इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) की एमडी क्रिस्टेलिना जियोर्जिवा ने कोरोना से हो रहे आर्थिक नुकसान पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन के सम्मेलन में कहा कि हम मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। इसकी स्थिति 2008 में आई वैश्विक मंदी से भी बदतर हो सकती है। कोरोना की वजह सेआईएमएफ के इतिहास का यह सबसे अप्रत्याशित समय है। इससेदोहरा संकट पैदा हुआ है। यहस्वास्थ्य और आर्थिक क्षेत्र दोनों पर असर डाल रहा है।
जियोर्जिवा ने कहा कि कोरोना दुनिया भर में फैल चुका है। ऐसे में लोगों की जिंदगी और उनकी नौकरियां बचाने का काम साथ-साथ होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनियाभर में संक्रमण के 10 लाख से ज्यादा केस मिले हैं और 50 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं।
‘मंदी से उबारने के लिए हमपूरी क्षमता लगा रहे’
जियोर्जिवा के मुताबिक,इस संकट से निपटने केलिए आईएमएफ 1 ट्रिलियन डॉलर(करीब 76 लाख करोड़ रुपए) लगा रहा है।दुनिया कीअर्थव्यवस्था को बचाने के लिए जितना जरूरी होगा, हम उसके सारे प्रयास कर रहे हैं। मौजूदा बाजार में 90 बिलियन डॉलर (करीब 9000 करोड़ रु.) की कमी हो गई है, यह 2008 की वैश्विक मंदी में हुई कमी से भी ज्यादा है। आईएमएफ मंदी से प्रभावित विकासशील देशों और उभरते बाजारों के लिए इमरजेंसी फंडिंग जुटा रहा है।
‘मौजूदा स्थिति से लगता है दिवालिया होने वालों की संख्या बढ़ेगी’
जियोर्जिवा ने कहा कि मौजूदा स्थिति से ऐसा लगता है कि दिवालिया होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में आईएमएफ के कर्ज की रिकवरी मुश्किल हो सकती है।90 देशों ने आईएमएफ से इमरजेंसी फंडिंग का अनुरोध किया है। इन से अनुरोध किया है कि वे इस राशि का इस्तेमाल स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन देने और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू रखने के लिए करें। इसके साथ ही वे प्रभाविल लोगों और संस्थाओं की मदद करें।
Scarce supplies of medical equipment are leading to growing competition within the U.S. and among nations, in what one French politician called a "worldwide treasure hunt."
कोविड-19 महामारी के कारण दुनियाभर के धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। अब इसका असर सउदी में मक्का-मदीना पर भी दिख सकता है। अधिकारियों को कहना है कि कोरोनावायरस के कारण इस साल जुलाई में होने वाली हज यात्रा रद्द की जा सकता है। इससे पहले 1798 में ऐसा किया गया था। सउदी सरकार ने मार्च की शुरुआत में उमरा(एक अन्यत तरह की हजयात्रा) को बैन कर दिया था। महामारी को रोकने के लिए सरकार ने पहले ही सभी सीमाएं सील कर दी हैं। पिछले साल यहां करीब 20 लाख लोग पहुंचे थे। अनुमान है कि सउदी को हर साल हज यात्रा से 1200 करोड़ रुपए की आमदनी होती है।
हज यात्रा का समय चंद्र कैलेंडर से तय किया जाता है। यह सालाना इस्लामिक कार्यक्रमों का प्रमुख हिस्सा है। यही कारण है कि 1918 फैले फ्लू के दौरान भी इसे रद्द नहीं किया गया था। अगर यात्रा रद्द होती है सउदी अरब के लिए यह साल घाटे का होगा। क्योंकि महामारी के कारण तेल की कीमतें पहले ही गिरी हुई हैं। ऐसे में हज यात्रा से मिलने वाला रुपया भी नहीं आएगा। सउदी अरब में कोरोनावायरस के करीब 1500 मामले सामने आए हैं। 10 लोगों की मौत हो गई। पूरे मिडिल ईस्ट में करीब 72 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
हज के लिए यात्रा अनुबंध नहीं मुस्लिम
सउदी अरब के हाजी और उमराह मंत्री मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बैंटेन ने बुधवार को कहा, "‘सउदी अरब सरकार सभी देशों के मुसलमानों की सुरक्षा की तैयारी में है। ऐसे हम दुनियाभर के मुस्लिमों से प्रार्थना करते हैं कि जब तक हमारी ओर से स्पष्ट ना कर दिया जाए तब तक सभी के यात्रा अनुबंधों को रोक दिया जाए।’’
China on Saturday mourned the thousands of "martyrs" who have died in the new coronavirus outbreak, flying the national flag at half-mast throughout the country and suspending all forms of entertainment.
वॉशिंगटन. कोरोनावायरस से दुनियाभर में अब तक 59 हजार 141 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या 10 लाख 98 हजार पहुंच गई है। वहीं, दो लाख 28 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ भी हुए हैं। अमेरिका में 24 घंटे (गुरुवार 8.30 से शुक्रवार 8.30 बजे तक) में करीब 1480 लोगों की मौत हो गई है, जबकि संक्रमण के 32 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही अमेरिका में अब सात हजार 392 लोग जान गंवा चुके हैं और दो लाख 77 हजार संक्रमित हैं।
ब्राजील: 359 लोगों की मौत
दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,146 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9,056 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यकारी सचिव जोआओ गबार्डो ने शुक्रवार देर बताया कि देश में अब तक 359 की मौत हो गई है, जो संक्रमित लोगों का 4% है। पिछले 24 घंटों में 60 मरीजों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि ब्राजील में लगातार तीसरे दिन कोरोना के एक हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं।
इटली: 766 नई मौतें
न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि इटली में 24 घंटे में 766 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 14 हजार 681 तक पहुंच गया है। एक दिन पहले यहां 760 लोगों की जान गई थी। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, इटली में इस महीने की शुरुआत से संक्रमण के आंकड़ों में कमी आई है। यहां एक अप्रैल को चार हजार 782, दो अप्रैल को चार हजार 668 और तीन अप्रैल को चार हजार 585 केस सामने आए थे।
अफ्रीका: 50 देश कोरोना की चपेट में
अफ्रीका में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। यहां अब तक 284 लोगों की मौत हो गई है और करीब 7028 लोग संक्रमित हैं। अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका सीडीसी) ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना अब तक करीब 50 अफ्रीकी देशों में फैल चुका है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के 1,462 मामले, अल्जीरिया में 847 और मिस्र में 779 मामले दर्ज किए गए हैं। महाद्वीप पर अब तक 779 मरीज पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान मृतकों की संख्या बढ़कर 221 से 284 हो गई है।
इराक: कोरोना के 820 मामलों की पुष्टि, 54 की मौत
इराक के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक कोरोना के 820 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वहीं 54 लोगों की मौत हो गई है। मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि पिछले 24 घंटे के दौरान सामने आए 48 केस सामने आए हैं। महामारी से निपटने के लिए चीन के सात विशेषज्ञों की एक टीम सात मार्च से ही इराक के चिकित्सकों के साथ मिल कर काम कर रही है।
मिसेज एममिलान में रहती हैं। उम्र 70 साल है और वे कोरोना पॉजिटिव हैं। इलाज के बावजूद जब उनकी हालत में सुधार नहीं आया तो डॉक्टर ने उनकी बेटी को कॉल कर उनकी खराब तबीयतकी जानकारी दी। बेटी ने दूसरी तरफ से जवाब दिया- पापा भी कोरोना पॉजिटिव हैं और उनका इलाज शहर के दूसरे हॉस्पिटल में चल रहा है। पति-पत्नी एक-दूसरे से बहुत दूर एक महामारी से लड़ रहे हैं और बेटी भी उन्हें देखनहीं पा रही है। यह महज एक घर की कहानी है, लेकिन ऐसी कहानी इन दिनों इटली के कई घरों में देखी जा रही है। मिलान में इमरजेंसी मेडिसिन स्पेशलिस्ट फेडरिका (34) ऐसे कई किस्सों की गवाह हैं।
इटली में जब यह महामारी अपने शुरुआती दौर में थी, तभी से फेडरिका अपने हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम में कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज कर रही हैं। फिलहाल घर पर क्वारैंटाइन पीरियड बीता रही हैं, क्योंकि कोरोना संक्रमितों के बीच रहते-रहते सभी सावधानियां बरतने के बावजूद वे भी संक्रमित हो गईं। वे बीते कुछ दिनों को याद करते हुए बताती हैं कि, “शुरुआत में इटली के लोडी और कोडोग्नो शहर इस महामारी की चपेट में आए थे। इन शहरों के हालात से हम बहुत कुछ सीख चुके थे। हमें यह पता था कि यह जल्द ही हमारी ओर भी रूख करेगाऔर फिर ठीक एक सुनामी की तरह इसकी पहली लहर हम तक पहुंच गई।”
हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम को दो हिस्सो में बांट दिया गया- एक बड़ा हिस्सा कोरोना के मरीजों का, दूसरा हिस्सा अन्य मरीजों के लिए था
फेडरिका कहती हैं, “कोरोना के फैलाव को देखते हुए हमारे हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम को दो हिस्सों में बांट दिया गया था- एक बड़े हिस्से में वे लोग होते थे, जिनमें कोरोनोवायरस के लक्षण मिल रहे थे और दूसरी तरफ एक छोटा हिस्सा, जहां अन्य मरीजों को रखा जाने लगा। धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी। कारण एक जैसे थे- खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ। हमारी तैयारी बहुत अच्छी थी, लेकिन इसके बावजूद हर दिन हॉस्पिटल में भीड़ बढ़ती जा रही थी। हमारे पास जगह कम पड़ने लगी। हॉस्पिटल के अन्य डिपार्टमेंट्स में हर दिन थोड़ी-थोड़ी जगह बनाई जाने लगी।”
फेडरिका बताती हैं, “मामले बढ़ते गए और इमरजेंसी रूम में शिफ्ट में वर्किंग शुरू हो गई। एक-एक शख्स 12 से 13 घंटे काम कर रहा था। इमरजेंसी रूम में घुसने से पहले उन्हें मास्क और विशेष तरह के गॉगल्स दिए जाते। मास्क तो इमरजेंसी रूम से बाहर आते ही डिस्पोज कर दिए जाते, लेकिन गॉगल्स को हमेशा साथ ही रखना होता था।”
कुछ मरीज गुस्सा करते, कुछ रोते रहतेऔर हम उन्हें थोड़ी राहत देने की कोशिश करते रहते
फेडरिका बताती हैं कि, “बूढ़े, वयस्क, युवा और बच्चे सभी इसकी जद में हैं। सभी के लक्षण एक जैसे होतेहैं। कई मरीज गंभीर होते हैं, इनमें से कुछ को यह भी पता नहीं होता है कि वे कम ऑक्सीजन ले पा रहे हैं। सभी बहुत डरे हुए होते हैं।वे जानते हैं कि इस वक्त बीमार होना बहुत बड़ा जोखिम है, खासकर अगर वे बूढे हैं तो डर और बढ़ जाता है। जब आप उनसे बात करते हैं, तो कुछ रोने लगते हैं, कुछ बहुत गुस्सा भी करते हैं। मेरी एक ही कोशिश रही कि मैं उन लोगों को कुछ राहत दे सकूं। मैं उन्हें बताती थी कि सबसे अच्छी बात यह है कि आप इस समय हॉस्पिटल में हैं और आपके पास सांस लेने के लिए ऑक्सीजन सपोर्टर है।”
जो कोरोना पॉजिटिव युवा मजबूत और स्वस्थ थे, कुछ दिनों बाद उन्हें भी वेंटिलेटर्स की जरूरत पढ़ने लगी
मार्च के पहले हफ्ते में ही फेडरिका ने 34 साल के एक भारतीय मरीज को हॉस्पिटल में देखा था। वे बताती हैं कि, "वह कोरोना पॉजिटिव था, बुखार भी तेज था। उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी हालत ज्यादा खराब नहीं थी। उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। 3 दिन बाद मैंने उसे फिर से इमरजेंसी रूम में ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ देखा। मैं यही सोच रही थी कि वह मेरी उम्र का ही है, लगभग ठीक हो चुका था, फिर वह इतनी बुरी हालत में कैसे पहुंच गया?”
हालत यह थी कि युवाओं में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा था। एक और उदाहरण देते हुए फेडरिका कहती हैं, “एक 18 साल का लड़का था। वह बहुत मजबूत और स्वस्थ था। उसे कई दिनों से बुखार था और फिर उसे अचानक इमरजेंसी रूम में भर्ती किया गया। इलाज के बावजूद वह ठीक नहीं हो रहा था। वह कहता था कि वह डर नहीं रहा, वह ठीक-ठाक महसूस कर रहा है, लेकिन यह कहते-कहते भी वह तेजी से सांस लेने लगता था। आखिर में उसे भी इंट्यूबेटेड कर ऑक्सीजन पहुंचाना पड़ा।
19 मार्च को डॉ. फेडरिका कोरोना पॉजिटिव पाईं गईं, पति भी संक्रमित हो गए
फेडरिका के पति मार्को एक फोटोग्राफर हैं। 19 मार्च को इनकी जिंदगी में भी कोरोनावायरस की एंट्री हो गई। पहला लक्षण मिलते ही जब फेडरिका का टेस्ट हुआ तो नतीजा खून जमा देने वाला था। वे कोरोना पॉजिटिव पाईं गईं। उसी दिन उनके पति में भी इस बीमारी के कुछ लक्षण दिखे। वे कहती हैं, "मैंने उन्हें संक्रमित किया। मैं बहुत डरी हुई थी। उन दिनों का तनाव में बयां नहीं कर सकती। अभी हम क्वारैंटाइन में हैं। चीजें अब ठीक होने लगी हैं। जैसे ही क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होगा, वैसे ही मैं फिर से काम पर लौट जाऊंगी।”
पाउला, 32 साल से मेडिकल प्रोफेशन में हैं, सतर्कता बरतने के बावजूद कोरोना से संक्रमित हो गईं
फेडिरका की तरह ही पाउला (50) भी जल्द ही काम पर लौटेंगी। पाउला की शादी को 25 साल हो चुके हैं। उनके 2 बच्चे हैं और 32 साल से वे मिलान शहर के नजदीक सरनुस्को सुल नेवीग्लियो हॉस्पिटल में हेल्थकेयर प्रोफेशनल हैं। जब उनके हॉस्पिटल में पहले कोरोना संदिग्ध की बात सामने आई तो उनका भी टेस्ट किया गया। 2 दिनों बाद उन्हें कॉल पर बताया गया कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। पाउला कहती हैं, "मैं खुद के लिए और अपने परिवार के लिए बहुत डरी हुईथीं। हर पल खुद को शांत करने की कोशिश करती रहती।”
पाउला के संक्रमित होते ही उन्हें फौरन उनके परिवार से अलग किया गया। बहुत जरूरी होने पर ही वे कमरे से बाहर निकलती हैं और इसके बाद वे जिस भी चीज को हाथ लगाती उसे तुरंत डिसइन्फेक्टेड किया जाता है। पाउला कहती हैं, "मैं कुछ ही बार अपने कमरे से बाहर निकली हूं और जब भी निकली हूं तो मास्क लगाकर। जब भी मेरी बेटियां मेरे लिए खाना लाती हैं, तब भी मैं मास्क लगाकर ही दरवाजे खोलती हूं।"
क्वारैंटाइन पीरियड के बाद फिर से काम पर लौटने का एक डर अभी से सता रहा है
पाउला की बेटी कियारा (23) लॉ स्टूडेंट हैं। वे बताती हैं कि,"जब हमें पता चला कि ममी कोरोना पॉजिटिव हैं तो सभी डरे हुए थे। पर क्योंकि वे लम्बे समय से हॉस्पिटल में काम कर रही हैं तो अन्य के मुकाबले वे बेहतर तरीके से इसे मैनेज कर रही हैं।" पाउला कहती हैं, "मैं काम पर फिर से जाने को लेकर थोड़ी डर रही हूं। डर यहहै कि फिर से बीमार लोगों के संपर्क में आ गई तो क्या होगा। कहीं मैं कोरोनावायरस को अपने घर में न ले आऊं। लेकिन हां, जब भी जरूरत पड़ी,मैं काम के लिए जाने के लिए तैयार हूं।"
33 साल के प्लास्टिक सर्जन एंड्रिया कोरोना के विशेषज्ञ नहीं, लेकिन लोगों की मदद के लिए खुद आगे आए
इस महामारी से निपटने के लिए कई लोग खुद आगे आ रहे हैं। 33 साल के प्लास्टिक सर्जन एंड्रिया की कहानी इसका एक उदाहरण है। कोरोनावायरस का ग्राफ जब बढ़ने लगा तो उन्होंने अपने निजी स्टूडियो को बंद कर लोगों की मदद करने के तरीकेखोजने शुरू किए। वे कहते हैं, "मुझमें इस महामारी से निपटने के लिए विशेष योग्यता नहीं है। लेकिन क्योंकि मैं एक डॉक्टर हूं तो मैं चाहता हूं कि इस समय में लोगों की मदद कर सकूं।” उन्होंने बरगामो में अपने एक साथी डॉक्टर से इस पर बात की। इटली में बरगामो उन शहरों में से एक है जो इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है।
डेटा से पता चलता है- पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस महामारी से कम प्रभावित रही हैं
एंड्रिया बताते हैं, "मुझे मरीजों का डेटा इकट्ठा करने और स्टडी करने का काम मिला। और अब जब मैं यह कर रहा हूं तो कई सवाल सामने आए हैं। जैसे- यह पता नहीं चल पा रहा है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं और बच्चे इस महामारी से कम प्रभावित कैसेहैं?पुरुषों के मामले में यह वायरस इतना तेजी से प्रभावित करता है कि कुछ ही दिनों में शख्स की मौत हो जाती है।"
एंड्रिया अपना बहुत सारा समय फेसबुक पर भी बिताते हैं। उन्होंने एक पेज बनाया है, जहां पूरे इटली के डॉक्टर्स इस महामारी से जुड़े जरूरी फैक्ट्स और जानकारियां साझा करते हैं ताकि इससे निपटने में कुछ मदद मिल सके। एंड्रिया बताते हैं, "मैं रात के 4 बजे तक कोरोनावायरस को ठीक से समझ पाने के लिए डॉक्टरों की कमेंट पढ़ते रहताहूं। यहां कई साथी हैं, जो मदद के लिए लगातार आगे आ रहे हैं। हॉस्पिटलों में बहुत ज्यादा डर है, लेकिन इन सब के बीच एक सकारात्मक वातावरण में काम करना बहुत जरूरी है।"
हॉस्पिटलों में बाकी इलाज के लिए भी तरीके बदल गए हैं
कोरोनावायरस के कारण बाकी इलाज में भी तरीके बदल गएहैं। जैसे- प्रसव के दौरान होने वाले ऑपरेशन। मिकोल (35) दो बच्चों की मां हैं और फिलहाल प्रेग्नेंट हैं। वे कहती हैं, "एक साथ लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। ऐसे में महिलाएं गर्भ के दौरान सावधानियां और सतर्कता बरतने की क्लासेस अटेंड नहीं कर पा रही हैं। जो पहली बार प्रेग्नेंट हैं, उनके लिये यह थोड़ा परेशानीभरा है।"
वे बताती हैं कि"रेग्युलर चेक-अप बंद हैं। हॉस्पिटल में घुसने से पहले आपको एक डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करना होता है कि आप पिछले 15 दिनों से किसी कोरोनावायरस संक्रमित के संपर्क में नहीं आए हैं और आपमें कोरोना के कोई लक्षणनहीं हैं। जब आप बच्चे को जन्म देने वाली होती हैं तो सिर्फ पति ही आपके साथ हॉस्पिटल आ सकते हैं, वो भी तब जब वह पूरी तरह ठीक हों। अगर आपको थोड़ी भी सर्दी-खासी हो तो आपको प्रसव के दौरान ही हॉस्पिटल में एडमिट किया जाएगा। लेकिन अगर आपको सांस लेने में भी थोड़ी समस्या आ रही हैऔर कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो ऐसी महिलाओं को अलग वार्ड में भेजा जाता है। हाल ही के दिनों में कोरोना संक्रमित कई महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया है। किस्मत से वे सभी स्वस्थ हैं।"
90 देशों में लॉकडाउन है और आधी आबादी (450 करोड़ लोग) घरों में बंद हैं। यूएन के मुताबिक दुनियाभर के 180 देशों में स्कूल-कॉलेज बंद हैं। करीब दुनियाभर के 87% लोग प्रभावित हैं। दुनियाभर में लोगों को रोकने के लिए कहीं सख्त तो कहीं अजीबो-गरीब नियम बनाए गए हैं। पढ़िए इन नियमों के बारे में...
घूमने पर 4 लाख तक जुर्माना, 40 हजार पर लगा
इटली में बिना वजह बाहर निकलने पर 2.5 लाख और लोम्बार्डी में 4 लाख रु. का जुर्माना है। यहां 40 हजार पर दंड लगाया गया है। वहीं हांगकांग में क्वारेंटाइन का नियम तोड़ने पर 2.5 लाख जुर्माना या 6 माह जेल का प्रावधान है। सऊदी अरब में बीमारी छिपाने और ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने पर 1 करोड़ रु. के जुर्माने का प्रावधान किया है। यह दुनिया में सबसे अधिक है। ऑस्ट्रेलिया में कुछ जगहों पर में 23 लाख रु. जुर्माने का प्रावधान है।
जेलः रूस में 7 साल, मैक्सिको में 3 साल सजा का कानून बनाया गया
रूस की संसद ने एंटी वायरस एक्ट को मंजूरी है। क्वारेंटाइन नियम तोड़ने पर 7 साल की सजा का प्रावधान। वहीं मैक्सिको के युकाटन में बीमारी छिपाने पर 3 साल की सजा होगी।
फिलीपींसः क्वारेंटाइन का नियम तोड़ने वालों को मारने का आदेश
फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते क्वांरेंटाइन का उल्लंघन करने वालों को गोली मारने के आदेश दिए। दक्षिण अफ्रीका में बाहर निकलने वालों पर पुलिस रबर की गोली चला रही है।
पनामाः महिला-पुरुष को 1-1 दिन छोड़कर निकलने की अनुमति
यहां घर से बाहर निकलने के लिए महिला-पुरुष के लिए अलग-अलग दिन हैं। महिलाएं सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सिर्फ दो घंटे के लिए घर से बाहर निकल सकती हैं।
पेरूः कॉल सेंटर पर अफवाह फैलाने पर 45 हजार का जुर्माना
पेरू में कोरोना से बनी हॉटलाइन पर झूठी सूचना देने वाले पर 45 हजार जुर्माने की सजा का प्रवाधान किया है। वहीं तमिलनाडु में अफवाह फैलाने पर 1200 गिरफ्तारी हुई हैं।
कोलंबियाः आईडी नंबर से तय हो रहा, कौन कब बाहर निकलेगा
कोलंबिया के कुछ कस्बों में नेशनल आईडी के नंबर के आधार पर निकलने की मंजूरी है। जिनकी आईडी नंबर 0,4,7 पर खत्म होता है, वे सोमवार को निकल सकते हैं।
ऑस्ट्रिया : चेक रिपब्लिक में अब मार्केट में मास्क लगाना अनिवार्य
ऑस्ट्रिया,चेक गणराज्य, स्लोवाकिया ने सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। चेक गणराज्य सरकार ने कहा, आप भले निर्वस्त्र घूमें, मास्क जरूर लगाएं।
American health and public safety mandarins are further tightening public health protocols and social distancing norms, even as toll from the pandemic neared 7,000 in America. People are being asked to wear any kind of mask all the time. Some officials have gone so far as to recommend that families practice social distancing even within the confines of their homes.
ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 कीदो वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है। इसमें एक वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है। दूसरी अमेरिकी कंपनी इनोविओ फार्मास्युटिकल्स ने तैयार की है। वैक्सीन का पहले जानवरों पर परीक्षण किया जाएगा। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) का कहना है कि वैक्सीन का पहला परीक्षण पूरी तरह से जानवरों पर आजमाया गया प्री-क्लिनिकल ट्रायल होगा। सीएसआईआरओ ने कहा है कि उसने जिलॉन्ग में ऑस्ट्रेलियन हेल्थ लेबोरेटरी (एएएचएल) में परीक्षण के पहले चरण की शुरुआत की है।
परीक्षण में तीन महीने लगेंगे
परीक्षणमें तीन महीने लगेंंगे। यह परीक्षण पहले फेर्रेट (गंधबिलाव- नेवले की प्रजाति का जानवर) पर किया जाएगा। ताकि पता चल सके कि दोनों टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं या नहीं। सीएसआईआरओ के मुख्य कार्यकारी लैरी मार्शल ने कहा कि शोधकर्ता इस बीमारी से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। सीएसआईआरओ जनवरी से ही वैक्सीनबनाने वाले एक वैश्विक संगठन ‘कोलेशन फॉर इपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशंस (सीईपीआई)’ के साथ मिलकर काम कर रहा है।
पूरी प्रक्रिया होने में 18 महीने लगेंगे
वैज्ञानिकों का कहना है कि जानवरों पर होने वाले परीक्षण के नतीजे जून की शुरुआत में आ सकते हैं। अगर यह नतीजे सही और मानकों पर सही उतरे तो तो वैक्सीन को क्लीनिकल ट्रायल के लिए भेजा जा सकता है। इसके बाद फिर रिजल्टस चेक किए जाएंगे। सभी मापदंडों पर खरा उतरने केे बाद इनको बाजार में लाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। हालांकि, इसमें लगभग 18 महीने यानी डेढ़ साल लग सकता है।
Charles, who on Monday completed a week of self-isolating as he recovered from COVID-19, said via video link that he was "enormously touched" to be asked to open the new Nightingale Hospital, which was built in just nine days at the vast ExCel conference center in east London, with corridors stretching a full kilometer (just over half a mile).
Two of the most powerful people in Washington haven't spoken in five months at a time when the nation is battling its worst health crisis in a century, one that has already killed more than 6,000 Americans and put 10 million others out of work.
कोरोनावायरस के डर कीआड़ लेकर यूरोपियन देश हंगरी में लोकतंत्र का खात्मा कर दिया गया है। हंगरी की संसद ने अपने प्रधानमंत्री विक्टर ओरबन को हमेशा सत्ता में बने रहने का अधिकार दे दिया है। संसद में ओरबन की फीडेसपार्टी का दो तिहाई बहुमत मिला है। यहां कोविड-19 को लेकर एक बिल पारित किया गया, जिसके तहत प्रधानमंत्री को हमेशा सत्ता में बने रहने का अधिकार मिला है। साथ ही यहां चुनाव और जनमत संग्रह अनिश्चित समय के लिए रोक दिए गए हैं। बिल में यह नहीं बताया गया कि आपातकाल कब खत्म होगा, जिसका अर्थ है कि यह भी सरकार ही तय करेगी।
राजनीतिक टिप्पणीकार जोल्टन सिगलेडि ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि हंगरी में पिछले एक दशक से लोकतंत्र खत्म करने की तैयारी चल रही थी। महामारी के खतरे से पहले ही सरकार ने न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला करते हुए सांस्कृतिक संस्थानों को बंद करने की कोशिश की थी।सरकार ने कहा थाकि संसद के पास आपातकाल को खत्म करने का अधिकार है। इस पर आलोचकों का कहना है कि जिस संसद में विपक्ष के पास पर्याप्त मत नहीं हैं। वहां कैसे सरकार के फैसले को पलटा जा सकता है। नए कानून के तहत गलत खबर पब्लिश करने पर पत्रकार या अन्य किसी भी व्यक्ति को पांच साल तक जेल भेजने का प्रावधान है। करीब एक करोड़ की आबादी वाले हंगरी में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 623 मामले सामने आए हैं, इसमें 26 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
यूरोपियन यूनियन ने बिना नाम लिए हंगरी की निंदा की
हंगरी यूरोपियन यूनियन (ईयू) का सदस्य है और ईयू के सदस्य होने की एक शर्त होती है कि वहां पर लोकतंत्र होना जरूरी होता है। ईयू ने बिना हंगरी का नाम लिए निंदा की है। ईयू ने कहा- लोकतंत्र, आजादी और कानून का राज ईयू की नींव है। हमारे सारे सदस्य कड़ी परिस्थितियों में भी इन्हें अपनाए रखें। बता दें कि हंगरी ईयू से 2004 में जुड़ा था।
लोकतंत्र की मांग कर सत्ता में आए थे ओरबन और उसे ही खत्म कर दिया
हंगरी में हमेशा से कम्युनिज्म शासन रहा है। 1989 में विक्टर ओरबन ने लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की मांग कर बड़े प्रदर्शन और रैलियां की थीं। 1989 में ही हंगरी संसदीय लोकतंत्र बन गया। इसके नौ साल बाद 1998 में ओरबन प्रधानमंत्री बन गए। 1994 में चुनावों के दौरान ओरबन की फीडेस पार्टी को कम सीटें मिलीं तो ओरबन सत्ता में पकड़ बनाने के लिए अलग हथकंडे अपनाने लगे और अब कोरोनावायरस की आड़ में लोकतंत्र खत्म कर दिया।
कोरोनावायरस से अमेरिका अब दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 2 लाख से ज्यादा कोरोना के केस आ चुके हैं और 6 हजार 95 लोगों की मौत हो चुकी है। इस सबके बीच कई ऐसी खबरे सामने आ रही है, जो हैरान कर दे रही हैं। हाउसिंग अथॉरिटी से रिटायर हुए न्यूयॉर्क के एक कर्मचारी से कोरोना से अपनेतीन पुराने दोस्त खो चुके हैं। उनकी पूर्व पत्नी और बेटी बीमार हैं। न्यूयॉर्क के हरमोहल्ले में कोई न कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने या तो अपने किसी करीबी को खोया है या इसके संक्रमण की चपेट में है।
अमेरिका में न्यूयॉर्क कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां लोगों में कोरोना का डर महसूस किया जा सकता है।शहर में अब तक 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 52 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। हालांकि यह सिर्फ आधिकारिक आंकड़ा है। वास्तविकता इससे कहीं ज्यादा बुरी है। चीन में हुए एक केस स्टडी पर यकीन करें तो संक्रमितों की संख्या पॉजिटिव मिले लोगों से 10 गुनाज्यादा हो सकती है। ऐसे में यहां संक्रमितों की संख्या 5 लाख तक पहुंच सकती है।
स्टोरी-1:एक साथ परिवार के चार से ज्यादा लोगों को कोरोना
पार्कचेस्टर के ब्रोंक्स की रहने वाली क्वीना पार्सन के परिवार के तीन लोग कोरोना की चपेट मेंहैं। उन्हें सब से दूर रहना पड़ रहा है। पार्सन कहती हैं कि मेरा 28 साल का भतीजा और उसकी गर्लफ्रेंड बीमार है। मेरी भाभी को भीकोरोना हो गया है। उनका 18 साल का बेटा मारकस अपने दोस्तों के साथ साउथ कैरोलिना में है, जहां उसे बुखार और खांसी की समस्या हो गई है। मैं उसे कह रही हूं कि उसे कुछ नहीं बस एलर्जी है। इस सबके बावजूद में बहुत डरी हुई हूं।'
स्टोरी-2:जब बहन बीमार हुई तो पता चला कोरोना क्या है
ब्रोंक्स की रहने वाली कैट हार्पर (59) को कुछ दिन पहले तक कोरोना के बारे में ज्यादा पता नहीं था। पिछले दिनों उनके फैमिली चर्च के कुछ सदस्य बीमार होने लगे। इसके बाद उनकी बहन को खांसी होने लगी और यह ठीक भी नहीं हो रही थी। जांच कराने पर वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। उसे कुछ दिन पहले मॉन्टफोर मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया। हार्पर ने कहा कि मैं डरने लगी कि उसे दोबारा कभी नहीं देख पाऊंगी। मैंने कई बार अपनी बहन को फोन भी किया, लेकिन उसका गला इतना खराब था कि वह मुश्किल से कुछ बोल पाती थी। वह अपने आसपास बीमार लोगों को देखती थी। उसे लगता था कि उसकी हालत भी ऐसी ही हो जाएगी। लेकिन, वह ठीक होकर लौट आई।
स्टोरी-3:यह इंग्लैंड में 14वीं शताब्दी में फैलेप्लेग की तरह है
फोर्ट ग्रीन ब्रुकलिन की रहने वाली मैक्स डेबारौस कहती हैं कि, ‘‘ यह इंग्लैंड में 14 वीं शताब्दी में फैलेप्लेग की तरह है।’’ वहीं, सन्नीसाइड क्वीन्स की ऑड्रे कार्डवेल के मुताबिक, कोरोना का खतरा न सिर्फ सड़कों पर नजर आ रह है, स्क्रीन्स ओर लोगों के फेसबुक अकाउंट, ट्वीट मेंभी दिख रहा है। पुराने दोस्त किसी न किसी व्यक्तिगत नुकसान की बात बता रहे हैं। हर जगह खतरा नजर आ रहा है। हर दिन सोशल मीडिया पर कुछ नया देखने को मिलता है। इससे होने वाली बेचैनी के लिए अब मैं मेडिटेशन का सहार लेती हूं या अपने डॉगी को टहलाने निकल जाती हूं।"
British Prime Minister Boris Johnson said on Friday he was remaining in isolation with mild symptoms of the coronavirus, including a high temperature, seven days after he first tested positive.
The UN General Assembly has unanimously adopted its first resolution on the coronavirus pandemic co-sponsored by India and 187 other nations, calling for intensified global cooperation to defeat the deadly disease that is causing "severe disruption" to societies and economies.
Ministry of health services said that Pakistan's coronavirus cases jumped to 2,450 on Friday. Thirty five people have died due to the pandemic, while 126 have recovered so far. The number of cases were regularly on the rise in the country despite more than one week of partial lockdown.
Trump's physician, Sean Conley, said in a letter released by the White House that Trump was tested with a new, rapid point-of-contact test and the result came back in 15 minutes. "He is healthy and without symptoms," Conley said.