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Monday, December 9, 2019
इन्फोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का अमेरिकी टेक कंपनी ऑरेकल के बोर्ड में शामिल December 10, 2019 at 11:53AM
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इन्फोसिस के पूर्व सीईओ विशाल सिक्का अमेरिकी टेक कंपनी ऑरेकल के बोर्ड में शामिल December 10, 2019 at 11:52AM
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US athlete who inspired 'ice bucket challenge' dies at 34 December 10, 2019 at 11:39AM
बिल गेट्स, टॉम क्रूज और जॉर्ज बुश को आइस बकेट चैलेंज के लिए प्रभावित करने वाले पीट फ्रेट्स का निधन December 10, 2019 at 11:29AM
वॉशिंगटन. दुनियाभर में आइस बकेट चैलेंज को लोकप्रिय बनाने वाले पीटफ्रेट्स का सोमवार को 34 साल की उम्र में निधन हो गया।फ्रेट्स खुद मानसिक बीमारी एएलएस (एम्योट्रोफिक लेटरल स्लेरोसिस) से पीड़ित थे, इसे लू गेहरिग डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें इस बीमारी का पता 2012 में 27 साल की उम्र में चला था।बेसबॉल खिलाड़ी रहे फ्रेट्स ने इसके बाद 2014 में उन्होंने आइस बकेट चैलेंज शुरू किया। इसके तहत लोगों को अपने ऊपर बर्फीले पानी की बाल्टी उड़ेलनी होती थी और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करना होता था। इस चैलेंज का लक्ष्य मानसिक बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए चैरिटी इकट्ठा करना था।
फ्रेट्स से प्रेरणा लेते हुए इस चैलेंज को दुनियाभर के लोकप्रिय लोगों ने लिया। इसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से लेकर माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स और हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज तक शामिल थे।
परिवार के बीच शांति में हुआ फ्रेट्स का निधन
फ्रेट्स के परिवार ने बताया कि 7 साल तक एएलएस से जूझने के बाद सोमवार को पीटका निधन हो गया। उनकी मौत परिवार के बीच शांति से हुई। वे हीरो की तरह लंबे समय तक अपनी बीमारी से लड़े। पीट ने कभी अपनी बीमारी की शिकायत नहीं की, बल्कि उन्होंने इसे दूसरे पीड़ितों और उनके परिवारों को उम्मीद और हिम्मत देने के मौके के तौर पर देखा।
आइस बकेट चैलेंज से जुटे थे 1418 करोड़ रु.
एएलएस एसोसिएशन के मुताबिक, 2014 में आइस बकेट चैलेंज में दुनियाभर के करीब 1.7 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया था। इसके जरिए दुनियाभर से 20 करोड़ डॉलर (1418 करोड़ रुपए) जुटाए गए थे। इन पैसों का इस्तेमाल न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज पर रिसर्च के लिए किया जा रहा है। इन बीमारियों में आमतौर पर पीड़ितों की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे उनके मूवमेंट्स पर असर पड़ता है। एएलएस का अब तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है।
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चिली के चाबुंको से अंटार्कटिक जा रहा सैन्य विमान लापता, 38 लोग सवार थे December 10, 2019 at 09:30AM
सैंटियागो. चिली से अंटार्कटिक जा रहा एक सैन्य विमान सोमवार रात लापता हो गया। अधिकारियों के मुताबिक, मिलिट्री के सी-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ने सोमवार शाम चिली के चाबुंको मिलिट्री बेस से अंटार्कटिक में स्थित एडुअर्डो फ्रेइ मोंटालवा एयरबेस के लिए उड़ान भरी थी। हालांकि, बीच रास्ते में ही उसका संपर्क टूट गया। बताया गया है कि विमान में 17 क्रू मेंबर्स और 21 यात्री सवार थे। फिलहाल विमान की स्थिति की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
चिली की वायुसेना के मुताबिक, विमान की खोज के लिए रेस्क्यू टीम गठित की गई है। एयरक्राफ्ट रूटीन सपोर्ट और मेंटनेंस मिशन पर निकला था।
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Finland's Sanna Marin, world's youngest PM December 10, 2019 at 08:40AM
Up to 13 feared dead in volcanic eruption off New Zealand December 10, 2019 at 08:31AM
उत्तर कोरिया ने ट्रम्प को नासमझ बूढ़ा कहा, अमेरिका ने भड़काऊ भाषणों पर चर्चा के लिए यूएन की बैठक बुलाई December 10, 2019 at 08:36AM
वाॅशिंगटन. अमेरिका ने उत्तर कोरिया की तरफ से लगातार दिए जा रहे भड़काऊ भाषणों पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र की बैठक बुलाई है। अमेरिका दिसंबर में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभाल रहा है। ऐसे में इस महीने अहम मुद्दों पर चर्चा का फैसला ट्रम्प प्रशासन को करना है। एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने ट्रम्प का मजाक बनाते हुए उन्हें नासमझ और खुशामद पसंद बूढ़ा बताया। सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए की तरफ से कहा गया कि अमेरिका 31 दिसंबर तक उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों में छूट का कोई प्रस्ताव दे, वरनापरमाणु समझौते पर आगे कोई बात नहीं होगी।
उत्तर कोरिया पर चर्चा के लिए अचानक बैठक क्यों?
उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए पहले अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों में छूट की मांग की थी। ट्रम्प ने पिछले साल ऐलान किया था कि उत्तर कोरिया के 2019 का अंत होते-होते आर्थिक प्रतिबंधों में छूट दे दी जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन इसको लेकर कई बार मुलाकात भी कर चुके हैं। हालांकि, अभी तक उत्तर कोरिया को कोई छूट नहीं मिली है।
इसको लेकर उत्तर कोरिया ने नाराजगी जताई है। उसके विदेश मंत्री किम सोंग ने हाल ही में कहा था कि हमें अमेरिका के साथ लंबी बातचीत की जरूरत नहीं और अब समझौते का मौका खत्म हो गया है। किम शासन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि साल के अंत तक छूट का नया प्रस्ताव पेश करे, ताकि परमाणु अप्रसार संधि पर आगे बातचीत हो सके।
छूट न देने के पीछे अमेरिका का क्या तर्क?
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर चर्चा के लिए इसी हफ्ते संयुक्त राष्ट्रमें बैठक का ऐलान किया है। इसमें उत्तर कोरिया की मानवाधिकार की स्थिति का आकलन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि बैठक में उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल लॉन्च और भड़काऊ भाषणों पर बातचीत होगी।
अमेरिका के दबाव मेंघुटने नहीं टेकेंगे: उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डाेनाल्ड ट्रम्प को ‘नासमझ और चापलूसी पसंद’बूढ़ा करार देकर एक बार फिर उन पर निशाना साधा है। वरिष्ठ अधिकारी किम यंग चोल ने एक बयान में कहा कि उनका देश अमेरिका के दबाव के सामने घुटने नहीं टेकेगा, क्योंकि उसे कुछ नहीं गंवाना पड़ेगा। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन पर परमाणु वार्ता को बचा लेने के लिए किम जोंग उन द्वारा निर्धारित साल भर की समयसीमा से पहले और मोहलत हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
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चीन में आदेश- सभी सरकारी दफ्तरों से विदेशी कंप्यूटर-उपकरण और साॅफ्टवेयर हटाओ, 3 साल में स्वदेशी टेक्नोलॉजी को लागू करो December 10, 2019 at 01:39AM
बीजिंग .ट्रेड वार के बीच चीन ने अमेरिका को तगड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है। उसने पश्चिमी टेक्नोलॉजी और उससे जुड़े कंप्यूटर-उपकरणों को देश से हटाने का निर्णय लिया है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिस्ट सरकार ने सभी सरकारी और सार्वजनिक कार्यालयों को आदेश दिया है कि वह अाने वाले तीन साल में अपने यहां से विदेशी कंप्यूटर, उनके उपकरणों(हार्डवेयर) और सॉफ्टवेयर हटा दें।
उनकी जगह देश में बने कंप्यूटर-उपकरण और सॉफ्टवेयर लगाएं, ताकि टेक्नोलॉजी में देश आत्मनिर्भर हो सके। विदेशी टेक्नोलॉजी पर रोक लगाने से डेल, एचपी, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों को झटका लगेगा, क्योंकि चीन उनके ऑपरेटिंग सिस्टम और उपकरणों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेड वार अब टेक्नोलॉजी कोल्ड वार में बदल गया है, क्योंकि पहले अमेरिका ने चीन की टेक्नोलॉजी को सीमित करने का प्रयास किया था।
ट्रम्प ने चीन की कंपनियों के साथ के कारोबार पर रोक लगाई थी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने इस साल मई की शुरुआत में अमेरिकी कंपनियों को चीन की दूरसंचार कंपनी हुवावे के साथ कारोबार करने पर रोक लगा दी थी। तब ट्रम्प ने साफ कर दिया था कि अगले दो दशकों तक दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच वास्तविक लड़ाई टेक्नोलॉजी को लेकर होगी। इसके बाद गूगल, इंटेल और क्वालकॉम ने हुवावे के साथ कारोबार बंद करने का ऐलान किया था।
बड़ी चुनौती... क्योंकि चीन के कंप्यूटरों में भी चिप और प्रोसेसर अमेरिकी: चीन में 3 साल में सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर बदलना सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि उसमें विंडोज, माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियों के सॉफ्टवेयर इस्तेमाल हो रहे हंै। इसके अलावा चीन की लेनोवो जैसी कंपनियां भी अमेरिकी चिप-प्रोसेसर लगा रही हैं।
30% अगले साल तक, 2021 तक 50% और बाकी 2022 तक हटेंगे
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी आदेश में कहा गया है कि दफ्तरों से 2 से 3 करोड़ विदेशी कंप्यूटर-उपकरण अगले साल तक देशी से बदलने होंगे। यह देश के सरकारी-सार्वजनिक दफ्तरों में इस्तेमाल हो रहे कुल सिस्टम का 30%हैं। इसके बाद 2021 तक 50% और बाकी बचे 20% विदेशी कंप्यूटर-उपकरणों को 2022 तक बदले जाने काे कहा गया है।
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Michelle Obama, Julia Roberts urge Vietnam girls to stay in school December 09, 2019 at 05:52PM
Japan PM Abe says visit by Iran's Rouhani being arranged December 09, 2019 at 08:23PM
North Korea calls Trump 'thoughtless' old man over tweets December 09, 2019 at 04:10PM
दक्षिण अफ्रीका की जोजिबिनी तुंजी ने मिस यूनिवर्स बनीं, भारत की वर्तिका टॉप-20 में शामिल रहीं December 09, 2019 at 02:06PM
अटलांटा. दक्षिण अफ्रीका की जोजिबिनी तुंजी (26) ने रविवार को मिस यूनिवर्स 2019 का खिताब जीत लिया है। अमेरिका के अटलांटा में आयोजित इस समारोह में 90 देश की प्रतियोगियों ने भाग लिया था। भारत की वर्तिका सिंह टॉप-20 में शामिल रहीं। जबकि पोर्तो रिको की मेडिसन एंडरसन फर्स्ट और मैक्सिको की एशले अल्विद्रेज सेकंड रनर-अप रहीं।
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