Friday, October 30, 2020
ट्रम्प बोले- कोरोना से हो रही मौतों से डॉक्टरों को फायदा हो रहा है, मैं व्हाइट हाउस में ही रहूंगा October 30, 2020 at 06:13PM
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में सिर्फ चंद दिन बाकी हैं। इस बीच देश में कोरोनावायरस के मामले भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अब भी बेफिक्र नजर आते हैं। इतना ही नहीं, अब तो वे डॉक्टरों पर भी आरोप लगाने लगे हैं। मिशिगन की एक रैली में ट्रम्प ने कहा कि कोरोनावायरस से हो रही मौतों से डॉक्टरों को फायदा हो रहा है। ट्रम्प ने भी भरोसा जताया कि वे ही व्हाइट हाउस में रहेंगे।
न्यूज एंकर का भी मजाक उड़ाया
मिशिगन की रैली में फॉक्स न्यूज की होस्ट लाउरा इन्ग्राम भी मौजूद थीं। वे मास्क लगाए हुए थीं। ट्रम्प ने उनकी ओर देखकर कहा- आप सियासी तौर पर तो बिल्कुल सही काम कर रही हैं। ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक राज्यों की सरकारों वाले राज्यों और उनके गवर्नर्स पर भी तंज कसा। कहा- आप लोगों को डरा रहे हैं। जहां देखिए सिर्फ लॉकडाउन और प्रतिबंधों की बात हो रही है। क्या ऐसे ही हम इस महामारी का मुकाबला करेंगे। देश और लोगों को घरों में कैद होने से क्या महामारी खत्म हो जाएगी। इसका मुकाबला करना होगा। खास बात यह है कि ट्रम्प की इस रैली में शामिल हजारों लोगों में से ज्यादा बिना मास्क के नजर आए।
ट्रम्प और उनके सहयोगियों ने भी मास्क नहीं लगाया। न ही इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। हालांकि, पहली बार किसी रैली में ट्रम्प ग्लव्ज पहने नजर आए।
बाइडेन ने ट्रम्प पर निशाना साधा
ट्रम्प मिशिगन में थे तो डेमोक्रेट कैंडिडेट बाइडेन मिनेसोटा पहुंचे। कहा- कोरोनावायरस के सामने ट्रम्प हथियार डाल चुके हैं। वे अब कोरोना से हो रही मौतों के लिए हमारे हेल्थ वर्कर्स को दोषी ठहरा रहे हैं। वे यह क्यों नहीं मान लेते कि उनकी एडमिनिस्ट्रेशन ने महामारी के हालात को बेहतर तरीके से नहीं संभाला। आप डॉक्टर्स और नर्स को कैसे कसूरवार ठहरा सकते हैं। वे रोज अस्पतालों और मेडिकल केयर सेंटर्स जाते हैं। अपनी जिंदगी खतरे में डालते हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
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J&J कंपनी 12 से 18 साल के किशोरों पर जल्द वैक्सीन टेस्टिंग करेगी, ब्रिटेन में क्रिसमस तक इसकी उम्मीद October 30, 2020 at 04:42PM
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दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4.58 करोड़ से ज्यादा हो गया है। 3 करोड़ 32 लाख 37 हजार 845 मरीज रिकवर हो चुके हैं। अब तक 11.93 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड ने कहा है कि वो बहुत जल्द अपने कोविड-19 वैक्सीन की टेस्टिंग शुरू करने जा रही है। शुरुआत में इसके डोज 12 से 18 साल के किशोरों को दिए जाएंगे। वहीं, ब्रिटेन की वैक्सीन टास्क फोर्स हेड ने कहा है कि देश में वैक्सीन क्रिसमस तक आ सकती है।
जॉनसन एंड जॉनसन ने क्या कहा
शुक्रवार को अमेरिका में सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की मीटिंग हुई। इसमें शामिल जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के एग्जीक्यूटिव ने कहा- हम 12 से 18 साल के किशोरों पर वैक्सीन की टेस्टिंग बहुत जल्द शुरू करने जा रहे हैं। हालांकि, सेफ्टी को लेकर हम काफी सतर्कता बरत रहे हैं। किशोरों पर वैक्सीन टेस्टिंग के बाद रिजल्ट्स का एनालिसिस होगा। इसके बाद वैक्सीन शॉट्स दूसरे लोगों को दिए जाएंगे। कंपनी ने वयस्कों यानी एडल्ट्स पर तीसरे चरण के ट्रायल सितंबर में शुरू किए थे। करीब 60 हजार लोगों को यह वैक्सीन शॉट दिए गए थे। इनका समीक्षा चल रही है। वहीं, फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक के ट्रायल भी अंतिम दौर में हैं।
ब्रिटेन में क्रिसमस से पहले वैक्सीन
‘द गार्डियन’ से बातचीत में ब्रिटेन की कोरोना वैक्सीन टास्क फोर्स की हेड केट बिन्घम ने कहा- हमें उम्मीद है कि क्रिसमस के पहले वैक्सीन हमारे पास होगी। यह सेफ होगी। इसके लिए तैयारियां बहुत अच्छी चल रही हैं और हम अब तक के नतीजों से काफी संतुष्ट हैं। हालांकि, कुछ दिक्कतें भी हैं, लेकिन इन्हें आने वाले हफ्तों में हल कर लिया जाएगा। केट ने कंपनी का नाम तो नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन तैयार करने के करीब हैं। कुछ दूसरी कंपनियां भी इस पर दिन-रात काम कर रही हैं।
फ्रांस में मुश्किल जारी
फ्रांस में सरकार ने लॉकडाउन लगाया। इसके बावजूद यहां संक्रमण कम होता नजर नहीं आता। हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री ने उम्मीद जाहिर की है कि इसे जल्द काबू में लाया जा सकेगा। लॉकडाउन और प्रतिबंधों का असर अगले कुछ दिनों में देखने मिल सकता है। फ्रांस में शुक्रवार को 49,215 नए केस दर्ज किए गए। इसी दौरान 256 संक्रमितों की मौत हो गई। अब तक यहां कुल 36 हजार 565 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल मामले 13 लाख 31 हजार 984 हैं।
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इटली में दूसरी लहर
इटली सरकार ने एक बयान जारी कर माना है कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है और अब यह घातक साबित होने लगी है। शुक्रवार को यहां कुल 31 हजार 84 मामले सामने आए। इसके पहले यानी गुरुवार को यह संख्या 27 हजार थी। यानी एक दिन में 4 हजार मामले बढ़ गए। मरने वालों का आंकड़ा भी सीधे 200 पर पहुंच गया। देश में 1765 मरीजों की हालत गंभीर बताई गई है।
बेल्जियम में कर्फ्यू
तमाम विरोध के बावजूद बेल्जियम सरकार ने साफ कर दिया है कि वो झुकने वाली नहीं है और सोमवार से देश में नेशनल लॉकडाउन से भी सख्त कर्फ्यू लगाया जाएगा। किसी भी घर में एक से ज्यादा मेहमान नहीं जा सकेगा और इसकी भी जानकारी हेल्थ अथॉरिटी को देनी पड़ेगी। स्कूलों में परीक्षाएं 15 नवंबर तक टाल दी गई हैं। वर्क फ्रॉम होम ही किया जा सकेगा। सरकारी अधिकारियों और स्टाफ को ऑफिस आने की मंजूरी दी जाएगी। लेकिन, उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए।
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इंग्लैंड में भी लॉकडाउन
बेल्जियम और दूसरे यूरोपीय देशों की तर्ज पर इंग्लैंड में भी लॉकडाउन की तैयारी हो चुकी है। ये अगले हफ्ते से लगाया जाएगा। हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान बाद में किया जाएगा। खास बात ये है कि पीएम बोरिस जॉनसन की पार्टी के ही कुछ लोग विपक्ष के साथ इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि जॉनसन ने अपने साइंस एडवाइजर की राय को ही तवज्जो दी है। यहां 24 घंटे में 274 नए मामले सामने आए जबकि 274 लोगों की मौत हो गई।
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यूरोपीय देशों की कोशिश
यूरोपीय देशों में एक देश के मरीज दूसरे देश के अस्पतालों में शिफ्ट किए जा सकेंगे। इसके लिए स्पेशल फंड ट्रांसफर स्कीम भी लॉन्च की गई है। इसे बारे में यूरोपीय देशों ने एक समझौता किया है। फ्रांस और जर्मनी के अलावा स्पेन में भी नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसकी वजह से यहां सरकारें अलर्ट पर हैं। मरीजों को ट्रांसफर करना यूरोपीय देशों में मुश्किल भी नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर देश छोटे हैं और इनकी ओपन बॉर्डर हैं। सड़क के रास्ते भी आसानी से एक देश से दूसरे देश में जाया जा सकता है। ईयू कमिशन की हेड वॉन डेर लेन ने कहा- वायरस तेजी से बढ़ रहा है और इससे निपटने के लिए सहयोग जरूरी है। हमारी कोशिश है कि हेल्थ केयर सिस्टम पहले की तरह मजबूती से काम करता रहे।
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यूएई में सड़कों से लेकर कारखानों तक बिहार चुनाव की चर्चा, यहां रह रहे बिहारी चाहते हैं राज्य में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बने October 30, 2020 at 02:53PM
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(शानीर एन सिद्दीकी) इस वक्त हम मौजूद हैं दुबई के यूपी एन बिहार रेस्त्रां में। यहां गेट पर खड़े युवक नीतीश और तेजस्वी की जीत-हार का हिसाब-किताब लगा रहे हैं। इसी तरह की चर्चाएं यूएई की सड़कों से लेकर कारखानों तक आम हैं।
एक अनुमान के मुताबिक, यहां बिहार के 5 लाख लोग काम करते हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हर साल वर्क वीसा पर बिहार से 70 हजार लोग यहां आते हैं और ये लोग बिहार की इकोनॉमी में सालाना दो हजार करोड़ रुपए का योगदान देते हैं।
विदेश में रहने वालों का डेटा रखा जाए
दुबई में इंजीनियरिंग कंपनी सिवान टेक्निकल कॉन्ट्रैक्टिंग और यूपी एन बिहार रेस्त्रां के मालिक अनुज सिंह भी नई सरकार से उम्मीदें लगाए बैठे हैं। वे बताते हैं कि उनकी नई सरकार से मांग है कि विदेशों में रह रहे लोगों का डेटा रखा जाए। इसके लिए नीतीश सरकार ने बिहार फाउंडेशन के तहत एक अच्छी शुरुआत की थी, पर यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं, आयल एंड गैस इंजीनियर नवीन चंद्रकला कुमार बताते हैं कि बिहार से आने वाले ब्लू कॉलर वर्कर की तीन सबसे बड़ी जरूरत सावधानी, सुरक्षा और सहायता है।
वे कहते हैं कि एक राज्य से हर साल लाखों लोग काम करने विदेश जाते हैं और राज्य में कोई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं है। यदि राज्य का अपना एयरपोर्ट होगा तो प्रशासन नए जाने वाले वर्कर को सूचना दे सकता है कि विदेश में कोई समस्या आने पर किससे और कैसे संपर्क करे।
इस पर निगाह रखी जा सकती है कि जाने वाला सही वीसा पर जा रहा है या नहीं। किस एजेंट के जरिए जा रहा है, उसका भी रिकॉर्ड रख सकते हैं। एजेंटों के रजिस्ट्रेशन की एक व्यवस्था राज्य सरकार को तुरंत शुरू कर देनी चाहिए। इससे बहुत सारे फ्राॅड रोके जा सकते हैं। पटना एयरपोर्ट, दरभंगा एयरपोर्ट और गया एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की शुरुआत करनी चाहिए। इसमें राज्य सरकार के राजस्व, टैक्स और विदेशी मुद्रा के रूप में मदद भी होगी।
बिहार में राजनीति हमेशा मुद्दों से हटकर होती है
फुलवारी शरीफ के रहने वाले और फ्रेंच कंपनी में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर कार्यरत इरफानुल हक बताते हैं कि दुबई में बैठ कर हम सिर्फ अनुमान ही लगा सकते हैं कि इस बार चुनाव में क्या होने जा रहा है। पर बिहार में राजनीति हमेशा असल मुद्दों से हट कर होती है।
उम्मीद है कि नई सरकार शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं को तरजीह देगी। विकसित राज्यों की तर्ज पर बिहार में भी नए उद्योगों के लिए फ्री जोन बनाएगी। राज्य में निवेश करने वाले बिहारी उद्योगपतियों को टैक्स में छूट, सुरक्षा की गारंटी, कारोबार में आसानी जैसी नीतियां लागू करेगी। नई सरकार निवेश के लिए नया मंत्रालय भी बना सकती है जो की विदेश में रह रहे अप्रवासी बिहारी समाज के साथ मिल कर काम कर सकता है।
हालांकि यहां रह रहे लोगों को चुनाव का हिस्सा न बन पाने का भी मलाल है। अनुज बताते हैं कि यहां चुनाव पर बहस और चर्चा का ऐसा माहौल बनता जा रहा है कि जैसे बिहार में ही बैठे हों। परिवार वालों से फोन और न्यूज चैनलों के जरिए लोग चुनाव की हर जानकारी जुटा रहे हैं। यदि सरकार और हाई कमीशन व्यवस्था करेगा तो वोटिंग के लिए लंबी कतारें दिखेंगी।
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