Thursday, December 19, 2019
Donald Trump seeks rapid exoneration in Senate after impeachment December 19, 2019 at 08:36PM
China-Brazil satellite launched into space to monitor Amazon rainforest December 19, 2019 at 08:38PM
जयशंकर ने कहा- ट्रम्प प्रशासन जो अखबार में पढ़ रहा था, मैंने उससे ज्यादा स्पष्ट तस्वीर पेश की December 19, 2019 at 08:47PM
वॉशिंगटन. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद के उच्च सदन (सीनेट) में फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने नागरिकता संशोधन कानून पर अपना पक्ष रखा। जयशंकर ने कहा, “ट्रम्प सरकार ने मुझसे नागरिकता संशोधन कानून पर अपना नजरिया पेश करने के लिए कहा। उनके अफसर जो अखबार में पढ़ रहे थे, मैंने कानून की उससे भी स्पष्ट तस्वीर उनके सामने पेश की।” भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 बैठक में नेताओं के बीच नागरिकता कानून पर बातचीत नहीं हुई।
‘भारत अपने सहयोगी चुनने के लिए आजाद’
जयशंकर के मुताबिक, सीनेट में अमेरिका के वीजा नियमों और काट्सा (व्यापार प्रतिबंध) कानून पर भी चर्चा हुई। अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर व्यापारिकप्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। जयशंकर ने इसके खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए कहा, “भारत कई अलग-अलग देशों से अपने हथियार खरीदता है। हमने हमेशा इस मामले में लचीलापन रखा है। हम अपने सहयोगी चुनने के लिए आजाद हैं। इसलिए लोगों को समझने की जरूरत है कि हमारी जरूरतें क्या हैं।”
ट्रम्प ने जयशंकर-राजनाथ से मिलने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से जयशंकर और राजनाथ की मुलाकात पहले से तय नहीं थी। हालांकि, दोनों नेता राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे।ट्रम्प ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए दोनों नेताओं के साथ ओवल ऑफिस में करीब 30 मिनट तक बैठककी।आमतौर पर राष्ट्राध्यक्ष दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ही बैठक करते हैं। अमेरिका में इससे पहले करीब 15 साल पहले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने तत्कालीन विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
विदेश मंत्री ने ट्रम्प के सामने भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए एच-1बी वीजा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के लिए एच-1बी वीजा की अहमियत समझाते हुए कहा कि अमेरिका को भारत से आने वाली प्रतिभाओं को नहीं रोकना चाहिए, क्योंकि यह आर्थिक सहयोग के लिए अहम है। यह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक पुल के तौर पर काम करता है।वीजा के बदले नियमों का भारतीयों परप्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और कोई भी बेवजह का कानून उन्हें रोकने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए।
भारतीय सांसद से मुलाकात रद्द, जयशंकर बोले- मिलने की जरूरत नहीं थी
जयशंकर ने सीनेट में चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत की। यहां उनसे भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल के साथ बैठक रद्द करने पर सवाल किया गया। दरअसल, जयपाल ने कुछ ही दिन पहले अमेरिकी संसद में कश्मीर में प्रतिबंध हटाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया था। वॉशिंगटन पोस्ट ने 2+2 मीटिंग से ठीक पहले रिपोर्ट में कहा था कि भारत के लिए कश्मीर संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने जयपाल से मुलाकात रद्द करने का फैसला किया।
इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर सांसद प्रमिला जयपाल की रिपोर्ट ठीक थी। सरकार कश्मीर में क्या कदम उठा रही है, उन्हें इसकी समझ नहीं है। इसलिए मुझे उनसे मिलने की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई।
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Congressional resolution on Kashmir not fair characterisation of situation in J&K: Jaishankar December 19, 2019 at 07:33PM
महिला यात्री को इकोनॉमी सीट पर बैठने में तकलीफ थी, युवा पैसेंजर ने बिजनेस क्लास में यात्रा कराई December 19, 2019 at 07:04PM
न्यूयॉर्क. न्यूयॉर्कसे लंदन जा रही वर्जिन एटलांटिक फ्लाइट की इकोनॉमी सीट पर 88 साल की बुजुर्ग वॉयलेट एलिशन यात्रा कर रही थी। उनके घुटने का प्रत्यर्पण हुआ था। इस कारण वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थीं। इसे बिजनेस क्लास में सफर रहे एक अन्य यात्री जैक लिटिनजॉन ने देख लिया। इसके बाद जैक महिला के पास पहुंचे और उनसे बिजनेस क्लास में सफर करने के बारे में पूछा। वॉयलेट को पहले तो भरोसा नहीं हुआ। उन्होंने जैक से पूछा क्या वह उससे मजाक कर रहा है,लेकिन जैक ने सीरियसली उन्हें ऑफर देने की बात कही तो वॉयलेट ने इसे स्वीकार कर लिया।
10 दिसंबर के बाकये की जानकारी फ्लाइट अटैंडेंट लेह एमी ने अपने फेसबुक पर पेज पर अपलोड की। एमी की यह पोस्ट गुरुवार को पूरे अमेरिका समेत दुनियाभर में 3200 बार शेयर की गई। एमी ने लिखा, मैंने सैंकड़ों फ्लाइट अटैंडेंट की हैं। इनमें फुटबॉलर्स, हॉलिवुड सेलेब्स और सुपर मॉडल्स की पार्टियों का आनंद लिया है। आज मैंआपको अपने सबसे पसंदीदा दो यात्रियों के बारे में बता रहा हूं। वे हैं-जैक और वॉयलेट।
महिला को तकलीफ देख ऑफर दिया
एमी ने अपनी पोस्ट में बताया, वॉयलेट ने न्यूयार्क से लंदन के लिए 7 घंटे के ओवर नाइट फ्लाइट ली थी। वह अपनी बेटी के पास जा रही थी। उनके घुटने का ऑपरेशन हुआ था, जिस कारण वह इकोनॉमी सीट पर ठीक से बैठ नहीं पा रही थी। इसे डबल डेकर प्लेन की अपर बिजनेस क्लास में सफर रहे जैक ने देखा और वॉयलेट को बिजनेस क्लास में सफर का ऑफर दिया। एमी ने बताया, वॉयलेट हमेशा से ही विमान के फ्रंट सेक्शन में यात्रा का सपना देखती थीं, लेकिन वह पूरा नहीं हो सका था। इस ऑफर के बाद उन्हें यह मौका मिला था।
सभी का सपना पूरा नहीं होता
एमी के मुताबिक, वॉयलेट ने कहा, अधिकांश यात्री बिजनेस क्लास में यात्रा करने का सपना देखते हैं, लेकिन सबको जैक जैसा यात्री नहीं मिलता, जो अपने सीट पर यात्रा कराकर दूसरे का सपना पूरा करा सके। इधर, जैक ने कहा, वह चाहते हैं, वॉयलेट कीस्थिति को देखते हुए एयरलाइन उनके लिए हमेशा ही बिजनेस क्लास में सफर का ऑफर करे।
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जयशंकर ने कहा- ट्रम्प प्रशासन जो अखबार में पढ़ रहा था, मैंने उससे ज्यादा स्पष्ट तस्वीर पेश की December 19, 2019 at 07:00PM
वॉशिंगटन. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद के उच्च सदन (सीनेट) में फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने नागरिकता संशोधन कानून पर अपना पक्ष रखा। जयशंकर ने कहा, “ट्रम्प सरकार ने मुझसे नागरिकता संशोधन कानून पर अपना नजरिया पेश करने के लिए कहा। उनके अफसर जो अखबार में पढ़ रहे थे, मैंने कानून की उससे भी स्पष्ट तस्वीर उनके सामने पेश की।” भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 बैठक में नेताओं के बीच नागरिकता कानून पर बातचीत नहीं हुई।
जयशंकर के मुताबिक, सीनेट में अमेरिका के वीजा नियमों और काट्सा (व्यापार प्रतिबंध) कानून पर भी चर्चा हुई। इसके बाद वे और रक्षा मंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिले। जयशंकर ने बताया कि उन्होंने ट्रम्प से अपील की है कि भारत से अमेरिका पहुंचने वाली प्रतिभाओं पर वीजा के बदले नियमों का कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और कोई भी बेवजह का कानून उन्हें रोकने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए।
ट्रम्प ने जयशंकर-राजनाथ से मिलने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से जयशंकर और राजनाथ की मुलाकात पहले से तय नहीं थी। हालांकि, ट्रम्प ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए दोनों नेताओं के साथ बैठक की। आमतौर पर राष्ट्राध्यक्ष दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ही बैठक करते हैं। अमेरिका में इससे पहले करीब 15 साल पहले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने तत्कालीन विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
भारतीय सांसद से मुलाकात रद्द, जयशंकर बोले- मिलने की जरूरत नहीं थी
जयशंकर ने सीनेट में चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत की। यहां उनसे भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल के साथ बैठक रद्द करने पर सवाल किया गया। दरअसल, जयपाल ने कुछ ही दिन पहले अमेरिकी संसद में कश्मीर में प्रतिबंध हटाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया था। वॉशिंगटन पोस्ट ने 2+2 मीटिंग से ठीक पहले रिपोर्ट में कहा था कि भारत के लिए कश्मीर संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने जयपाल से मुलाकात रद्द करने का फैसला किया।
इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर सांसद प्रमिला जयपाल की रिपोर्ट ठीक थी। सरकार कश्मीर में क्या कदम उठा रही है, उन्हें इसकी समझ नहीं है। इसलिए मुझे उनसे मिलने की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई।
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Trump rails against delay in moving impeachment to Senate December 19, 2019 at 06:29PM
US wants Pak to take immediate and irreversible action on terrorism December 19, 2019 at 06:22PM
Democratic 2020 candidates lash Trump before debating policy December 19, 2019 at 05:51PM
ट्रम्प महाभियोग प्रस्ताव पर जल्द ट्रायल चाहते हैं; पूर्व अफसर ने कहा- डेमोक्रेट्स अपने ही लोगों को निशाना बना रहे December 19, 2019 at 05:55PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने महाभियोग प्रस्ताव पर सीनेट में तत्काल ट्रायल की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (निचला सदन) में डेमोक्रेट्स ने उचित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई नहीं की। उधर, पूर्वट्रेजरी अधिकारी पॉल क्रेग रॉबर्ट्स ने कहाकि ट्रम्प पर महाभियोग लगाकर डेमोक्रेट्स अपने ही लोगों कोनिशाना बना रहे हैं।
ट्रम्प ने गुरुवारको ट्वीट किया, ‘‘डेमोक्रेट्स के पास संसद में कोई वकील, कोई भी गवाह, कुछ नहीं है। अब वे सीनेट को भी यह बताना चाहते हैं कि ट्रायल कैसे किया जाता है। दरअसल, इन लोगों के पास कोई सबूत नहीं है। वह कभी दिखा भी नहीं सकते। वे बाहर होना चाहते हैं और मैं जल्द से जल्द ट्रायल चाहता हूं।’’
न्यूज एजेंसी स्पुतनिक के मुताबिक, उन्होंने ट्वीट किया- हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिवमें डेमोक्रेट्सको अपने समर्थन में रिपब्लिकन से एक भी वोट नहीं मिला। रिपब्लिकन कभी भी एकजुट नहीं हुए।इससे पहले ट्रम्प ने स्पीकर नैंसी पेलोसी से कहा था कि वेसीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पेश करने से डरती हैं।
सीनेट में जनवरी में ट्रायल शुरू होने की उम्मीद
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बुधवार को ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। प्रस्ताव के पक्ष में 230 और विपक्ष में 197 वोट पड़े। अल जजीरा के मुताबिक, रिपब्लिकन नियंत्रित सीनेट में ट्रायल के जनवरी में शुरू होने की उम्मीद है।ट्रम्प अमेरिकी इतिहास में तीसरे ऐसे राष्ट्रपति बन गए, जिनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है। इससे पहले एंड्र्यू जॉनसन और बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। हालांकि, सीनेट में प्रस्ताव को बहुमत नहीं मिली।
‘महाभियोगडेमोक्रेट्स द्वारा लाया गया एक राजनीतिक ड्रामा’
पूर्व अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारी पॉल क्रैग रॉबर्ट्स ने कहा है कि महाभियोग सर्कस डेमोक्रेट्स द्वारा लाया गया एक राजनीतिक ड्रामा है। इसका कोई सबूत या विश्वसनीय गवाह नहीं है। महाभियोग के बारे में सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि ऐसी कार्रवाई एक लोकतांत्रिक चुनाव को पलटने की कोशिश है। प्रस्ताव लाकर अमेरिका अब अपनी ही आबादी को निशाना बना रहा है, जैसे अमेरिका ने वेनेजुएला, बोलीविया, होंडुरास और यूक्रेन के खिलाफ कार्रवाई की है।
ट्रम्प पर शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने दो डेमोक्रेट्स और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी। जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव की अखंडता को कमजोर किया। उन्होंने अपने पद की शपथ का भी उल्लंघन किया। अमेरिका की संवैधानिक प्रणालियों जैसे जांच और संतुलन, शक्तियों का पृथक्ककरण और कानून के नियमों को चुनौती दी।
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Sharif diagnosed with complicated heart disease December 19, 2019 at 05:19PM
कोर्ट ने कहा- मुशर्रफ मर भी जाए तो शव को घसीटकर चौराहे पर लाओ, 3 दिन वहीं टांगो December 19, 2019 at 07:37AM
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में देशद्रोह मामले में पूर्व सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई गई। इसके दो दिन बाद यानि गुरुवार कोविशेष अदालत का इस मामले पर विस्तृत फैसला आया। 167 पेज के इस फैसले में कहा गया कि सजा पर अमल किए जाने के पहले यदि मुशर्रफ की मौत भी हो जाए तो उसका शव घसीटकर लाया जाए। शव को तीन दिनों तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए।
यह पहली बार है जब पाकिस्तान में किसी सैन्य शासक को मौत की सजा सुनाई गई है। इस फैसले पर तीन जजों की पीठ ने एक मुकाबले दो के बहुमत से मुहर लगाई थी। फैसले में कहा गया कि वो भी इस मामले में बराबर के भागीदार हैं जिन्होंने न सिर्फ मुशर्रफ का साथ दिया बल्कि उन्हें सुरक्षा भी दी।
मुशर्रफ ने कहा- सुनवाई में शुरूसे अंत तक कानून को नजरअंदाज किया गया
मुशर्रफ ने कहा- मैंने टेलीविजन पर अपने खिलाफ विशेष अदालत का फैसला सुना। इससे पहले पाकिस्तान में ऐसा कभी नहीं हुआ,जब वादी या उसके वकील को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया हो। मैं इस फैसले को संदिग्ध मानता हूं। सुनवाई में शुरूसे अंत तक कानून को नजरअंदाज किया गया।
कमीशन अगर दुबई आकर बयान ले तो मैं तैयार: मुशर्रफ
पूर्व सैन्य प्रशासक ने कहा किविशेष कमीशन दुबई आकर बयान लेता है तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने बयान दर्ज करने के लिए अनुरोध भी किया था लेकिन, इसे नहीं माना गया। वे पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का सम्मान करते हैं। चीफ जस्टिस खोसा की तरह उनका भी मानना है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं।
मुशर्रफ ने खोसा की कार्यशैली पर सवाल उठाया
उन्होंने कहा कि मेरे विचार में चीफ जस्टिसखोसा ने इस मामले में फैसला सुनाने मेंतेजी दिखाई। ऐसा करके उन्होंने अपना इरादा जाहिर किया है। जिस जज ने मेरे कार्यकाल के दौरान निजी फायदा उठाया, वह कैसे मेरे खिलाफ फैसला दे सकता है। कानूनी सलाह लेने के बाद मैं आगे की योजना तैयार करूंगा। उन्होंने पाकिस्तान की जनता और सैन्य बलों को उनकी सेवाएं याद करने के लिए धन्यवाद दिया।
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Australia's most populous state declares wildfire emergency December 19, 2019 at 06:19AM
भारत में पहली बार नागरिकता को धर्म से जोड़ा, मोदी की कट्टर छवि और स्पष्ट हुई December 19, 2019 at 04:21AM
नई दिल्ली. नागरिकता कानून पर देशभर में जारी प्रदर्शन पर वर्ल्ड मीडिया ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। हिंसक प्रदर्शन और कानून को लेकर वर्ल्डने कहा कि इस कानून से मोदी की कट्टर छवि सामने आई। इसने भारतीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांत को कमजोर किया। यह पहला ऐसा कदम है, जिसने नागरिकता को धर्म से जोड़ा है। मोदी ने बहुमत से सरकार बनाई, लेकिन उनकी सरकार में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन है,जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
न्यूयॉर्क टाइम्स
इस कानून से मोदी की कट्टर छवि स्पष्ट रूप से सामने आई। नागरिकता बिल पहला कदम है, जिसने भारतीयलोकतंत्र के मूल सिद्धांत को कमजोर किया। मानवाधिकार समूहों और कई देशों की सरकारों ने इस कानून की आलोचना भीकी। अमेरिकी विदेश विभाग नेभारत से अपील की है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखकर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे। विरोध ने जाहिर कर दिया है कि भारत के लोग हिंदू-राष्ट्रवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं देंगे। इसकानून को सुप्रीम कोर्ट में रोका जा सकता है। इस मामले में जनवरी में सुनवाई होनी है। यह कानून भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा है।
सीएनएन
मोदी को भारत में व्यापक समर्थन मिला और वे इसका भरपूर लुत्फ उठा रहे हैं। नागरिकता कानून की पहल सेनागरिकों को काफी नुकसान हुआ। अर्थव्यवस्था डगमगा गईहै। अगस्त में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाकर कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शाषित प्रदेश में बांटा गया था, तब भी कुछ लोग सड़कों पर उतरे थे। यह समझा जा सकता है कि सरकार नागरिकता बिल के संभावित परिणामों का अनुमान लगाने में क्यों विफल रही। मोदी ने सोमवार को जनता को आश्वस्त करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी भारतीय को चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन, इसका प्रभाव नजर नहीं आया।
गार्जियन
भारत विविधताओं वालादेश है। पिछले 6 सालों से मोदी काकिसी न किसी योजना या नीति को लेकर विरोध होता रहा है। अब उनके कार्यकाल में सबसे बड़ा प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मोदी-विरोधी ताकतें दिख रही हैं,जो अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर साथ खड़ी हैं।सरकार का तर्क है कि गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक अक्सर बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का सामना करते हैं। सताए गए मुसलमानों के पास एशिया में जाने के लिए कई जगहें हैं, जैसे कि मलेशिया या इंडोनेशिया। हिंदुओं के पास केवल भारत है और इसलिए उन्हें और अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता के लिए प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उधर, मोदी आलोचकों का कहना है कि यह कानून भारत के हिंदू राष्ट्र होने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
बीबीसी
सरकार का कहना है कि इस कानून से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले लोगों को भारत में शरण मिलेगी। आलोचकों का कहना है कि इसका वास्तविक एजेंडा भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को कम करना है। सरकार की योजना है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का प्रयोग कर सभी घुसपैठियों को 2024 तक देश से बाहर कर दिया जाएगा। एनआरसी पहले ही उत्तर-पूर्वी राज्य असम में लागू किया जा चुका है। इसकी लिस्ट में असम के करीब 19 लाख लोगों के नाम नहीं हैं। आलोचक यह भी कहते हैं कि यह कानून भारत के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
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बांग्लादेश ने 26 भारतीय सैनिकों को सम्मानित किया, 1971 के भारत-पाक युद्ध में शामिल हुए थे December 19, 2019 at 01:53AM
ढ़ाका. बांग्लादेश ने 1971 के भारत-पाक युद्ध लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को सम्मानित किया है। आजादीयुद्ध मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश की आजादी के लिए लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में ढाका के होटल में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें 26 भारतीय और पांच रूसी सैनिकों को सम्मानित किया गया। भारतीय सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र सिंह कादयन ने की।
बांग्लादेश के आजादी युद्ध मामलों के मंत्री एकेएम मोजम्मल हक ने कहा कि दोनों देशों के सैनिक प्रतिनिधिमंडल 14 दिसंबर को बांग्लादेश पहुंचे थे। यहां इन्हें विजय दिवस के अवसर पर विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। अपने दौरे में सैनिकों ने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत किया।
आजादी की लड़ाई में भारत ने जैसी मदद की वह, ईतिहास में दुर्लभ: हक
हक ने कहा, बांग्लादेश की आजादी में इंदिरा गांधी, भारत के लोगों और सैन्य बलों ने जिस प्रकार से मदद की वह इतिहास में दुर्लभ है। युद्ध के दौरानतत्कालीन सोवियत यूनियन ने युद्धबंदीके लिए अमेरिका के प्रस्ताव को वीटो किया और बांग्लादेश की मदद की। इससे बांग्लादेश को आजादी मिल सकी। उन्होंने इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय और रूसी सैनिकों को याद किया और दोनों देशों के प्रति आभार प्रकट किया।
1971 में केवल 12 दिन में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त किया था
भारत पाकिस्तान 1971 के युद्ध में भारत की 12 दिनों में जीत हो गई और एक स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माण में मुख्य भूमिका उस अत्याचार की थी जो वेस्ट पाकिस्तान, ईस्ट पाकिस्तान पर कर रहा था। इस अत्याचार से निपटने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी सेना बनी जिसे भारतीय सेना ने सहयोग दिया था।भारतीय फौज ने करीब 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था।
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फांसी की सजा पर मुशर्रफ ने कहा- मैं आपसी दुश्मनी का शिकार हुआ, कोर्ट का फैसला संदिग्ध December 18, 2019 at 11:35PM
इस्लामाबाद. फांसी की सजा पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कोर्ट के फैसले को संदिग्ध बताया है। उन्होंने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि मैं आपसी दुश्मनी का शिकार हुआ। निजी दुश्मनी के आधार पर मुझे सजा सुनाई गई। मुशर्रफ को मंगलवार को विशेष अदालत ने 3 नवंबर 2007 में संविधान को स्थगित कर इमरजेंसी लागू करने के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। वे फिलहाल दुबई में हैं, गंभीर रुप से बीमार होने के कारण उनका इलाज चल रहा है।
मुशर्रफ ने कहा- मैंने टेलीविजन पर अपने खिलाफ विशेष अदालत का फैसला सुना। इससे पहले पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ जब वादी या उसके वकील को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया हो। मैं इस फैसले को संदिग्ध मानता हूं। सुनवाई में शुरूसे अंत तक कानून को नजरअंदाज किया गया।
कमीशन अगर दुबई आकर बयान ले तो मैं तैयार: मुशर्रफ
पूर्व सैन्य प्रशासक ने कहा कि विशेष कमीशन दुबई आकर बयान लेता है तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने बयान दर्ज करने के लिए अनुरोध भी किया था लेकिन, इसे नहीं माना गया। वे पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था का सम्मन करते हैं। मुख्य न्यायाशीध खोसा की तरह उनका भी मानना है कि कानून के सामने सभी एक समान हैं।
मुख्य न्यायाधीश खोसा की कार्यशैली पर सवाल किया
उन्होंने कहा कि मेरे विचार में मुख्य न्यायाधीश खोसा ने इस मामले में तेजी से फैसला दिया। ऐसा करके उन्होंने अपना इरादा जाहिर किया है। जिस जज ने मेरे कार्यकाल के दौरान निजी फायदा उठाया वह कैसे मेरे खिलाफ फैसला दे सकता है। कानूनी सलाह लेने के बाद मैं आगे की योजना तैयार करूंगा। उन्होंने पाकिस्तान की जनता और सैन्य बलों को उनकी सेवाएं याद करने के लिए धन्यवाद दिया। ।
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न्यूयॉर्क में अचानक बर्फ की आंधी आई, अंधेरा छाया; वीडियो वायरल December 18, 2019 at 10:56PM
न्यूयॉर्क (अमेरिका). शहर मेंबुधवार कोमौसम का अलग रंग ही देखने को मिला। शहर के ज्यादातर इलाके पर अचानक बर्फ के बादल और बर्फ की घूल (स्नो स्क्वॉल) छा गई। इससे जुड़े वीडियो लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किए। इनमें तेजी से बर्फ के बादल बहुमंजिला इमारत पर छाते दिखे।
न्यूयॉर्क में नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, स्नो स्क्वॉल शहर के सेंट्रल पार्क में 0.4 इंच बर्फ छोड़ गया। नेशनल वेदर सर्विस ने इसे लेकर बुधवार सुबह चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया था कि बर्फ की आंधी शाम 4:15 बजे सकती है।
क्या होता है स्नो स्क्वॉल
मौसम विभाग के मुताबिक, स्नो स्क्वॉल यानी बर्फ की आंधी अचानक और बहुत तेजी से आती है। यह अपने साथ तेज हवा भी लाती है। बर्फ की आंधी बहुत ही कम वक्त के लिए होती है। आमतौर पर इसकी अवधि तीन घंटा होती है।
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देशभर में सूखे की स्थिति के बीच चोरों ने 3 लाख लीटर पानी चुराया, पुलिस ने टैंकरों की तलाश शुरू की December 18, 2019 at 10:46PM
सिडनी. ऑस्ट्रेलिया में इस साल गर्मी के मौसम में स्थितियां काफी खराब हुई हैं। पिछले दो महीने से जंगलों में लगी आग और बारिश की कमी के चलते पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर इलाकों में जलाशय सूखने की कगार पर आ गए हैं। इस बीच चोरों ने न्यू साउथ वेल्स के एक सूखा प्रभावित इलाके से 3 लाख लीटर पानी चुरा लिया। पुलिस ने चोरों की तलाश शुरू कर दी है। बताया गया है कि चोरों ने सिडनी से तीन घंटे की दूरी पर स्थित इवांस प्लेन में एक निजी प्रॉपर्टी से दो टैंकों के बराबर पानी चुरा लिया।
पुलिस ने घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है। जांचकर्ता लोगों से यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने किसी ट्रक या लोडर को इवांस प्लेन से टैंकर ले जाते तो नहीं देखा। पुलिसकर्मियों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले काफी समय से सूखे के हालात हैं। ऐसे में पानी की कमी के चलते चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया।
बांधों में पानी न्यूनतम स्तर पर पहुंचा
न्यू साउथ वेल्स में इस वक्त भयानक सूखे के हालात हैं। इवांस प्लेन में स्थित बाथर्स्ट पुलिस डिपार्टमेंट का कहना है कि इस वक्त शहर में मौजूद बांध में पानी का स्तर 37% पहुंच गया है। यह बांध बनने के बाद से उसमें पानी का सबसे कम स्तर है। गर्मी की वजह से हर हफ्ते पानी का 1.1% की दर से वाष्पीकरण हो रहा है। फिलहाल बारिश के भी कोई आसार नहीं दिख रहे।
सिडनी में धुएं और राख से भी पानी के खराब होने की आशंका
न्यू साउथ वेल्स की राजधानी सिडनी जंगलों में लगी आग की वजह से बुरी तरह प्रभावित है। यहां जंगलों से धुआं शहर तक पहुंच गया था, जिससे लोगों को अपने घर छोड़कर निकलना पड़ा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, जंगलों की आग से निकला धुएं और राख की वजह से ज्यादातर जलाशयों का पानी प्रभावित हुआ है। पानी की क्वालिटी जांचने वाले इंजीनियर्स में शामिल स्टुअर्ट खान का कहना है कि पानी में जितना ज्यादा गाद (राख) जमेगी उतना ही उसे साफ करना मुश्किल होगा। ऐसे में हो सकता है स्थानीय लोगों कोपीने के लिएखराब पानी पहुंचे।
ऑस्ट्रेलिया में 41.9 डिग्री पहुंचा औसत तापमान
ऑस्ट्रेलिया में गुरुवार को लगातार दूसरा सबसे गर्म दिन रहा। देशभर में तापमान का औसत 41.9° रहा। माना जा रहा है कि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में तापमान 50° तक पहुंच जाएगा। साथ ही 60 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार वाली गर्म सूखी हवाओं की वजह से आग लगातार सिडनी की तरफ बढ़ रही है। फिलहाल करीब 2000 दमकलकर्मी आग बुझाने में लगे हैं।
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