अमेरिकी अदालत ने एक पाकिस्तानी डॉक्टर को आतंकवाद में शामिल होने का दोषी ठहराया है। दोषी मुहम्मद मसूद (28), आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में था और अमेरिका में हमले करना चाहता था। मिनियापोलिस सेंट पॉल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 19 मार्च को मसूद की गिरफ्तारी हुई थी। वह एच-1बी वीजा पर अमेरिका गया था। वह रॉचेस्टर के एक मेडिकल क्लीनिक में रिसर्च को-ऑर्डिनेटर की पोस्ट पर काम करता था।
'अमेरिका में अकेले के दम पर हमले करना चाहता था'
कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में मुताबिक मसूद ने जनवरी से मार्च के बीच कई बार आईएसआईएस के आतंकियों से बात की और सीरिया जाकर आतंकी संगठन के लिए लड़ने की इच्छा जताई। उसने अकेले के दम पर अमेरिका में हमले करने की बात भी कही।
फ्लाइट से सीरिया जाने का प्लान फेल हुआ तो कार्गो शिप से जाना चाहता था
मसूद ने 21 फरवरी को शिकागो से अम्मान (जॉर्डन) का एयर टिकट खरीदा था। वहां से होकर सीरिया जाना चाहता था। 16 मार्च को प्लान बदलना पड़ा, क्योंकि कोरोनावायरस की वजह से जॉर्डन ने दूसरे देशों से आने वालीउड़ानोंपर पाबंदी लगा दी। इसके बाद मसूद ने मिनियापोलिस से लॉस एंजिल्स जाने का प्लान बनाया। वहां पर किसी की मदद से वह कार्गो शिप में सवार होना चाहता था। 19 मार्च को मसूद रॉचेस्टर से मिनियापोलिस के सेंट पॉल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। वहां से लॉस एंजिल्स जाना चाहता था, लेकिनएयरपोर्ट पर जैसे ही उसने चेक-इन किया फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की जॉइंट टेररिज्म टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत-अमेरिका साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया है। ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि अमेरिका अपने दोस्त भारत को वेंटिलेटर डोनेट करेगा।महामारी के समय में हम भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ेहैं। हम कोरोना का टीका विकसित करने की दिशा में भी सहयोग कर रहे हैं। दोनों देश साथ मिलकर इस अदृश्य दुश्मन को हराएंगे।”
ट्रम्प ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में मीडिया से कहा- मैं हाल ही में भारत से लौटा हूं। अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय आबादी रहती है। आप जिन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं, उनमें से कई वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं। वे महान वैज्ञानिक और शोधकर्ता हैं। एक सवाल के जवाब में राष्ट्रपति ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं।
भारत ने अप्रैल में हइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खेप भेजी थी
भारत ने अप्रैल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मदद के लिए हाइड्रॉक्सोक्लोरोक्वीन दवा की बड़ी खेप भेजी थी। इसके बाद ट्रम्प ने मोदी के नेतृत्व को मजबूत बताते हुएउनकी प्रशंसा की थी और भारत का धन्यवाद किया था। टीका जनता के लिए फ्री उपलब्ध होगा: ट्रम्प
ट्रम्प ने कहा-कोरोना के टीके को हम जनता के लिए फ्री में उपलब्ध कराने पर विचार कर रहे हैं। इस साल के अंत तक इसे विकसित किया जा सकता है। टीका विकसित करने के लिए ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ नामक एक नए अभियान की शुरुआत की गई है। ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ को इस साल के अंत तक टीका बनाने का काम सौंपा गया है। ताकि जनवरी 2021 तक उसे लोगों तक पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस साल के अंत तक टीका विकसित कर लिया जाएगा। सामान्य तौर पर दवा कंपनियां सभी जरूरी मंजूरी मिलने के बाद ही किसी टीके को बनाती हैं, जिसमें काफी समय लग जाता है। हमारी सरकार टीका विकसित करने वाली टीमों के रिसर्च पर भी खर्च करेगी। साथ ही सभी मंजूरी भी दिलाएगी।
‘उम्मीद है 2020 तक वैक्सीन बना लेंगे’
ब्रिटेन की दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के टीका विभाग के पूर्व प्रमुख मोनसेफ सलोई ने कहा, “मैंने हाल ही में एक कोरोनावायरस टीके के साथ एक क्लिनिकल परीक्षण के शुरुआती रिजल्ट का डेटा देखा है, जिसने मुझे विश्वास दिलाया है कि हम 2020 के अंत तक वैक्सीन बना लेंगे।”
अमेरिका: 24 घंटे में 1680 मौतें
अमेरिका में 24 घंटे में 1680 लोगों की मौत हो गई। देश में मरने वालों की संख्या 88 हजार से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, 14 लाख 84 हजार 285 लोग संक्रमित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयॉर्क में 27 हजार लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तीन लाख 56 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। राज्य में 13 जून तक स्टे-ऐट-होम ऑर्डर जारी किया गया है।
China on Friday issued a statement calling on all UN member states to "actively fulfill their financial obligations to the United Nations," stressing that Washington owes the organization more than $2 billion. "As of May 14, the total unpaid assessments under the UN regular budget and peacekeeping budget amount to 1.63 billion and 2.14 billion US dollars respectively," the Chinese statement said.
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 46 लाख 26 हजार 487 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 17 लाख 57 हजार 282 ठीक हो चुके हैं। मौतों का आंकड़ा 3 लाख 08 हजार 610 हो गया है। अमेरिका की स्वास्थ्य संस्था सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के निदेशक डॉ. रॉबर्ट रेडफिल्ड ने कहा है कि देश में 1 जून तक मरने वालों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो जाएगी। सीडीसी ने 12 अलग-अलग मॉडल के अध्ययन के बाद ये बातें कही। कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
14,84,285
88,507
3,26,242
स्पेन
2,74,367
27,459
1,88,967
रूस
2,62,843
2,418
58,226
ब्रिटेन
2,36,711
33,998
उपलब्ध नहीं
इटली
2,23,885
31,670
1,20,205
ब्राजील
2,20,291
14,962
84,970
फ्रांस
1,79,506
27,529
60,448
जर्मनी
1,75,699
8,001
1,51,700
तुर्की
1,46,457
4,055
1,06,133
ईरान
1,16,635
6,902
91,836
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अमेरिका में 24 घंटे में 1680 लोगों की मौत हो गई। देश में मरने वालों की संख्या 88 हजार से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, 14 लाख 84 हजार 285 लोग संक्रमित हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य न्यूयॉर्क में 27 हजार लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तीन लाख 56 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। राज्य में 13 जून तक स्टे-ऐट-होम ऑर्डर जारी किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि हम अपने दोस्त भारत को वेंटिलेटर देंगे। महामारी के दौर में अमेरिका, भारत और नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है। हम कोरोना की वैक्सीन तैयार करने के लिए भी कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। दोनों देश मिलकर इस अदृश्य दुश्मन को हराएंगे।
ट्रम्प ने कहा- कोरोना का कारगर और प्रभावी टीका विकसित होने पर इसे जनता के लिए निशुल्क उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा। इस साल के अंत तक टीका विकसित किया जा सकता है। टीका विकसित करने के लिए ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ नामक एक नए अभियान की शुरुआत की गई है।
ब्राजील: संक्रमण के 15,305 नए मामले
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में भी कोरोना का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 24 घंटे के दौरान संक्रमण के 15,305 मामले सामने आए हैं। देश में 2 लाख 18 हजार से ज्यादा मरीज हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक एक दिन में 824 लोगों की मौत हो गई। अब मृतकों की संख्या 14 हजार 817 हो गई है। एक दिन पहले देश में 13 हजार 944 नए मामले मिले थे। इस बीच ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को लॉकडाउन के नियमों में ढील देते हुए जिम, ब्यूटी पार्लर और नाई की दुकानों को खोलने की छूट दी है।
इटली: अब तक 31,610 लोगों की मौत
इटली में अब तक 31 हजार 610 लोगों की मौत हो गई है। दो लाख 23 हजार 885 संक्रमित हैं। दुनिया में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा मौतें यही हुई हैं। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने शुक्रवार को बताया कि 24 घंटे में 242 लोगों की जान गई है और 700 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। इन संक्रमितों में वे लोग भी शामिल हैं जिनकी इस महामारी से मौत हो चुकी है या जो पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इटली में 21 फरवरी को कोरोना का पहला मामला सामने आया था।
रूस: एंटीबॉडिज के लिए लोगों की स्क्रीनिंग शुरू
रूस में एंटीबॉडिज के लिए बड़े स्तर पर लोगों की स्क्रीनिंग शूरू कर दी गई है। इसके लिए अलग-अलग उम्र के लोगों को मॉस्को के अस्पताल में बुलाया जा रहा है। लोगों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए लैबों में भेजे जा रहे हैं। इस पर 30 से ज्यादा क्लिनिक काम कर रहे हैं। देश में अब तक दो लाख 62 हजार 843 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 2418 की जान जा चुकी है।
कोरोनावायरस ने हमारी लाइफस्टाइल को तो बदल ही दिया है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब भी अच्छे से समझा दिया है। कुछ देशों में लॉकडाउन का असर खत्म हो रहा है। रेस्तरां और दुकानें भी खुलने लगी हैं। ऐसे में दुनियाभर के रेस्तरां अनोखे तरीके अपना रहे हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
जर्मनी: सोशल डिस्टेंसिंग कैप पहना कर ग्राहकों को बैठा रहे
श्वेरिन.यहां के कैफे कोंडिटोआई ओथे में ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग कैप (टोपी) पहनाई जा रही है। इससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अच्छे से हो रहा है। कैफे संचालक ने स्वीमिंग पूल नूडल्स से खास हेडगियर टोपियां बनवाई हैं, जिन्हें ग्राहकों को कुर्सी पर बैठने से पहले पहनाया जाता है।
स्वीडन: रस्सी से बंधी टोकरी से टेबल तक खाना पहुंचा रहे
स्टॉकहोम.स्वीडन के इस रेस्टोरेंट का नाम है ‘टेबल फॉर वन’। यहां एक टेबल पर सिर्फ एक व्यक्ति ही बैठ सकता है। खाने को ग्राहक की टेबल तक पहुंचाने के लिए भी अनोखा तरीका अपनाया गया है। रसोई से टेबल तक एक रस्सी बांधी गई है, जिस पर एक टोकरी लटकी है।
अमेरिका: ग्राहक को कंपनी देने आदमकद पुतले बैठाए
रिचमंड.अमेरिका में वर्जीनिया के एक रेस्तरां में सीटों को भरने के लिए आदमकद पुतलों को बैठा दिया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। यहां ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि पहले फेज में 50% ही रेस्तरां खोले जाएंगे।
चीन के वुहान शहर से जानलेवा काेविड-19 महामारी दुनियाभर में फैली। वहां लॉकडाउन भले खत्म हाे गया, लेकिन संक्रमण के दूसरे दौर में छह नए मामले सामने आने के बाद सरकार ने सभी 1.1 करोड़ निवासियाें का काेराेना टेस्ट बुधवार से शुरू कर दिया है। वुहान में अब तक संक्रमण के 50 हजार मामले सामने आचुके हैं और3,800 लाेगाें की माैत हाे चुकी है। टेस्ट का उद्देश्य बिना लक्षण वाले संक्रमितों की पहचान करना है।
स्थानीय प्रशासन ने टेस्टिंग प्रक्रिया काे ‘10-दिन की लड़ाई’ नाम दिया है। हालांकि, इस पर स्थानीय स्तर पर ही सवाल भी उठाए जा रहे हैं। हेल्थ डेली अखबार के मुताबिक, 10 दिन में सभी टेस्ट करने के लिए राेज करीब 7.30 लाख टेस्ट करने हाेंगे, जबकि एक दिन में अधिकतम 1 लाख टेस्ट किए जा सकते हैं।
'दक्षिण काेरिया मार्च में राेज 20 हजार टेस्ट ही कर पाया था'
तर्क दिया जा रहा है कि ज्यादा मामले सामने आने के बाद दक्षिण काेरिया मार्च में राेज 20 हजार टेस्ट ही कर पाया था। वुहान के डिप्टी मेयर ली क्वियांग ने भी पिछले महीने ही कहा था कि शहर में 53 स्थानाें पर राेज 46 हजार टेस्ट किए जा सकते हैं। ऐसे में 10 दिन में सभी लोगों की टेस्टिंग हो जाएगी, इस पर संशय है।
'वुहान में पहले चरण में 40 से 50 लाख लोगों की जांच हो चुकी है'
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वुहान में पहले चरण में 40 से 50 लाख लोगों की जांच हो चुकी है। वुहान यूनिवर्सिटी के डिप्टी डायरेक्टर यांग झान्की के मुताबिक, शेष 60 लाख लोगों की जांच संभव है। वुहान के मेयर द्वारा स्थापित हाॅटलाइन पर जवाब दिया जा रहा है कि सरकार ऐसे रेसिडेंशियल कंपाउंड काे प्राथमिकता दे रही है, जहां बुजुर्ग हाें, घनी आबादी हाे और पड़ाेस में ग्रामीण प्रवासी श्रमिक हाें।
'टेस्ट के 48 घंटे में रिजल्ट मिल जाएंगे'
पिछले हफ्ते टेस्ट करवा चुके लाेगाें और छह साल से कम उम्र के बच्चाें काे रियायत दी गई है। टेस्ट के 48 घंटे में रिजल्ट मिल जाएंगे। वहीं, साेशल मीडिया पर प्रसारित नाेटिस में लिखा था, ‘न्यूक्लिक एसिड टेस्ट करवाना आपकी, परिवार और समाज की जिम्मेदारी है। आप अपने नजदीकी सेंटर में टेस्टिंग स्लाॅट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएं।’ सरकार उठाएगी 1050 कराेड़ रु. का टेस्टिंग खर्च
सरकार ने टेस्टिंग की लागत काे मेडिकल इंश्याेरेंस स्कीम से जाेड़ दिया है। ऐसे में 1050 कराेड़ रुपए सरकार वहन करेगी। हालांकि, लाॅकडाउन खुलने के बावजूद घर में रहना पसंद कर रहे लाेगाें का कहना है कि कतार में लगने से उन्हें काेराेना हाेने का खतरा है। ऐपिडेमियाेलाॅजिस्ट वु जुन्यू का कहना है कि सभी के टेस्ट की जरूरत नहीं है।
चीन और पाकिस्तान मिलकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान में सिंधु नदी पर दियामर बाशा बांध बना रहे हैं। गुरुवार कोभारत ने इसे लेकर कड़ा विरोध जताया। इस मामले पर चीन ने सफाई देते हुए कहा है कि इससे स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। यह परियोजना सभी के हित में है।
चीन की कंपनी के साथ पाकिस्तान ने कॉन्ट्रैक्ट किया
पाकिस्तान की सरकार ने बुधवार को 444 अरब (पाकिस्तानी रुपए) का कॉन्ट्रैक्ट चीनी फर्म चाइना पॉवर और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन (एफडब्ल्यूओ)के साथ साइन किया। बता दें एफडब्ल्यूओ पाकिस्तानी सेना की कमर्शियल विंग है, जो बांध आदि का निर्माण करती है। भारत ने गुरुवार को गिलगित-बाल्टिस्तान में बांध बनाने के लिए पाकिस्तान के इस मेगा-कॉन्ट्रैक्ट का विरोध करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाएं ठीक नहीं हैं।
चीने के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, ‘‘कश्मीर मुद्दे पर चीन की स्थितिस्थिर है। चीन और पाकिस्तान आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों की भलाई के लिए आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। यह सबके लिए फायदे का सौदा है।’’चीन और पाकिस्तान लगभग 60 अरब डॉलर (चार हजार 572 करोड़ रुपये) की लागत से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपेक) भी बना रहे हैं। यह कॉरिडोर भी पीओके से होकर ही गुजरता है। भारत ने इस पर भी आपत्ति जताई है।
भारत ने कहा था-पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
गुरुवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारी स्थिति एकदम स्पष्ट है।जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं और रहेंगे। हमने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों में ऐसी सभी परियोजनाओं पर पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ अपना विरोध जताते रहेंगे।
2010 से चल रही है बांध बनाने की कोशिश
पाकिस्तान इस बांध को बनाने की कोशिश 2010 से कर रहा है, लेकिन हर बार रुपयों की तंगी आ जाने की वजह से उसे पीछे हटना पड़ा था। अब चीन इसमें पार्टनर बन गया है, जिससे रुपयों की किल्लत खत्म हो गई। इसमें चीन की चाइना पॉवर की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी, जबिक पाकिस्तान की फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
One restaurant in Thailand is ensuring it meets new social distancing guidelines, and providing lonely diners a bit of company, by seating stuffed pandas at its tables.
भारत में शुक्रवार को कोरोनावायरस के मामले चीन से ज्यादा गए हैं। चीन में जहां 82 हजार 933मामले हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा 83 हजार को पार कर गया है। इसके साथ भारत कोरोना के केस में चीन से आगे निकलने वाला दुनिया का ग्यारहवांदेश बन गया है। स्पेन, रूस, यूके, इटली, फ्रांस, ब्राजील, जर्मनी, तुर्की और ईरान में संक्रमितों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। वहीं, अमेरिका में यह संख्या 14 लाख के पार हो गई है।
चीन में कोरोना का पहला केस 31 दिसंबर को आया था। देश में15 मई तक82 हजार 933 संक्रमितों की संख्या पहुंचने में करीब चार महीने (137 दिन) लगे। भारत में संक्रमण चीन के मुकाबले तेजी से बढ़ा। यहां कोराना का पहला केस 30 जनवरी को सामने आया था। इस लिहाज से संक्रमण के मामले में चीन से आगे निकलने में हमारे देश को 107 दिन लगे। ऐसा कहा जाता है कि चीन में 17 नवंबर को पहला मरीज मिला था। एक महीने तक इस बीमारी का पता नहीं चला।
चीन में एक दिन में सबसे ज्यादा 14,108 मामले मिले
चीन में संक्रमण के 10 हजार मामले होने में 32 दिन लगे। उसके बाद हर तीन दिन पर 10 हजार से ज्यादा केस सामने आए। वहीं, 11 फरवरी तक यहां 44 हजार 653 केस थे, जो 12 फरवरी को 58 हजार 761 हो गए। यानी एक दिन में 14 हजार 108 मामलों की पुष्टि हुई। 16 फरवरी को यह आंकड़ा 70 हजार के पार हो गया। इसके बाद संक्रमण के मामलों में कमी आनी शुरू हुई। इसे 80 हजार होने में 13 दिन लगे। अभी की बात करें तो यहां हर दिन 20 से कम केस आ रहे हैं।
भारत में एक दिन में सबसे ज्यादा 4353 मामले सामने आए
भारत में संक्रमण के 10 हजार मामले होने में 75 दिन लगे। उसके बाद 8 दिन में यह आंकड़ा 20 हजार हो गया। यहां 3 मई तक 42 हजार 305 मरीज मिल चुके थे। तब से हर तीन दिन में 10 हजार केस सामने आ रहे हैं। यहां केवल 13 मई तक संक्रमण का आंकड़ा 77 हजार 842 हो गया यानी 10 दिन में 35 हजार 537 केस मिले हैं। यहां 10 मई को सबसे ज्यादा 4353 मरीज मिले थे। देश में 6 मई के बाद हर दिन तीन हजार के ऊपर केस मिल रहे हैं।
चीन के 30 प्रांतों में से सिर्फ हुबेई में 82% से ज्यादा मामले, जबकि भारत में ऐसा नहीं
चीन में कोरोना का एपिसेंटर हुबेई प्रांत रहा। यहां देश के 81.66% यानी 76 हजार 803 पॉजिटिव मिले। बाकी 13 हजार 904 मामले 29 प्रांत से रहे। इन सभी में गुआंगडोंग में सबसे ज्यादा 1,532 संक्रमित मिले।
उधर, भारत में संक्रमण देश के 26 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेश में फैला। इनमें 9 राज्य ऐसे हैं, जहां संक्रमण के मामले दो हजार से ज्यादा हैं। इनमें महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
इन 10 देशों में भी संक्रमण के मामले भारत और चीन से ज्यादा
देश
संक्रमण के मामले
83 हजार मामले होने में लगे दिन
अमेरिका
14 लाख 33 हजार 375
66 दिन
स्पेन
2 लाख 71 हजार 095
60 दिन
रूस
2 लाख 52 हजार 245
88 दिन
यूके
2 लाख 29 हजार 705
74 दिन
इटली
2 लाख 22 हजार 104
37 दिन
फ्रांस
1 लाख 78 हजार 060
72 दिन
ब्राजील
1 लाख 90 हजार 137
66 दिन
जर्मनी
1 लाख 78 हजार 060
67 दिन
तुर्की
1 लाख 43 हजार 114
41 दिन
ईरान
1 लाख 12 हजार 725
62 दिन
चीन में पहली मौत संक्रमण का केस आने के 7 दिन बाद हुई, जबकि भारत में 41 दिन बाद
चीन में कोरोना संक्रमण से 4,633 मौतें हुई हैं। संक्रमण का पहला केस 31 दिसंबर को सामने आया था। उसके सात दिन के बाद पहली मौत 7 जनवरी को हुई। वहीं, ढाई हजार मौतों का आंकड़ा छूने में 55 दिन का वक्त लगा।
भारत में अब तक 2,546 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को सामने आने के बाद पहली मौत 11 मार्च को हुई थी। इसके बाद ढाई हजार मौतों का आंकड़ा छूने में 64 दिन का समय लगा।
चीन में संक्रमण के केस और मौतों को लेकर संदेह, दावा- 6 लाख से ज्यादा संक्रमित
अमेरिका समेत पूरी दुनिया को चीन में संक्रमण और मौतों के आंकड़ों पर संदेह है। अमेरिका ने चीन पर गुमराह करने और महामारी को लेकर सही जानकारी नहीं देने का आरोप लगाया है। हाल की फॉरेन पालिसी की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन में कोरोना से 6 लाख 40 हजार लोग संक्रमित हुए हैं। इस संक्रमण ने 230 शहरों को अपनी चपेट में लिया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसमें फरवरी से लेकर अप्रैल के अंत तक संक्रमितों की सूची मौजूद है। साथ ही संक्रमित मरीजों की कन्फर्म संख्या के साथ इसमें उनके मिलने के स्थान की जीपीएस कोडिंग भी दर्ज है।
London's "Square Mile" financial district said it will close some streets to cars to create more space for pedestrians and cyclists so that workers can observe social distancing when the coronavirus lockdown is lifted.
ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मारिया गलिट्जाइन का 31 साल की उम्र में दिल का दौरापड़ने से निधन हो गया। उन्होंने 2017 में भारतीय मूल के शेफ ऋषि रूप सिंह से शादी की थी। फॉक्स न्यूज के मुताबिक, मारिया का निधन 4 मई को हुआ। हालांकि, इसके चार दिन बाद उन्हें ह्यूस्टन के फॉरेस्ट पार्क वेस्टथीमियर सिमेट्री में दफनाया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने शोक संदेश जारी कर उनके निधन की जानकारी दी।
मारिया ह्यूसटन में ही अपने पति के साथ रहती थीं। वे यहीं रहकर इंटीरियर डिजाइनिंग का काम करती थीं। मारिया और ऋषि का दो साल का बेटा है।
ऑस्ट्रिया के अंतिम शासक के परिवार से थीं मारिया
मारिया ऑस्ट्रिया की राजकुमारी मारिया एन्ना और राजकुमार पिओट्र गलिट्जाइन की बेटी थीं। उनकी तीन बहनें और दो भाई हैं। वह ऑस्ट्रिया के अंतिम शासक चार्ल्स प्रथम के परिवार से थीं। पहले विश्वयुद्ध के बाद चार्ल्स प्रथम को ऑस्ट्रिया से निकाल दिया गया था। यही वजह थी कि शाही परिवार से होने के बाद भी उनकी परवरिश सामान्य ढंग से हुई थी।
कई देशों में रहकर पढ़ाई और काम किया
मारिया का जन्म 1988 में लक्जेमबर्ग में हुआ था। पांच साल उम्र में वे रूस चली गई थीं। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई रूस में ही पूरी की। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने बेल्जियम के आर्टएंड डिजाइन कॉलेज से की। इसके बाद उन्होंने शिकागो, इलिनोइस और ब्रसेल्स जैसी जगहों पर रहकर भी काम किया।
China on Friday reacted guardedly to US President Donald Trump's threat to “cut off” the bilateral relationship between the world's top two economies and asked America to meet it halfway in the fight against the coronavirus.
ताइवान ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन में भाग लेने के चीन की शर्त को ठुकरा दिया है। चीन ने शर्त रखी थी कि ताइवान पहले यह माने की वह चीन का हिस्सा है, तभी वह डब्ल्यूएचओ की मीटिंग में हिस्सा ले सकता है। ताइवान अभी तक डब्ल्यूएचओ का सदस्य नहीं है और वह अगले हफ्ते होने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (वर्ल्ड हेल्थ असेंबली) में पर्यवेक्षक के तौर पर भाग लेने के लिए कोशिश कर रहा है।
चीन ने इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीन का कहना है कि ताइवान केवल वन चाइना पॉलिसी के तहत ही भाग ले सकता है, इसका मतलब यह है कि ताइवान चीन का एक हिस्सा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और इसलिए ताइवान के पास डब्ल्यूएचओमें भागीदारी लेने का कोई भी पॉलिटिकल आधार मौजूद नहीं है।
आगे भी कोशिश जारी रखेगा ताइवान
ताइवान के स्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने ताइपेई में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘ताइवान चीन की शर्त को कभी नहीं मानेगा। उस बात को कैसे मान लिया जाए जो है ही नहीं।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ताइवान वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में भाग लेने के लिए कोशिश करता रहेगा, भले ही उसे वहां से कोई इंविटेशन न मिले। ताइवान ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से यह जरूरी हो गया है कि ताइवान कीडब्ल्यूएचओ तक पहुंच हो।
ताइवान ने कहा- हमारी सरकार ही हमारी अवाज उठा सकती है
चीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का चीन के पास अधिकार है। वहीं, ताइवान का कहना है कि केवल उसकी लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार देश के 2.3 करोड़ लोगों की आवाज उठा सकती है। ताइवान के उप विदेश मंत्र केली हैश ने उसी प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हम अपने लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। हम आशा करते हैं कि डब्ल्यूएचओ अपने राजनीतिक विचार किनारे रख तटस्थ और पेशेवर बनेगा। ’’
2009 से 2016 तक ताइवान डब्ल्यूएचए में शामिल रहा है
ताइवान साल 2009-16 तक डब्ल्यूएचए में एक ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल रहा है। इस दौरान ताइपेई और बीजिंग के रिश्ते बहुत ठीक थे, लेकिन ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन के चुने जाने के बाद चीन ने उसे आगे भाग लेने से रोक दिया था। चीन साई इंग-वेन को अलगाववादी मानता है। इस पूरे मामले में डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली के मेंबर ही यह तय कर सकते हैं कि किस देश को शामिल करना है और ताइवान के पक्ष में कोई जनादेश नहीं है।
चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से समझौता करने और कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में पूरा सहयोग देने की बात कही है। चीन का यह बयान ट्रम्प की धमकी के बाद आया है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा था कि वेचीन से सभी रिश्ते खत्म कर सकते हैं।
दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की बीच संबंध कुछ हफ्तों मेंज्यादा खराब हुए हैं। कोरोना महामारी आने के बाद अमेरिका चीन पर लगातार दुनिया को धोखे में रखने और वुहान की लैब से वायरस निकलने का आरोप लगाता रहा है।
चीन ने कहा- हमें मिलकर महामारी को हराना होगा
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘चीन-अमेरिका संबंधों के विकास को बनाए रखना दोनों देशों में लोगों के बुनियादी हितों में है और यह दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए भी जरूरी है। वर्तमान में चीन और अमेरिका को महामारी के खिलाफ मजबूत सहयोग बनाए रखना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके, मरीजों को ठीक करना चाहिए और इकोनॉमी-प्रोडक्शन को फिर से पटरी पर लाना चाहिए। यह तभी मुमकिन होगा, जब अमेरिका,चीन से समझौता करेगा।’’
ट्रम्प ने सभी रिश्ते खत्म करने की धमकी दी थी
ट्रम्प ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिका, चीन के साथ सभी संबंध खत्म कर सकता है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि अमेरिका किस तरह से चीन को जवाब देगा तो उन्होंने कहा, ‘‘हम कई चीजें कर सकते हैं। हम चीन से सभी रिश्ते खत्म कर सकते हैं।’’ उन्होने कहा था कि अगर हम सभी रिश्ते खत्म कर दें तो हम 500 बिलियन डॉलर बचा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि शी जिनपिंग से उनके रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन मैं अभी उनसे बात नहीं करना चाहता।’’
Juggling two mortgages and part-time jobs, Saudi academic Abdullah finally came close to building his own home, but the kingdom's coronavirus-triggered austerity drive has dealt a crushing blow to his dreams.
अमेरिका ने चीन से कहा है कि 25 साल पहले गिरफ्तार किए गए तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु पंचेन लामाको रिहा करे। दलाई लामा के बाद पंचेन लामा तिब्बतियों के दूसरे सबसे बड़े बौद्ध धर्म गुरू होते हैं। 14 मई 1995 को दलाई लामा ने छह साल के गेदुन चोकेई न्यिमा को पंचेन लामा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी। उन्हें 11वें पंचेन लामा के तौर पर मान्यता मिली थी।इसके तीन दिन बाद चीन ने पंचेन लामा को हिरासत में ले लिया था, तब से अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्रॉउनबैक ने कहा, ‘‘हम चीनी अधिकारियों पर लगातार पंचेन लामा को छोड़ने के लिए दबाव डालते रहेंगे। इसके साथ ही चीनदुनिया को यह भी बताए कि वो अभी कहां हैं?’’ चीन को दलाई लामा की नियुक्ति का अधिकार नहीं
सैमब्रॉउनबैकने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अगले दलाई लामा को नियुक्त करने के लिए अपना अधिकार जता रहीहै, जबिक उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं हैं।’’उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीन अगले पोप की नियुक्ति नहीं कर सकता बिल्कुल ऐसे ही वह अगले दलाई लामा की नियुक्ति भी नहीं कर सकता है।इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करने वाले अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने विदेश मंत्रालय से फिर से मांग की है कि वह तिब्बती मामले के स्पेशल कोऑडिर्नेटर की नियुक्ति करें। पंचेन लामा पर चीन ने 2015 में दिया था बयान
चीन ने पंचेन लामा को लेकर आखिरी बार 2015 में बयान दिया था। तब से अब तक उसने कुछ नहीं कहा है। चीन ने कहा था कि वह स्वस्थ और अपनी पढ़ाई कर रहा है। वह नहीं चाहता कि कोई उसे डिस्टर्ब करे।
चीन ने अपनी तरफ से दूसरा पंचेन लामा भी नियुक्त किया है
चीन ने अपनी तरफ से एक दूसरा पंचेन लामा की भी निुक्ति की है। उसके भी लोगों के सामने आने पर कड़ी पाबंदी है। बहुत ही कम उसे लोगों के सामने जाने की अनुमति होती है। हालांकि, तिब्बती लगों ने चीन के पिट्ठू पंचेन लामा को मान्यता नहीं दी है।
The Pakistan government last week said that it would begin a phased lifting of the lockdown due to its effect on the economy and the workforce. Pakistan Civil Aviation Authority (PCAA) announced to resume the domestic flights operations from Saturday, The Express Tribune reported.
The person from the Rohingya community and a local person who lives in the Cox's Bazar district who also tested positive have been isolated. Teams have been activated for treatment of the patients as well as tracing people they may have encountered and quarantining and testing of those contacts.
अमेरिका ने चीन से 25 साल पहले पंचेन लामा के तौर पर पहचाने गए व्यक्ति को रिहा करने की मांग की है। अमेरिकी विदेश विभाग के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी के राजदूत सैम ब्राउनबैक ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि हमने चीनी अधिकारियों से यह बताने की मांग की है कि पंचेन लामा कहां है। यह जरूरी है क्योंकि चीन की कॉम्युनिस्ट पार्टी तिब्बतियों के धार्मिक उत्तराधिकारी को नियुक्त करने का हक छीन रही हैं।
ऐसा माना जाता है कि पंचेन लामा को चीन ने ही अगवा किया था। अमेरिका ने चीन को आगाह किया है कि वह इस मामले को दलाई लामा के उत्तराधिकार से जोड़कर नहीं देखे। उसे दुनिया का सबसे कम उम्र का राजनीतिक बंदी बताया गया था।
14 मई 1995 को हुई थी पंचेन लामा की पहचान
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने 14 मई 1995 को 6 साल के गेधुन चोयेक्यी नायिमा की पंचेन लामा के तौर पर पहचान की थी। उसे दलाई लामा का पुनर्जन्म बताया था।पंचेन लामा को तिब्बती बौद्ध के सबसे बड़े स्कूल में दूसरा सबसे बड़ा ओहदा माना जाता है। गेधुन चोयक्यी को पंचेन लामा घोषित करने के तीन दिन बाद ही में हिरासत में ले लिया गया था। उसके बाद से अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है।
चीन नहीं चाहता दलाई लामा का उत्तराधिकारी घोषित हो
चीन सरकार ने अपनी ओर से दलाई लामा का एक उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। वह कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी नजर आ चुका है। हालांकि,उसे तिब्बती लोग नहीं मानते। चीन नहीं चाहता कि दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी की घोषणा हो। ऐसा करने से दुनिया भर में तिब्बत की आजादी की मुहिम कमजोर होगी। तिब्बती बौद्ध के 14 वें धर्मगुरु दूसरे पंचेन लामा की घोषणा करना चाहते हैं।