Saturday, January 18, 2020
फेसबुक ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नाम 'शिटहोल' लिखा, गड़बड़ी सामने आने पर खेद जताया January 18, 2020 at 09:24PM
नेपिदा (म्यांमार). चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की म्यांमार यात्रा के दौरान उनके नाम का गलत अनुवाद दिखाने के लिए फेसबुक ने शनिवार को खेद जताया। बर्मीस भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद के दौरान फेसबुक के ऑटोमेटिक ट्रांसलेशन फीचर ने शी जिनपिंग को 'मिस्टर शिटहोल' लिख दिया था। जिनपिंग दो दिवसीय यात्रा पर नेपिदा पहुंचे थे।पिछले दो दशक में यह किसी चीनी राष्ट्रपति कापहलाम्यांमार दौरा था।
म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के आधिकारिक फेसबुक पेज पर ट्रांसलेशन की इस गलती ने लोगों का ध्यान खींचा। शनिवार सुबह अंग्रेजी में अनुवाद की गई पोस्ट में लिखा था, “चीन के राष्ट्रपति मिस्टर शिटहोल शाम 4 बजे म्यांमार पहुंचे।” इसके बाद अगली पोस्ट में लिखा गया, “मिस्टर शिटहोल ने संसद में गेस्ट बुक पर हस्ताक्षर किए।” इस गलती के बाद फेसबुक ने खेद जताया और इसे तकनीकी गड़बड़ी करार दिया।
फेसबुक ने तकनीकी गड़बड़ी पर माफी मांगी
फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, “हमने फेसबुक पर बर्मीस से अंग्रेजी में गलत अनुवाद के लिए जिम्मेदार तकनीकी गड़बड़ी को ठीक कर दिया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। हम सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं, ताकि इस तरह की गलती न दोबारा न हो। इस गड़बड़ी से हुई परेशानी के लिए माफी चाहते हैं।”
बर्मीस भाषा के कई शब्दों को 'शिटहोल' लिखा
फेसबुक ने कहा कि उसके बर्मीस ट्रांसलेशन डाटा में 'शी' (Xi) का नाम नहीं था। इस तरह के मामलों में फेसबुक का सिस्टम समान अर्थ वाले शब्दों का इस्तेमाल करता है। कंपनी ने जब बर्मीस में 'शी' (Si और Shi) से शुरू होने वाले कई शब्दों का परीक्षण किया, तो उन्हें भी ऑटोमेटिक ट्रांसलेशन टूल ने 'शिटहोल' लिख दिया था।
फेसबुक म्यांमार में लोकप्रिय, चीन में बैन
तकनीकी रूप से समृद्ध म्यांमार में फेसबुक काफी लोकप्रिय है। लोग खबरों, मनोरंजन और बातचीत के लिए सबसे ज्यादा फेसबुक पर ही जाते हैं। कई जगह इसे इंटरनेट का पर्याय माना जाता है। राजनेता और सरकारी एजेंसियां भी आधिकारिक बयानों और घोषणाओं के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं। दुनिया भर में करीब 200 करोड़ लोग फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि चीन में इस पर प्रतिबंध है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
IT happens: Facebook sorry for Xi Jinping's name gaffe January 18, 2020 at 08:05PM
पुतिन ने कहा- मैं अनिश्चिकाल तक राष्ट्राध्यक्ष रहने के खिलाफ; खुद 17 साल से देश के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री पद पर काबिज January 18, 2020 at 07:52PM
मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वे किसी भी नेता के असीमित समय तक के लिए राष्ट्रपति रहने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा सिस्टम सोवियत यूनियन में हुआ करता था। पुतिन का यह बयान विश्व युद्ध-2 के सैनिकों के साथ मुलाकात के दौरान आया। पुतिन खुद 16 साल से देश के राष्ट्रपति हैं। वे पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे। आठ साल तक यह पद संभालने के बाद वे 2008 से 2012 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर राष्ट्रपति पद संभाला। उनका कार्यकाल अभी 2024 तक चलेगा। यानी 21वीं सदी के शुरुआती 24 सालों में ही वे 20 साल राष्ट्रपति रहेंगे।
पुतिन ने बुधवार को ही रूस के संविधान में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि देश में राजनीतिक ताकतों का बंटवारा ज्यादा बेहतर तरीके से किया जाएगा। यह शक्तियां राष्ट्रपति से लेकर संसद, राज्य परिषद और अन्य सरकारी संस्थानों को भी दी जाएंगी। इसके बाद से ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुतिन राजनीति में अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहते हैं।
पूर्व सैनिक ने कहा- राष्ट्रपति बनने की सीमा नहीं होनी चाहिए, पुतिन बोले- यह गलत
पुतिन शनिवार को ही दूसरे विश्व युद्ध का हिस्सा रहे पूर्व सैनिकों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां एक वेटरन ने कहा कि रूस में राष्ट्रपति पद पर रहने की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए। हालांकि, इस पर पुतिन ने कहा, “यह ठीक नहीं। 1980 जैसी स्थिति में पहुंचना काफी परेशानी बढ़ाने वाला होगा। क्योंकि तब लोग अपने जीवन के अंतिम दिनों तक राज करते थे।”
संविधान में बदलाव कर कैसे फायदा पा सकते हैं पुतिन?
व्लादिमीर पुतिन के संविधान में बदलाव के ऐलान के साथ ही रूस में प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव के नेतृत्व वाले कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद पुतिन ने अपने करीबी और राजनीति में नए नाम मिखाइल वी. मिशुस्तिन को देश का प्रधानमंत्री बनाया। विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन राष्ट्रपति की ताकतें संसद और कैबिनेट को देना चाहते हैं। यानी वे सरकार को ज्यादा मजबूत बनाएंगे। इसके जरिए वे अगले कार्यकाल में राष्ट्रपति न रह कर प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
दरअसल, रूस में कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार ही राष्ट्रपति रह सकता है। पुतिन 2000 से 2008 तक राष्ट्रपति रहे थे। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद लिया। 2012 में वे एक बार फिर राष्ट्रपति बने। पहले उन्होंने राष्ट्रपति के कार्यकाल की अवधि 4 साल से बढ़ाकर 6 साल की। 2018 में हुए चुनाव में दोबारा जीत हासिल करने के बाद उनका कार्यकाल 2024 तक तय हो गया। हालांकि, 2024 में उन्हें पद छोड़ना पड़ेगा। माना जा रहा है कि पुतिन सीधे तौर पर राष्ट्रपति पद का कार्यकाल असीमित नहीं करना चाहते, बल्कि सरकार को मजबूत कर प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
हैरी-मेगन अपने नाम में शाही उपाधि का इस्तेमाल नहीं करेंगे, घर के रेनोवेशन में खर्च किए 22 करोड़ भी लौटाएंगे January 18, 2020 at 05:20PM
लंदन. ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी मेगन ने शाही उपाधि का इस्तेमाल न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही दोनों को अब राजपरिवार के लिए मिलने वाले पब्लिक फंड्स में हिस्सा नहीं मिलेगा। इसके अलावा वे किसी भी देश में महारानी एलिजाबेथ के प्रतिनिधि नहीं होंगे। महारानी के आधिकारिक महल बकिंघम पैलेस की ओर से शनिवार को यह ऐलान किया गया। इसमें बताया गया कि प्रिंस हैरी और मेगन ने अपने फ्रॉगमोर कॉटेज को रेनोवेट करने के लिए जो 24 लाख पाउंड (22 करोड़ रुपए) खर्च किए थे, वे उसे भी लौटाएंगे। यह सभी बदलाव इस साल फरवरी-मार्च से लागू होंगे।
महारानी की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया- “महीनों तक चली बातचीत और चर्चा के बाद मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने मेरे पोते (प्रिंस हैरी) और उनके परिवार के लिए रचनात्मक और सहयोग देने का रास्ता चुन लिया है। हैरी, मेगन और आर्ची हमारे परिवार के सबसे प्यारे सदस्य रहेंगे। मैं दोनों की उन चुनौतियों को भी समझती हूं, जिनकी वजह से उन्हें पिछले दो साल से लगातार मीडिया की जांच से गुजरना पड़ रहा था। हम उनके स्वतंत्र जिंदगी जीने के फैसले का समर्थन करते हैं।”
महारानी ने आगे कहा, “ड्यूक ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी और डचेज ऑफ ससेक्स मेगन अब अपने नाम के साथ ‘हिज/हररॉयल हाइनेस’ की उपाधि इस्तेमाल नहीं करेंगे।” हालांकि, महारानी के बयान में यह नहीं बताया गया कि आगे दोनों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे।”
10 दिन पहले किया था शाही पद की वरिष्ठता छोड़ने का ऐलान
हैरी और मेगन ने 10 दिन पहले ही राजपरिवार की ओर से मिली वरिष्ठता छोड़ने का ऐलान किया था। हैरी और मेगन ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई 2018 में हुई थी। तब इनकी शादी में जनता के 3.2 करोड़ पाउंड करीब (297 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे। इसके अलावा हाल ही में दोनों ने विंडसर पैलेस स्थित अपने घर के रेनोवेशन में ही 24 लाख पाउंड (करीब 22 करोड़ रु.) लगा दिए थे।
यूके और उत्तरी अमेरिका में बड़ा होगा बेटा
हैरी और मेगन ने इंस्टाग्राम पर लिखा था कि कई महीनों तक विचार करने और आपसी बातचीत के बाद हमने यह फैसला किया। उन्होंने लिखा, “यह फैसला शाही परिवार में नई परंपरा की शुरुआत होगी। हम अपना आगे का समय महारानी की सेवा में रहते हुए यूके और उत्तरी अमेरिका में बिताएंगे। हमें अपने शाही परिवार की परंपराओं की कद्र करते हुए बेटे को बड़ा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमें अपने परिवार के अगले अध्याय और नए चैरिटी शुरू करने के बारे में सोचने का मौका मिलेगा।”
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
सरकार ने आलू उद्योग के दबाव में 3 करोड़ बच्चों के नाश्ते का मेनू बदला, फल-सब्जी से ज्यादा पिज्जा और बर्गर मिलेगा January 18, 2020 at 04:53PM
वॉशिंगटन. अमेरिका की सरकार ने आलू उद्योग के दबाव में 99 हजार स्कूलों में करीब 3 करोड़ बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ते का मेनू बदल दिया है। अब बच्चों को सब्जियों और फलों से ज्यादा पिज्जा-बर्गर खाने को दिया जाएगा। इससे पहले का मेनू तत्कालीन फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा के सुझाव पर बनाया गया था। इसमें ध्यान रखा गया था कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में फल-सब्जियां मिलें। यूएसएफडीए ने शुक्रवार को ही इस बारे में आदेश जारी किए हैं। इसी दिन मिशेल ओबामा का जन्मदिन भी था। नए नियमों से बच्चों को दिए जाने वाले फलों-सब्जियों में कटौती की जा सकेगी। फूड कंपनियां इस फैसले से खुश हैं। पर न्यूट्रिशनिस्ट ने इसे गलत ठहराया है।
उनका कहना है कि इसके तहत ज्यादा स्टार्च वाले स्नैक्स दिए जाएंगे, इससे बच्चों में मोटापा बढ़ेगा। उधर, कृषि सचिव सोनी पर्ड्यू ने बयान में कहा है कि लंबे समय से स्कूल हमें बता रहे थे कि बच्चों को दिए जाने वाले नाश्ते में लचीलापन रखना जरूरी है। क्योंकि अभी जो दिया जा रहा है, इससे बहुत सारी बर्बादी होती है। बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट खाना मिले, हमने उनकी बात सुनी और इसके आधार पर बदलाव भी किए। इस फैसले के बाद माता-पिता भी विरोध में उतर आए हैं।
बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ेगी
लोगों को कहना है कि इतने बड़े बदलाव से पहले विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए थी। आजकल ज्यादातर बच्चे और किशोर वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह फैसला पूरी तरह गलत है। वरिष्ठ विश्लेषक जोनाथन बूचर का कहना है कि स्कूल का लंच और ब्रेकफास्ट प्रोग्राम लंबे समय से विवादों में रहा है। प्लेट में बढ़ती बर्बादी, वित्तीय बोझ बन जाती है। इस पर ध्यान देना चाहिए। वहीं यूएसएफडीए ने बवाल बढ़ता देख इस मामले में 21 जनवरी को नई योजना पर सलाह लेने का फैसला ले लिया है।
मिशेल की वजह से ही बच्चे सेहतमंद खाना खा रहे: विशेषज्ञ
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ऑफ पब्लिक हेल्थ की जूलियाना कोहेन का कहना है कि मिशेल ओबामा के कारण ही बच्चे सेहतमंद खाना खा रहे थे। फूड वेस्ट की समस्या तो पहले भी थी। सिर्फ नियम बदलना इसका समाधान नहीं है। सभी पक्षों को इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए और बच्चों के हित में फैसला लेना चाहिए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मैडम तुसाद म्यूजियम ने हैरी-मेगन की स्टैच्यू राजपरिवार के केबिन से बाहर की, अभी हटाई नहीं जाएंगी January 18, 2020 at 04:42PM
लंदन.ब्रिटेन के राजकुमार हैरी और उनकी पत्नी मेगन मर्केलने राजपरिवार की ओर से मिलीवरिष्ठता छोड़ने का ऐलानकिया है। इसके बाद पूरी दुनिया में उनके इस फैसले की चर्चा शुरू हो गई।दुनियाभर में अहम लोगों के मोम के पुतले रखने वाले मैडम तुसाद म्यूजियम ने प्रिंस हैरी और मेगन के स्टैच्यू को शाही परिवार से अलग कर दिया है। इससे पहले दोनों के पुतले क्वीन एलिजाबेथ, प्रिंस फिलिप, प्रिंस चार्ल्स, प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट के साथ अलग केबिन में रखे जाते थे। प्रिंस हैरी महारानी एलिजाबेथ द्वितीयके पोते हैं। ब्रिटिश राज सिंहासन के लिए वे अपने पिता प्रिंस चार्ल्स, भाई प्रिंस विलियम और उनके तीन बच्चों के बादछठे नंबर के दावेदार हैं।
हैरी और मेगनने गुरुवार को अपनी वेबसाइट और इंस्टाग्राम पर कहा कि वे शाही परिवार के 'वरिष्ठ' सदस्य के पद से अलग हो रहे हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए योजना बना रहे हैं। प्रिंस हैरी और मेगन की शादी मई2018 में हुई थी। तब इनकी शादी में जनता के 3.2 करोड़ पाउंडकरीब (297 करोड़ रुपए) खर्च हुए थे। इसके अलावा हाल ही में दोनों ने विंडसर पैलेस स्थित अपने घर के रेनोवेशन मेंही 24 लाख पाउंड(करीब 22 करोड़ रु.) लगा दिए थे।
तुसाद म्यूजियम में 250 से ज्यादा सेलिब्रिटीज के स्टैच्यू मौजूद
मैडम तुसाद म्यूजियम में इस वक्त दुनियाभर के सेलिब्रिटीज के 250 से भी ज्यादा मोम के पुतले मौजूद हैं।तुसाद म्यूजियम के मैनेजर के स्टीव डेविस के मुताबिक, “पूरी दुनिया की तरह हम भी हैरी और मेगन के इस आश्चर्यचकित करने वाले फैसले पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। वे दोनों काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में उन्हें म्यूजियम से बाहर नहीं किया जाएगा। वे यहीं रहेंगे। हालांकि, यह देखना होगा कि आगे क्या होता है।
हैरी-मेगन के फैसले से शाही परिवार नाराज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रिंस हैरी और मेगन ने इस बारे में शाही परिवार के किसी सदस्य से चर्चा नहीं की। उनके इस फैसले पर महारानी की तरफ से नाराजगी जाहिर करने की भी खबरें हैं। वहीं, प्रिस हैरी के भाई प्रिंस विलियम भी इस फैसले से नाराज बताए गए हैं।
यूके और उत्तरी अमेरिका में बड़ा होगा बेटा
हैरी और मेगन ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि कई महीनों तक विचार करने और आपसी बातचीत के बाद हमने यह फैसला किया।उन्होंने लिखा,“यह फैसला शाही परिवार में नई परंपराकी शुरुआत होगी। हमअपना आगे का समयमहारानी की सेवा में रहते हुएयूकेऔर उत्तरी अमेरिका में बिताएंगे। हमें अपने शाही परिवार की परंपराओं की कद्र करते हुए बेटे को बड़ा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा हमें अपने परिवार के अगले अध्याय और नए चैरिटी शुरू करने के बारे में सोचने का मौका मिलेगा।"
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ ‘मेग्जिट’
प्रिंस हैरी और मेगन के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर रॉयल फैमिली के इस कदम के चर्चे शुरू हो गए। लोगों ने इसे ब्रेग्जिट की ही तर्ज पर मेग्जिट नाम दे दिया। ट्विटर पर कई लोगों ने इसफैसले का स्वागत किया। वहीं कुछ लोगों ने उनका मजाक भी बनाया। एक यूजर ने लिखा, “रॉयल फैमिली ऐसे बर्ताव कर रही है, जैसे दोनों ने मैसेज कर के उनसे ब्रेकअप कर लिया।” वहीं एक और यूजर ने लिखा, “यह न्यूज रॉयल परिवार पर बम गिराने जैसी थी।”
मई में दिया था बेटे को जन्म
मई 2018 में प्रिंस हैरी और मेगन मर्केल की शादी हुई थी। ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन के शाही शादी की परंपरा के हिस्से के तौर पर अपने पोते प्रिंस हैरी और उनकी दुल्हन मेगन मर्केल को ससेक्स के ड्यूक और डचेस का खिताब दिया। प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मार्केल ने 5 मई में बेटे को जन्म दिया था। इस बच्चे का नाम आर्ची रखा था।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
135 किलो का आईएसआईएस का आतंकवादी गिरफ्तार, ट्रक में डालकर जेल ले जाना पड़ा January 18, 2020 at 02:41PM
मोसुल. इराक की स्वाट टीम ने मोसुल शहर में आतंकी संगठन आईएसआईएस के ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान टीम ने शिफा अल निमा नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया। वह इतना भारी था कि ट्रक में डालकर जेल ले जाना पड़ा।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, आतंकी शिफा का वजन 135 किलो है। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था। टीम ने उसे कार में डालकर ले जाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रही। आखिर उसे ट्रक में डालकर ले जाना पड़ा। आईएसआईएस के आतंकी उसे 'जब्बा द जेहादी' कहते हैं।
आतंकी तैयार करता था शिफा
शिफा अल निमा के बारे में तहकीकात कर चुके ब्रिटिश एक्टिविस्ट माजिद नवाज के मुताबिक, शिफा का काम था- अपने भाषणों के जरिए आतंकियों को तैयार करना और उनके दिमाग में जहर घोलना। उसे शुरू से ही आईएसआईएस का बड़ा लीडर माना गया। वह फतवे जारी करता था, जिसके बाद आतंकी खुलकर कत्लेआम मचाते थे। शिफा का पकड़ा जाना आतंकी संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि माना जा रहा था कि बगदादी की मौत के बाद भी आतंकी संगठन फिर खड़ा हो सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बुजुर्ग ने पुराना सूटकेस खरीदा, इसमें 30 लाख रुपए मिले; असली मालिक को लौटाए January 17, 2020 at 10:16PM
मिसीगन. अमेरिका के सेंट्रल मिसीगन के रहने वाले हॉबर्ड किर्बी को पिछले महीने जिंदगी का सबसे बड़ा सरप्राइज मिला। वह सेकंड हैंड शॉपिंग सेंटर से कपड़े खरीदने गए थे। यहां से वह 70 डॉलर का एक पुराना सूटकेस भी खरीद लाए और घर पर रख दिया। पिछले गुरुवार को उनकी बेटी ने जब इसे खोला तो उसमें 43,170 डॉलर लगभग 30 लाख 54 हजार रुपए थे। हाथों में हजारों डॉलर की नकदी के कारण किर्बी के दिमाग में कई तरह के विचार आ रहे थे। वह सोच रहे थे, अब मैं अपने घर का कर्ज चुका सकता हूं। इससे मुझे अपनी नई छत मिल सकती है या फिर मैं बहुत अच्छे से रिटायर हो सकता हूं।
रकम के साथ किर्बी का दिमाग तेजी से काम कर रहा था। इस बारे में किर्बी के वकील ने कहना था, सूटकेस आप का है। इसकी रकम पर भी आपका अधिकार है। आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकती है। इसके बाद किर्बी ने इस रकम को असली मालिक तक पहुंचाने का निर्णय लिया। उनके इस सुझाव का उनकी एक रिश्तेदार ने भी समर्थन किया। किर्बी ने सोचा यदि ऐसी ही रकम मेरी गुम हो जाती तो मैं क्या करता। उन्होंने सोमवार को शॉपिंग सेंटर के मैनेजर को नोटों से भरा सूटकेस लौटा दिया।
ईमानदारी का उदाहरण पेश किया
खोजबीन से पता चला यह सूटकेस न्यूबरी के एक परिवार है। पिछले साल सूटकेस के असली मालिक की मौत के बाद परिवार ने इसे बिना खोलकर देखे ही सेकंड हैंड शॉपिंग सेंटर को दान कर दिया था। यह सेंटर जरूरतमंदों को सस्ती दरों पर जरूरी चीजें उपलब्ध कराता है। इस बारे में स्टोर मैनेजर रिक मर्लिंग ने किर्बी की तारीफ की। उन्होंने कहा, किर्बी ने ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह मेरी भी जिम्मेदारी थी कि रकम असली मालिक तक पहुंचाई जाए।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
शिकागो में बर्फीला तूफान और खराब मौसम के कारण करीब 1 हजार उड़ानें रद्द, स्कूल-कॉलेज बंद; 9 करोड़ लोग प्रभावित January 17, 2020 at 09:55PM
शिकागो. अमेरिका के दक्षिणी राज्य बर्फीले तूफान और भारी बारिश की चपेट में है। डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शिकागो स्टेट में बर्फीले तूफान और खराब मौसम के कारण शुक्रवार को सभी एयरपोर्ट से करीब 1000 हजार उड़ानों को रद्द कर दिया गया। ओहारे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 690 से अधिक उड़ानों, मिडवे इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 169 उड़ानों और सेंट लुईस के लैम्बर्ट इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 130 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया। ओहारे एयरपोर्ट ने ट्वीट किया, “शिकागो में कड़ाके की सर्दी के कारण ओहारे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 690 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा।” वहीं, मिस्सौरी के कोलंबिया रिजनल एयरपोर्ट से शनिवार दोपहर तक सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, खराब मौसम के कारण शिकागो में करीब 470 फ्लाइट्स ने देरी से उड़ान भरी। शिकागो में शुक्रवार दोपहर को भीषण तूफान आया। मौसम विभाग ने बर्फबारी के कारण सड़कों की स्थिति खराब होने की चेतावनी जारी की। साल्ट लेक सिटी के कई इलाकों में पांच इंच तक बर्फ जम गयी है। इस कारण से स्कूलों, यूनिवर्सिटी और सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया गया है।
आनेवाले दिनों में मौसम खराब होने की आशंका
डेल्टा एयरलाइन्स फ्लाइट की प्रवक्ता मार्था विट्ट ने बताया कि शुक्रवार को कंसास सिटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयरबस ए319 फ्लाइट फिसल गया। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। फ्लाइट में छह क्रू मेम्बर समेत 129 लोग सवार थे। यात्रियों को अन्य विमानों से ले जाया गया। मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले दिनों में तूफान के अधिक खतरनाक होने की आशंका है। इससे वीकेंड पर मैदानी इलाकों से उत्तरी-पूर्वी इलाकों की तरफ यात्रा करने में परेशानी होगी। तूफान और खराब मौसम के कारण 9 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
भाजपा नेता को वॉशिंगटन पोस्ट के संपादक का जवाब- स्वतंत्र पत्रकारिता सरकारों को रिझाने के लिए नहीं होती January 17, 2020 at 09:44PM
नई दिल्ली. अमेजन के फाउंडर और सीईओ जेफ बेजोस का अखबार वॉशिंगटन पोस्ट मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लिखता रहा है। इस वजह से बेजोस को भारत दौरे पर भाजपा से आलोचना झेलनी पड़ी। भाजपा के विदेश मामलों के विभाग के प्रभारी विजय चौथाईवाले की वॉशिंगटन पोस्ट के सीनियर एडिटर एलि लोपेज से सोशल मीडिया पर बहस हो गई। चौथाईवाले ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा- मिस्टर जेफ बेजोस, वॉशिंगटन में अपने कर्मचारियों को समझाइए, नहीं तो आपका रिझाने का प्रयास समय और पैसा बर्बाद करने जैसा होगा। इस पर वॉशिंगटन पोस्ट के सीनियर एडिटर एलि लोपेज ने जवाब दिया- यह बात बेजोस नहीं बताते कि क्या लिखना है और क्या नहीं लिखना। स्वतंत्र पत्रकारिता सरकारों को रिझाने के लिए नहीं होती। हमारे पत्रकारों और कॉलमिस्ट का काम भारतीय लोकतंत्र की परंपराओं के मुताबिक होने पर सवाल नहीं उठाए जा सकते।
वॉशिंगटन पोस्ट पर क्यों उठा विवाद?
अमेजन के फाउंडर-सीईओ जेफ बेजोस हाल ही में तीन दिन के भारत दौरे पर आए थे। पहले उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिलने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, गोयल ने बेजोस से यह कह कर मिलने से इनकार कर दिया कि वे सिर्फ 1 अरब डॉलर ही भारत में निवेश कर रहे हैं और यह कोई उपकार नहीं है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी भी बेजोस से नहीं मिले। बेजोस से मिलने पर पीएमओ ने पहले ही कोई शेड्यूल जारी नहीं किया था। हालांकि, माना जा रहा है कि मोदी दो वजहों से बेजोस से नहीं मिले। एक वजह यह रही कि कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) अमेजन के खिलाफ जांच कर रहा है। दूसरी वजह यह कि बेजोस के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट का रुख मोदी सरकार के प्रति आलोचनात्मक रहा है।
वॉशिंगटन पोस्ट ने पिछले 60 दिन में पाकिस्तान के खिलाफ लेख प्रकाशित नहीं किया: चौथाईवाले
चौथाईवाले ने एलि के बयान पर कहा था- क्या यह सही नहीं कि आपके डेस्क एडिटर ने भारतीय कॉलमिस्ट के कॉलम से सभी पाकिस्तान विरोधी बातें इस हद तक हटा दी थीं कि उन्हें अपना लेख कहीं और छापने के लिए देना पड़ा। इस पर एलि ने जवाब में कहा, “यह सही नहीं है। हमने पाकिस्तान की आलोचना वाले कई लेख प्रकाशित किए हैं। कुछ लेखकों को अपने लेख का संपादित होना ठीक नहीं लगता। वे उसे चुनौती पाते नहीं देखना चाहते। इसलिए अगर वे हमारी कड़ी नीतियों का पालन नहीं कर सकते, तो अपने लेख कई और छपवाने के लिए आजाद हैं।”
चौथाईवाले ने इस पर एलि को टैग करते हुए लिखा, “आपने कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट ने पाकिस्तान के खिलाफ कई लेख छापे हैं। मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि पिछले 60 दिनों में आपने पाकिस्तान के खिलाफ एक भी लेख नहीं छापा है। अगर मैं गलत हूं तो सही कीजिए।”
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today