स्वास्थ्य, शिक्षा और लाइफ स्टाइल के मामले में पड़ोसी देश श्रीलंका और भूटान हमने कहीं बेहतर हैं। साल 2020 के मानव विकास सूचकांक (HDI) में दुनिया के 189 देशों में भारत को 131वां स्थान मिला है। पिछले साल भारत 129वें पायदान पर था। यानि कि इस साल भारत 2 पायदान नीचे खिसक गया है। संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की है। बता दें कि मानव विकास सूचकांक किसी देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर को मापता है।
लिस्ट में नॉर्वे सबसे ऊपर है, इसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड हैं। वहीं, भारत के पड़ोसी श्रीलंका और चीन क्रमशः 72वें और 85वें स्थान पर हैं, जबकि, बांग्लादेश (133), म्यांमार (147), नेपाल (142), पाकिस्तान (154) और अफगानिस्तान (169) सूची में स्थान पर थे। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 में भारतीयों की जीवन जीने की संभावना 69.7 साल थी, जबकि बांग्लादेश में यह 72.6 और पाकिस्तान में 67.3 साल थी।
दूसरे देशों ने बेहतर किया
UNDP के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने कहा कि भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह मतलब नहीं कि भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका मतलब यह है कि दूसरे देशों ने बेहतर किया। नोडा ने कहा कि भारत दूसरे देशों की मदद कर सकता है।
उन्होंने कार्बन उत्सर्जन कम करने के मसले पर भारत की तारीफ की। रिपोर्ट में कहा गया कि पेरिस समझौते के तहत भारत ने कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता जताई है। हालांकि भारत में आदिवासी समुदाय के बच्चों में कुपोषण सबसे ज्यादा मिला है।
भारत में महिलाओं से हिंसा कम हुई और सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ी
इस रिपोर्ट में भारत की HDI वैल्यू 0.645 रखी गई है। यह एक के जितनी निकट रहे उतनी अच्छी मानी जाती है। नॉर्वे की HDI वैल्यू 0.957 आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में आर्थिक सुरक्षा, जमीन पर मालिकाना हक बढ़ने से महिलाओं की स्थिति सुधरती दिखी है। ऐसी महिलाओं से हिंसा कम हुई और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ी है।
प्रति व्यक्ति आय में भी आया फर्क
रिपोर्ट के मुताबिक, क्रय शक्ति समता के आधार पर 2018 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 डॉलर थी, जो 2019 में गिरकर 6,681 डॉलर हो गई। क्रय शक्ति समता विभिन्न देशों में कीमतों का मापन है।
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