोई जानकारी नहीं दी है। हालांकि, ट्रम्प ने सार्वजनिक तौर पर अब तक न तो हार मानी है और न बाइडेन को जीत की बधाई दी है। डिप्लोमैटिक सूत्रों के मुताबिक, अगर बहुत जरूरी हुआ तो यह समिट वर्चुअल कराई जा सकती है। लेकिन, इसकी संभावना काफी कम है। व्हाइट हाउस ने मीडिया के मेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
सूत्रों के मुताबिक, ट्रम्प को लगता है कि जी-7 के सभी नेता बाइडेन को जीत की बधाई दे चुके हैं। ऐसे में इस बात की संभावना कम है कि ट्रम्प के रहते इस समिट का आयोजन किया जाएगा। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने पहले ही जी-7 मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
G8 से G7
2014 तक G7 को G8 के तौर पर जाना जाता था। तब रूस ने क्रीमिया पर अटैक करके उसे अपने कब्जे में ले लिया था। अब भी वहां रूस का ही अधिकार है। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसका सख्त विरोध किया और रूस को इस संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया। ट्रम्प चाहते थे कि रूस को फिर संगठन में शामिल किया जाए, लेकिन बाकी देश इसे मानने तैयार नहीं थे। अमेरिका के अलावा इस संगठन के दूसरे देश इस तरह हैं- ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, कनाडा और यूरोपीय यूनियन।
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नेपाल के PM ओली की कुर्सी 10 दिन के लिए और बची, मजबूर होकर मीटिंग में शामिल हुए ओली November 18, 2020 at 05:37PM
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नेपाल में सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) का संकट 10 दिन टल गया है। पार्टी के ज्यादातर नेता प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। बुधवार को हुई मीटिंग में ओली से कहा गया कि वे विरोधी नेताओं की मांगों पर 10 दिन के तय वक्त में जवाब दें। ओली इस मीटिंग में शामिल होना ही नहीं चाहते थे। लेकिन, सीनियर लीडर पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड के दबाव के आगे वे मजबूर हो गए।
इस बीच, नेपाल के कुछ नेताओं ने एनसीपी की मीटिंग के पहले ओली के चीन की राजदूत होउ यांकी से दो घंटे की मुलाकात पर सवाल उठाए। नेपाली कांग्रेस के एक नेता ने कहा- यह बात समझ से परे है कि जब भी ओली पर संकट आता है तो वे चीनी दूतावास की तरफ क्यों देखते हैं।
अब भारी दबाव में हैं ओली
बुधवार को ओली के तमाम विरोधी नेता पीएम के ऑफिशियल रेसिडेंस बालूवाटर पहुंचे। इस मीटिंग में कुल 9 नेता शामिल हुए। इनमें से 6 ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, जबकि तीन उनके पक्ष में हैं। बंद कमरे में हुई मीटिंग के बाद पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा- तमाम बातों पर गंभीरता से विचार किया गया है। कुछ चीजें सामने आई हैं और इन पर बातचीत की जरूरत है। अगली मीटिंग 28 नवंबर को होगी। हम उम्मीद करते हैं कि कोई ऐसा हल जरूर निकल आएगा जो सबको मंजूर होगा। इससे ज्यादा अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
विरोधियों की मांग
दहल की अगुआई वाले विरोधी खेमे ने ओली को 19 पेज का प्रस्ताव सौंपा है। इसमें सरकार के कामकाज और पार्टी विरोधी नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि प्रस्ताव में सीधे तौर पर ओली को इस्तीफे के लिए कोई समय सीमा दी गई है या नहीं। पार्टी के सीनियर लीडर माधव कुमार नेपाल ने कहा- हमने पीएम से साफ कह दिया है कि वे 10 दिन में तमाम बातों पर विचार करें और हमें बताएं कि वे क्या करना चाहते हैं। हमारे पास तमाम विकल्प खुले हैं।
आगे क्या होगा?
ये 10 दिन बाद ही तय होगा कि ओली पीएम बने रहते हैं या इस्तीफा देते हैं। वे पार्टी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें कोई एक पद निश्चित तौर पर छोड़ना होगा। माना जा रहा है कि अगर ओली ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया तो कुछ दिनों बाद ही सही उन्हें पीएम की कुर्सी भी छोड़नी होगी क्योंकि वे पार्टी पर पकड़ पहले ही खो चुके हैं। विरोधी नेता भी यही चाहते हैं कि ओली पहले पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ें।
चीन कनेक्शन
नेपाली कांग्रेस के एक नेता ने हिमालयीन टाइम्स से कहा- नेपाल की राजनीति में चीन की दखल मंजूर नहीं किया जा सकता। हम अपनी घरेलू राजनीति में विदेशी दखल स्वीकार क्यों कर रहे हैं। चार महीने में दूसरी बार ओली सरकार पर संकट आया है और हर बार की तरह चीनी दूतावास एक्टिव हो गया। आखिर ओली को देश को यह बताना चाहिए कि चीनी राजदूत से उनकी क्या बातचीत हुई।
बुधवार को हुई मीटिंग के ठीक एक दिन पहले ओली ने चीन की राजदूत होउ याकी से अपने रेसिडेंस पर 2 घंटे मीटिंग की थी। माना जा रहा है कि जुलाई की तरह इस बार भी चीनी राजदूत ओली सरकार और विरोधियों में समझौता कराना चाहती हैं। ओली का अब तक रुख चीन समर्थित रहा है।
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Will Joe Biden be a one-term president? November 18, 2020 at 04:46PM
US Covid toll passes 250,000, New York closes schools November 18, 2020 at 04:27PM
व्हाइट हाउस में ही रहना चाहते हैं डोनाल्ड ट्रम्प, यहां वे बंकर की तरह सुरक्षित महसूस करते हैं November 18, 2020 at 04:30PM
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चुनाव हारने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प दो बार मीडिया के सामने आए। अपनी बात कही और लौट गए। मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। व्हाइट हाउस से करीब 40 किलोमीटर दूर वर्जीनिया में गोल्फ खेल रहे हैं। कुछ अफसरों को बर्खास्त कर रहे हैं और कुछ अहम फैसले ले रहे हैं। इनमें से एक अफगानिस्तान और इराक से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का है।
सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया- ट्रम्प और पत्नी मेलानिया को छुट्टियों के लिए साउथ फ्लोरिडा में अपने रिसॉर्ट में जाना था। लेकिन, अब उन्होंने वॉशिंगटन में ही रहने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस के एक अफसर ने सीएनएन से कहा- यह बंकर में रहने की मानसिकता है।
फेंसिंग भी हट गईं
इलेक्शन डे पर व्हाइट हाउस के बाहर मेटल फेंसिंग की गई थी। अब यह हट चुकी है। वहां बाइडेन की इनॉगरेशन परेड के लिए स्टैंड्स बनने लगे हैं। चार साल पहले ये ट्रम्प के लिए भी बने थे। लेकिन, ट्रम्प हार मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वे लोकतंत्र की जंग कानूनी तरीके से जीतना चाहते हैं। 2016 में उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से ही चुनाव जीता था। अब वे शायद ये भूल रहे हैं। अपने चार साल के टेन्योर में शायद ही कोई ऐसा मौका आया होगा जब ट्रम्प ने टीवी कैमरों से इस तरह दूरी बनाई होगी। लेकिन, 3 नवंबर के बाद से वे यही कर रहे हैं।
पेंस से दो बार लंच पर मिले
तीन नवंबर के बाद कई बार उनके पब्लिक प्रोग्राम लिस्ट किए गए, लेकिन हर बार इन्हें रद्द कर दिया गया। पिछले हफ्ते गुरुवार को उन्होंने विदेश और वित्त विभाग के अफसरों से मीटिंग की। वाइस प्रेसिडेंट माइक पेंस से दो बार मिले। लेकिन, करीब एक महीने से वे इंटेलिजेंस ब्रीफिंग नहीं ले रहे हैं। हालांकि, ये भी सही है कि यह ब्रीफिंग प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन तक भी नहीं पहुंच रही।
विदेशी नेताओं से बातचीत बंद
कई विदेशी नेता बाइडेन को जीत की बधाई दे चुके हैं। वहीं ट्रम्प ने इन राष्ट्राध्यक्षों से संपर्क बंद कर दिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से उन्होंने 30 अक्टूबर को बातचीत की थी। इसके बाद किसी विदेशी नेता से संपर्क नहीं किया। अपने दो करीबी दोस्तों बेंजामिन नेतन्याहू और नरेंद्र मोदी से भी नहीं। फॉक्स न्यूज में रिपोर्टर और ट्रम्प के मित्र गेराल्डो ने पिछले दिनों ट्वीट में कहा- वो वक्त करीब आ रहा है जब आप सम्मान से विदा लेंगे। हालांकि, ट्रम्प तो जीत का दावा कर रहे हैं।
फैसले लेने में पीछे नहीं
ट्रम्प भले ही सामने नहीं आ रहे हों, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि वे फैसले नहीं ले रहे हों। डिफेंस मिनिस्टर मार्क एस्पर को उन्होंने हटाया, होमलैंड सिक्योरिटी चीफ को भी चलता किया। अफगानिस्तान और इराक से सैनिक कम करने का आदेश दिया। खबर आई कि वे ईरान को उसकी वादाखिलाफियों की सजा भी देना चाहते थे। इमीग्रेशन पर जल्द ही नया और सख्त फैसला ले सकते हैं। कुछ लोग मान रहे हैं कि अगले कुछ दिन शांति से नहीं गुजरेंगे।
बाइडेन भी बिजी
ट्रम्प खामोशी से और पर्दे के पीछे से फैसले कर रहे हैं। वहीं, प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन रोज मीडिया से बात कर रहे हैं और एडमिनिस्ट्रेशन पर फोकस कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सुबह ट्रम्प टीवी देखते हैं। इसके बाद ओवल ऑफिस पहुंचते हैं और देर शाम तक वहीं रहते हैं। राष्ट्रपति ने अब तक कोरोना से मारे गए अमेरिकी लोगों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
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अमेरिका के अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे, यहां मरने वालों का आंकड़ा अब 2.56 लाख से ज्यादा November 18, 2020 at 04:10PM
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दुनियाभर में अब तक 5.65 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 3.93 करोड़ लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 13.53 लाख लोगों की जान जा चुकी है। अब 1.58 करोड़ मरीज ऐसे हैं जिनका इलाज चल रहा है, यानी एक्टिव केस। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में हालात बद से बदतर होने लगे हैं। यहां के अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं। मरने वालों का आंकड़ा भी 2.56 लाख हो चुका है।
कार पार्किंग में हॉस्पिटल वॉर्ड
‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के कुछ राज्यों में हालात अब काबू से बाहर होते जा रहे हैं। संक्रमितों का आंकड़ा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही मरने वालों की संख्या भी अब काबू से बाहर होती दिख रही है। बुधवार तक यहां कुल मिलाकार 2.56 लाख लोगों की मौत हो चुकी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 77 हजार हजार लोग इस वक्त हॉस्पिटल में हैं। नेवादा और मिशिगन जैसे राज्यों में तो स्थिती और भी खराब है। नेवादा के रेनो शहर के अस्पताल में मरीज इतने बढ़ गए कि कार पार्किंग में वॉर्ड बनाना पड़ा। यहां स्टाफ इतने मरीजों को संभाल भी नहीं पा रहा है।
टेनेसी के डायरेक्टर ऑफ क्रिटिकल केयर डॉक्टर एलिसन जॉनसन ने कहा- सही कहूं तो अब हम अवसाद में हैं और नाउम्मीद होते जा रहे हैं। हम नहीं कह सकते कि कब हालात सुधरेंगे। इसकी फिलहाल, कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती। मैंने अपने कॅरियर में कभी नहीं सोचा कि इस तरह के हालात से सामना होगा। इदाहो में डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि सभी मरीजों को बेड दे पाना मुश्किल हो सकता है।
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ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन नाकाम
अमेरिका में मरने वालों का आंकड़ा 2.56 लाख के पार हो गया है, लेकिन ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन अब भी वायरस को गंभीरता से लेने तैयार नहीं है। देश में महज एक हफ्ते में 15 लाख से ज्यादा नए केस सामने आए हैं। ट्रम्प की आलोचना पहले से ज्यादा हो रही है। पिछले दिनों जो बाइडेन ने कहा था- अमेरिका में मरने वालों का आंकड़ा पहले से ज्यादा हो सकता है। हमें सख्त और कठोर फैसले लेने होंगे। अमेरिका में संक्रमितों और मरने वालों का आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है। करीब दो हफ्ते से हर दिन औसतन एक लाख केस सामने आ रहे हैं।
बुधवार को न्यूयॉर्क सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने संकेत दिए कि यहां लॉकडाउन लगाया जा सकता है। स्कूल, होटल, रेस्टोरेंट्स और बार बंद किए जा चुके हैं। मिनेसोटा में भी आज लॉकडाउन का ऐलान किया जा सकता है। यहां भी कुछ पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
ब्राजील में भी संक्रमण बढ़ा
PAHO के असिस्टेंट डायरेक्टर जार्बस बारबोसा ने बताया कि ब्राजील में भी दोबारा संक्रमण और मौतें बढ़ रही हैं। उरुग्वे के ब्राजील बॉर्डर से सटे इलाकों में भी यही हालात हैं।
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