डेमोक्रेटिक पार्टी की उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद कमला हैरिस बुधवार को पहली बार लोगों से मुखातिब हुईं। भारतीय मूल की हैरिस इस दौरान पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन के साथ नजर आईं। विलिमिंगटन में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- ‘‘बीते कुछ समय में हमने नस्लवाद और अन्याय को लेकर नई चीजें महसूस की हैं। अब लोग सड़कों पर उतरकर बदलाव की मांग कर रहे हैं। देश मौजूदा नेतृत्व से बाहर आने के लिए रो रहा है।’’
कमला को उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने से पार्टी को मिलने वाले फंड में तेजी आई है। बीते 24 घंटे में ही डेमोक्रेटिक पार्टी को 26 मिलियन डॉलर(करीब 194 करोड़ रु.) का फंड मिला है। बिडेन के कैंपेन ने बुधवार को बताया कि यह रकम पहले एक दिन में मिलने वाले फंड से दो गुना ज्यादा है।
ट्रम्प कोरोना महामारी से निपटने में नाकाम हुए: हैरिस
हैरिस ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और बिडेन के कार्यकाल में अमेरिका में इबोला वायरस का संक्रमण फैला था। इसमें से सिर्फ दो लोगों की मौत हुई थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने में पूरी तरह से नाकाम हुए हैं। ट्रम्प की वजह से महामारी देश में बड़े पैमाने पर फैल चुकी है। इसकी वजह से देश 1929 में पैदा हुए ग्रेट डिप्रेशसन जैसी आर्थिक संकटों में घिर गया है। ऐसा तब होता है जब हम किसी ऐसे इंसान को चुनते हैं जो काम नहीं कर सकता।
‘सिविल राइट मूवमेंट की वजह से करीब आए मेरे माता-पिता’
हैरिस ने कहा कि मेरी मां और मेरे पिता दुनिया के दो अलग-अलग हिस्सों से अमेरिका आए। एक भारत से आए तो दूसरे जमैका से। वे यहां पर वर्ल्ड क्लास एजूकेशन लेने पहुंचे थे। हालांकि, 1960 में अमेरिका में शुरू हुए सिविल राइट मूवमेंट की वजह से दोनों करीब आए। उन्होंने एक स्टूडेंट के तौर पर इसमें हिस्सा लिया और ओकलैंड की सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की। मैं उस समय छोटी बच्ची थी। मेरे माता पिता मुझे अपने कंधों पर बांधकर इस प्रदर्शन में लाते थे। अन्याय के खिलाफ उस समय शुरू हुआ संघर्ष आज भी जारी है।
दुनिया में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 2 करोड़ 6 लाख 49 हजार 711 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1 करोड़ 35 लाख 47 हजार 161 मरीज ठीक हो चुके हैं। 7 लाख 48 हजार 658 की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।
मैक्सिको के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटे में देश में 5858 नए मामले सामने आए हैं और 737 मौतें हुई हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 4 लाख 98 हजार 380 हो गया है। यहां अब तक 54 हजार 666 मौतें हुईं हैं।
पेरू के राष्ट्रपति मार्टिन विजकारा ने हर रविवार को देश में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि संक्रमण से उबरने और एक बेहतर स्थिति में लौटने के लिए हमने यह फैसला किया है। पेरू में अब तक 4 लाख 89 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हर रोज यहां करीब 7 हजार केस सामने आ रहे हैं।
10 देश, जहां कोरोना का असर सबसे ज्यादा
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
53,60,302
1,69,131
28,12,603
ब्राजील
31,70,474
1,04,263
23,09,477
भारत
23,95,471
47,138
16,95,860
रूस
9,02,701
15,260
7,10,298
साउथ अफ्रीका
5,68,919
11,010
4,32,029
मैक्सिको
4,98,380
54,666
3,36,635
पेरू
4,98,555
21,713
3,41,938
कोलंबिया
4,22,519
13,837
2,39,785
चिली
3,78,168
10,205
3,51,419
स्पेन
3,76,864
28,579
उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन: इंग्लैंड में मौतों का नया आंकड़ा जारी
सरकार ने बुधवार को इंग्लैंड में संक्रमण से हुई मौतों का नया आंकड़ा जारी किया। इसमें पहले के मुकाबले 5377 मौतें कम दिखाई गई हैं। सरकार ने कहा है कि पुराने डेटा में ऐसे लोगों को भी शामिल कर लिया गया था जो संक्रमण से ठीक हो चुके थे। अब ब्रिटेन में मौतों की कुल संख्या 46 हजार 706 से घटकर 41 हजार 329 हो गई है।
रूस: दो हफ्ते में आएगी वैक्सीन
रूस ने बुधवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी का पहला बैच दो हफ्ते में तैयार कर लिया जाएगा। उधर, अमेरिकी हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. एंथनी फौसी ने कहा कि उन्हें शक है कि वैक्सीन कोरोना मरीजों पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाना और इसे सुरक्षित साबित करना अलग बात है। हालांकि, रूस ने सुरक्षा को लेकर सभी चिंताओं को खारिज कर दिया है।
A coronavirus cluster in Auckland has risen to 17 cases, raising the prospect of an extended lockdown in the country's biggest city to battle the resurgent virus. There were 13 new confirmed infections, all linked to four family members found on Tuesday, ending New Zealand's record of 102 days without community transmission of the disease.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एच-1बी वीजा पर लगाई गई रोक में कुछ रियायत दे दी है। अब इस वीजा के तहत लोग अगला प्रतिबंध लगने से पहले अपनी पुरानी नौकरी या पुरानी कंपनी में लौट सकते हैं। संबंधित व्यक्ति के बच्चों और पति या पत्नी को भी प्राइमरी वीजा के साथ अमेरिका में आने की इजाजत होगी।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एडवायजरी में यह भी कहा गया है कि टेक्निकल स्पेशलिस्ट, सीनियर लेवल मैनेजर और उन लोगों को भी अमेरिका आने की इजाजत दे दी गई है, जिनकी वजह से जरूरी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। इनमें स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग, रिसर्चर्स भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के इरादे से भी यह फैसला किया गया है।
कोरोना महामारी के कारण प्रतिबंध लगाया था
ट्रम्प प्रशासन ने एच-1बी धारकों को इस साल के आखिरी तक अमेरिका आने पर पाबंदी लगाई गई थी। यह फैसला कोरोना महामारी की वजह से लिया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में पिछले साल नवंबर तक 5 लाख 83 हजार 420 एच-1बी वीजा धारक थे। अमेरिका हर साल लैप्स हो जाने वाले वीजा को रिन्यू करने के लिए 85 हजार नए एच-1बी वीजा जारी करता रहा है। यह वीजा 3 साल के लिए जारी किया जाता है। 3 साल के बाद यह रिन्यू करवाया जा सकता है। बीते कुछ सालों में कुल एच-1बी वीजा में से 70% भारतीयों को मिलते रहे हैं।
क्या होता है एच-1बी वीजा?
यह एक गैर-प्रवासी वीजा होता है, जो किसी विदेशी नागरिक या कामगार को अमेरिका में काम करने के लिए जारी किया जाता है। जो कंपनियां अमेरिका में हैं, उन्हें ये वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है, जिनकी अमेरिका में कमी हो। इस वीजा को पाने की कुछ शर्तें भी होती हैं। जैसे- कर्मचारी को ग्रेजुएशन होने के साथ-साथ किसी एक क्षेत्र में स्पेशियलिटी भी होनी चाहिए।
इसे पाने वाले कर्मचारी की सालाना तनख्वाह 40 हजार डॉलर यानी 45 लाख रुपए से ज्यादा होनी चाहिए। ये वीजा अमेरिका में बसने की राह भी आसान करता है। एच-1बी वीजा धारक 5 साल बाद अमेरिका की स्थाई नागरिकता या ग्रीन कार्ड के लिए भी अप्लाय कर सकते हैं। टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस जैसी 50 से ज्यादा भारतीय आईटी कंपनियों के अलावा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियां इस वीजा का इस्तेमाल करती हैं।
Joe Biden and Kamala Harris launched their joint bid for the White House Wednesday, with vice presidential nominee Harris saying Americans are "crying out for leadership" to overcome a triple crisis of health, racial injustice and a ravaged economy.
अमेरिका में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन चौथाई मतदाता डाक के जरिए वोट दे सकते हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स के एनालिसिस के मुताबिक, ऐसे करीब 8 करोड़ वोटर्स हैं। ये अमेरिकी इतिहास में सबसे ज्यादा और 2016 की तुलना में दोगुने हैं। दरअसल, कोरोनावायरस संक्रमण के डर को देखते हुए ज्यादातर राज्यों ने डाक से वोटिंग की तैयारियां कर ली हैं। चुनाव में 100 से भी कम दिन बचे हैं। ऐसे में जानते हैं कि प्रचार किस लेवल पर है और स्थिति क्या है...
1. उम्मीदवारों की स्थिति
पिछले एक महीने में 32 सर्वे के नतीजे, सबमें ट्रम्प से आगे निकले बाइडेन
12 जुलाई से 12 अगस्त के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग करीब 32 सर्वे के नतीजे आए हैं। इनमें से सभी में बाइडेन को ट्रम्प पर बढ़त मिली है। हालांकि, इनमें से आधे सर्वे में दोनों के बीच का अंतर 5% या कम है। राष्ट्रीय औसत में बाइडेन को 51% वोट, जबकि ट्रम्प को सिर्फ 41%, यानी बाइडेन से 10% कम मिले।
डेमोक्रेट समर्थकों में से 91% बाइडेन के साथ हैं, वहीं रिपब्लिकन में से 87% ट्रम्प के साथ।
ट्रम्प ने उन्हें पिछड़ा बताने वाले सभी सर्वे को फर्जी बताते हुए कहा है कि वे इस बार भी जीतेंगे।
2. फंड रेजिंग
दो माह में पहली बार ट्रम्प को ज्यादा चंदा
महीना
ट्रम्प
बाइडेन
जून
982 करोड़ रु.
1057 करोड़ रु.
जुलाई
1237 करोड़ रु.
1050 करोड़ रु.
3. चुनाव प्रचार
टीवी विज्ञापनों पर ट्रम्प 1085 करोड़, तो बाइडेन करीब 1650 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।
सितंबर में 15 राज्यों में बाइडेन के चुनाव प्रचार के लिए 2100 करोड़ रुपए का रिजर्व फंड रखा है। इनमें से 1650 करोड़ टीवी विज्ञापन और 450 करोड़ डिजिटल विज्ञापनों पर खर्च होंगे।
ट्रम्प के टीवी पर प्रचार अभियान के लिए 1085 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उनकी टीम ने इसके अलावा ऑनलाइन और अन्य खर्च की जानकारी नहीं दी है।
4. आगे क्या ?
अगले दो महीनों में ट्रम्प और बाइडेन के बीच 3 प्रेसिडेंशियल बहस होंगी
कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट (सीपीडी) के कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रम्प और बाइडेन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी।
पहली बहस 29 सितंबर को ओहियो के क्लीवलैंड में होगी।
दूसरी बहस 15 अक्टूबर को फ्लोरिडा के मियामी में होगी।
तीसरी बहस 22 अक्टूबर को टेनेसी में होगी। सभी बहस 90 मिनट की होंगी। व्हाइट हाउस पूल नेटवर्क बिना किसी विज्ञापन के इसका सीधा प्रसारण करेगा।
उपराष्ट्रपति: 100 साल में ताकतवर हुई भूमिका, डिक चेनी और बाइडेन सबसे प्रभावी
अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच होने वाली बहस 7 अक्टूबर को होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को इस पद के लिए चुना है। पिछले 100 साल में यह पोस्ट दुनिया की दूसरा ताकतवर पोस्ट बनने का सफर तय कर चुकी है।
राष्ट्रपति की मौत, पद छोड़ने या हटाए जाने पर उपराष्ट्रपति ही पहला दावेदार होता है। कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन की अध्यक्षता भी करता है।
1804 में की गई व्यवस्था के मुताबिक, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए 4 साल के लिए चुना जाता है।
250 साल में 14 उपराष्ट्रपति ही अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं।
9/11 हमले के वक्त डिक चेनी उपराष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने फैसले उनकी सलाह पर ही लिए। हमलों के बाद सख्त नियम उन्हीं की देन है। सद्दाम के खात्मे, सीरिया व अफगानिस्तान में भी बड़ा किरदार निभाया था।
आतंकी ओसामा बिन लादेन के खात्मे के वक्त बाइडेन उपराष्ट्रपति थे। सुरक्षा सलाहकार के साथ रणनीति बनाने में अहम भूमिका रही।
A passenger train derailed in northeast Scotland on Wednesday, with reports of "serious injuries" in what First Minister Nicola Sturgeon described as "an extremely serious incident". The crash, close to the town of Stonehaven around 25 kilometres (15 miles) south of Aberdeen, followed severe flooding across parts of the region overnight.
दक्षिण सूडान में नागरिकों और सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 127 लोगों की मौत हो गई। आर्मी प्रवक्ता मेजर जनरल लूल रुआइ कोआंग ने बुधवार को ये जानकारी दी। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि यह घटना शनिवार की है। द.सूडान के टोंज शहर में सैनिकों ने शनिवार को नागरिकों को हथियार छोड़ने के लिए एक ऑपरेशन चलाया था। लेकिन, यह साम्प्रदायिक झड़प में बदल गया।
गृह युद्ध में जकड़े द.सूडान में आए दिन लोगों पर हमले होते रहते हैं। इस वजह से अपनी सुरक्षा के लिए कई समुदाय हथियार रखते हैं। आर्मी प्रवक्ता ने बताया कि टोंज में सैनिकों के इस ऑपरेशन से कई हथियार लिए युवा असहमत थे, जिसके बाद उनमें टकराव शुरू हो गया। शुरुआत में स्थिति पर कंट्रोल कर लिया गया था, लेकिन इस बीच युवाओं ने वहां और लोगों को जुटा लिया।
2 अफसर गिरफ्तार
आर्मी प्रवक्ता के मुताबिक, हिंसक झड़प में कुल 127 लोग मारे गए हैं। इनमें 45 सैनिक हैं, जबकि 82 युवा हैं। वहीं, 32 सैनिक घायल भी हुए हैं। हिंसा भड़काने में शामिल दो सैन्य अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, टोंज का माहौल शांत है।
2013 से गृहयुद्ध जारी
दक्षिण सूडान में 2013 से गृहयुद्ध जारी है। अब तक 3 लाख 80 हजार लोग मारे जा चुके हैं। 12 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। यहां निरस्त्रीकरण एक बड़ी समस्या है। विशेषज्ञों ने ऐसे ऑपरेशन के खिलाफ चेतावनी दी है। उनका कहना है कि बिना बेहतर प्लानिंग के लोगों को हथियार छोड़ने के लिए नहीं कहा जा सकता। क्योंकि, कुछ समुदाय को लगता है कि हथियार छोड़ने के बाद वे खुद की सुरक्षा नहीं कर सकेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने सांसद कमला हैरिस को उप-राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। इस पद के लिए चुनाव लड़ने वाली वह पहली अश्वेत महिला होंगी। हालांकि, उनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय और पिता डोनाल्ड हैरिस जमैकन हैं। कमला हैरिस खुद को किसी रंग या देश से जोड़ने की बजाय अमेरिकी कहलाना ज्यादा पसंद करती हैं।
इससे पहले दो बार किसी महिला को उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया था। 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पैलिन को और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गिरालडिन फेरारो को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही चुनाव हार गई थीं। दोनों प्रमुख अमेरिकी पार्टियों ने अब तक किसी भी अश्वेत महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया है। अब तक अमेरिका में कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बन सकी है।
आइए जानते हैं कमला हैरिस के बारे में...
1. पिता स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में टीचर, मां कैंसर रिसर्चर
कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर 1964 को ऑकलैंड (कैलिफोर्निया) में हुआ। उनका पूरा नाम कमला देवी हैरिस है। पिता डोनाल्ड हैरिस स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं। मां श्यामला गोपालन भारतीय डिप्लोमेट की बेटी और कैंसर रिसर्चर थी, उनका 2009 में निधन हो गया। कमला की बहन माया हैरिस एक पब्लिक पॉलिसी एडवोकेट हैं।
कमला ने वॉशिंगटन डी.सी. में वेस्टमाउंट हाईस्कूल से पढ़ाई की। वह स्टूडेंट काउंसिल में भी चुनी गई थीं। पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स में बी.ए. करते समय डिबेट टीम से जुड़ीं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 1986 में ग्रेजुएशन किया। 1989 में हेस्टिंग्स कॉलेज से लॉ डिग्री ली।
2. 2014 में शादी की; दो बच्चों की सौतेली मां
कमला हैरिस की शादी वकील डगलस एमहॉफ से सैंटा बारबरा में 22 अगस्त 2014 को हुई थी। वे दो बच्चों एला और कोल की सौतेली मां हैं। डगलस और कमला एक ब्लाइंड डेट पर मिले थे। इसके बाद डगलस ने अपनी पत्नी को तलाक दिया और कमला से शादी कर ली।
इससे पहले की बात करें तो 1994-95 में कमला के रिश्ते कैलिफोर्निया असेंबली के तत्कालीन स्पीकर और उम्र में 30 साल बड़े विली ब्राउन से भी रहे हैं। इस रिश्ते की वजह से विली ब्राउन अपनी पत्नी से दूर हो गए थे। वर्ष 2000 में वह लुइस रेने से भी रिश्ते में रहीं।
3. पहली भारतवंशी अमेरिकी जो सीनेटर बनीं
कमला पहली भारतीय अमेरिकी हैं जो 2016 में यू.एस. सीनेटर बनीं। साथ ही वह ऐसा करने वाली दूसरी अफ्रीकी-अमेरिकी महिला भी हैं।
2011 से 2016 तक कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल रहीं। तब भी वह पहली महिला और पहली अफ्रीकी-अमेरिकी थीं जो अटॉर्नी जनरल बनी।
ऑकलैंड में 1990 से 1998 के बीच डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहीं। 2004 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनीं और 2010 में अटॉर्नी जनरल।
2008 में मंदी के दौरान प्रेसिडेंट बराक ओबामा के दबाव के बाद भी साहूकारों के खिलाफ मुकदमे किए। पांच गुना ज्यादा मुआवजा पाया।
हैरिस ने तीन किताबें भी लिखी हैं- स्मार्ट ऑन क्राइम (2009), द ट्रूथ्स वी होल्डः एन अमेरिकन जर्नी (2019) और सुपरहीरोज आर एव्रीव्हेयर (2019)।
4. पहली बार सांसद बनीं और अब उप-राष्ट्रपति की दौड़ में
कमला हैरिस 2017 में पहली बार ही सांसद बनीं और तीन साल बाद उप-राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल हो गईं। इसके लिए उनके वकालत गुणों को श्रेय दिया जाना चाहिए।
2012 में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में कमला ने यादगार भाषण दिया था। इससे उन्हें राष्ट्रीय पहचान मिली। पार्टी में उन्हें राइजिंग स्टार कहा जाने लगा।
इटेंलिजेंस सिलेक्ट कमेटी सदस्य के नाते उनके काम ने उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के पास तक पहुंचाया। 2016 के राष्ट्रपति चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के दावों पर अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस से पूछताछ में उनकी स्टाइल ने लोकप्रियता को कई गुना बढ़ा दिया।
कमला ने डेमोक्रेटिक पार्टी से प्रेसिडेंट पद के लिए दावेदारी पेश की थी। वह लीडिंग कैंडीडेट भी थीं। लेकिन, सितंबर 2019 में उनका कैम्पेन विवादों से घिर गया। दिसंबर में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
नाम वापसी के बाद से ही चर्चा थी कि जो बिडेन उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना साथी उम्मीदवार चुनेंगे। वह पुलिस सुधार की बहुत बड़ी समर्थक हैं।
5. कमला हैरिस की उम्मीदवारी पर कौन-क्या बोला
जो बिडेनः कमला हैरिस एक बहादुर योद्धा और अमेरिका के सबसे बेहतरीन नौकरशाहों में से एक हैं। मैंने खुद देखा है कि कमला ने कैसे बड़े-बड़े बैंकों को चुनौती दी, कामगारों की मदद की और महिलाओं और बच्चों को शोषण से बचाया।
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डोनाल्ड ट्रम्पः कमला हैरिस वह व्यक्ति हैं जिन्होंने ऐसी कई कहानियां सुनाईं, जो सच नहीं थीं। डेमोक्रेटिक पार्टी की प्राइमरी बहसों में कमला बेहद बुरी और डरावनी थीं। बिडेन का हैरिस को चुनना दिखाता है कि कैसे वे एक खोखली योजना को अतिवादी वामपंथी एजेंडे से भर रहे हैं।
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बराक ओबामाः कमला हैरिस इस पद के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने अपने पूरे करियर को हमारे संविधान को बचाने के लिए लगाया है और उन लोगों की लड़ाई लड़ी है जिन्हें यहां जायज़ हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया। राष्ट्रपति दावा करते हैं कि अमेजन के जंगल में लगी आग से कोई नुकसान नहीं हुआ। दूसरी तरफ, उनकी ही सरकार का विभाग कहता है कि अमेजन फॉरेस्ट में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। विभाग ने इसके आंकड़े भी जारी किए थे।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह बात दुनिया के सबसे बड़े रेन फॉरेस्ट की सीमा साझा करने वाले देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में कही। उन्होंने कहा- रेन फॉरेस्ट (ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट) आग नहीं पकड़ते । इसलिए यह कहना कि अमेजन के जंगल जल रहे हैं, सफेद झूठ है।
उधर, ब्राजील की नेशनल स्पेस एजेंसी (आईएनपी) के सैटेलाइट डेटा के मुताबिक, ब्राजील के अमेजन जंगल में लगी आग की घटनाएं पिछले साल जुलाई से लेकर इस साल जुलाई तक यानी एक साल में 28% बढ़ी हैं। पिछले महीने तक 6,803 घटनाएं हुई थीं। केवल जुलाई में ही 1057 घटनाएं हुईं। 3069 वर्ग किमी जंगल नष्ट हो चुका है।
अमेजन के जंगल में लगी आग और बढ़ती वनों की कटाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोल्सोनारो की काफी निंदा हुई थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आमतौर पर जंगल में आग स्वाभाविक रूप से नहीं लगती। जंगलों में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं खेती और पशुपालन के उद्देश्य से होती हैं।
पिछले साल मई से अक्टूबर आग से काफी नुकसान पहुंचा था
पिछले साल जंगल में लगी भीषण आग ने मई से अक्टूबर तक अमेजन को काफी नुकसान पहुंचाया। इसका असर हजारों किलोमीटर दूर साओ पाउलो तक हुआ। यूरोपियन यूनियन अर्थ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम के सैटेलाइट से ली गई फोटो में अमेजन, रोंडोनिया और अन्य राज्यों के जंगलों से आग की लपटें उठती दिखीं थीं। आग से बड़ी संख्या में वन्यजीवों की मौतें भी हुईं। साओ पाउलो और अन्य शहरों के ऊपर काला धुआं नजर आया था। विमानों की उड़ानें प्रभावित हुईं थीं।
वनक्षेत्र दुनिया का कुल 20% ऑक्सीजन पैदा करता है
ब्राजील का यह वनक्षेत्र दुनिया की कुल 20% ऑक्सीजन पैदा करता है। यह कुल 10% जैव-विविधता वाला क्षेत्र है। इस क्षेत्र को पृथ्वी के फेफड़े भी कहा जाता है। यह जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यदि यह वन क्षेत्र खत्म होता है तो इसका दुनिया पर बेहद बुरा असर पड़ेगा।
"On issues involving China's core interests, some people in the US must not harbour illusions, those who play with fire will get burned," said foreign ministry spokesman Zhao Lijian at a regular press briefing. "I would also like to remind the Taiwan authorities not to be... subservient to others, to rely on the support of foreigners, and to be bent on pursuing independence, which is a dead end," Zhao said.
Pakistan and the US have reviewed their bilateral relationship as top officials from the two countries took part in a virtual conference during which they also discussed the need for peace and stability in Afghanistan and South Asia.
पाकिस्तान को सऊदी अरब के सामने कश्मीर मुद्दा उठाने की मांग करना भारी पड़ गया। सऊदी अरब सरकार ने साफ कर दिया है कि अब पाकिस्तान को न तो कर्ज दिया जाएगा और न ही ऑयल यानी पेट्रोल-डीजल।
दरअसल, पाकिस्तान कुछ वक्त से चीन की शह पर सऊदी अरब और यूएई की आलोचना कर रहा है। वो लगातार ये मांग कर रहा है कि ये दोनों देश ओआईसी (ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की मीटिंग बुलाएं और इसमें कश्मीर मुद्दे पर चर्चा हो। सऊदी ओआईसी का अध्यक्ष है। भारत से उसके गहरे कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते हैं। लिहाजा, वो यह मांग मानने से इनकार करता रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री ने हाल ही में कुछ बयान ऐसे दिए जिससे यह संकेत गया कि पाकिस्तान सऊदी को धमका रहा है। उसने चीन से 1 अरब डॉलर का कर्ज लिया और इससे सऊदी की उधारी की पहली किश्त चुकाई। हालांकि, अब भी 5.2 अरब डॉलर का कर्ज बाकी है।
इस वजह से बिगड़े रिश्ते
भारत ने जब से कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाया है, तब से पाकिस्तान की मांग रही है कि ओआईसी देशों के विदेश मंत्रियों की इस मामले पर बैठक बुलाई जाए। लेकिन, सऊदी अरब इस मुद्दे पर तैयार नहीं है। उसने साफ तौर पर पाकिस्तान को इसके लिए मना कर दिया। इमरान खान सऊदी की आलोचना कर चुके हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक बयान में कहा था- अगर सऊदी बैठक नहीं बुला सकता तो मैं पीएम इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए कहूंगा जो कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ हैं। पाकिस्तान के पास विकल्प हैं।
कर्ज के दलदल में पाकिस्तान
रिश्ते बिगड़ने की एक वजह और है। सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 2018 में 6.2 अरब डॉलर दिए थे। इसमें 3 अरब डॉलर का लोन और 3.2 अरब डॉलर की ऑयल क्रेडिट फैसिलिटी थी। यह डील क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पाकिस्तान दौरे के समय हुई थी। हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान से कर्ज की पहली किश्त एक अरब डॉलर (करीब 7 हजार 482 करोड़ रुपए) चुकाने को कहा था। इसके बाद पाकिस्तान को चीन से उधार लेकर सऊदी के कर्ज की पहली किश्त चुकानी पड़ी।
सरकार नाकाम तो सेना ने संभाली कमान
कुरैशी के बयान के बाद आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच दूरियों को कम करने की पहल की। सोमवार को सऊदी अरब के राजदूत नवफ सईद अल- मलकी से मुलाकात की। लेकिन, बुधवार को सऊदी के कदम से साफ हो जाता है कि यह मुलाकात बेअसर रही।
कश्मीर मुद्दे पर कहीं से नहीं मिला समर्थन
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को कहीं से समर्थन नहीं मिल रहा है। इसी हफ्ते पाकिस्तान ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। पांच स्थायी देशों में से सिर्फ चीन ने उसका साथ दिया। ओआईसी में भी उसको समर्थन हासिल नहीं है। यूएन और ओआईसी में सिर्फ तुर्की उसका साथ देता है। महातिर मोहम्मद की कुर्सी गई और मोहिउद्दीन की अगुआई वाली नई सरकार आई तो मलेशिया ने भी कश्मीर के मुद्दे से तौबा कर ली।
हिंद महासागर में मॉरिशस के तट पर 25 जुलाई से फंसा जापान का जहाज अब कभी भी दो टुकड़ों में बंट सकता है। इस जहाज पर 2500 मीट्रिक टन तेल है। इसमें से एक हजार टन तेल रिस कर फैल चुका है। समुद्री सतह से तेल की सफाई करने में जुटे वॉलंटियर्स को मंगलवार को जहाज में नई दरारें नजर आईं। अगर यह जहाज टूटता है तो इससे हजारों समुद्री जीव मारे जाने का खतरा है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी काफी नुकसान होगा। समुद्र की सफाई आसान नहीं होगी।
जहाज पर 2500 मीट्रिक टन कच्चा तेल
मॉरिशस के सांसद सुनील द्वारका सिंह के मुताबिक, इस पर तेल से भरे तीन टैंक हैं। इनमें से एक टैंक से तेल का रिसाव शुरू हुआ था। फिलहाल, इस टैंक की मरम्मत कर दी गई है। फंसे हुए जहाज से दूसरे जहाजों और टैंकों की मदद से तेल निकालने का ऑपरेशन जारी है। कोशिश की जा रही है कि जहाज के टूटने से पहले सारा कच्चा तेल इससे निकाल लिया जाए। अब भी जहाज पर 2500 मिट्रिक टन कच्चा तेल है। मौसम अच्छा होने की वजह से जहाज को खाली करने का काम तेजी से किया जा रहा है।
मॉरिशस ने एनवॉयरमेंटल इमरजेंसी घोषित की
मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने इस मामले पर 8 अगस्त को एनवॉयरमेंटल इमरजेंसी यानी पर्यावरण आपातकाल का ऐलान किया था। देश के पर्यावरण मंत्री केवी रमनाओ ने कहा है कि यह हमारे देश के पर्यावरण से जुड़ा बड़ा संकट है। जहाज से तेल का रिसाव ऐसी जगह पर हुआ है जो ब्लू बे मरीन पार्क रिजर्व और आइलैंड के पास है। इससे मरीन रिजर्व पार्क के समुद्री जीवों और पौधों की कई प्रजातियों को खतरा है। आसपास कई समुद्री तट ऐसे हैं, जहां पर बड़ी तादाद में टूरिस्ट पहुंचते हैं। रिसाव के बाद मॉरिशस के कई समुद्री तटों पर पानी का रंग काला हो गया है।
फ्रांस और जापान ने अपनी टीमें मॉरिशस भेजी
फ्रांस के प्रधानमंत्री इम्मैनुएल मैक्रों ने अपनी रेस्पॉन्स टीमों को मॉरिशस रवाना कर दिया है। जापान ने भी अपनी 6 सदस्यों वाली डिजास्टर रिलीफ टीम भेजी है। तेल की सफाई के लिए 400 सी बूम को भी लगाया गया है। इसके साथ ही हजारों वॉलंटियर्स भी इसमें मदद कर रहे हैं। मॉरिशस ने मामला सामने आने के बाद इससे निपटने के लिए जरूरी सुविधाएं नहीं होने की बात कही थी और जापान और फ्रांस से मदद की अपील की थी।
खराब मौसम की वजह से जहाज को नुकसान हुआ था
कार्गो शिप एमवी वकाशियो जापानी कंपनी मिटसुई ओएसके लाइन्स की है। चीन से ब्राजील जाने के दौरान खराब मौसम की वजह से इस जहाज में दो हफ्ते पहले कुछ तकनीकी खराबी आई थी। निचली सतह में दरार की भी जानकारी मिली। इसके बाद से शिप को खाली किए जाने की मशक्कत जारी है। कंपनी ने तेल रिसने की वजह से हुए नुकसान को लेकर माफी मांगी है। कंपनी ने कहा है कि उसने मॉरिशस सरकार की मदद के लिए एक्सपर्ट टीम भेजने का फैसला किया है।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और खुद के संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए चीन को गिलगित-बाल्टिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे दी है। पाकिस्तान की सरकार ने यहां पर सोने, यूरेनियम और मोलिब्डेनम के खनन के लिए चीनी कंपनियों को करीब दो हजार से अधिक पट्टे जारी हैं।
यूएन में मुद्दा उठाएगी यूकेपीएनपी
यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) के प्रवक्ता नासिर अजीज खान ने इसकी जानकारी दी है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम यहां के नेचुरल रिसोर्स पर पाकिस्तानी लूट के षडयंत्र का पर्दाफाश करेंगे। जेनेवा में यूनाइटेड नेशंस के चौथे कन्वेशन में यह मुद्दा उठाएंगे।" अजीज जेनेवा में रहते हैं।
संविधान में नहीं है अधिकार
अजीज ने बताया कि पाकिस्तान के आर्टिकल 257 के मुताबिक सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में नेचुरल रिसोर्स को लूटने की छूट नहीं है। स्थानीय लोगों से भी सलाह नहीं ली जाती है। उनके हितों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। अगर कोई विरोध करता है तो उसे प्रताड़ित किया जाता है।
पाकिस्तान, चीन के साथ मिलकर दियामार डैम भी बना रहा
चीन और पाकिस्तान मिलकर दियामार में सिंधु नदी पर दियामर बाशा बांध बना रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार ने 444 अरब (पाकिस्तानी रुपए) का कॉन्ट्रैक्ट चीनी फर्म चाइना पॉवर और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ) के साथ साइन किया। एफडब्ल्यूओ पाकिस्तानी सेना की कमर्शियल विंग है, जो बांध आदि का निर्माण करती है। इसमें चीन की चाइना पॉवर की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी, जबिक पाकिस्तान की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
Joe Biden's firm belief in the experience and his extensive discussions with many friends, including former president Barack Obama who served as "a sounding board" over the last three months, helped the Democratic presidential nominee zero-in on Indian-origin Senator Kamala Harris as his vice-presidential running mate.