Friday, April 3, 2020

200 साल बाद रद्द हो जा सकती है हज यात्रा, उमरा पर पिछले महीने ही बैन लगा था April 03, 2020 at 07:19PM

कोविड-19 महामारी के कारण दुनियाभर के धार्मिक स्थलों को बंद किया गया है। अब इसका असर सउदी में मक्का-मदीना पर भी दिख सकता है। अधिकारियों को कहना है कि कोरोनावायरस के कारण इस साल जुलाई में होने वाली हज यात्रा रद्द की जा सकता है। इससे पहले 1798 में ऐसा किया गया था। सउदी सरकार ने मार्च की शुरुआत में उमरा(एक अन्यत तरह की हजयात्रा) को बैन कर दिया था। महामारी को रोकने के लिए सरकार ने पहले ही सभी सीमाएं सील कर दी हैं। पिछले साल यहां करीब 20 लाख लोग पहुंचे थे। अनुमान है कि सउदी को हर साल हज यात्रा से 1200 करोड़ रुपए की आमदनी होती है।

हज यात्रा का समय चंद्र कैलेंडर से तय किया जाता है। यह सालाना इस्लामिक कार्यक्रमों का प्रमुख हिस्सा है। यही कारण है कि 1918 फैले फ्लू के दौरान भी इसे रद्द नहीं किया गया था। अगर यात्रा रद्द होती है सउदी अरब के लिए यह साल घाटे का होगा। क्योंकि महामारी के कारण तेल की कीमतें पहले ही गिरी हुई हैं। ऐसे में हज यात्रा से मिलने वाला रुपया भी नहीं आएगा। सउदी अरब में कोरोनावायरस के करीब 1500 मामले सामने आए हैं। 10 लोगों की मौत हो गई। पूरे मिडिल ईस्ट में करीब 72 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हैं।

1918 फैले फ्लू के दौरान भी हज यात्रा रद्द नहीं की थी, अगर यात्रा रद्द होती है सउदी अरब के लिए यह साल घाटे का होगा। क्योंकि महामारी के कारण तेल की कीमतें पहले ही गिरी हुई हैं।

हज के लिए यात्रा अनुबंध नहीं मुस्लिम
सउदी अरब के हाजी और उमराह मंत्री मुहम्मद सालेह बिन ताहेर बैंटेन ने बुधवार को कहा, "‘सउदी अरब सरकार सभी देशों के मुसलमानों की सुरक्षा की तैयारी में है। ऐसे हम दुनियाभर के मुस्लिमों से प्रार्थना करते हैं कि जब तक हमारी ओर से स्पष्ट ना कर दिया जाए तब तक सभी के यात्रा अनुबंधों को रोक दिया जाए।’’



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पिछले साल यहां करीब 20 लाख लोग पहुंचे थे। अनुमान है कि सउदी को हर साल हज यात्रा से 1200 करोड़ रुपए की आमदनी होती है।

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