अमेरिका ने चीन से कहा है कि 25 साल पहले गिरफ्तार किए गए तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु पंचेन लामाको रिहा करे। दलाई लामा के बाद पंचेन लामा तिब्बतियों के दूसरे सबसे बड़े बौद्ध धर्म गुरू होते हैं। 14 मई 1995 को दलाई लामा ने छह साल के गेदुन चोकेई न्यिमा को पंचेन लामा के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी थी। उन्हें 11वें पंचेन लामा के तौर पर मान्यता मिली थी।इसके तीन दिन बाद चीन ने पंचेन लामा को हिरासत में ले लिया था, तब से अब तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्रॉउनबैक ने कहा, ‘‘हम चीनी अधिकारियों पर लगातार पंचेन लामा को छोड़ने के लिए दबाव डालते रहेंगे। इसके साथ ही चीनदुनिया को यह भी बताए कि वो अभी कहां हैं?’’
चीन को दलाई लामा की नियुक्ति का अधिकार नहीं
सैमब्रॉउनबैकने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अगले दलाई लामा को नियुक्त करने के लिए अपना अधिकार जता रहीहै, जबिक उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं हैं।’’उन्होंने कहा कि जिस तरह से चीन अगले पोप की नियुक्ति नहीं कर सकता बिल्कुल ऐसे ही वह अगले दलाई लामा की नियुक्ति भी नहीं कर सकता है।इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करने वाले अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने विदेश मंत्रालय से फिर से मांग की है कि वह तिब्बती मामले के स्पेशल कोऑडिर्नेटर की नियुक्ति करें।
पंचेन लामा पर चीन ने 2015 में दिया था बयान
चीन ने पंचेन लामा को लेकर आखिरी बार 2015 में बयान दिया था। तब से अब तक उसने कुछ नहीं कहा है। चीन ने कहा था कि वह स्वस्थ और अपनी पढ़ाई कर रहा है। वह नहीं चाहता कि कोई उसे डिस्टर्ब करे।
चीन ने अपनी तरफ से दूसरा पंचेन लामा भी नियुक्त किया है
चीन ने अपनी तरफ से एक दूसरा पंचेन लामा की भी निुक्ति की है। उसके भी लोगों के सामने आने पर कड़ी पाबंदी है। बहुत ही कम उसे लोगों के सामने जाने की अनुमति होती है। हालांकि, तिब्बती लगों ने चीन के पिट्ठू पंचेन लामा को मान्यता नहीं दी है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment