Sunday, September 27, 2020
सुप्रीम कोर्ट में 9वें जज की नियुक्ति; सर्वे में 56% लोग बोले- चुनाव के बाद नियुक्ति होती तो अच्छा होता September 27, 2020 at 06:34PM
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अमेरिका में सुप्रीम कोर्ट की नई जज एमी कोने बैरेट की नियुक्ति पर विवाद जारी है। बैरेट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सुप्रीम कोर्ट के 9वें जज के रूप में नियुक्त किया है। इसको लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स और साइना कॉलेज द्वारा किए गए एक सर्वे में शामिल 56% अमेरिकी लोगों का मानना है कि चुनाव बाद नई सरकार को नौवें जज की नियुक्ति करनी चाहिए थी।
वहीं 41% ने कहा कि ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति सही है। सर्वे में 50% वोटरों ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन नए जज चुनने के लिए ज्यादा सक्षम नेता हैं। जबकि ट्रम्प को 43% लोगों ने योग्य बताया।
विपक्ष लगातार एमी कोने का विरोध कर रहा
सुप्रीम कोर्ट की जज रूथ ग्रिन्सबर्ग का पिछले हफ्ते निधन हो गया था। उनकी जगह ट्रम्प ने विपक्षी दलों के तमाम विरोधों के बावजूद एमी कोने बैरेट को सुप्रीम कोर्ट का नवां जज नियुक्त कर दिया है। अमेरिका के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब चुनाव के महज 39 दिन पहले सरकार ने किसी नए जज का नाम फाइनल किया हो। आमतौर पर चुनावी साल में जुलाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की नियुक्ति नहीं की जाती।
विपक्ष का आरोप, सुप्रीम कोर्ट को खुद के कब्जे में रखना चाहते ट्रम्प
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट को अपने कब्जे में करना चाहते हैं ताकि चुनाव उलझने की स्थिति में अपने हिसाब से निर्णय को प्रभावित कर सकें। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वारा नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।
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ट्रम्प ने कहा- प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले या बाद में ड्रग टेस्ट कराएं, मैं भी यह टेस्ट कराने के लिए बिल्कुल तैयार हूं September 27, 2020 at 05:28PM
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 के लिए पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट मंगलवार 29 सितंबर को होने वाली है। इसके पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक अजीब बयान दिया। ट्रम्प ने कहा- डिबेट से पहले या इसके बाद डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन को ड्रग टेस्ट कराना चाहिए। मैं भी इसके लिए तैयार हूं। हाल के दिनों में ट्रम्प कई बार बाइडेन की मेंटल हेल्थ को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
कुछ दिन पहले आयोवा में उन्होंने कहा था कि दिमागी तौर पर बाइडेन राष्ट्रपति बनने लायक नहीं हैं।
नींद में रहते हैं बाइडेन
रविवार को एक ट्वीट के जरिए ट्रम्प ने फिर बाइडेन की दिमागी हालत पर सवाल खड़े करने की कोशिश की। कहा- मैं मांग करता हूं कि नींद में रहने वाले जो बाइडेन का प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले या बाद में ड्रग टेस्ट कराया जाए। मैं भी यही टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं। मंगलवार को होने वाली डिबेट में बहुत कम दर्शक मौजूद रहेंगे। फॉक्स न्यूज के एंकर क्रिस वॉलेस मॉडरेटर होंगे। इसके अलावा कोई पैनालिस्ट नहीं होगा।
दोनों की उम्र में तीन साल का फर्क
ट्रम्प जो बाइडेन की ज्यादा उम्र को लेकर भी सवाल कर चुके हैं। बाइडेन 77 साल के हैं जबकि ट्रम्प की उम्र 74 साल है। ट्रम्प ने बाइडेन की सेहत पर सवाल तो उठाए और तंज भी कसे, लेकिन इसके लिए कभी कोई सबूत नहीं दिए। अगस्त में उन्होंने कहा था- मुझे देखिए, फिर उनको देखिए। फिर हम दोनों को देखकर तुलना कीजिए। सच बात तो ये है कि ट्रम्प ने प्रचार का स्तर गिरा दिया है। बाइडेन के कुछ पुराने वीडियोज से छेड़छाड़ कर उन्हें फॉक्स न्यूज पर चलाया जा रहा है। हालांकि, कुछ रिपब्लिकन भी ये मानते हैं कि इस तरह की हरकतों से ट्रम्प कैम्पेन को कोई फायदा नहीं होने वाला।
दो साल से गलतबयानी कर रहे हैं ट्रम्प
बाइडेन की सेहत पर निशाना साधने की कोशिश ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान शुरू नहीं की। बल्कि 2018 से वे यही कर रहे हैं। लगभग हर इंटरव्यू या भाषण में ट्रम्प ने बाइडेन को ऐसा नेता बताया जो हमेशा नींद में रहता है। उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर सवालिया निशान लगाए। दरअसल, इन आरोपों के जरिए वोटरों के मन में यह बात बिठाने की कोशिश कर रहे हैं कि बाइडेन सेहत के लिहाज से भी राष्ट्रपति बनने लायक नहीं हैं।
वोटर्स को फैसला करने दीजिए
ट्रम्प के कैम्पेन डायरेक्टर टिम मुर्टाग कहते हैं- इस तरह की बातों से किसी को दिक्कत हो सकती है, लेकिन वोटरों को बाइडेन की बातें सुननी चाहिए, उन्हें देखना चाहिए और फिर फैसला करना चाहिए। खासतौर पर कुछ साल पहले वाले बाइडेन और अब वाले बाइडेन की तुलना जरूर होनी चाहिए।
हाल ही में ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि बाइडेन ताकत बढ़ाने वाली दवाइयां (ड्रग्स) लेते हैं। हद तो तब हो गई जब रिपब्लिकन सीनेटर जोए मर्फी ने आरोप लगाया कि बाइडेन डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। हालांकि, ट्रम्प के सलाहकार उन्हें कई महीनों पहले ही आगाह कर चुके हैं कि बाइडेन बहुत लंबी बहस आसानी से कर सकते हैं।
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बाइडेन ने कहा- देश को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट राज्यों में बांट रहे हैं राष्ट्रपति ट्रम्प, उनका रवैया नाजी जर्मन दौर के मंत्री जोसेफ गोएवेल्स जैसा September 27, 2020 at 04:13PM
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डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने एक बार फिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर देश को बांटने का आरोप लगाया है। ट्रम्प और बाइडेन के बीच सुप्रीम कोर्ट में नए जज की नियुक्ति को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है। ट्रम्प ने एमी कोने बैरट को दिवंगत जस्टिस गिन्सबर्ग के स्थान पर जज नॉमिनेट कर दिया है। डेमोक्रेट पार्टी और बाइडेन इसका विरोध कर रहे हैं। उनके मुताबिक, यह संविधान के खिलाफ है।
बाइडेन ने कहा- राष्ट्रपति कई मुद्दों पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिका का मतलब डेमोक्रेट स्टेट्स (ब्लू स्टेट्स) और रिपब्लिकन स्टेट (रेड स्टेट्स) समझ लिया है।
जोसेफ गोएवेल्स जैसा बर्ताव
बाइडेन में ट्रम्प की तुलना जोसेफ गोएवेल्स से की। गोएवेल्स नाजी दौर के जर्मनी में एडोल्फ हिटलर के प्रोपेगंडा मिनिस्टर थे। अमेरिका डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रभाव वाले राज्यों को ब्लू स्टेट जबकि रिपब्लिकन्स के प्रभाव वाले राज्यों को रेड स्टेट कहा जाता है। बाइडेन का आरोप है कि ट्रम्प अमेरिका को ब्लू और रेड स्टेट्स में बांट रहे हैं।
गलतबयानी कर रहे हैं ट्रम्प
बाइडेन ने शनिवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रम्प के उस दावे पर तंज कसा जिसमें राष्ट्रपति ने दावा किया था कि वे सोशलिस्ट एजेंडे पर काम कर रहे हैं। बाइडेन ने इसे ट्रम्प का प्रोपेगंडा बताते हुए उनकी तुलना हिटलर के मंत्री गोएवल्स से की। बाइडेन ने कहा- जिन लोगों ने अपना मन (वोटिंग के बारे में) बना लिया है, मुझे नहीं लगता कि वो राष्ट्रपति के इस दावे पर भरोसा करेंगे। लेकिन, कौन जानता है। वे लगातार झूठ बोल रहे हैं। और इसे दोहराते जा रहे हैं।
इसलिए झूठ बोलते हैं ट्रम्प
बाइडेन के मुताबिक, ट्रम्प लगातार झूठ इसलिए बोलते हैं ताकि सुनते-सुनते लोग इसे ही सच मानने लगें। हालांकि, बाइडेन ने भरोसा जताया कि चुनाव हारने पर ट्रम्प कुर्सी छोड़ देंगे। बाइडेन का यह बयान इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि ट्रम्प ने पिछले दिनों दो बार ये कहा कि सत्ता के हस्तांतरण यानी ट्रांसफर ऑफ पावर की जरूरत नहीं पड़ेगी। ट्रम्प का दावा है कि यही सरकार जारी रहेगी। बाइडेन ने कहा- राष्ट्रपति सत्ता छोड़ देंगे।
जज की नियुक्ति पर बहस जारी
बाइडेन चुनाव नतीजों से पहले सुप्रीम कोर्ट में नई महिला जज की नियुक्ति या नॉमिनेशन का विरोध कर रहे हैं। ट्रम्प एमी कोने बैरेट को नॉमिनेट कर चुके हैं। हालांकि, इसके लिए अब सीनेट की मंजूरी चाहिए होगी। लेकिन, बाइडेन और पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स नॉमिनेशन का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि परंपरा के मुताबिक, चुनावी साल में सुप्रीम कोर्ट में किसी नए जज की नियुक्ति नहीं की जाती।
पते की बात
बाइडेन ने कहा- अगर मैं राष्ट्रपति चुना जाता हूं तो मैं डेमोक्रेट प्रेसिडेंट नहीं रह सकता। मुझे अमेरिकी प्रेसिडेंट ही रहना होगा। ब्लू सिटी या रेड सिटी, मेरे लिए ये कोई मायने नहीं रखेंगे। मैं इसका वादा करता हूं। अमेरिका की हर कम्युनिटी को उनके राष्ट्रपति से बराबर और पूरी मदद मिलेगी। बाइडेन दरअसल, ट्रम्प के उस बयान पर तंज कस रहे थे जिसमें उन्होंने डेमोक्रेट सिटीज शब्द का इस्तेमाल किया था।
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लंदन समेत ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में फिर लग सकता है लॉकडाउन, चीन ने लोगों को असुरक्षित वैक्सीन लगाए; दुनिया में 3.33 करोड़ केस September 27, 2020 at 04:01PM
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दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.33 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 46 लाख 33 हजार 646 से ज्यादा हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 10 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। ब्रिटेन सरकार तमाम विरोध के बावजूद उत्तरी हिस्से और लंदन में फिर लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पहले ही कह चुके हैं कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है।
ब्रिटेन : लंदन में लगेगा लॉकडाउन
बोरिस जॉनसन सरकार नॉदर्न ब्रिटेन और लंदन में फिर सख्त लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि देश में संक्रमण की दूसरी लहर तेज हो रही है और इससे वही हालात पैदा होने का खतरा है जो मई और जून में सामने आए थे।
लॉकडाउन के दौरान सभी पब, बार और रेस्टोरेंट्स पूरी तरह बंद रखे जाएंगे। लोगों के सार्वजनिक स्थलों पर मिलने पर भी रोक लगाई जाएगी। हालांकि, इस दौरान स्कूल और कुछ दुकानों को खोलने की मंजूरी दी जाएगी। जहां तक संभव हो सकेगा, वहां तक लोगों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा। माना जा रहा है कि यह लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए होगा। लेकिन, जरूरत होने पर इसे बढ़ाया भी जा सकेगा।
रूस : मॉस्को में 16 की मौत
रूस में संक्रमण की दूसरी लहर घातक साबित होने लगी है। अकेले मॉस्को शहर में रविवार को 16 लोगों की मौत हो गई। अब यहां मरने वालों का आंकड़ा 5180 हो गई हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा- हमने नए मामलों पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। लेकिन, गंभीर मरीजों की मौत हुई। शनिवार को 18 के बाद रविवार को 16 मरीजों की मौत हुई। इनमें से ज्यादातर काफी उम्रदराज थे और पहले से कुछ बीमारियों से जूझ रहे थे।
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चीन : गंभीर आरोप
दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन पर रिसर्च और ट्रायल जारी हैं। लेकिन, चीन ने अपने नागरिकों को असुरक्षित वैक्सीन लगाना शुरू कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये वैक्सीन असुरक्षित इसलिए हैं क्योंकि इनका सफल ट्रायल के सबूत सामने नहीं आ सके हैं। यह वैक्सीन एक सरकारी कंपनी की है। इसे सरकारी अफसरी, कंपनी के स्टाफ, टीचर्स और उन लोगों को लगाया जा रहा है जो विदेश जाने वाले हैं।
मर्डोक यूनिवर्सिटी के डॉक्टर किम मुलहोलेन्ड ने कहा- इस तरह की अनप्रूवन वैक्सीन बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं। मुझे इस बात की आशंका है कि कंपनी के कर्मचारियों को वैक्सीन इसलिए लगाई गई होगी क्योंकि वे इससे इनकार भी नहीं कर सकते थे।
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पेरू : सावधानी बरतें लोग
संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर लैटिन अमेरिकी देश पेरू ने सख्त रवैया अपनाया है। यहां राष्ट्रीय आपातकाल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रेसिडेंट मार्टिन विजकारा ने कहा- इस बात की संभावना है कि यह इमरजेंसी साल के आखिर तक बनी रहे। फिलहाल, हम इसे 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं। पेरू की हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा- हम जानते हैं कि लोगों को कुछ प्रतिबंधों से काफी परेशान होना पड़ रहा है। लेकिन, कोविड-19 से बचने का फिलहाल यही उपाय है कि हम हर सावधानी बरतें। मास्क और सैनिटाइजेशन का खास ध्यान रखें।
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अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शुरू हुआ युद्ध; दोनों ओर से हवाई और टैंक से हमले, 23 की मौत, 100 से ज्यादा लोग घायल September 27, 2020 at 11:25AM
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अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच रविवार को विवादित इलाके नागोर्नो कारबाख को लेकर एक बार फिर से युद्ध शुरू हो गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अब तक इस युद्ध में दोनों तरफ के 23 लोगों की मौत हुई है। मरने वाले ज्यादातर आम नागरिक बताए जा रहे हैं। अब तक 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
इस बीच, तुर्की ने युद्ध में अजरबैजान का साथ देने का ऐलान कर दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति तुर्की के राष्ट्रपति रेजेप तैयप एर्दोआन ने रविवार को ट्वीट किया, ''मैं और तुर्की के सभी नागरिक अजरबैजान के साथ खड़े हैं। अजरबैजान पर हमला करके अर्मेनिया ने एक बार फिर से साबित किया है कि वह दुनिया के अमन और शांति के लिए घातक है। मैं अर्मेनिया के नागरिकों से कहना चाहूंगा कि वह अपने भविष्य के लिए सरकार का विरोध करें। अर्मेनिया की सरकार आपको पालतू बना रही है।''
रूस ने शांति की अपील की
रूस ने आर्मेनिया और अजरबैजान से शांति की अपील की है। रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके लिए दोनों देशों को तुरंत युद्ध रोकना होगा। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव युद्धविराम के लिए दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं।
अर्मेनिया का दावा, तीन टैंक और दो हेलीकॉप्टर मार गिराए
अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अजरबैजान के तीन टैंकों और दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया गया है। वहीं, अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इस दावे को खारिज कर दिया।
क्या है लड़ाई का कारण?
पूर्व सोवियत संघ के इन दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख इलाके को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इंटरनेशनल लेवल पर यह इलाका अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, जबकि अर्मेनिया भी इस पर दावा करता है। 1994 की लड़ाई के बाद से यह इलाका अजरबैजान के नियंत्रण में नहीं है।
इस इलाके में दोनों देशों के सैनिक तैनात हैं। करीब 4,400 किलोमीटर में फैला नागोर्नो-कारबाख का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है। पिछले साल जुलाई में भी दोनों देशों के बीच इसको लेकर झड़प हुई थी। इसमें 16 लोगों की मौत हुई थी।
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राज कपूर और दिलीप कुमार का पुश्तैनी मकान खरीदेगी पाकिस्तान सरकार, ये दोनों हवेलियां राष्ट्रीय धरोहर घोषित की जा चुकी हैं September 27, 2020 at 11:05AM
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पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा सरकार बॉलीवुड अभिनेता राज कपूर और दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली खरीदेगी। यह हवेलियां फिलहाल काफी कमजोर हो चुकी हैं। सरकार इन्हें खरीदने के बाद इनकी मरम्मत करवाएगी और इन्हें संरक्षित किया जाएगा।
खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग ने हवेलियों को खरीदने के लिए फंड भी अलॉट कर दिया है। दोनों हवेली पाकिस्तान के पेशावर शहर में हैं। दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली को 2014 में नवाज शरीफ सरकार ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। वहीं, राज कपूर की पुश्तैनी हवेली को 2018 में राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया था।
पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में बदलने का अनुरोध
पेशावर के पुरातत्व विभाग की ओर से पेशावर के डिप्टी कमिश्नर को इन दोनों बिल्डिंग्स की कीमत तय करने के लिए आधिकारिक चिट्ठी भेजी गई है। कई विदेशी पर्यटक और स्थानीय लोग इसे देखने आते हैं। ऋषि कपूर ने मरने से पहले पाकिस्तान सरकार से अपनी पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में बदलने का अनुरोध किया था। हालांकि, अब तक इस पर फैसला नहीं हो सका है।
राज कपूर के पुश्तैनी मकान का नाम है कपूर हवेली
भारतीय सिनेमा के कपूर खानदान की यह मशहूर कपूर हवेली पेशावर के रिहायशी इलाके किस्सा ख्वानी बाजार में हैं। यह कपूर परिवार की कई पुश्तों का घर रहा है। बंटवारे से पहले बनी यह हवेली पृथ्वीराज कपूर के पिता और ऋषि कपूर के परदादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-1922 के बीच बनवाई थी।
हवेली के बाहर लगी लकड़ी की प्लेट के मुताबिक, बिल्डिंग का बनना 1918 में शुरू हुआ और 1921 में यह तैयार हो गई। इस हवेली में 40 कमरे हैं और हवेली के बाहरी हिस्से में खूबसूरत मोतिफ उकेरे हुए हैं। इसमें आलीशान झरोखे बने हुए हैं।
कपूर हवेली के पास ही है दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली
दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेली भी कपूर हवेली के पास ही है। यह करीब 100 साल पुरानी है। दोनों हवेलियों के मालिकों ने कई बार इन्हें गिराकर कमर्शियल प्लाजा बनाने की कोशिश की, लेकिन सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
हालांकि, कपूर हवेली का मालिकाना हक रखने वाले अली कादर के मुताबिक, वे इसे गिराना नहीं चाहते। उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों से भी इसके लिए मुलाकात की। उन्होंने इस हवेली की कीमत 200 करोड़ रु. लगाई है। पेशावर में करीब 1800 ऐसी ऐतिहासिक बिल्डिंग हैं, जो 300 साल पुरानी हैं।
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