भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका में डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हो सकती हैं। मंगलवार को इसी पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जो बिडेन के हाथ में एक नोट देखा गया। इसमें सबसे ऊपर कमला हैरिस का नाम था। इसके बाद ये कयास जोर पकड़ने लगे कि बिडेन और डेमोक्रेट पार्टी कमला को वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट घोषित करने जा रही है।
इस मामले में पीछे हैं डेमोक्रेट्स
राष्ट्रपति ट्रम्प ने वर्तमान उप राष्ट्रपति माइक पेंस को ही इस पद के उम्मीदवार के तौर पर बरकरार रखा है। यानी रिपब्लिकन खेमे में तस्वीर बिल्कुल साफ है। दूसरी तरफ डेमोक्रेट्स अब तक वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट का नाम फाइनल नहीं कर पाए हैं। इसकी आलोचना भी हो रही है। कहा जा रहा है कि इस बारे में पार्टी में मतभेद हैं।
कमला का दावा क्यों मजबूत : 2 कारण
कमला हैरिस को डेमोक्रेट पार्टी वाइस प्रेसिडेंट बना सकती है। इसकी दो बड़ी और वाजिब वजहें हैं। पहली- उनकी पहचान भारतीय के तौर पर है। उनकी मां भारत के तमिलनाडु राज्य की थीं। डेमोक्रेट्स को भारतीय मूल के ज्यादा वोट मिल सकते हैं। दूसरी- कमला के पिता जमैका के थे। यानी अफ्रीकन मूल के। लिहाजा, अश्वेत वोटर्स भी बिडेन और डेमोक्रेट्स के फेवर में जा सकते हैं।
पांच खूबियां
बिडेन के हाथ में जो नोट देखा गया, उसमें कमला के नाम के नीचे पांच प्वॉइंट्स थे। ये सभी उनकी खूबियां बताते हैं। पहला- वो काम पूरा करती हैं। दूसरा- उन्होंने अब तक बेहतरीन कैम्पेनिंग की। तीसरा- बहुत प्रतिभाशाली हैं। चौथा- उनका काफी सम्मान है। पांचवा- खास सहयोगी हैं।
बिडेन से पुराने रिश्ते अच्छे नहीं
जो बिडेन और कमला के रिश्तों में एक रोचक बात है। जो के बेटे बियू और कमला अच्छे दोस्त हैं। बियू डेलावेयर के पूर्व अटॉर्नी जनरल हैं। वहीं, कमला कुछ मौकों पर जो बिडेन की आलोचना कर चुकी हैं। पिछले साल जो ने इस पर हैरानी भी जताई थी। सीएनएन के मुताबिक- बियू की वजह से ही जो बिडेन और कमला के रिश्ते बेहतर हुए हैं। और अब वो उन्हें उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना सकते हैं।
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Beijing's ties with Moscow appears to have hit a roadblock with the latter announcing a postponement of delivery of S-400 surface-to-air missile systems to Beijing. China has tried to play down the development. Recently, Russia has accused one of its leading Arctic researchers of treason, alleging that he gave sensitive information to China.
In Baghdad official radio announces the end of the "traitor regime" it accuses of being an accomplice in an "American Zionist plot", aimed at undermining the recovery of the Iraqi economy.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को मॉरिशस के सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करेंगे। मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जगन्नाथ भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम में कोर्ट के जज, कानून विभाग के अफसर और दोनों देशों के कई नामी लोग शामिल होंगे। कोर्ट की नई बिल्डिंग राजधानी पोर्ट लुईस में बनाई गई है। इसको तैयार करने में भारत ने सहयोग दिया है।
2016 में भारत ने मॉरिशस को 35.3 करोड़ डॉलर का विशेष आर्थिक पैकेज दिया था। इससे यहां इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की नई बिल्डिंग इसी कड़ी का हिस्सा है। 100 बेड का एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल भी तैैयार किया जा रहा है।
मोदी ने मॉरिशस की मेट्रो परियोजना का भी उद्घाटन किया था
2019 में मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री के साथ वहां के मेट्रो एक्सप्रेस और एक अस्पताल के प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। भारत की मदद से तैयार की जा रही मेट्रो परियोजना के तहत सितंबर 2019 में ही 12 किमी. लाइन बिछा ली गई थी।
चीन को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर बेहद सख्त रुख दिखाया। अगले साल 5जी नेटवर्क के लिए टेंडर जारी करने जा रहे ब्राजील से अमेरिका ने कहा है कि वो इस नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट चीन की हुबेई कंपनी को न दे। अमेरिका ने साफ कहा है कि अगर हुबेई को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया तो इसका असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा और ब्राजील को इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।
नए विवाद की जड़ क्या
ब्राजील में राष्ट्रपति जाएर बोल्सोनारो की सरकार अगले साल जनवरी में 5जी नेटवर्क तैयार करने जा रही है। इसके लिए टेंडर प्रॉसेस शुरू की जा रही है। माना जा रहा है कि चीन की हुबेई कंपनी इस दौड़ में सबसे आगे है। हुबेई पर आरोप हैं कि वो टेलिकॉम की आड़ में जासूसी करती है। डाटा जुटाने के बाद इसे चीन की सरकार को सौंप दिया जाता है। अमेरिका के अलावा कई देश हुबेई पर सख्त रुख अपनाते रहे हैं।
इसमें नया क्या है
अमेरिका नहीं चाहता कि ब्राजील सरकार 5जी नेटवर्क का कॉन्ट्रैक्ट हुबेई को दे। इसके लिए ट्रम्प सरकार ने ब्राजील पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। लैटिन अमेरिका में ब्राजील सबसे बड़ा देश है। अमेरिका और ब्राजील के रिश्ते काफी मजबूत हैं। ब्राजील में अमेरिकी एम्बेसेडर टॉड चैपमेन ने कहा- हुबेई को यह कॉन्ट्रैक्ट देना अमेरिका को मंजूर नहीं। एम्बेसेडर के तौर पर मैं ये तो नहीं कहूंगा कि हम जवाबी कार्रवाई करेंगे। लेकिन, इतना जरूर तय है कि नतीजे भुगतने होंगे।
तीन कंपनियां रेस में
चैपमेन ने ब्राजील सरकार को विकल्पों के बारे में भी बताया। कहा- हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने में कोई अमेरिकी कंपनी शामिल नहीं है। न ये पैसा कमाने का मामला है। हम सिर्फ देश की सुरक्षा पर जोर देना चाहते हैं। ब्राजील के पास स्वीडन की इरिक्सन और फिनलैंड की नोकिया के अलावा दक्षिण कोरिया की कंपनी के भी ऑप्शन हैं।
ब्रिटेन ने भी हुबेई को झटका दिया
जुलाई की शुरुआत में ब्रिटेन सरकार ने साफ कर दिया था कि उसका टेलिकॉम डिपार्टमेंट अपने 5जी नेटवर्क से हुबेई के सभी इक्युपमेंट्स हटाएगा। और यह काम बहुत जल्द किया जाएगा। ब्रिटेन ने कहा था कि हुबेई जासूसी कर रही है। इसके बाद ब्राजील भी ऐसा ही कर सकता है। ब्राजील पर इसलिए दबाव ज्यादा है क्योंकि इसकी सीमाएं अमेरिका से लगी हैं।
The US and Vietnam have signed a memorandum of understanding, which includes support against illegal "intimidation" of the latter's fishermen at sea. The MOU, which aims to strengthen Vietnam's fisheries management and law enforcement capabilities. "We look forward to working together with Vietnam to strengthen the sustainability of its fisheries and support its fishers against illegal intimidation," said a US official.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्ष के विरोध के आगे घुटने टेकने पड़े। उनके दो स्पेशल एडवाइजर्स ने बुधवार रात इस्तीफे दे दिए। ये हैं- डिजिटल पाकिस्तान प्रोजेक्ट की हेड तानिया इरदौस और हेल्थ एंड कैबिनेट मामलों के चीफ डॉक्टर जफर मिर्जा। इमरान के कुल 15 स्पेशल असिस्टेंट हैं। इनमें से 7 के पास दोहरी नागरिकता और करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी है। एक जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद विपक्ष इन्हें हटाए जाने की मांग कर रहा था। सरकार इनकी वजह से दबाव में है।
गूगल में रह चुकी हैं तानिया
तानिया इरदौस गूगल में एग्जीक्युटिव रह चुकी हैं। दो साल पहले जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो तानिया को पाकिस्तान लौटने और एक स्पेशल प्रोजेक्ट संभालने का ऑफर दिया। तानिया के पास अमेरिकी नागरिकता भी है। तानिया ने पिछले साल दिसंबर में डिजिटल पाकिस्तान का जिम्मा संभाला। तानिया पर आरोप है कि उन्होंने इस प्रोजेक्ट्स से जुड़े ठेके अपने करीबियों और परिवारवालों को दिए। कुछ महीने पहले ये साफ हो गया कि तानिया के प्रोजेक्ट में धांधली हो रही है।
विपक्ष का दबाव
इमरान के कुल 15 स्पेशल असिस्टेंट्स और एडवाइजर्स में से 7 के पास पाकिस्तान के अलावा दूसरे देशों की नागरिकता भी है। इमरान जब विपक्ष में थे तो दोहरी नागरिकता का विरोध करते थे। इसके पुराने वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इमरान ने पहले कहा था- दोहरी नागरिकता वाले देश से धोखा कर सकते हैं। तानिया और जफर ही नहीं इमरान के लगभग हर दोहरी नागरिकता वाले एडवाइजर के पास करोड़ों डॉलर की प्रॉपर्टी है और ये सभी विदेश में हैं। लिहाजा, इमरान पर विपक्ष का दबाव बढ़ता जा रहा है।
कुछ और इस्तीफे होना तय
तानिया और जफर के बाद यह तय माना जा रहा है कि इमरान के कुछ और एडवाइजर या तो इस्तीफा देंगे या इन्हें हटाया जाएगा। बताया जाता है कि सेना भी इस मामले में इमरान सरकार का बचाव नहीं कर पा रही है। पिछले दिनों आर्मी चीफ बाजवा ने कहा था- दोहरी नागरिकता वाले लोग जब सांसद या सरकारी नहीं अफसर बन सकते तो हमें इस बारे में सोचना होगा। तब ही यह माना जाने लगा था कि इमरान को दोहरी नागरिकता वाले लोगों को हटाना पड़ेगा।
इनके पास दोहरी नागरिकता
नदीम बाबर : पेट्रोलियम मामलों के सलाहकार। अमेरिकी नागरिकता भी है।
सैयद जुल्फिकार अब्बास बुखारी : विदेशी मामलों के सलाहकार। ब्रिटेन की सिटीजनशिप भी है।
शहजाद कासिम : पावर सेक्टर मामलों के सलाहकार। अमेरिकी नागरिकता भी है।
तानिया एस. अरदौस : डिजिटल मामलों की सलाहकार। कनाडा की भी नागरिकता है।
इन तीन के पास रेसीडेंस परमिट
शहबाज गिल : राजनीतिक सलाहकार। अमेरिका में अस्थायी निवास का परमिट।
मोईद यूसुफ : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार। अमेरिका के अस्थायी नागरिक।
नदीम अफजल गोंदल : संसदीय मामलों के सलाहकार। कनाडा के अस्थायी नागरिक।
Victoria Premier Daniel Andrews said Thursday that masks or other face coverings will be compulsory for the whole state beginning late Sunday. In addition, residents around the city of Geelong will not be allowed to have visitors in their homes beginning late Thursday.
Brazilian President Jair Bolsonaro on Wednesday attended his first public event since recovering from Covid-19, though he declined to speak. Brazil's president is typically last to address at the presidential palace, but Bolsonaro only watched the event recognizing women who work in rural areas around Latin America and left the room once it ended. He wore a mask throughout the event.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस कोरोना को लेकर भ्रम फैला रहा है। इसके लिए रूसी जासूसी एजेंसी जीआरयू इनफोरोस, वन वर्ल्ड प्रेस, टास, ग्लोबल रिसर्च-सीए जैसी वेबसाइटों की मदद ले रही है। एक खुफिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसके मुताबिक, एजेंसी ने वेबसाइटों से कहा है कि वे चीन के उस आरोप का समर्थन करें, जिसमें कहा गया है कि अमेरिकी सेना ने ही कोरोनावायरस बनाया था।
हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुरू से कहते रहे हैं कि कोरोना चीन के लैब में बना था। जीआरयू के कहने पर वेबसाइटों ने मई से जुलाई तक अमेरिका और कोरोना को लेकर करीब 150 भ्रामक लेख प्रकाशित किए। एलायंस फॉर सिक्योरिंग डेमोक्रेसी के डायरेक्टर लॉरा रोसेनबर्गर ने भी कहा कि अमेरिकी वोटरों को गुमराह करने में रूसी जासूसी एजेंसियां केंद्रीय भूमिका में हैं।
यूरोप में कोरोना पर भ्रम फैलाने की साजिश से खुलासा
अमेरिका के अधिकारी साइबर सिक्योरिटी एजेंसी मैडिएंट की एक रिपोर्ट पर चर्चा कर रहे थे। उसी दौरान यह बात सामने आई कि पूर्वी यूरोप में नाटो की बदनामी और कोरोना पर गलत सूचनाएं फैलाने का अभियान चल रहा है। हालांकि, मैडिएंट की रिपोर्ट में रूसी एजेंसियों का जिक्र नहीं था, पर यह नोट किया गया कि इस अभियान से रूस के हित जुड़े हैं।
ट्रम्प के अधिकारी ही उनके खिलाफ- वेबसाइट
कोरोना पर गलत सूचनाएं फैलाने के आरोपों पर वन वर्ल्ड प्रेस ने एक बयान जारी किया है। इसमें उसने कहा है कि वह रूसी जासूसी एजेंसी के लिए काम नहीं करता है। उस पर लगाए गए आरोप अनुचित हैं। रूस के बारे में अमेरिका के अधिकारी ही गलत सूचनाएं फैला रहे हैं। इन अधिकारियों का मकसद राष्ट्रपति ट्रम्प को चुनाव में नहीं जीतने देना है।
-न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत
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The threat from the Communist Party of China is very real, US secretary of state Mike Pompeo said on Wednesday asserting that the Trump administration has begun to take all the "right actions" to rebalance the relationship with Beijing in a way that protects and secures freedom for Americans.
A spike in infections in Arizona, California, Florida and Texas this month has overwhelmed hospitals. The rise has forced states to make a U-turn on reopening economies that were restricted by lockdowns in March and April to slow the spread of the virus.
A Japanese court on Wednesday for the first time recognized people exposed to radioactive "black rain" that fell after the 1945 US atomic attack on Hiroshima as atomic bomb survivors, ordering the city and the prefecture to provide the same government medical benefits as given to other survivors. The court said all 84 plaintiffs also developed radiation-induced illnesses and should be certified as atomic bomb victims.
दुनिया में कोरोनावायरस से संक्रमण के अब तक 1 करोड़ 71 लाख 79 हजार 092 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 69 लाख 30 हजार 012 ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, 6 लाख 69 हजार 982 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्राजील में महामारी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां मरने वालों का आंकड़ा तेजी से एक लाख की तरफ बढ़ रहा है।
ब्राजील : 90 हजार से ज्यादा ने जान गंवाई
बुधवार रात जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ब्राजील में मरने वालों की संख्या 90 हजार 188 हो गई। शुरुआती दौर में कोरोना को लेकर हर स्तर पर लापरवाही बरती गई। अब इसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। हर दिन हजारों टेस्ट किए जा रहे हैं। बुधवार को ही यहां 70 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रपति बोल्सोनारो आज कोरोना को लेकर कुछ नए ऐलान कर सकते हैं।
10 देश जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
45, 68,037
1,53,840
22,45,044
ब्राजील
25,55,518
90,188
17,87,419
भारत
15,84,384
35,003
10,21,611
रूस
8,28,990
13,667
6,20,633
द.अफ्रीका
4,59,761
7,257
2,87,313
मैक्सिको
4,02,697
44,876
2,61,457
पेरू
3,95,005
18,612
2,76,452
चिली
3,49,800
9,240
3,22,332
स्पेन
3,27,690
28,436
उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन
3,00,692
45,878
उपलब्ध नहीं
चीन : 3 नए केस सामने आए
गुरुवार सुबह जारी सरकारी बयान के मुताबिक, चीन में तीन नए मामले सामने आए हैं। ये तीनों वे लोग हैं जो किसी दूसरे देश से चीन पहुंचे। विदेश से आने वाले कुल 2,059 लोग अब तक संक्रमित पाए जा चुके हैं। नेशनल हेल्थ कमीशन ने यह जानकारी दी है। चीन सरकार की नजर तीन राज्यों पर ज्यादा है। ये है गुआनडोंग, युन्नान और शांक्शी। इन तीनों ही राज्यों में इम्पोर्टेड केस ज्यादा मिल रहे हैं।
अमेरिका : डेढ़ लाख से ज्यादा की मौत
अमेरिका में मरने वालों का आंकड़ा बुधवार रात 1 लाख 50 हजार 159 हो गया। यह आंकड़ा हेल्थ मिनिस्ट्री और कोरोना टास्क फोर्स की तरफ से जारी किया गया है। कुल संक्रमितों की संख्या भी 45 लाख से ज्यादा हो चुकी है। इस बीच, खबर है कि ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन स्कूल और कॉलेज खोलने के बारे में राज्य सरकारों से बातचीत करने का प्लान बना रही है। इस बारे में औपचारिक जानकारी गुरुवार शाम तक दी जा सकती है।
यूएई : 375 नए मामले
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में महामारी के 375 नए मामले सामने आने से देश में कुल मामलों की संख्या 59,921 हो गई। यूएई के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि नए मरीजों की हालत स्थिर है। उनका इलाज किया जा रहा है। अब तक कुल 53,202 संक्रमित स्वस्थ हो चुके हैं। बुधवार को किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई।
पाकिस्तान के पेशावर में ईशनिंदा के आरोपी अहमदी समुदाय के एक युवक को जज के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस अधिकारी एजाज अहमद ने अल जजीरा को बताया कि तहरीर अहमद नसीम को बुधवार को एक जिला कोर्ट में सुनवाई के दौरान छह गोली मारी गई थी।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हत्यारे को घटनास्थल से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पहचान खालिद खान के रूप में की गई। उसने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उसका कहना है कि उसने ईशनिंदा के लिए तहरीर अहमद को मारा।
कोर्ट छावनी इलाके में उच्च-सुरक्षा क्षेत्र में स्थित है। यहां प्रांत का विधानसभा भवन, पेशावर हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री सचिवालय और गवर्नर हाउस भी स्थित हैं। कोर्ट में मौजूद वकील ने कहा कि तहरीर अहमद के खिलाफ ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज था। उसे पेशावर सेंट्रल जेल से कोर्ट लाया गया था।
2018 में गिरफ्तारी हुई थी
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए खैबर मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट कर दिया है। ईशनिंदा के आरोप में उसे 2018 में गिरफ्तार किया गया था। ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है। यहां केवल आरोप लगने पर ही आरोपी भीड़ की हिंसा का शिकार हो जाते हैं।
पाकिस्तान के सख्त ईश निंदा कानूनों का उल्लंघन करने पर मौत की सजा भी दी जा सकती है। कुछ अधिकार समूहों का कहना है कि कई बार व्यक्तिगत बदला लेने के लिए भी इसका दुरुपयोग किया जाता है।
अहमदी समुदाय के लोगों को मुस्लिम कहे जाने पर बैन
पाकिस्तान के कई हिस्सों में ईशनिंदा की घटनाएं हुई हैं, जिनमें अहमदी समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जाता रहा है। 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदी समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया। एक दशक बाद इस समुदाय के लोगों को मुस्लिम कहे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उन्हें प्रचार करने और तीर्थयात्रा के लिए सऊदी अरब जाने पर भी बैन लगा दिया गया।
Russian President Vladimir Putin on Wednesday said the country's coronavirus outbreak had stabilised but warned the situation remained difficult and could easily deteriorate. Russia has registered the fourth-highest number of infections in the world and health officials on Wednesday reported a total of 828,990 cases and 13,673 fatalities.
कोरोनावायरस महामारी के बीच सऊदी अरब में इस साल 28 जुलाई से हज यात्रा की शुरुआत हो गई है। यह 2 अगस्त तक चलेगी। पिछले साल जहां 25 लाख से ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए थे, वहीं इस बार केवल 10 हजार लोगों को अनुमति मिली है। जो लोग हज के लिए यहां आए हैं, उनकी पहले ही कोरोनावायरस की जांच करा ली गई है। अधिकारियों ने कहा कि लगभग 70% तीर्थयात्री सऊदी अरब में रहने वाले विदेशी हैं, जबकि बाकी यहां के नागरिक हैं।
सऊदी अरब के पब्लिक सिक्योरिटी के डायरेक्टर खालिद बिन करार अल-हरबी ने कहा कि हज यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी कोई चिंता नहीं है। महामारी के खतरे को देखते हुए तीर्थयात्रियों की संख्या को कम किया गया है।
सऊदी सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए:
इस बार सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। हज मंत्रालय के अधिकारी उमर अल मद्दाह ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों की इलेक्ट्रॉनिक आईडी बनाई गई है। सभी की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है।
हज यात्रियों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कहा गया है। पवित्र शहर मक्का और इसके आसपास के पश्चिमी सऊदी अरब में यह यात्रा पांच दिनों में पूरी होती है। जो लोग इसमें शामिल हुए हैं, उनका तापमान चेक किया गया है। साथ ही बुधवार को थोड़े समय के लिए उन्हें क्वारैंटाइन भी किया गया।
स्टेट मीडिया के मुताबिक, बुधवार को मेडिकल स्टाफ को यात्रियों के सामान की सफाई करते हुए देखा गया। यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक रिस्टबैंड दिए जाने की सूचना है, जिससे अफसरों को उनके ठिकाने और आने-जाने की जानकारी मिल सके।
इस बार हज यात्रियों को महामारी से बचाव के लिए खास ड्रेस दी गई है। यब सिल्वर नैनो टेक्नोलॉजी से लैस है। इस टेक्नोलॉजी से जीवाणुओं को मारा जा सकता है। सउदी सरकार ही यात्रियों के रहने, खाने, आने-जाने और स्वास्थ्य का खर्च उठा रही है।
इस साल काबा को छूना और किस करने पर मनाही है। सभी हज यात्रियों के लिए 1.5 मीटर तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य किया गया है। अधिकारियों ने यात्रियों के लिए हेल्थ फैसिलिटी, मोबाइल क्लीनिक और एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है।
हज मिनिस्ट्री के प्रोग्राम डॉक्युमेंट के अनुसार, जायरीनों को डिसइंफेक्ट किए गए पत्थर, सैनिटाइजर, मास्क, प्रार्थना की दरी, और एहराम (हज के दौरान पहना जाने वाला सफेद कपड़ा) दिया जाएगा।
इस साल के हज से विदेशी मीडिया को रोक दिया गया है। मक्का के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
लॉटरी से भी यात्रियों को चुने जाने की खबर
हज मंत्रालय ने कहा कि लगभग 160 देशों के गैर-सऊदी निवासियों ने ऑनलाइन चयन प्रक्रिया में भाग लिया। हालांकि, यह नहीं बताया कि कैसे लोगों ने आवेदन किया था। कुछ निराश लोगों ने शिकायत की है कि सरकार द्वारा संचालित लॉटरी को स्पष्ट नहीं किया गया था। उनके रिजेक्शन का कारण नहीं बताया गया था।
महामारी के चलते आर्थिक नुकसान
एक्सपर्ट का कहना है कि महामारी के चलते लोगों की संख्या सीमित कर दी गई है। इस कारण सरकार को काफी नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, हज यात्रा हर साल सऊदी अरब के जीडीपी में 12 बिलियन डॉलर का योगदान देती है।
पहले कहा गया था 1 हजार लोग ही यात्रा करेंगे
सऊदी अधिकारियों ने शुरू में कहा था कि देश में रहने वाले केवल 1,000 तीर्थयात्रियों को हज करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 10,000 लोगों को भाग लेने की अनुमति दी गई है।
भारत से इस साल 2 लाख लोगों ने आवेदन किया था
2020 में हज के लिए 2 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। मार्च तक 1.18 लाख लोग रजिस्टर्ड हुए थे। इसमें से जून के पहले हफ्ते में 16 हजार लोगों से रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया था। वहीं, महरम (पुरुष साथी) के बिना इस साल 2300 से ज्यादा महिलाएं यात्रा करने वाली थीं। इन महिलाओं को इसी आधार पर 2021 में यात्रा पर भेजा जाएगा।
Vietnam, virus-free for months, was bracing for another wave of Covid-19 infections on Wednesday after state media reported new cases in Hanoi, Ho Chi Minh City and the Central Highlands linked to a recent outbreak in the central city of Danang.
US deaths from the novel coronavirus were approaching 150,000 on Wednesday, the highest level in the world and rising by 10,000 in 11 days, according to a Reuters tally. This is the fastest increase in fatalities since the United States went from 100,000 cases to 110,000 cases in 11 days in early June, according to the tally.
दूसरे देशों के लड़ाकू विमान जापान एयरफोर्स की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। हर दिन यहां की एयर स्पेस में करीब दो बार दूसरे देशों के फाइटर प्लेन घुस आते हैं। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 से लेकर इस साल 31 मार्च के बीच ऐसा 947 बार हुआ है। ज्यादातर चीन के फाइटर्स जेट ने ऐसा किया। कई बार रूस के फाइटर जेट भी यहां घुस आते हैं।
जापान के फाइटर पायलट लेफ्टीनेंट कर्नल तकमिची शिरोटा के मुताबिक, पिछले एक दशक में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। खास तौर पर देश के दक्षिण पश्चिम एयर जोन में ऐसा ज्यादा हुआ है। जापान के एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स ने यहीं पर सबसे अधिक दूसरे प्लेन्स को इंटरसेप्ट किया है और उन्हें वापस खदेड़ा है।
सेनकाकू आइलैंड काे लेकर है चीन-जापान में विवाद
जापान के दक्षिण पश्चिम इलाके में ही सेनकाकू या दायायू आइलैंड है। यही चीन के साथ जापान के विवाद की वजह है। फिलहाल यहां जापान का कब्जा है,लेकिन चीन पर इस पर अपना दावा करता है। यह दक्षिण चीन सागर के पास है। इस आइलैंड के पास 12 मील का इंटरनेशनल एयर रूट है। हालांकि, चीन इसे नहीं मानता और अक्सर जापान के एयर स्पेस में घुस आता है। चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन के फाइटर जेट्स ने पिछले 18 महीने में 675 बार अंतरराष्ट्रीय नियमों को तोड़ा है। इसे देखते हुए जापानी एयरफोर्स को हमेशा अलर्ट रहना होता है।
चीन नियमों को तोड़ने से इनकार करता है
चीन का कहना है कि उसने सेनकाकू आइलैंड के पास कोई नियम नहीं तोड़ा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान के मुताबिक, यह आइलैंड शुरुआत से चीन का हिस्सा रहा है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए अटल हैं। यहां पर हमारी सेना के प्लेन्स अपनी रूटीन उड़ाने भरते हैं। यह किसी भी तरह से इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन नहीं है। इससे किसी देश को कोई खतरा नहीं है।
चीन के पास जापान से छह गुना ज्यादा फाइटर जेट
चीन के पास जापान से छह गुना ज्यादा फाइटर जेट हैं। यह लगातार अपनी नेवी और एयरफोर्स के बेड़े में नए जेट्स शामिल कर रहा है। ऐसे में जापान पर खतरा बढ़ जाता है। वहीं दूसरी तरफ, जापानी एयरफोर्स के बेड़े में एफ-15 जे जेट ही अहम है। हर बार इसके एयर स्पेस में किसी अनजान प्लेन के घुसने पर कम से कम चार ऐसे जेट भेजे जाते हैं। ज्यादा उड़ान भरने की वजह से ये पुराने होते जा रहे हैं।
जापान पर है समुद्र और आसमान से हमले का खतरा
जापान एक ऐसा देश है जो चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। इसलिए, यहां पर या तो समुद्र के रास्ते या फिर हवाई हमले किए जा सकते हैं। देश के लोगों की रक्षा के लिए एयरफोर्स का मजबूत रहना जरूरी है। इसे देखते हुए इसने, अब स्टील्थ एफ-3 और अमेरिका में डिजाइन किए गए एफ-35 फाइटर जेट को अपने बेड़े में शामिल करना शुरू किया है। इसे अमेरिका से कुछ एफ-35 फाइटर जेट मिल भी चुके हैं। दक्षिण चीन सागर में चीन के खतरे को देखते हुए यह अपनी नेवी को भी मजबूत बना रहा है।
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Another river overflowed its banks in nearby Akita prefecture, he said. Suga told reporters no deaths have been confirmed. But he warned people should evacuate from risky areas. A mudslide has isolated an area with more than 500 people, he added.
President Donald Trump groused on Tuesday about medical expert Anthony Fauci's high approval ratings and joked that "nobody likes me" as he struggles to improve his standing with voters for his handling of the coronavirus pandemic. "It can only be my personality," said Trump. While Americans trust Fauci's advice, Trump has drawn criticism over his handling of the pandemic.
Pilgrims, donning face masks and moving in small groups after days in isolation, began arriving to Islam's holiest site in Mecca on Wednesday for the start of a historically unique and scaled-down haj experience reshaped by the coronavirus pandemic. This year pilgrims are eating prepackaged meals alone in their hotel rooms and praying at a distance from one another.