पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। लाहौर में एक मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया। उसने वीडियो जारी कर सिखों को धमकी दी है कि पाकिस्तान इस्लामी देश है और यहां सिर्फ मुस्लिम रह सकते हैं।
मौलवी सोहैल बट्ट दावत-ए-इस्लामी (बरेलवी) से जुड़ा है। वह लाहौर में मुस्लिम पैगम्बर हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह का केयरटेकर भी है। उसने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर गुरुद्वारा शहीद भाई तारु सिंह की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद वीडियो जारी कर पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीजीपीसी) के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला को धमकी दी। गोपाल चावला ने गुरुद्वारा में पिछले साल श्री निसाल साहिब (सिख प्रतीक) फहराया था।
आईएसआई का अफसर भी शामिल
सोहैल ने दावा किया कि गुरुद्वारा और उसके आसपास की 4 से 5 कनाल जमीन हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह और शहीदगंज मस्जिद की है। सूत्रों के मुताबिक सोहैल ने यह सब कुछ भू माफियाओं के इशारे पर किया है। इसमें एक आईएसआई का अफसर जेन साब भी है।
कहा- सिखों की गुंडागर्दी नहीं चलेगी
सोहैल ने वीडियो में कहा, "एक मुस्लिम राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान केवल मुस्लिमों का है। 1947 में पाकिस्तान के बनने के समय करीब 20 लाख मुस्लिमों ने जिंदगी गंवाई थी। ये सिख गुंडागर्दी दिखा रहे हैं। यह एक इस्लामी राष्ट्र है, वे कैसे गुंडागर्दी दिखा सकते हैं? ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह साइट हमारी है।" वीडियो में वह सिख कम्युनिटी लीडर गोपाल सिंह चावला और फौजा सिंह को धमकी दे रहा है। फौजा और चावला दोनों खालिस्तान समर्थक हैं।
भाई तारू सिंह के नाम पर है गुरुद्वारा
यह गुरुद्वारा भाई तारु सिंह के शहीद स्थल पर बना है। यहां पर 1726 में मुगल काल के दौरान वायसराय जकारिया खान ने इस्लाम न स्वीकारने पर भाई तारु सिंह का सिर काट दिया था। पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक सिख गुरुद्वारे ऐसे हैं जो या तो जर्जर हालात में हैं या फिर भू-माफिया और स्थानीय लोगों के कब्जे में हैं। हिंदू और सिखों को टॉर्चर किया जाता है।
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