Monday, March 30, 2020
Italy extends lockdown until 'at least' April 12 March 30, 2020 at 08:02PM
विजय माल्या ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी, एक बार फिर कर्ज चुकाने का ऑफर दिया March 30, 2020 at 07:12PM
लंदन. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (63) ने लॉकडाउन के बहाने सरकार से मदद मांगी है। माल्या ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस का पूरा कर्ज चुकाने का ऑफर दिया है। उसने उम्मीद जताई है कि संकट की इस घड़ी में वित्त मंत्री उसकी बात सुनेंगी। माल्या ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार ने लॉकडाउन कर बहुत अच्छा फैसला लिया है। मेरी सभी कंपनियों में काम बंद है। लेकिन, हम कर्मचारियों को घर नहीं भेज रहे और उनका खर्च उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार को मदद करनी चाहिए।
माल्या ने कहा- बैंक पैसे लेने को तैयार नहीं
माल्या मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। उसकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का केस चल रहा है। वह पहले भी कई बार कर्ज चुकाने का ऑफर दे चुका है। इस बार भी कहा है कि ना तो बैंक पैसे लेने को तैयार हैं, ना ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अटैच प्रॉपर्टी रिलीज करना चाहता है।
कोरोना से बचने के लिए घर में रहें
माल्या ने लॉकडाउन को गंभीरता से लेने का मैसेज भी दिया है। उसने कहा है कि सुरक्षित रहना और सोशल डिस्टेन्सिंग अहम है। घर में रहकर यह संभव है। अपने परिवार और पेट्स के साथ वक्त गुजारिए। मैं भी यही कर रहा हूं। हम सभी को अपनी बहादुरी का अहसास है लेकिन, यह एक अनजान दुश्मन को चुनौती देने लायक नहीं, क्योंकि यह दुश्मन पुलवामा या कारगिल जैसा नहीं है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
US President Donald Trump says US to send medical supplies to Italy, France, Spain March 30, 2020 at 06:44PM
ब्रिटेन में लॉकडाउन के बावजूद नीली झील देखने पहुंच रहे थे लोग, पुलिस ने काली डाई घोल दी March 30, 2020 at 06:02AM
लंदन. दुनियाभर में कोरोनावायरस के संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया है। कोशिश की जा रही है कि लोग कम से कम घरों से निकलें,जिससे संक्रमण को रोका जा सके। ब्रिटेन में भी लॉकडाउन घोषित किया गया है, लेकिन यहां भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे। लंदन से 170 किलोमीटर दूसर बक्सटन की हर्पर हिल में नीली झील को देखने के लिए लोग लगातार पहुंच रहे थे। अब यहां की पुलिस ने भीड़ को कम करने के लिए झील में काली डाई घोल दी है। इस झील का नाम ब्लू लैगून है।
बक्सटन पुलिस ने 25 मार्च को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हमें पता चला था कि लोग ब्लू लैगून झील में इकट्ठा हो रहे हैं। इस पर हम वहां पहुंचे और झील में काले रंग की डाई दाल दी, ताकि यह लोगों को कम सुंदर लगे।’’ बिट्रेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले सोमवार को देश में लॉकडाउन घोषित किया था। लोगों से घरों में रहने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आप नियम नहीं मानेंगे तो पुलिस कड़े कदम भी उठा सकती है।
झील के पानी में जहरीले केमिकल
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्लू लैगून में पानी में जहरीले रसायन है। यहां का पीएच लेवल 11.3 है। पीएच लेवल पानी के अम्लीय और क्षारीय होने के बारे में बताता है। पीएच का मतलब पोटेंशियल ऑफहाइड्रोजन होता हैयानीकी पानी में हाईड्रोजन कितना मौजूद है। पानी में जितनीकम हाइड्रोजन होगी, पीएच लेवल उतना ही ज्यादा होगा और पानी उतना ही झारीय होगा। अगर हाइड्रोजन कम है तो पीएच लेवल कम होगा और पानी अम्लीय होगा। उदाहरण के तौर पर कपड़े धोने के ब्लीच का पीएच लेवल 12 होता है। इसी वजह से पुलिस ब्लू लैगून में लोगों को तैरने से रोकने के लिए तैनात रहती है।
पीएम जॉनसन और प्रिंस चार्ल्स हो चुके हैं संक्रमित
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनस और प्रिंस चार्ल्स भी कोरोनावायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके साथ ही यहां के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक और स्वास्थ्य सचिव नडाइन डोरिस भी कोरोना से संक्रमित हो चुकी हैं। सोमवार तक यहां संक्रमण के 22 हजार141 मामले सामने आ चुके हैं और 1408 लोगों की मौत हो चुकी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
मानव समाज से हाथ मिलाना और गले मिलना खत्म हो जाएगा, इस व्यवहार से भावनाओं को ज्यादा खतरा March 30, 2020 at 05:30PM
लंदन. दुनिया में तेजी से फैल रही महामारी के कारण लोगों में सोशल डिस्टेंस बढ़ रहा है। लोग एक दूसरे के पास जाने के बच रहे हैं। हाथ मिलाना और पब्लिकली गले मिलना अभी लगभग बंद ही है। लोगों के इस बदलते व्यवहार को लेकर वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आने वाले कुछ सालों के बाद मानव समाज से हाथ मिलाना और गले मिलने जैसी सामाजिक परंपराएं विलुप्त हो जाएंगी।
डेलिगेशन, बिजनेस मीटिंग और कॉन्फ्रेंस में लंबे समय तक हाथ मिलाते रहने वाले राजनीतिज्ञ और कारोबारी इसकी जगह दूसरे विकल्प तलाशेंगे। शरीर पर मौजूद वायरस को मारने और कपड़ों के साथ-साथ आसपास की चीजों की सतहों को साफ करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इससे सैनिटाइज जैसे पदार्थों की बिक्री बढ़ेगी और वे महंगे भी होंगे।
6 महीने बाद ही हम इसे आदत बना लेंगे
नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर रॉबर्ट डिंगवाल के मुताबिक, ‘‘यूके में 6 महीने या उससे ज्यादा समय के लिए सोशल डिस्टेंस को बनाए रखा जा सकता है। इसके बाद ये आदतें हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाएंगी। फिर हमारा ध्यान लंबे समय तक हाथ मिलाने से ज्यादा देर तक हाथ धोने में रहेगा।’’
6 तक भी ठीक डेढ़ साल चला तो व्यवहार बदलेगा
पूर्व अमेरिकन सोशलॉजिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जो फ्येगिन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि सोशल डिस्टेंसिंग लंबे समय तक बनी रहेगी, हालांकि यह #मी टू जैसे अभियान के कारण पहले ही बढ़ गई थी। हम अपने परिचितों से शायद ही 6 फीट की दूरी पर हमेशा रह पाएं, लेकिन हम उनसे उतनी बार गले नहीं मिल पाएंगे जितना 5 साल पहले मिलते थे। यदि लॉकडाउन 6 महीने से कम समय के लिए रहता है तो हम स्वच्छता को बढ़ा सकेंगे। यह किसी तरह बुरा नहीं होगा। लेकिन यदि यह डेढ़ साल के आसपास रहा तो हमारे व्यवहार में बदलाव आने की संभावना ज्यादा है।’’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन अगले साल तक इसे तैयार कर सकती है, इंसानों पर ट्रायल की तैयारी शुरू March 30, 2020 at 05:23PM
वॉशिंगटन. अमेरिकी फार्मा कंपनीजॉनसन एंड जॉनसन (जे एंड जे) अगले साल तक कोरोना का टीका तैयार कर सकतीहै। इसे इमरजेंसी में उपयोग किया जा सकेगा। कंपनी ने सोमवार को बताया कि इसके लिए एक उपयुक्त कैंडिडेट वैक्सिन वायरस चुन लिया गया है। ऐसे में अब इंसानों पर इसके ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस काम पर 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब 100 करोड़ रुपए)का निवेश किया जाएगा। जे एंड जे ने इसके लिए अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल रिसर्च डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
कैंडिडेट वैक्सिन (सीवी) एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस होता है। इसे लैब में तैयार किया जाता है। इसका कई चरणों में ट्रायल किया जाता है। इंसानों से पहले जानवरों पर इसका ट्रायल होता है।असरकारी होने पर वैक्सिन निर्माता टीका तैयार करने के लिए है तो इसका उपयोग करते हैं।
जनवरी में ही टीका तैयार करने का काम शुरू हो गया था
कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टोफेल्स बताया कि जनवरी में ही इस पर काम शुरू कर दिया गया था। कोरोना का टीका तैयार करने के लिए इबोला वायरस टीका बनाने के लिए अपनाई गई तकनीक इस्तेमाल की जाएगी। स्टोफेल्स ने बताया कि उनकी टीम ने कुछ कोल्ड वायरस को मिलाकर यह कैंडिडेट वैक्सिन बनाया है। यह कुछ हद तक कोरोनावायरस की तरह है। उम्मीद है कि यह इंसानों में कोरोना के लिए प्रतिरोधी क्षमता पैदा कर सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले कई कैंडिडेट वैक्सिन तैयार किए गए थे। कई जानवरों पर इसका ट्रायल किया गया, जिसमें 12 हफ्ते का समय लगा। इसके बाद इनमें से सबसे उपयुक्त सीवी चुना गया।
कोरोना वायरस फैमिली के लिए अभी तक नहीं तैयार है टीका
उन्होंने कहा कि हमने इसका आकलन किया कि किस कैंडिडेट वायरस को अपस्केल किया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया गया कि यह टीका काम भी करे और इसे ज्यादा तादाद में तैयार भी किया जा सके। कोरोनावायरस फैमिली के किसी भी वायरस के लिए अभी तक सफलतापूर्वक टीका तैयार नहीं किया जा सका है। हालांकि, हमें इसे तैयार करने का विश्वास है। क्योंकि, हम एक ऐसी टीम के साथ काम कर रहे हैं जिसने 2002-03 के बीच 800 लोगों की जान लेने वाले सार्स वायरस के लिए टीका तैयार किया था।
मॉडर्ना कंपनी ने टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल पूरा किया था
अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना दुनिया की पहली कंपनी थी, जिसने बीते 16 मार्च को टीके का फेज-1 क्लीनिकल ट्रायल कर लिया। कंपनी के अमेरिका के नॉरवुड स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे हैं। हालांकि,अध्यक्ष स्टीफन होज सहित दूसरे नॉन-एसेंशियल स्टाफ घर से काम कर रहे हैं। स्टीफन के मुताबिक, टेस्टिंग का पहला चरण सफल रहता है तो कंपनी बड़े स्तर पर इसे बनाने में सक्षम है। कंपनी 45 लोगों पर टीके का अध्ययन कर रही है। इनके इम्यून सिस्टम नेे अच्छा रेस्पॉन्स किया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
UN adopts 4 resolutions, voting by email because of Covid-19 March 30, 2020 at 04:30PM
'Megxit': Harry and Meghan formally quit royal life March 30, 2020 at 04:42PM
US man teaching dog how to drive arrested after high-speed chase March 30, 2020 at 04:19PM
37 हजार 797 मौतें: वॉशिंगटन में घर में रहने के आदेश, उल्लंघन करने पर 3.7 लाख रुपए जुर्माना; ट्रम्प ने कहा- अब तक 10 लाख लोगों का टेस्ट हुआ March 30, 2020 at 04:23PM
वॉशिंगटन/रोम. दुनियाभर में कोरोनावायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। 199 देशों में करीब सात लाख 85 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अब तक 37 हजार 797 मौतें हो चुकी हैं। वहीं, एक लाख 65 हजार 387 व्यक्ति ठीक भी हुए हैं। उधर, सबसे ज्यादा संक्रमण के एक लाख 64 हजार 121 मामले अमेरिका में सामने आए हैं। यहां तीन हजार 163 लोगों की जान जा चुकी है। वॉशिंगटन में लोगों को घर में ही रहने के आदेश जारी किए गए हैं। इसका उल्लंघन करने पर करीब 3.7 लाख जुर्माना (पांच हजार डॉलर), 90 दिन जेल या फिर दोनों ही हो सकती है।
कोलंबिया जिले की मेयर मुरियल बोसर ने सोमवार को ट्वीट किया, “कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि हो रही, इस वजह से मैं कोलंबिया जिले के लिए घर में रहने का आदेश जारी कर रही हूं। लोगों को केवल जरूरी कामों जैसे चिकित्सा, भोजन, जरूरी सामान लाने और महत्वपूर्ण काम के लिए ही बाहर जाने अनुमति होगी है।” वॉशिंगटन के आसपास के स्टेट वर्जीनिया और मैरीलैंड में एक दिन पहले ही इसी तरह के आदेश जारी किए गए थे।
इटली: संक्रमण का आंकड़ा एक लाख के पार
वर्ल्डोमीटर्स डॉट इन्फो के मुताबिक, इटली में संक्रमण का आंकड़ा एक लाख एक हजार 729 हो गया है। वहीं, यहां 11 हजार 591 लोगों की मौत हो चुकी है। इटली में हर दिन औसतन 600 से ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। हालांकि, ईस्टर तक इटली में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। हालांकि, संक्रमण दर में गिरावट की उम्मीद है। सोमवार को 1,648 लोग संक्रमित थे, जबकि एक दिन पहले 3,815 केस सामने आए थे। मौतों के मामले में इटली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।
स्पेन: मौतों का आंकड़ा 7 हजार के पार
इटली के बाद सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश स्पेन है। यहां मौतों का आंकड़ा सात हजार 716 हो गया है। एक दिन पहले तक यहां छह हजार मौतें हुई थीं। यहां संक्रमितों की संख्या 87 हजार 956 है।
फ्रांस: 44 हजार 550 संक्रमित
फ्रांस में संक्रमण के 44 हजार 550 मामले हो चुके हैं। यहां अब तक तीन हजार 24 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस यूरोप का पांचवा देश हैं, जहां तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान गई है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today