Monday, April 13, 2020
Fearful of virus return, Beijing turns into virtual fortress April 13, 2020 at 06:09PM
अमेरिका भारत को हारपून एंटी शिप मिसाइल और टॉरपीडो देगा, कीमत 11 अरब 80 करोड़ रुपए April 13, 2020 at 06:26PM
अमेरिकी सरकार ने हारपून एंटी शिप मिसाइल और टॉरपीडो को भारत के लिए बेचने की मंजूरी दी है। इसकी कीमत करीब 11 अरब 80 करोड़ 59 लाख 62 हजार 500 रुपए के करीब होगी। डिफेंस सिक्योरिटी कोऑपरेशन एजेंसी (डीएससीए) ने दो अलग-अलग रिलीज में जानकारी दी कि "स्टेट डिपार्टमेंट ने हारपून मिसाइल समेत अन्य सैन्य उपकरणों को भारत के लिए बेचने के लिए मंजूरी दे दी है।
हारपून एंटी शिप मिसाइल की कीमत करीब 7 अरब रुपए है। जबकि लाइटवेट टॉरपीडो और और तीन एमके 54 एक्सरसाइज टॉरपीडो के साथ संबंधित उपकरणों की कीमतकरीब 4 अरब 80 करोड़ रुपए है। हारपून मिसाइल एंटी शिप मिसाइल है जबकि टॉरपीडो को P-8आई विमानों से टारगेट किया जा सकता है। इनका इस्तेमाल समुद्री सुरक्षा में कारगर साबित होगा।
अमेरिकी सरकार और कंपनी इंजीनियरिंग सहायता भी देगी
डीएससीए ने मंगलवार को एक बयान में डील से संबंधित प्रमाणपत्रों को जारी करते हुए कांग्रेस को इसकी जानकारी दी। डीएससीए के मुताबिक, हारपून एयर लॉन्च मिसाइल के साथ कंटेनर, स्पेयर पार्ट, इंस्ट्रूमेंट, तकनीक जानकारी से जुड़े कागजात, ट्रेनिंग इक्विपमेंट और स्पेसिलाइज्ड असाइनमेंट एयरलिफ्ट मिशन (एसएएएम) शामिल है। अमेरिकी सरकार और कंपनी के कॉन्ट्रैक्टर, इंजीनियरिंग और दूसरी तरह की सहायता भी मुहैया कराएंगे।
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ट्रम्प बोले- बतौर राष्ट्रपति मुझे संक्रमण के चलते लगी पाबंदियां हटाने का हक, देश की अर्थव्यवस्था खोलने की भी योजना बना रहे April 13, 2020 at 06:22PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कोरोना के चलते लगी पाबंदियां हटाने की योजना बना रहा हैं। उन्होंने कहा किप्रशासन देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लानाचाहता है। मौजूदा समय में अमेरिका के 50 राज्यों ने लोगों को घरों में रहने का निर्देश दिया है। ट्रम्प से जब पूछा गया कि क्या वे राज्यों के आदेश को दरकिनार करेंगे तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें सभी फैसले लेने का पूरा अधिकार है। यह पूरी तरह से होता है, गवर्नर भी इसे जानते हें। हम राज्यों के साथ काम करने जा रहे हैं।
अमेरिका में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या स्पेन से चार गुना ज्यादा है। यह इस महामारी से होने वाली मौतों के मामले में भी दुनिया में दूसरे स्थान पर है। यहां अब तक 23 हजार 640 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, देश में संक्रमण के मामले पांच लाख 86 हजार से ज्यादा हो गए हैं। वहीं, न्यूयॉर्क में एक लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं।
पाबंदिया हटाने को लेकर क्या कहता है अमेरिकी संविधान?
अमेरिका के संविधान के मुताबिक, पब्लिक ऑर्डर और लोगों की सुरक्षा से जुड़े मामले राज्य देखेंगे। कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना को लेकर लगाई गई पाबंदियों को हटाने की जिम्मेदारी राज्यों की है। राष्ट्रपति राज्यों के कोरोना से जुड़े सार्वजनिक सुरक्षा के आदेशों को पलट नहीं सकते। ऐसे में ट्रम्प का खुद से इस पर एकतरफा फैसला करना राज्यों के अधिकारों में दखल देना होगा। वहीं, ट्रम्प ने दावा किया अमेरिकीचार्टर में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिसमें राष्ट्रपति को राज्यों से जुड़े फैसले लेने का अधिकार है। हालांकि, ट्रम्प ने यह नहीं बताया कि यह कौन से चार्टर हैं।
कई राज्यों में पाबंदिया हटाने की कवायद तेज
अमेरिका के कई राज्यों ने पॉजिटिव मामले और मौतों की संख्या कम होने का दावा किया है। इन राज्यों ने ट्रम्प प्रशासन से चर्चा किए बिना पाबंदियां हटाने की कवायद तेज कर दी है। न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, रोड आईलैंड, कनेक्टिकट, डेलावेयर और पेंसिलवेनिया में अधिकारियों ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा मौतें और एक लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमित मिलने के बाद भी पाबंदियां हटाने की बात कही जा रही है। न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयूक्यूमो ने सोमवार को दावा किया कि मामले कम हो रहे हैं। हम स्थिति सामान्य करने पर ध्यान दें, यही समझदारी होगी।
डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को स्वाइन फ्लू से 10 गुनाघातक बताया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) नेसोमवार को कहा कि कोरोना स्वाइन फ्लू से 10 गुनाज्यादा घातक है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेसस ने कहा कि दुनिया के कई देशों में इसके सबूत मिले हैं। हमें यह भी पता चला है कि इस महमारी को कैसे रोकना है और इसका इलाज कैसे करना है। इसकी रोकथाम के लिए लागू पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाया जाना चाहिए, लेकिन बीमारी को काबू करने पर भी ध्यान होना चाहिए। ऐसा एक बार में नहीं होगा। अगर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की क्षमता के साथ सही स्वास्थ्य उपाय लागू हों तो ही ऐसा किया जा सकता है। इसका आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य के क्षेत्र में असर हुआ है। ऐसे में महामारी से और दूसरी बीमारी से होने वाली मौतों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
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Covid-19: Virus cases about 2 million worldwide; few new hot spots April 13, 2020 at 05:12PM
अब तक एक लाख 19 हजार मौतें: महामारी के कवरेज पर भड़के ट्रम्प; सीबीएस चैनल की रिपोर्टर को झूठी बताया April 13, 2020 at 04:25PM
दुनियाभर में कोरोनावायरस से अब तक 19 लाख 24 हजार 635 संक्रमित हो चुके हैं। एक लाख 19 हजार 686 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, चार लाख 44 हजार 836 ठीक भी हुए हैं। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सोमवार को कोरोनावायरस के कवरेज को लेकर मीडिया पर भड़के नजर आए। उन्होंने सीबीएस चानल की रिपोर्टर पाउला रीड के एक सवाल पर कहा कि आप झूठी हैं और आपका पूरा कवरेज फर्जी है।
पाउला रीड ने व्हाइट हाउस टास्क फोर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से पूछा कि फरवरी महीने में कोरोना से लड़ने के लिए आपने क्या कदम उठाए। पहले ट्रम्प इस सवाल का जवाब देने से इनकार करते रहे, लेकिन अंत में भड़क गए।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 5 लाख 86 हजार 941 | 23 हजार 640 | 36 हजार 948 |
स्पेन | 1 लाख 70 हजार 099 | 17 हजार 756 | 64 हजार 727 |
इटली | 1 लाख 59 हजार 516 | 20 हजार 465 | 35 हजार 435 |
फ्रांस | 1 लाख 36 हजार 779 | 14 हजार 967 | 27 हजार 718 |
जर्मनी | 1 लाख 30 हजार 072 | 3 हजार 194 | 64 हजार 300 |
ब्रिटेन | 88 हजार 621 | 11 हजार 329 | उपलब्ध नहीं |
चीन | 82 हजार 249 | 3 हजार 341 | 77 हजार 738 |
ईरान | 73 हजार 303 | 4 हजार 585 | 45 हजार 983 |
तुर्की | 61हजार 049 | 1 हजार 296 | 3 हजार 957 |
बेल्जियम | 30 हजार 589 | 3 हजार 903 | 6 हजार 707 |
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अमेरिका: न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा मौतें
अमेरिका में कोरोनावायरस से अब तक 23 हजार 640 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें केवल न्यूयॉर्क में 10 हजार से ज्यादा जान गई है। वहीं, देश में संक्रमण के मामले पांच लाख 86 हजार से ज्यादा हो गए हैं। वहीं, न्यूयॉर्क में एक लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। अमेरिका में सोमवार को 1,535 लोगों की मौत हुई, जबकि संक्रमण के 26 हजार 641 नए मामले सामने आए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा:
- पिछले कुछ दिनों में देश में नए मामलों में कमी आई है। इसकी जानकारी न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, मिशिगन और लुइसियाना जैसे इस कोरोना के हॉटस्पॉट में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या से मिली है।
- उन्होंने कहा- ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अमेरिकी गाइडलाइंस का पालन कर रहे हैं। पहले एक लाख से ज्यादा मौत की बात कही जा रही थी, लेकिन यह संख्या कम ही रहेगी।
डॉ. फौसी ने कहा:
- फौसी ने भी ट्रम्प के बयान का समर्थन किया और कहा कि संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है।
- उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को उन्होंने एक इंटव्यू में कहा था कि पहले से तैयारी की गई होती तो इतनी मौतें नहीं हुई होती, इसमें शब्दों का चयन सही नहीं था।
ब्रिटेन: सात मई तक लॉकडाउन
कोरोना की रोकथाम के लिए ब्रिटेन में लागू लॉकडाउन की अवधि सात मई तक बढ़ाई जाएगी। टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के विदेश मंत्री औरमौजूदाकार्यवाहक प्रधानमंत्री डोमिनिक रॉब गुरुवार को इसकी घोषणा करेंगे।डोमिनिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉन के अस्वस्थ होने के कारण कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जॉनसन कोरोनासंक्रमित थे और हाल ही में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली है। जॉनसन संक्रमण के प्रसार को देखते हुए 23 मार्च को सोशल डिस्टेंसिंग समेत कई एहतियाती कदम उठाए जाने की घोषणा की थी। इस समय में ब्रिटेन में जरूरी सामानों की खरीदारी, मेडिकल अप्वाइंटेंट, काम और व्ययाम करने के लिए एक घर से सिर्फ एक ही व्यक्ति एक दिन में बाहर निकल सकता है। यहां सोमवार को 717 लोगों की मौत हुई, जबकि चार हजार 342 नए मामले सामने आए।
ब्राजील: 23 हजार 430 लोग संक्रमित
ब्राजील में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 23,430 हो गई है। वहीं 1,328 लोगों ने इसके कारण जान गंवाई है। ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 24 घंटे के दौरान कोरोना से 1,261 नए मामले सामने आए हैं और इस दौरान 105 लोगों की मौत हुई है। ब्राजील के दक्षिण-पूर्वी राज्य साउपाउलो के साथ रियो डी जनेरियो, कीरा, अमाजोनस पेर्नाम्बुको और मिनास गेराइस में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार ब्राजील में इस समय प्रति 10 लाख व्यक्ति पर 111 व्यक्तिसंक्रमण की चपेट में है।
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लैंसेट की रिसर्च में दावा: लॉकडाउन हटाने में देशों ने जल्दबाजी की तो कोरोना के मामलों की बाढ़ आ जाएगी April 13, 2020 at 02:17PM
कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में अब तक 1.14 लाख लोगों की जान जा चुकी है जबकि 18 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। ऐसे में दुनिया के कई देशों में जारी लॉकडाउन को कुछ देशों ने जहां बढ़ा दिया है, वहीं कुछ देश इसे हटाने की तैयारी कर रहे हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां लॉकडाउन को पूरी तरह लागू न करके किसी राज्य या प्रांत तक ही सीमित रखा गया है।
लैंसेट जर्नल की रिसर्च रिपोर्ट में लॉकडाउन हटाने का सोचने वाले देशों को चेतावनी दी गई है कि वैक्सीन आने तक इसे नहीं हटाना चाहिए। इसमें कहा गया है कि बिना पूरी तैयारी किए प्रतिबंध हटाना नए सिरे से संक्रमण का तूफान ला सकता है। यह रिपोर्ट चीन के शोधकर्ताओं देश में आए मामलों के आधार पर तैयार की है।
कई देशों में लॉकडाउन सफल, 70% तक संक्रमण घटाने में कामयाबी मिली
- लैसेंट के मुताबिक, बिना लॉकडाउन वाली स्थिति में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन तीन लोगों को संक्रमित करेगा। लॉकडाउन की वजह से इस दर में 60-70 % गिरावट आ रही है।
- रिसर्च में कहा गया है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग खत्म करते हैं, तो वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोई और उपाय करने होंगे।
- कई देशों में लॉकडाउन का प्रयोग सफल रहा है। 70% से ज्यादा तक संक्रमण को कम करने में कामयाबी मिली है।
- चीन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, लॉकडाउन हटाया तो इन्फेक्शन के लिए ज्यादा सतर्क होना पड़ेगा और वैक्सीन ना आने तक कई इलाकों को नियंत्रण में रखना होगा।
- हांगकांग के शोधकर्ताओं का मानना है कि चीन ने सख्ती से संक्रमण की पहली लहर को तो काबू में कर लियापर अब दूसरी लहर का खतरा पैदा हो गया है। यह बड़ी चिंता है।
- डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है कि प्रतिबंधों को जल्दबाजी में हटाने के परिणाम घातक हो सकते हैं।
लॉकडाउन हटाया तो
चीन ने वुहान में लॉकडाउन खत्म किया था। वहां हाल में कोरोना के 108 केस आए। हुबेई प्रांत में 2 मौतें भी हुई हैं। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के डॉ. एडम कुचार्सकी का कहना है कोरोना से लड़ाई लंबी चलेगी।
लॉकडाउन लगाया तो
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में लॉकडाउन नहीं होता तो 8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो सकते थे। फिलहाल 10 हजार से कम हैं।
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मदद का विज्ञान: कोरोना संकट में फंंसे लोगों की मदद करें क्योंकि दान देने से सेहत अच्छी होती है April 13, 2020 at 02:17PM
(टारा पार्कर) कोरोनावायरस के संक्रमण काल में आज हम सभी परेशान हैं, तनाव में हैं। ऐसे में विज्ञान हमें इससे निपटने का सबसे आसान तरीका बताता है। मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सबसे सरल तरीका है दूसरों की मदद करना। कई ऐसे रिसर्च हैं जो साबित करते हैं कि जब भी कोई बड़ी आपदा हो, दुनिया उससे परेशान चल रही हो तो आप किसी की मदद कीजिए। इससे आपकी खुद की सेहत अच्छी रहेगी। वॉरटन स्कूल के मनोवैज्ञानिक एडम ग्रैंट कहते हैं, ‘ऐसे कई तथ्य हैं जो बताते हैं कि चिंता की सबसे अच्छी दवा उदारता है।’
मदद करने से स्ट्रेस कम होता है
एडम मशहूर किताब ‘गिव एंड टेक: अ रेवॉल्यूशनरी एप्रोच टू सक्सेस’ के लेखक भी हैं। अध्ययन बताते हैं कि जब हम किसी की मदद करते हैं,दान देते हैं, बल्कि सिर्फ दान देने की सोचते भी हैं तो हमारे दिमाग में कुछ ऐसे केमिकल रिलीज होते हैं, जिनसे हमें अच्छा महसूस होता है। यह हमारे मस्तिष्क के उस हिस्से को सक्रिय कर देता है, जिससे भोजन संबंधी आनंद जुड़ा होता है। अध्ययन बताते हैं कि जिस दिन कोई वॉलेंटियर किसी की मदद करता है, उस दिन उसके शरीर में स्ट्रेस हर्मोन कॉर्टीसोल का स्तर कम होता है।
आप किसी को फोन कॉल करके भी मदद कर सकते हैं
हालांकि, आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें किसी की मदद दूर रहते हुए करनी है। यानी ऐसी किसी महामारी में हम अपने पारंपरिक तरीके से मदद नहीं पहुंचा सकते हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि ऐसे कई तरीके हैं, जिनसे देने वाले और लेने वाले दोनों का भला हो सकता है। इसके कई छोटे-बड़े तरीके हैं। इसमें किसी की आर्थिक मदद करने से लेकर किसी को समय देना तक काफी है। यह इतना सरल है कि ऐसे संकट के समय में आप किसी को फोन कॉल करके भी मदद कर सकते हैं, उसे कोई सलाह दे सकते हैं। बल्कि फोन पर उसकी बात सुनना भी एक जरूरी मदद हो सकती है। यह भी देखा गया है कि किसी को सलाह देना, सलाह लेने से ज्यादा फायदेमंद है।
दूसरों कीमदद करने वाले खुद अपने संकट से बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं
अमेरिका के पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय और शिकागो विश्वविद्यालय ने 2274 लोगों पर किए गए अपने अध्ययन में पाया है कि जिन मिडिल स्कूल स्टूडेंट ने अपने से छोटी उम्र के छात्रों की पढ़ाई में मदद की, उन्होंने खुद अपने होमवर्क पर भी ज्यादा समय दिया। इसी तरह जिन ज्यादा वजन वाले लोगों ने दूसरों को वजन कम करने की सलाह दी, वे खुद वजन कम करने के लिए ज्यादा प्रेरित नजर आए। कई स्टडी में यह भी साबित हुआ है कि जब हम किसी के प्रति जिम्मेदारी का रवैया रखते हैं, तो हम खुद के सामने आने वाली चुनौतियों से बेहतर तरह से निपट सकते हैं।
रटगर्स यूनिवर्सिटी की सोशल वर्क की प्रोफेसर एमिली ए ग्रीनफील्ड ने ‘फेल्ट ऑब्लीगेशन’ नाम के कॉन्सेप्ट का अध्ययन किया है। इसमें ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जैसे- क्या आपका मित्र संकट में है तो आप उसकी आर्थिक मदद करना अपना दायित्व समझते हैं? करीब 849 लोगों के डेटा का अध्ययन करने पर पता चला कि जो लोग दूसरों की मदद करते हैं वे खुद अपने जीवन में आए संकट से बेहतर तरीके से निपटते हैं।
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चीन के बाद यूरोप के 9 देश धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाएंगे; ईरान में दो तिहाई सरकारी कर्मचारी काम पर लौटे April 13, 2020 at 02:17PM
नई दिल्ली. देश में जारी लॉकडाउन के मंगलवार को 21 दिन पूरे हो गए। भारत से पहले दुनिया के कुछ और देशों ने भी अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए लॉकडाउन को खत्म करने या इसमें कुछ ढील देने का ऐलान किया है। इन देशों ने कुछ सावधानियां बरतते हुए पब्लिक ट्रांसपोर्ट, थियेटर, सुपर मार्केट आदि खोले जा रहे हैं। इनमें चीन, ईरान, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, चेक रिपब्लिक, नार्वे जैसे देश भी हैं। इन देशों में अब लॉकडाउन में ढील के फायदे और नुकसान भी सामने आने लगे हैं।
जिन देशों में लॉकडाउन में ढील का ऐलान किया गयाहै या इसेखत्म करने की तैयारी चल रही
- चीन: लॉकडाउन के खुलने के बाद आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का नियम लागू
चीन में तकरीबन ढाई महीने तक चले लॉकडाउन के खुलने के बाद आम जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। बीजिंग में लोग अपने काम पर जाने की इजाजत दी गई है, हालांकि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को मानने के लिए भी कहा गया है। चीन का वुहान जहां से कोरोनावायरस फैलना शुरू हुआ था, वहां भी लॉकडाउन खोल दिया गया है, जिसके बाद लोग पार्कों में सैर करते नजर आ रहे हैं। चीन में बड़ी संख्या में स्कूल खुल चुके हैं। बच्चे मास्क पहनकर आते हैं। कक्षाओं में जाने के लिए तय रास्ते बनाए गए हैं, ताकि गैलरी में बच्चों की भीड़ न हो। कई स्कूलों में मुफ्त मास्क बांटे जा रहे हैं और एक क्लास में 30 से ज्यादा बच्चे नहीं बैठ रहे हैं। दिन में तीन बार बच्चों का तापमान नोट जा रहा है। हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद चीन से पहली बार बुरी खबर भी आई है। सोमवार को चीन में 108 नए कोरोना केस आए और 2 लोगों की जान गई। यह एक महीने सबसे खराब आंकड़ा है।
- अमेरिका: पूर्ण लॉकडाउन नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करने व घरों में रहने की एडवाइजरी, सुपर मार्केट खुले हैं
अमेरिका में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा 5.60 लाख केस आए हैं। जबकि 22 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके बावजूद अमेरिका में पूर्ण लॉकडाउन नहीं घोषित किया गया है। लोगों को सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग मेनेटेन करने और ज्यादा से ज्यादा घरों में रहने को कहा गया है। हालांकि ज्यादातर राज्य सरकारों ने खुद से लॉकडाउन जरूर लगाए हुए हैं। ऐसे में अमेरिका में वॉलमार्ट ने अपने कैश काउंटर्स पर ‘स्नीज गार्ड्स’ लगाए हैं, जो कर्मचारियों को ग्राहकों की छींक से बचाते हैं। टार्गेट ने तीन हफ्तों के लिए सामान रिटर्न या एक्सचेंज करना बंद कर दिया है। लगभग सभी चेन्स ग्राहकों की संख्या सीमित करने के लिए कदम उठा रही हैं।
- हांगकांग: रोबोट से ट्रेन की सफाई, बीच खुले, रेस कोर्स में लोगों के आने पर पाबंदी, पर खेल प्रतियोगिताएं जारी
सोमवार को हांगकांग के क्राउड रीपल्स बीच पर बड़ी तादाद में लोग मौसम का मजा लेते दिखे। इस पर हांगकांग के अधिकारियों ने कहा है कि चीन ने लॉकडाउन को खोलना शुरू किया है, इससे उनके देश में संक्रमण के ताजा मामले आ सकते हैं। इसलिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना वायरस के कारण हांगकांग के शा टिन रेस कोर्स में लोगों के आने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन यहां हो रही प्रतियोगिताओं पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। 12 अप्रैल को यहां ताई कोक सुई हैंडिकैप भी रेस हुई। हांगकांग में ट्रेनों की सफाई के लिए रोबोट तैनात किए गए हैं।
- ईरान: तेहरान को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस सेंटर्स खुले, लेकिन अभी भी रोज 1000नए केस आ रहे
ईरान में शनिवार से राजधानी तेहरान को छोड़कर देश में छोटे बिजनेस सेंटर्स को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले दो तिहाई कर्मचारी लौट आए हैं। यहां अब तक संक्रमण के 71,686 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही 4,474 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां अभी रोजाना कोराना के एक हजार केस आ रहे हैं और औसतन 100 लोगों की जान जा रही है।
- स्पेन: एक महीने से जारी पाबंदियों में ढील देने की तैयारी, ताकि रोजगार संकट दूर हो, पर अभी मौतें जारी
कोरोना महामारी के कारण 17,400 मौतें देख चुका स्पेन लॉकडाउन के एक महीने बाद पाबंदियों में ढील देने की तैयारी कर रहा है। यहां कुछ दिनों से कोरोना से होने वाली मौतों में कमी आई है। केस भी कमी आई है। रविवार को कोरोना के 3800 नए केस आए थे। अब तक 1.69 लाख केस आए हैं। कोरोना से अमेरिका के बाद स्पेन सबसे अधिक प्रभावित देश है। लॉकडाउन से स्पेन की अर्थव्यवस्था एक तरह से रुक गई है, जिसे सरकार गति देने की कोशिश कर रही है। ताकि रोजगार संकट को दूर किया जा सके।
- डेनमार्क: अब सिर्फ स्कूल खोलने की तैयारी, सिनेमाघर, शॉपिंग सेंटर बंद रहेंगे, देश की सीमाएं भी सील रहेंगी
डेनमार्क में 15 अप्रैल से स्कूल खोलने की तैयारी है, लेकिन यहां अभी कड़े प्रतिबंध लागू रहेंगे। 10 मई तक 10 से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होने पर रोक रहेगी। सभी चर्च, सिनेमाघर और शॉपिंग सेंटर भी बंद रहेंगे। अगस्त तक सभी त्योहार और बड़े समारोह बंद रहेंगे। प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा कि डेनमार्क की सीमाएं भी सील रहेंगी। 58 लाख की आबादी वाला डेनमार्क पहला यूरोपीय देश है, जिसने 13 मार्च को अपनी सीमाएं सील की थीं। यहां अब तक संक्रमण के 6,174 मामले आए हैं और 273 लोगों की मौत हो चुकी है।
- चेक रिपब्लिक: हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर खुलेंगे, एक जगह पर दो लोगों के इकट्ठा होने पर रोक
चेक रिपब्लिक ने 12 मार्च को यात्रा पर प्रतिबंध, बड़े समारोह और गैर-आवश्यक व्यवसायों को बंद कर दिया था। अब सरकार ने कहा है कि इस हफ्ते से कई प्रतिबंधों में ढील दी है। मंगलवार से लोगों को मास्क लगाकर अकेले एक्सरसाइज करने की अनुमति मिल जाएगी। एक जगह पर दो लोगों के इकट्ठा होने पर रोक जारी रहेगी। हार्डवेयर स्टोर, रिपेयरिंग सेंटर जैसी दुकानें भी गुरुवार से फिर से खुल जाएंगी। चेक रिपब्लिक से बहुत जरूरत होने पर जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही एथलीटों को प्रैक्टिस करने की भी अनुमति दी जाएगी। यहां कोरोना 5,991 केस आए हैं। 139 लोगों की जान गई है।
- ऑस्ट्रिया: एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी, पर चेतावनी-अभी खतरा टला नहीं है
ऑस्ट्रिया में ईस्टर के बाद से छोटी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। यहां भी सबसे पहले हार्डवेयर और रिपेयरिंग सेंटर खोलने की अनुमति दी गई है। यहां एक मई से सभी दुकानें, शॉपिंग सेंटर, हेयरड्रेसर की दुकानें खुल जाएंगी। मई के मध्य से सभी रेस्टोरेंट और होटल भी खुल जाएंगे। इसके साथ ही यहां यह चेतावनी भी जारी की गई है कि कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है। बताया गया कि सिंगापुर में कोरोनावायरस का दूसरा अटैक हुआ है, इसलिए यह सोचना कि ‘खतरा टल गया है’ गलत है। अब तक यहां संक्रमितों की संख्या 13,977 है। 368 लोगों ने इस वायरस से अपनी जान भी गंवाई है।
- नार्वे: यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे, इसके बाद एक से चार तक के स्कूल शुरू होंगे
नॉर्वे ने लॉकडाउन खोलने में एक अलग पैटर्न अपनाया है। यहां सबसे पहले किंडरगार्टन खुलेंगे। प्रधानमंत्री एर्ना सोलबर्ग ने कहा कि किंडरगार्टन खुलने के एक सप्ताह बाद, क्लास एक से चार तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। हम चाह रहे हैं कि किसी तरह सभी बच्चे गर्मी से पहले स्कूलों में आ जाएं। हमें धीरे-धीरे कदम बढ़ाने होंगे।’ यहां मई तक अन्य संस्थानों को खोलने की अनुमति मिलेगी। यहां सक्रमण के 6,525 मामले आए हैं और 128 लोगों की मौत हो चुकी है।
- जर्मनी: सांइटिफिक रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन हटाने की घोषणा की जाएगी, 40% आईसीयू बेड खाली हो गए हैं
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने गुरुवार को कहा कि देश में कैसे और कब लॉकडाउन हटाना है? ये एक साइंटिफिक रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा, जो इस हफ्ते पब्लिश होनी है। स्वास्थ्य मंत्री जेन्स स्पान ने बताया कि जर्मनी में रोज एक लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। यहां 40 फीसदी आईसीयू बेड खाली हो चुके हैं। यहां पर संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। लेकिन, स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में अभी बहुत समय लगेगा। जर्मनी में अब तक 127,854 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 3,022 लोगों की मौत हो चुकी है।
- स्विट्जरलैंड: 26 मई तक सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा, इसके बाद ढील देने पर हो रहा विचार
स्विट्डरलैंड में भी लॉकडाउन से बाहर निकलने पर विचार हो रहा है। यहां 26 अप्रैल तक सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है। सरकार ने संकेत दिया है कि इस महीने के आखिर तक कई प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। स्कूल और सीमाएं खोल दी जाएंगीं। यहां संक्रमित लोगों की संख्या 25,449है। इसके साथ ही 1115 लोगों की मौत हो चुकी है।
- आयरलैंड: थियेटर्स में दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा, हर शो के सिर्फ 50% टिकट ही बिक रहे
आयरलैंड में कई थियेटर्स में फिल्म देखने वालों को बीच में एक सीट छोड़कर बैठने को कहा जा रहा है। टिकटों की बिक्री भी इसे आधार बनाकर कम कर दी गई है। अमेरिका की सबसे बड़ी सिनेमा चेन्स एमसी थियेटर्स और रीगल सिनेमास हर शो के 50 फीसदी टिकट ही बेच रहे हैं। कई देशों में फिल्म शोज के बीच लंबा गैप रखा जा रहा है, ताकि हर शो के बाद थियेटर साफ करने का पर्याप्त समय मिले। यूरोप में ड्राइव इन थियेटर्स बढ़े हैं, जहां कार में बैठकर खुले मैदान में लगे बड़े पर्दे पर फिल्म देखी जा रही हैं।
एक्सपर्ट्स क्या कह रहेहैं-
डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर डॉ. क्लूज कहते हैं- लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है
लॉकडाउन हटाने या ढील देने की स्थिति में दूसरे देशों को यह जरूर देखना चाहिए कि ऐसा करने वाले देशों से क्या-क्या सीखा जा सकता है? ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. पीटर ड्रोबैक के मुताबिक, इन देशों से लॉकडाउन हटाना कई देशों के लिए उदाहरण बन सकता है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हंस क्लूज ने कहा कि लॉकडाउन में राहत देने से खतरा बढ़ सकता है। दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में 7 यूरोप के ही हैं। इसके साथ ही लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि जब तक इसकी वैक्सीन नहीं बन जाती है। तब तक कहीं भी लॉकडाउन पूरी तरह से नहीं हटाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन हटाने से पहले तीन बातें सुनिश्चित कर लेनी चाहिए-
- पहली- देश में संक्रमण के मामलों मे कमी होनी चाहिए।
- दूसरी- देश का हेल्थ केयर सिस्टम सही होना चाहिए।
- तीसरी- देश में बड़ी मात्रा में टेस्टिंग और स्क्रीनिंग होनी चाहिए।
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Covid-19 is 10 times more deadly than swine flu: WHO April 13, 2020 at 06:16AM
फिर से मंडराया संक्रमण फैलने का खतरा, हेइलोंगजियांग प्रांत के सुइफेन्हे शहर में लॉकडाउन जैसे हालात April 13, 2020 at 05:53AM
चीन में कोरोनावायरस के दूसरे अटैक का खतरा सता रहा है। अब यहां रूस के साथ सटे उत्तरी प्रांत हेइलोंगजियांग में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। ज्यादातर संक्रमित ऐसे चीनी नागरिक हैं, जो दूसरे देशों से आए हैं। हेइलोंगजियांग प्रांत केसुइफेन्हे शहर में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। हाल ही में आठ अप्रैल को वायरस का एपिसेंटर रहे वुहान से लॉकडाउन हटाया गया है, लेकिन अब फिर सेसुइफेन्हे शहर में प्रतिबंधों का बढ़ना चिंताजनक है।
जब से चीन में लॉकडाउन हटा है बड़ी संख्या में विदेशों में फंसे चीनी नागरिक लौट रहे हैं। इनमें कई नागरिक वायरस से संक्रमित भी हैं। इससे चीन में वायरस के दोबारा से फैलने का डर सता रहा है।
बीते 5 सप्ताह में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले सामने नहीं आए
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के अनुसार, रविवार को यहां संक्रमण के 108 नए मामले सामने आए और दो लोगों की मौत हो गई। पिछले पांच हफ्तों से यहां एक दिन में इतने ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। शनिवार को यहां 99 मामले सामने आए थे जो कि शुक्रवार के 46 मामलों सेलगभग दोगुना थे।
इससे पहले पांच मार्च को एक दिन में सबसे ज्यादा 143 मामले आए थे। रविवार को आए 108 मामलों में 98 संक्रमित लोग विदेश से आए थे, यह भी एक नया रिकॉर्ड है। इन 98 में 49 हेइलोंगजियांग के सुइफेन्हे शहर से हैं।
रूस से सटा है हेइलोंगजियांग, यहीं से आते हैं संक्रमित
हेइलोंगजियांग प्रांत रूस की सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में जो चीनी नागरिक रूस में फंसे वे यहीं से आ रहे हैं।इसको देखते हुए अधिकारियों ने प्रतिबंध बढ़ा दिए हैं। हेइलोंगजियांग की राजधानी हर्बिन के साथ ही सीमावर्ती शहर सुइफेन्हे में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। यहां आने वाले सभी लोगों को 28 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जा रहा है।
इसके साथ ही कई इलाकों को (जहां कोई भी संक्रमित पाया गया है या किसी के संक्रमित होने की आशंका है) को 14 दिनों के लिए लॉक कर दिया गया है।हेइलोंगजियांग प्रांत में अब तक बाहर से आने वाले 247 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही 118 ऐसे लोग हैं जो एसिम्टोमैटिक हैं। यानि इन लोगों में लक्षण नहीं नजर आते हैं।
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लोग घर में रहें, इसलिए पुलिसकर्मियों ने काल्पनिक भूतों का वेश धारण किया; प्रशासन का दावा- तरकीब रंग लाई April 12, 2020 at 10:46PM
दुनिया के बाकी हिस्सों की तरह इंडोनेशिया ने भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है। कईलोग सलाह मानने को तैयार नहीं हैं। अब प्रशासन ने इनसे निपटने केे लिए नया तरीका अपनाया है। पुलिस और कुछ युवाओं को भूत का रूप दिया गया है। ये गांव में घूमते हैं। इनको देखकर लोग घरों में ही रहते हैं। अंधविश्वास ही सही, लेकिनयह तरकीब कामयाब होती नजर आती है।
भूत या आत्माओं को लेकर अंधविश्वास
इंडोनेशिया में भूत या आत्माओं के अस्तित्व को लेकर काफी अंधविश्वास है। वैज्ञानिक मान्यताओं के उलट यहां का एक बड़ा तबका इनमें विश्वास करताहै। जब लोगों ने घरों में रहने की अपील नहीं मानी तो पुलिस नेे इसी अंधविश्वास को हथियार की तरह इस्तेमाल किया।
जावा द्वीप में तैनाती
जावा द्वीप के गांवों मेंरात को सफेद कपड़े पहने कुछ युवा और पुलिसकर्मीभूत की तरह नजर आने लगते हैं। इनकी बाकायदा टीमें बनाई गई हैं। एक अफसर ने न्यूज एजेंसी से कहा, “हम कुछ अलग तरीके से गांव वालों को कोरोनावायरस से बचाना चाहते थे। ताकि वे खुद ही घर से बाहर निकलना बंद कर दें। हम पोकांगबनकर लोगों को घरों से बेवजह निकलने से रोक रहे हैं।” ’पोकांग को इंडोनेशियाई भूत के तौर पर देखते हैं। काल्पनिक कथाओं की तरह इसकाचेहरा बिल्कुल सफेद होता है। वो सफेद कफन में लिपटा होता है। इंडोनेशियाई लोककथाओं में पोकांग मरे हुए लोगों की आत्माएं हैं, जो शरीर से बाहर नहीं निकल पातीं।अफसरों के मुताबिक, ग्रामीण कोविड-19 के खतरे से बेखबर हैं। वे पहले की तरह ही रहना चाहते हैं। इसलिए, उनको घरों में रखने के लिए वही तरीका अपनाया गया जो वो समझते हैं। यह सफल भी रहा है।
पहले तो लोग घर में रुकने के बजाय निकलना शुरू हो गए
इंडोनेशिया में जब पहली बार ये पुलिस के बनाए भूत दिखाई दिए तो उल्टा प्रभाव पड़ा। भूतों का विचार लोगों को घरों के अंदर रखने के लिए लाया गया था, लेकिन लोग उन्हें देखने के लिए बाहर आने लगे। इसके बाद रणनीति बदली गई। लोगों को डराया जाने लगा। इसके बाद वो घरों में कैद हो गए। पहले जहां लोग जुटते थे, अब वो खाली हैं।
राष्ट्रपति लॉकडाउन के विरोध में
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने लॉकडाउन नहीं किया। इसके बजाए उन्होंने सामाजिक दूरी और स्वच्छता का ध्यान रखने की अपील की। कई गांवों में लोग खुद ही बाहर नहीं निकल रहे हैं। एशिया में चीन के बाद इंडोनेशिया की मृत्युदर सबसे ज्यादा है। यहां अब तक 4 हजार 241 मामले सामने आ चुके हैं। 373 लोगों की मौत हो चुकी है। इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, हालात ऐसे ही रहे तो मई तक एक लाख 40 हजार मौतें और 15 लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं।
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