Thursday, December 17, 2020
कोवीशील्ड वैक्सीन के दो फुल डोज काफी कारगर; पहले डेढ़ डोज के नतीजों पर सवाल उठे थे December 17, 2020 at 05:07PM
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी के कोरोना वैक्सीन (कोवीशील्ड) के दो फुल डोज बेहतर इम्यून रिस्पॉन्स दे रहे हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने गुरुवार रात यह जानकारी दी। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा- पहले हमने एक फुल और एक हाफ डोज देकर ट्रायल किया था। यानी कैंडिडेट को डेढ़ डोज दी गई थी। अब दो फुल डोज दिए गए। इनके नतीजे काफी बेहतर रहे।
करीब एक महीने पहले एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड ने वैक्सीन में मैन्युफैक्चरिंग एरर की बात मानी थी। तब वैक्सीन के तीसरे फेज के ट्रायल के परिणाम जारी किए गए थे, जिसमें अलग-अलग नतीजे सामने आए थे।
दो फुल डोज ही जरूरी
गुरुवार को जारी बयान में ऑक्सफोर्ड ने अपनी वैक्सीन पर नए सिरे से जानकारी दी। कहा- हमने अपने कैंडिडेट्स को ट्रायल के दौरान वैक्सीन के दो फुल डोज दिए। इसके अच्छे नतीजे सामने आए। इसके पहले हमने एक फुल और एक हाफ डोज दिया था। इसकी तुलना में दो फुल डोज काफी कारगर साबित हुए।
कंपनी का ताजा बयान ऐसे वक्त सामने आया है जबकि पिछले दिनों उसने खुद अलग-अलग रिजल्ट्स की बात मानी थी। तब एक्सपर्ट्स ने इसके डेटा एनालिसिस पर भी सवाल उठाए थे। नए बयान में ऑक्सफोर्ड ने माना है कि वैक्सीन के रिजल्ट्स की पुष्टि के लिए अभी और काम किए जाने की जरूरत है।
तीन चरणों की डीटेल्स जारी
ऑक्सफोर्ड ने एक महीने में दूसरी बार फेज 1 से फेज 3 के ट्रायल रिजल्ट्स जारी किए। हालांकि, इसमें पहले दिए गए डेढ़ डोज का रेफरेंस नहीं दिया गया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि डेढ़ डोज दिए जाने वाले ट्रायल्स पहले से तय नहीं थे। अब ऑक्सफोर्ड का जोर अपनी वैक्सीन के दो फुल डोज दिए जाने पर ही है। उसका कहना है कि डेढ़ और दो डोज का प्रयोग करना उसकी रणनीति का हिस्सा था। इसी पर पहले सवाल उठ चुके हैं, क्योंकि डोज में फर्क से रिजल्ट्स में फर्क आना भी स्वाभाविक है।
ऑक्सफोर्ड ने कहा- बूस्टर डोज दिए जाने के बाद जो नतीजे मिले उससे साफ हो गया कि सिंगल डोज के मुकाबले एंटीबॉडी तेजी से बनती हैं। स्टैंडर्ड डोज का इस्तेमाल ही किया जाना चाहिए।
पहले इसलिए उठे थे सवाल
ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका ने 23 नवंबर को बयान जारी कर बताया था कि यूके और ब्राजील में किए गए परीक्षणों में वैक्सीन (AZD1222) काफी असरदार पाई गई। आधी डोज दिए जाने पर वैक्सीन 90% तक इफेक्टिव मिली। इसके बाद दूसरे महीने में फुल डोज दिए जाने पर 62% असरदार देखी गई। इसके एक महीने बाद दो फुल डोज देने पर वैक्सीन का असर 70% देखा गया। भारत में यह वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है।
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Africa confronts a second wave of Covid-19 December 17, 2020 at 05:03PM
Turkey's jailed rights leader Kavala faces new trial December 17, 2020 at 04:51PM
शेयर ट्रेडिंग को बना दिया गेम, नौसिखिए निवेशकों के पैसे डूबे तो नियामक ने रॉबिनहुड के खिलाफ दर्ज की शिकायत December 17, 2020 at 04:27PM
(एनी मास्सा, माइकल मैक्डोनाल्ड). कहते हैं कि शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना बच्चों का खेल नहीं है। लेकिन अमेरिका की एक नई ब्रोकरेज फर्म रॉबिनहुड ने इसे सचमुच बच्चों का खेल बना दिया। इससे बड़ी संख्या में लोग ट्रेडिंग के प्रति आकर्षित हुए और कई नौसिखिए निवेशकों का पैसा जोखिम में पड़ गया।
निवेशकों को नुकसान की शिकायत के बाद अमेरिका के मैसाचुसेट्स में अमेरिकी शेयर बाजार नियामक ने रॉबिन हुड फाइनेंशियल एलएलसी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की है। रॉबिनहुड पर आरोप है कि उसने नौसिखिए निवेशकों को लुभाने के लिए आक्रामक मार्केटिंग की और उन्हें नुकसान से बचाने के लिए व्यवस्था बनाने में विफल रही।
इस शिकायत में उन रणनीतियों पर फोकस किया गया है, जो रॉबिनहुड ने उपभोक्ताओं को जोड़े रखने के लिए इस्तेमाल की थीं। आरोप लगाया गया है कि उसने तथाकथित “गेमिफिकेशन” के माध्यम से निवेशकों को प्लेटफार्म का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। शिकायत के मुताबिक बगैर कोई निवेश अनुभव वाले एक रॉबिनहु़ड ग्राहक ने महज छह माह के दौरान 12,700 से ज्यादा ट्रेड कर दिए।
कॉमनवेल्थ के सेक्रेटरी विलियम गैल्विन के कार्यालय से की गई 23 पन्नों की प्रशासनिक शिकायत के अनुसार “रॉबिनहुड विश्वसनीय मानकों के पालन में विफल रही, जो ब्रोकर और डीलर्स को ग्राहक के हित में काम करना आवश्यक बनाते हैं। गैल्विन ने कहा ‘एक ब्रोकर-डीलर के रूप में अपने ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा करना रॉबिनहुड का कर्तव्य था। इसे एक गेम की तरह लेना और युवा एवं और अनुभवहीन ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा ट्रेड करने के लिए लुभाना अनैतिक है।’
भारतीय और बुल्गेरियन मूल के प्रमोटर्स की है कंपनी
बुल्गेरियन व्लादिमीर तेनेव और भारतीय मूल के बायजू भट्ट द्वारा स्थापित रॉबिनहुड की लोकप्रियता इस साल काफी बढ़ी है। इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या 1.3 करोड़ से भी ज्यादा हो गई है। इसमें से 30 लाख से ज्यादा यूजर्स 2020 के शुरुआती 4 महीनों में जुड़े हैं। रॉबिनहुड पहले से ही संघीय नियामकों की जांच का सामना कर रही है। सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने ग्राहकों की शिकायतों के आधार पर कंपनी की मार्च में की गई कटौतियों की हैंडलिंग की जांच भी शुरू की है।
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कोलंबिया में अगस्त के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित, US प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन की रिपोर्ट निगेटिव December 17, 2020 at 04:13PM
दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.52 करोड़ के ज्यादा हो गया। 5 करोड़ 28 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 16 लाख 67 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका और जर्मनी के बाद कोलंबिया में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसकी वजह छुट्टियों के दौरान लोगों का प्रतिबंधों को नजरअंदाज करना माना जा रहा है। गुरुवार को यहां 12 हजार से ज्यादा केस सामने आए।
राष्ट्रपति ने चेतावनी दी
कोलंबिया में गुरुवार को कुल 12 हजार 196 केस सामने आए। इसके पहले अगस्त में एक दिन में 13 हजार 55 मामले सामने आए थे। यहां अब तक कुल 14 लाख 68 हजार 795 मामले सामने आ चुके हैं। इसी दौरान 39 हजार 787 लोगों की मौत भी हुई है। राष्ट्रपति इवान डुके ने गुरुवार को हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसरों के साथ मीटिंग की। इसके बाद जारी बयान में लोगों को चेतावनी दी। कहा- फेस्टिव सीजन में संयम बरतें, क्योंकि संक्रमण कम होने की बजाए तेजी से फैल रहा है।
कोलंबिया सरकार का कहना है कि जनवरी 2021 के पहले वैक्सीनेशन शुरू होना मुश्किल है। हालांकि, सरकार इसके लिए सभी तैयारियां कर चुकी है। दक्षिण अमेरिकी देशों ब्राजील के अलावा कोलंबिया ही सबसे ज्यादा प्रभावित है।
बाइडेन को राहत
अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन की टेस्ट रिपोर्ट गुरुवार रात निगेटिव आई। उनके व्हाइट हाउस एडवाइजर सेड्रिक रिचमंड गुरुवार को ही पॉजिटिव पाए गए थे। वे कई दिन से बाइडेन के लगातार संपर्क में थे। बाइडेन की प्रवक्ता ने कहा- प्रेसिडेंट इलेक्ट का कोरोना टेस्ट कराया गया था। उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। उनके एडवाइजर मिस्टर रिचमंड पॉजिटिव पाए गए थे।
प्रेसिडेंट इलेक्ट अगले हफ्ते सार्वजनिक तौर पर वैक्सीनेशन कराएंगे। दूसरी तरफ, हेल्थ मिनिस्ट्री ने साफ कर दिया है कि राज्यों को भेजी जाने वाली वैक्सीन डोजेस में सोमवार से काफी तेजी आएगी।
सऊदी में वैक्सीनेशन शुरू
सऊदी अरब ने गुरुवार से अपने यहां कोरोना की वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दिया है। पहली वैक्सीन देश के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. तौफीक अल रबिह को लगाई गई। मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। देश में अब तक तीन लाख 60 हजार 516 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 6 हजार 91 जान गंवा चुके हैं।
वैक्सीन लगवाने के बाद डॉ. तौफीक ने कहा कि यह एक बड़ी समस्या के खत्म होने की शुरुआत है। उन्होंने देश के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत का ऐलान किया। अब तक अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, बहरीन और रूस अपने यहां यह ड्राइव शुरू कर चुके हैं।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 17,625,729 | 314,991 | 10,176,485 |
भारत | 9,977,834 | 144,829 | 9,520,044 |
ब्राजील | 7,111,527 | 184,876 | 6,177,702 |
रूस | 2,762,668 | 49,151 | 2,202,540 |
फ्रांस | 2,409,062 | 59,361 | 180,311 |
तुर्की | 1,955,680 | 17,364 | 1,721,607 |
ब्रिटेन | 1,913,277 | 65,520 | N/A |
इटली | 1,906,377 | 67,220 | 1,203,814 |
स्पेन | 1,782,566 | 48,596 | N/A |
अर्जेंटीना | 1,517,046 | 41,365 | 1,347,914 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
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स्वास्थ्य, शिक्षा और लाइफ स्टाइल में हमसे बेहतर हैं श्रीलंका और भूटान; महिलाओं की हालत सुधरने के लिए भारत की तारीफ December 17, 2020 at 02:43PM
स्वास्थ्य, शिक्षा और लाइफ स्टाइल के मामले में पड़ोसी देश श्रीलंका और भूटान हमने कहीं बेहतर हैं। साल 2020 के मानव विकास सूचकांक (HDI) में दुनिया के 189 देशों में भारत को 131वां स्थान मिला है। पिछले साल भारत 129वें पायदान पर था। यानि कि इस साल भारत 2 पायदान नीचे खिसक गया है। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की है। बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर को मापता है।
लिस्ट में नॉर्वे सबसे ऊपर है, इसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड हैं। वहीं, भारत के पड़ोसी श्रीलंका और चीन क्रमशः 72वें और 85वें स्थान पर हैं, जबकि, बांग्लादेश (133), म्यांमार (147), नेपाल (142), पाकिस्तान (154) और अफगानिस्तान (169) सूची में स्थान पर थे। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में भारतीयों की जीवन जीने की संभावना 69.7 साल थी, जबकि बांग्लादेश में यह 72.6 और पाकिस्तान में 67.3 साल थी।
दूसरे देशों ने बेहतर किया
UNDP के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा कि भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह मतलब नहीं कि भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका मतलब यह है कि दूसरे देशों ने बेहतर किया। नोडा ने कहा कि भारत दूसरे देशों की मदद कर सकता है।
उन्होंने कार्बन उत्सर्जन कम करने के मसले पर भारत की तारीफ की। रिपोर्ट में कहा गया कि पेरिस समझौते के तहत भारत ने कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता जताई है। हालांकि भारत में आदिवासी समुदाय के बच्चों में कुपोषण सबसे ज्यादा मिला है।
भारत में महिलाओं से हिंसा कम हुई और सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी
इस रिपोर्ट में भारत की HDI वैल्यू 0.645 रखी गई है। यह एक के जितनी निकट रहे उतनी अच्छी मानी जाती है। नॉर्वे की HDI वैल्यू 0.957 आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आर्थिक सुरक्षा, जमीन पर मालिकाना हक बढ़ने से महिलाओं की स्थिति सुधरती दिखी है। ऐसी महिलाओं से हिंसा कम हुई और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ी है।
प्रति व्यक्ति आय में भी आया फर्क
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रय शक्ति समता के आधार पर 2018 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 डॉलर थी, जो 2019 में गिरकर 6,681 डॉलर हो गई। क्रय शक्ति समता विभिन्न देशों में कीमतों का मापन है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने एडवाइजर्स से कहा- बाइडेन की शपथ वाले दिन भी व्हाइट हाउस नहीं छोड़ूंगा December 17, 2020 at 12:36AM
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सहयोगियों को बताया है कि वे 20 जनवरी को भी व्हाइट हाउस नहीं छोड़ेंगे। 20 जनवरी को ही प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। अमेरिका में इस शपथ ग्रहण समारोह को पारंपरिक तौर पर इनॉगरेशन डे कहा जाता है। बहरहाल, अगर ऐसा होता है और ट्रम्प व्हाइट हाउस छोड़ने से इनकार कर देते हैं तो देश के सामने संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
जिद जारी
CNN ने ट्रम्प की जिद के बारे में यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प ने अपने सलाहकारों से कहा है वे इनॉगरेशन डे पर भी व्हाइट हाउस नहीं छोड़ेंगे। उनकी टीम भी इस रवैये से हैरान है। एक एडवाइजर ने कहा- अब उन्हें व्हाइट हाउस छोड़ना ही होगा। व्हाइट हाउस ने ट्रम्प के बारे में आई इस खबर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
खास बात ये है कि ट्रम्प की पार्टी के कई नेता भी अब बाइडेन के लिए प्रेसिडेंट इलेक्ट शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हर जगह हार चुके हैं ट्रम्प
ट्रम्प पहले भी चुनावी में धांधली का कई बार जिक्र कर चुके हैं। उनकी कैम्पेन टीम ने देश की कई अदालतों में केस भी दायर किए हैं। सुप्रीम कोर्ट टेक्सास और पेन्सिलवेनिया में चुनावी धांधली के आरोप में दायर की गई दो अपीलें खारिज कर चुका है। 14 दिसंबर को इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग में भी साफ हो गया कि ट्रम्प हार चुके हैं। 6 जनवरी को कांग्रेस (अमेरिकी संसद के दोनों सदन) इस पर औपचारिक मुहर लगाएगी।
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French Prez Macron tests positive for Covid-19 December 16, 2020 at 11:47PM
इमरान के करीबी दोस्त इजराइल को मान्यता दिलाने में जुटे, उन्होंने गुपचुप तेल अवीव यात्रा भी की December 16, 2020 at 10:45PM
पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट आरिफ अहमद भट्टी ने आरोप लगाया है कि इजराइल को मान्यता देने के लिए इमरान खान के एक दोस्त लॉबीइंग कर रहे हैं। भट्टी के इस आरोप के बाद पाकिस्तान में कयास लग रहे हैं कि यह व्यक्ति कौन है। भट्टी का आरोप मायने रखता है। दरअसल, कुछ दिन पहले इमरान ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन पर इजराइल को मान्यता देने के लिए दबाव डाला जा रहा है। इमरान ने उस देश का नाम बताने से इनकार कर दिया था जो उन पर यह दबाव डाल रहा है।
इजराइल कौन गया
भट्टी ने एक टीवी चैनल के प्रोग्राम में कहा- मेरे पास पुख्ता जानकारी है कि प्रधानमंत्री इमरान खान का एक करीबी इस्लामाबाद में इजराइल के लिए लॉबीइंग कर रहा है। जबकि, खान खुद कह चुके हैं कि वो किसी कीमत पर इजराइल को मान्यता नहीं दे सकते। मेरे पास इससे भी बड़ी दो-तीन सूचनाएं हैं, लेकिन मैं वो टीवी पर नहीं दे सकता।
सीनियर जर्नलिस्ट नायला इनायत ने भी भट्टी के बयान का जिक्र किया है। इनायत के मुताबिक, पाकिस्तान में कयास लग रहे हैं कि इमरान की टीम का कौन सदस्य इजराइल गया था। सुना है कि इस व्यक्ति के पास किसी दूसरे देश की नागरिकता है।
किस देश का दबाव
इमरान खान ने पिछले महीने पाकिस्तान के अखबार ‘द ट्रिब्यून’ को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उनसे इजराइल को मान्यता देने पर सवाल किया गया था। तब इमरान ने कहा था- अमेरिका और एक दूसरा देश हम पर इजराइल को मान्यता देने के लिए दबाव डाल रहा है। लेकिन, हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है। पहले उन्हें फिलिस्तीन का मसला निपटाना होगा। उसे मान्यता देना होगा। तब तक हम इस बारे में कोई विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इमरान से जब यह पूछा गया कि क्या दबाव किसी मुस्लिम देश की तरफ से आ रहा है? इस पर उन्होंने कहा था- जाने दीजिए। इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहूंगा। माना जा रहा है कि इमरान यूएई और सऊदी अरब का नाम नहीं लेना चाहते थे। हम आर्थिक रूप से अपने पैरों पर खड़े होना चाहते हैं।
यूएई का मामला
यूएई और बहरीन के साथ ही सूडान भी इजराइल को मान्यता दे चुका है। माना जा रहा है कि सऊदी अरब भी जल्द इसी रास्ते पर चलेगा। यूएई और बहरीन में तो इजराइल की एम्बेसीज शुरू होने वाली हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिडिल ईस्ट में अमन बहाली के लिए अब्रॉहम अकॉर्ड नाम से एक प्लान तैयार किया है। यूएई ने पिछले दिनों पाकिस्तानियों के लिए वर्क वीजा जारी करने पर रोक लगा दी थी। इस झटके से घबराई इमरान सरकार ने गुरुवार को अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को बातचीत के लिए यूएई भेजा। हालांकि, उनकी अगवानी के लिए यूएई का कोई मंत्री या अफसर एयरपोर्ट नहीं पहुंचा।
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