पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने शुक्रवार को 2020-21 के लिए बजट पेश किया। कुल बजट 7 हजार 140 अरब पाकिस्तानी रुपए है। रक्षा बजट 12 फीसदी बढ़ाकर1 हजार 300 अरब पाकिस्तानी रुपए किया गया है। भारतीय करंसी में यहकरीब 598 अरब रुपए होता है। विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने बजट की आलोचना की। वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ ने बजट को तबाही का दस्तावेज कहाहै।
दूसरी ओर इमरान के फाइनेंस और रेवेन्यू एडवाइजर डॉ.अब्दुल शेख ने इसे कोरोना बजट करार दिया। उनके मुताबिक, सरकार देश की अर्थव्यवस्था को जल्द पटरी पर ले आएगी।
आर्थिक हालात सुधारने की कोशिश
संसद में बजट पेश करते हुए उद्योग मंत्री हमाद अजहर ने कहा- हमारी पहली कोशिश इकोनॉमी को ट्रैक पर लाने की है। आर्थिक रूप से देश को मजबूत बनाने और स्थिरता लाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। कोरोनावायरस से निपटने के लिए 70 अरब रुपए (पाकिस्तानी) अलॉट किएगएहैं। स्पेशल इकोनॉमिक जोन के लिए 80 अरब का बजट है।
रक्षा बजट में बढ़ोतरी
पाकिस्तान के बजट में सबसे ज्यादा फायदा सेना को मिला है। इस साल रक्षा बजट 12 फीसदी बढ़ाया गया है।पिछले साल यानी 2019-20 में 4.5 फीसदी इजाफा किया था।
विपक्ष ने आलोचना की
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलएन ने बजट को लोगों के खिलाफ करार दिया। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने पहले तो बजट को निराशानजक बताया। बाद में एक टीवी चैनल से कहा कि यह सरकार देश की दुश्मन है। शहबाज शरीफ ने कहा- सरकार कोरोना के नाम पर नाकामियां छिपाने की कोशिश कर रही है।
भारत का रक्षा बजट
भारत ने 2020-21 के बजट में रक्षा बजट 6% बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ रुपए किया था।इसमें अगर पेंशन की राशि जोड़ दी जाए तो कुल बजट 4.7 लाख करोड़ का है। इसमें से 1.13 लाख करोड़ रुपए नए हथियार, एयरक्राफ्ट और युद्धपोत खरीदने के लिए खर्च किए जाएंगे। पेंशन खर्च बढ़ाकर 1.33 लाख करोड़ रुपए किया गया है।
A Chinese official said on Saturday Beijing's Fengtai district was in "wartime emergency mode" following a spike in novel coronavirus cases centered around a major wholesale market there.
The United States has recorded another 839 coronavirus-related fatalities in the last 24 hours, bringing the country's death toll to 114,613, according to a tally Friday by Johns Hopkins University. The US continues to register around 20,000 new cases of coronavirus each day.
Brazil's health ministry recorded 909 deaths in the past 24 hours, putting the total at 41,828 — meaning the country of 212 million people has now surpassed Britain's death toll.
दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 28 हजार 210 लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों का आंकड़ा 77 लाख 31 हजार 673 हो गया है। अब तक 39 लाख 25 हजार 273 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। ब्राजील के लिए परेशानी का दौर जारी है। अब यह देश मौतों के मामले में ब्रिटेन से आगे निकल गया है। संक्रमण के बाद मौतों के मामले में ब्राजील दुनिया में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।यहां 41 हजार 901 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में यह आंकड़ा 41 हजार 481 है। सबसे ज्यादा संक्रमण और मौतों के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है।
कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश
देश
कितने संक्रमित
कितनी मौतें
कितने ठीक हुए
अमेरिका
21,16,922
1,16,825
8,41,934
ब्राजील
8,29,902
41,901
3,96,692
रूस
5,11,423
6,715
2,69,370
भारत
3,09,603
8,890
1,54,231
ब्रिटेन
2,92,950
41,481
उपलब्ध नहीं
स्पेन
2,90,289
27,136
उपलब्ध नहीं
इटली
2,36,305
34,223
1,73,085
पेरू
2,20,749
6,308
1,07,133
जर्मनी
1,87,251
8,863
1,71,600
ईरान
1,82,525
8,659
1,44,649
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ब्राजील : दम तोड़ते लोग
ब्राजील में शुक्रवार रात मरने वालों का आंकड़ा 41 हजार 901 हो गया। इसके साथ ही मौतों के मामले ब्राजील ब्रिटेन से आगे निकल गया। ब्रिटेन में इसी दौरान मरने वालों की संख्या 41 हजार 481 रही। कई दिन तक आंकड़े छिपाने के बाद अब ब्राजील सरकार ने अपडेट देना शुरू किया है। शुक्रवार को यहां 843 और संक्रमितों की मौत हुई। संक्रमण के लिहाज से ब्राजील पहले ही अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर था।
फ्रांस : यूरोप में यात्रा की इजाजत मिलेगी
फ्रांस सरकार 15 जून से कुछ यात्रा प्रतिबंध हटाने जा रही है। यहां जानकारी गृह मंत्री क्रिस्टोफी कास्टनर ने दी। यूरोपीय यूनियन से आवाजाही अब हो सकेगी। अंडोरा, आईसलैंड, मोनाको, नॉर्वे, सैन मरीनो और स्विट्जरलैंड से भी लोग आवाजाही कर सकेंगे। इन देशों से आने वालों पर क्वारैंटाइन की पाबंदियां भी लागू नहीं होंगी। स्पेन और ब्रिटेन के लिए सख्त पाबंदियां फिलहाल जारी रहेंगी। स्पेन से आने वालों को 14 दिन क्वारैंटाइन रहना होगा।
अमेरिका : विरोध प्रदर्शनों से खतरा
अमेरिका में संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा एक लाख 14 हजार से ज्यादा हो गया है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, शुक्रवार को यहां 9618 मामले सामने आए। इसी दौरान 308 लोगों की मौत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों की वजह से अमेरिका में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ा है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
डब्ल्यूएचओ : फीडिंग से बच्चे को खतरा नहीं
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ब्रेस्ट फीडिंग से संक्रमण का खतरा नहीं है। इसलिए वो महिलाएं जो संक्रमित हैं वो बच्चे को स्तनपान यानी ब्रेस्ट फीडिंग करा सकती हैं। डब्ल्यूएचओ चीफ डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस ने शुक्रवार को कहा, “कोविड-19 से संक्रमित या संक्रमण का संदेह होने पर भी बच्चे को फीडिंग कराई जानी चाहिए। जब तक मां बहुत ज्यादा बीमार नहीं है, बच्चे को उससे अलग नहीं किया जाना चाहिए।”
अमेरिका : फिर लग सकते हैं प्रतिबंध
अमेरिका में बढ़ते मामलों के मद्देजर एक बार फिर से प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसर जे बटलर ने शुक्रवार को कहा, “अगर कोरोना मामले इसी तरह बढ़ते रहे तो उसको रोकने के वही उपाय किए जा सकते हैं जो मार्च में किए गए थे। हम अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे, लेकिन विकल्प खुले हैं।” बटलर और सीडीसी के निदेशक डॉ रॉबर्ट रेडफ़ील्ड दोनों ने अमेरिकी लोगों को कम से कम छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग रखने और मास्क पहनने की सलाह दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का परिवार सरकारी सुविधाओं का जमकर इस्तेमाल कर रहा है। यहां तक कि वे लगातार तीन साल से साल भर में एक हजार से ज्यादा यात्राएं कर रहे हैं। ट्रम्प का परिवार एक साल में ओबामा के परिवार की तुलना में 12 गुना ज्यादा यात्राएं कर रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ओबामा के परिवार ने 7 साल में जितनी यात्राएं नहीं कीं, उससे ज्यादा यात्राएं ट्रम्प के परिवार ने एक साल में कर लीं। इसका खुलासा ट्रेजरी विभाग द्वाराजारी किए बजट दस्तावेज के विश्लेषण से हुआ है। सिटीजन फॉर रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड एथिक्स इन वॉशिंगटन (सीआरईडब्ल्यू- क्रू) नाम की एजेंसी ने इन दस्तावेजों का विश्लेषण किया है।
मंगोलिया में ट्रम्प के परिवार ने शिकार पर 57 लाख रुपए खर्च किए
इसके मुताबिक इन यात्राओं से लेकर सुरक्षा तक पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं, जिनके आंकड़े सामने नहीं आए हैं, लेकिन इस यात्रा में साथ रहे एक अधिकारी के मुताबिक, मंगोलिया में ट्रम्प परिवार शिकार पर गया था और एक लुप्तप्राय भेड़ का शिकार किया था। इसके लिए मंगोलिया के राष्ट्रपति से विशेष अनुमति ली गई थी। इस पर करीब 57 लाख रुपए खर्च हुए थे।
2017 में सीक्रेट सर्विस ने सुरक्षा का बजट बढ़ाने की मांग की थी
ट्रम्प परिवार की ज्यादा यात्राओं को इस तथ्य से समझा जा सकता है कि उनके बेटे एरिक और डॉन जूनियर ने इनका इस्तेमाल अपने कारोबार को बढ़ावा देने के लिए किया है। सीक्रेट सर्विस ने 2020-21 के बजट अनुरोध में ऐसे कुछ खर्चों को स्पष्ट करने की मांग की है, जिनमें बड़े बजट की जरूरत होती है। 2017 में ट्रम्प परिवार की सुरक्षा के लिए 204 करोड़ का बजट रखा गया था, लेकिन सीक्रेट सर्विस ने इसे कम बताते हुए 456 करोड़ रुपए की मांग की थी।
ट्रम्प के बेटे सालभर में करोड़ों डॉलर कमा रहे हैंः रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेशक ट्रम्प परिवार सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा का हकदार है, लेकिन पूर्व राष्ट्रपतियों की तुलना में इनका 10 गुना से ज्यादा इस्तेमाल और खर्च से करदाताओं और सरकारी बजट पर बोझ पड़ रहा है। जबकि पूर्व राष्ट्रपतियों ने पद पर रहने के दौरान खुद को अपने दूसरे काम और संपत्तियों से अलग कर लिया था, लेकिन ट्रम्प ने ऐसा नहीं किया और अपने बेटों को अंतरराष्ट्रीय कारोबार का प्रबंध करने के लिए नियुक्त किया, जो ट्रम्प के नाम पर साल भर में करोड़ों डॉलर कमा रहे हैं।
जापान में हाईस्कूल के एक स्टूडेंट ने सरकार के उस फैसले के खिलाफ मुहिम छेड़ दी है, जिसमें बच्चों के वीडियो गेम और इंटरनेट के एक घंटे से ज्यादा इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है। कगावा के शिकोकू द्वीप के निवासी 17 साल के वटारू ने इसके लिए देश के बड़े वकील को ढूंढा। अब वह कगावा सरकार के खिलाफ केस दर्ज करवाने जा रहा है। अगर वटारू केस जीता तो सरकार के खिलाफ संवैधानिक लड़ाई जीतने वाले चुनिंदा लोगों में शामिल हो जाएगा।
दरअसल, कगावा में अप्रैल में लागू एक कानून में प्रावधान किया गया है कि 20 साल से छाेटे युवा स्कूल के दिनों में एक घंटे और छुट्टी के दिनों में डेढ़ घंटे से ज्यादा वीडियो गेम या इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर सकते। वटारू का कहना है- ‘बच्चे कितनी देर इंटरनेट इस्तेमाल करेंगे या वीडियो गेम पर कितना समय देंगे, यह तय करना परिवार का अधिकार है, जो उनसे कोई नहीं छीन सकता। सरकार इन मामलों में दखल न दे।’
मारियो ब्रदर्स और पैकमैन जैसे वीडियो गेम जापान में ही विकसित हुए थे
दुनियाभर में मशहूर मारियो ब्रदर्स और पैकमैन जैसे वीडियो गेम जापान में ही विकसित हुए थे। लंबे समय तक वीडियो गेम खेलने की वजह से यहां अधिकांश बच्चों पर शारीरिक और सामाजिक दुष्प्रभाव देखा जा रहा है। स्कूल में भी उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है। साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गेम खेलने की लत (गेमिंग डिसऑर्डर) को मानसिक बीमारी माना था।
गेमिंग की लत दूर करने के और भी कई कारगर तरीके हैंः मुहिम के समर्थक
वटारू और उसकी मुहिम का समर्थन करने वालों का मानना है कि गेमिंग की लत दूर करने के और भी कई कारगर तरीके हैं। कगावा के कानूनों में वैज्ञानिक आधार की कमी और निजी अधिकारों का उल्लंघन ज्यादा है। यह पारिवारिक जीवन में एक तरह की घुसपैठ है, जो बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
वटारू ने इन्हीं कारणों के मद्देनजर जापान के नामी वकील तोमोशी साक्का से संपर्क किया। साक्का ने तथ्यों और वैज्ञानिक आधार पर इसे उच्च अदालत में चुनौती देने की मंजूरी दे दी। उनका कहना है कि इस मामले में उनके जीतने के आसार अच्छे हैं, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सीमाओं का उल्लंघन है।
कोरोना काल में सबकुछ बंद, मैं आवाज न उठाऊं तो कौन उठाएगा?
वटारू का कहना है कि उसे वीडियो गेम्स में कोई रुचि नहीं है। लेकिन कगावा सरकार ने कोरोना संक्रमण काल में ऐसा फैसला लिया है, जिससे हरेक बच्चा प्रभावित हो रहा है। जब सारे खेल मैदान और स्पोर्ट्स क्लब बंद पड़े हैं, तब बच्चों के पास इसके अलावा और क्या विकल्प हैं? अगर उनके लिए मैं आवाज न उठाऊं तो कौन उठाएगा?
China has reported 10 new coronavirus cases, including two more confirmed infections in Beijing, following which the capital city suspended plans to reopen schools for grade first to third students.
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं राजनेताओं में हलचल बढ़ती जा रही है।डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदवार जो बिडेन ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प नवंबर में होने वाले चुनावों में धांधली करवा सकते हैं। अगर वेहारते भी हैं तो आसानी से ऑफिस नहीं छोड़ेंगे। एक डेली शो में चर्चा के दौरान बिडेन ने ये बाते कहीं। उधर, सिएटल के मेयर ने ट्रम्प से कहा कि वे फिर से बंकर में जाकर छुप जाएं।
इस हफ्ते जॉर्जिया में हुए एक चुनाव में अव्यवस्थाएं सामने आई थीं। यहां पर वोटिंग मशीनों में खराबी मिली थी और वोटरों को लंबी-लंबी लाइनें लगाने पड़ी थीं। कई वोटर वोट भी नहीं डाल पाए थे। डेली शो में इसी बात पर बहस हो रही थी।
शो के होस्ट ट्रेवर नोआ ने बिडेन से पूछा कि आपने कभी सोचा है अगर ट्रम्प चुनाव हारने के बाद भी पद न छोड़ें। इस पर बिडेन ने कहा कि ट्रम्प ऐसा कर सकते हैं, लेकिन मुझे सेना पर भरोसा है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयली मैक्नैनी ने बिडेन के बयान को एक मजाकिया और हास्यास्पद बताया है।
ट्रम्प ने मेल-इन बैलट्स को धोखा बताया था
कोरोनावायरस के कारण अमेरिका के चुनावों में मेल-इन बैलट (ईमेल या लेटर पोस्ट कर वोटिंग) की मांग हो रही है। ट्रम्प ने मेल-इन बैलट को एक धोखा बताया है। उन्होंने ट्वीट किया था कि डेमोक्रेट्स 2020 के चुनावों में धोखेबाजी करना चाहते हैं। ट्रम्प कोरोना महामारी के बावजूद मेल-इन बैलट के खिलाफ हैं।
ट्रम्प नेप्रदर्शनकारियों को घरेलू आतंकी कहा
अमेरिका में अश्वेत की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को लेकर ट्रम्प कई शहरों के मेयर के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं। सिएटल में प्रदर्शन बढ़ने पर ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को घरेलू आतंकी कहा था। साथ ही सिएटल के मेयर जेनी डर्कनके लिए ट्वीट किया था कि कि अपना शहर वापस लो और अगर न ले पा रहे हो तो मैं ले लूंगा। इसके जवाब में अब डर्कन ने पलटवार करते हुए ट्रम्प को बंकर में छुपने की सलाह दी है। डर्कन डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं।
वैज्ञानिकों को पहली बार अंतरिक्ष में पदार्थ की पांचवी अवस्था के सबूत मिले हैं। उनका मानना है कि इसके जरिए ब्रह्मांड की गुत्थियों को सुलझाया जा सकता है और इसकी उत्पत्तिका भी पता लगाया जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस और अल्बर्ट आइंस्टीनने पदार्थ की इस अवस्था के बारे में 100 साल पहले 1920 में बताया था। इसलिए इसे बोस-आइंस्टाइन कंडेनसेट्स (बीईसी) भी कहते हैं। यह प्रयोगअंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन(आईएसएस) मेंकिया गया है।
कब बनती है पदार्थ की पांचवीं अवस्था?
पदार्थ की यह अवस्था तब बनती है, जब किसी तत्वके परमाणुओं को परम शून्य ( जीरो डिग्री केल्विन या माइनस 273.15 डिग्री सेल्सियस) तक ठंडा किया जाता है। इसके चलते उस तत्व के सारे परमाणु मिलकर एक हो जाते हैंयानी सुपर एटम बनता है। इसे ही पदार्थ की पांचवी अवस्था कहतेहै। किसी भी पदार्थ में उसके परमाणु अलग-अलग गति करते हैं, लेकिन पदार्थ की पांचवी अवस्था में एक ही बड़ा परमाणु होता है और इसमें तरंगे उठती हैं।
बीईसी का धरती पर अध्ययन असंभव
वैज्ञानिकों ने बताया कि बीईसी बेहद संवेदनशील है। अगर उसकी अवस्था से थोड़ी भी छेड़छाड़ की जाती है तो वे गर्म हो सकते हैं, क्योंकि वे हमेशा परम शून्य तापमान पर होते हैं। थोड़ा सा भी गर्म होने पर पदार्थ की पांचवीं अवस्था खत्म हो जाएगी। इस वजह से पृथ्वी पर इनका अध्ययन लगभग असंभव है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि बीईसी में अंतरिक्ष की रहस्यमयी डार्क एनर्जी के बारे में जानकारी छुपी हुई है। वैज्ञानिक ब्रह्मांड के फैलाव के पीछे इस डार्क एनर्जी को ही मानते हैं। इस रिसर्च को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हुआ प्रयोग
वैज्ञानिकों ने बताया कि आईएसएस में पदार्थ का पांचवीं अवस्था बनाना कोई आसान काम नहीं था। पहले बोसोन (ऐसे परमाणु, जिनमें प्रोटान और इलेक्ट्रान बराबर हो) को लेजर तकनीक से परम शून्य तापमान तक ठंडा किया जाता है। जैसे-जैसे परमाणुओं की गति धीमी होती है, वे ठंडे होने लगते हैं। वैज्ञानिकों नेरूबीडियम धातु से बीईसी बनाया।
पदार्थ की चार अवस्थाएं
पदार्थ की चार अवस्थाएं होती हैं। ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा। प्लाज्मा गैसीय अवस्था ही होती है, लेकिनयह आयनित होती है। बताया जाता है कि तारे प्लाज्मा से ही बने होते हैं। ब्रह्मांड में 96% प्लाज्मा ही है।
तारा पार्कर पोप. कोरोनावायरस का कहर अभी भी जारी है, लेकिन सरकार नेलॉकडाउन हटा दिया है। मॉल, धार्मिक स्थल जैसी कई जगहों पर सामान्य गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स कोशिश कर रहे हैं किअब नुकसान कम से कम हो। एक्सपर्ट्स लोगों को 'सोशल बबल' मॉडल अपनाने की सलाह दे रहे हैं। मतलब, आप अपने करीबियों से कम से कम मिलें।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में इंफेक्शियस डिसीज एपिडेमियोलॉजिस्ट और असिस्टेंट प्रोफेसर जूलिया मार्कस बताती हैं कियह अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है कि हम कैसे दोबारा संक्रमण की लहर को रोकेंगे। इसलिए लोगों को बड़े जोखिम से दूर रखने के लिए सावधानियां बेहद जरूरी हैं। अब जब हम मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रहना सीख गए हैं और बार-बार हाथ धोना आदतों में शामिल हो गया है तो हमें कुछ बेसिक रूल्स को ध्यान में रखना है, ताकि हम जोखिम को कम कर सकें।
हेल्थ एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट ने जिंदगी जीने के 5 नियम बताए-
1- अपने इलाके में स्वास्थ्य के हालात देखें
किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के जोखिम को कम करने के लिए अपने इलाके में कोविड 19 के हाल देखें। पहले तो यहां पॉजिटिव मामलों और रुझानों पर ध्यान दें। इलाके में कोविड 19 के पॉजिटिव मामलों के प्रतिशत को समझें। इससे आपको पता लगेगा कि क्या टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से हल्के और बिना लक्षणों वाले केस का पता चल रहा है।
अगर पॉजिटिव टेस्टिंग रेट लगातार 2 हफ्तों तक 5 प्रतिशत या इससे कम रहता है तो अच्छा है। इसका मतलब है कि आपके इलाके में टेस्टिंग बेहतर तरीके से हो रही है और आपके वायरस के संपर्क में आने की संभावना बहुत कम है।
हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स में बायोलॉजी प्रोफेसर एरिन ब्रोमेज के मुताबिकइसका मतलब यह नहीं कि आप एकदम आजाद हैं। अगर संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो आपको सावधानियां बरतनी चाहिए।
2- अपने करीबियों को सीमित करें
अपने करीबियों को कम से कम करने की कोशिश करें। इसका एक तरीका "सोशलबबल"तैयार करना है। इसके तहत दो पड़ोसीघरों के लोगअपना खुद का एक सोशल सर्कल बनाते हैं। दोनों घर सावधानियों को लेकर नियम तय करते हैं।
इस तरह की व्यवस्था में भरोसे की जरूरत होती है। बबल में शामिल सभी लोगों के बीच खुलकर बातचीत हो, जिसमें जोखिम और अनुमानित खतरे का जिक्र शामिल हो। डॉक्टर मार्कस के मुताबिक, लोगों की एक्टिविटीज रोज बदल रही है। यह केवल एक बार का समझौता नहीं है। जोखिम को लेकर बातचीत और लगातार और खुलकर होनी चाहिए।
3- अपने एक्सपोजर बजट को मैनेज करें
रिस्क लगातार बढ़ रहाहै, ऐसे मेंआपको यह सोचना होगा कि, हमारे लिए जरूरी क्या है। उदाहरण के लिए ऑफिस पार्टी में जाने के बजाए बुजुर्ग पैरेंट्स से मिलना। अपनी डाइट की तरह ही वायरस रिस्क को मैनेज करने के बारे में सोचें।
महामारी के दौरान घर के हर सदस्य को खुद का एक्सपोजर बजट मेनटेन करना चाहिए। आप बाहर एक्सरसाइज करने के दौरान कम और इंडोर डिनर पार्टी में ज्यादा रिस्क बजट खर्च कर देते हैं। अगर आप भीड़ में ज्यादा वक्त गुजारेंगे तो आपका बजट बिगड़ जाएगा।
स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में कंप्यूटेशनल सोशल साइंटिस्ट और साइकोलॉजी प्रोफेसर जोहानस आइश्टेड के अनुसार, लंबे वक्त तक मैनेजमेंट फेज में जाने के लिए हम इस तरह से सोचना होगा। जहां जरूरत नहीं है, वहां रिस्क न लें। आपकी हेल्थ और प्रायोरिटीज के खिलाफ कोई निर्णय न लें।
4- ज्यादा जोखिमों वाली चीजों को छोटे से छोटा रखें
जब भी आप कोई प्लान बनाएं तो पहले खुद से पूछें किअगर आपको कोई संक्रमित व्यक्ति मिल गया तो आप उसके साथ कितना वक्त गुजारेंगे। वर्जीनीया टेक में एयरोसोल साइंटिस्ट लिंसे मार के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति के साथ देर तक करीब या बिना वेंटिलेशन वाले कमरे में रहने से जोखिम बढ़ा सकता है।
इंडोर ईवेंट्स को छोटा रखें और सोशल ईवेंट्स का आयोजन बाहर करें। इस दौरान मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। हम नहीं जानते कि संक्रमित होने के लिए कितने वायरस की जरूरत होती है, इसलिए नजदीक की बातचीत को छोटा रखें।
5- लाॅकडाउन के दौरान रखीं सावधानियों को जारी रखें
वक्त के साथ कई लोगों ने मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना छोड़ दिया है। कुछ भी हो इन नियमों का पालन करना अच्छा उपाय हैं।
दुकान, ऑफिस जैसी बंद जगहों पर मास्क पहनें।
घर के लोगों के अलावा दूसरों से 6 फीट की दूरी बनाकर रखें। सोशल एक्टिविटीज बाहर करें।
बार-बार हाथ धोएं और किसी भी सतह को छूने को लेकर सतर्क रहें।
अगर आपके आसपास काकोई इलाका ज्यादा जोखिम में है तो होमक्वारैंटाइन प्रैक्टिसका सख्ती से पालन करें।
Seattle's mayor told Donald Trump to "Go back to your bunker" on Thursday, escalating a spat after the president threatened to intervene over a police-free autonomous zone protesters have set up in the western US city.
अमेरिका में महामारी के कारण बेरोजगारी दर अचानक बढ़ गई है। इसका असर कम करने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए ट्रम्प प्रशासन एच-1बी वीजा सहित कई रोजगार वीजा को निलंबित यानी सस्पेंड करने पर विचार कर रहा है। अगर ये वीजा सस्पेंड किए गए तो भारत के आईटी प्रोफेशनल्स पर इसका काफी असर पड़ेगा।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर के मुताबिक, वीजा का निलंबन एक अक्टूबर से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष मेंबढ़ाया जा सकता है। निलंबन के दौरान अमेरिका के बाहर से कोई भी एच-1बी वीजा लेकर काम करने नहीं आ सकेगा।हालांकि,पहले से ही रहने वाले वीजा धारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।व्हाइट हाउस की प्रवक्ता होगन गिडली ने कहा- अभी इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। प्रशासन कई तरह के प्रस्तावों पर विचार कर रहा है।
ये वीजा निलंबित हो सकते एच-1बी - विशेष काम के कर्मचारियों को दिया जाने वाला वीजा एच-2बी - नॉन-एग्रीकल्चरल कामों के लिए सीजनल वर्करों को दिया जाने वाला वीजा जे-1 - चिकित्सा और व्यवसाय का प्रशिक्षण लेने वालों के लिए दिया जाने वाला वीजा एल-1 - ग्लोबल कंपनियों के कर्मचारियों के अमेरिका ट्रांसफर पर दिया जाने वाला वीजा
भारत पर असर पड़ेगा
एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के सस्पेंड होने का असर भारतीयों पर पड़ेगा। एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासी मजदूरों के काम आता है। अमेरिका में हर साल 10 लाख कर्मचारी दूसरे देशों से आते हैं। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि इन कर्मचारियों को वीजा देने का कोई कारण नहीं है।
क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1 बी वीजा गैर-प्रवासी वीजा है। अमेरिकी कंपनियां दूसरे देशों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स नियुक्त करती हैं। नियुक्ति के बाद सरकार से इन लोगों के लिए एच-1बी वीजा मांगा जाता है। अमेरिका की ज्यादातर आईटी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से लाखों कर्मचारियों की नियुक्ति इसी वीजा के जरिए करती हैं। नियम के अनुसार, अगर किसी एच-1बी वीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ कॉन्ट्रैक्टखत्म कर लिया है,तो वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों में नई कंपनी में जॉब तलाशना होगा। भारतीय आईटी वर्कर्स इस 60 दिन की अवधि को बढ़ाकर 180 दिन करने की मांग कर रहे हैं। यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के मुताबिक, एच-1बी वीजा से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय नागरिकों को ही होता है।
जैफरी गैटलमैन. भारत, मैक्सिको, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत कई देशों में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकारों ने लॉकडाउन हटाने का फैसला किया है। लीडर्स को यह लगने लगा है कि बीमारी से ज्यादा अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।
विकासशील देशों समेत कई अन्य राष्ट्रों के नेताओं के मुताबिक, आर्थिक तबाही के जोखिम के बिना वे लॉकडाउन को बरकार नहीं रख सकते। खासकर अपने गरीब नागरिकों के लिए। ऐसे में सोच में बदलाव आया है। पहले कहा जा रहा था कि वायरस से बचने के लिए अंदर रहो, लेकिन अब बीमारी और मौतों को स्वीकर कर लोगों के जीवन को बचाने की कोशिश की जा रही है।
विकासशील देशों मेंहाल के दिनों में इंसान से इंसान में संक्रमण के मामले बढ़े हैं। खासकर, ऐसे समय में जब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन संक्रमण की संख्या को नए मुकाम तक पहुंचने को लेकर चेतावनी दे रहा है। भारत में रोज करीब 10 हजार के करीब केस सामने आ रहे हैं।
भारत- लॉकडाउन जल्दी लगा दिया गया
नई दिल्ली में हेल्थ इकोनॉमिस्ट इंद्राणी गुप्ता बताती हैं कि यहां लॉकडाउन काफी जल्दी शुरू हुआ है। हमारी इकोनॉमी कई मायनों में मजदूरों पर निर्भर है। अगर यह लॉकडाउन कईमहीनों तक रहतातो करोड़ों अपनी जीविका और जीवन खो देते। मुझे नहीं लगता कि यह समय शांत रहने का है, कुछ अच्छे उपाय करने का है।
रूस- पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति बने रहें,इसलिए खोला लॉकडाउन
इसी हफ्ते मॉस्को केमेयर ने 30 मार्च से जारी कई पाबंदियों को हटा लिया। इस फैसले ने कई संक्रामक रोग विशेषज्ञों को चौंकाया है। ये एक्सपर्ट्स पहले से ही बढ़ रहे मामलों की दर की तरफ इशारा कर रहे थे।
पॉलिटिक्स एनासिल्स्ट बताते हैं किरिओपन करने का एक कारण 1 जुलाई के रेफरेंडमके लिए रास्ता तैयार करना था। यह रेफरेंडमदेश के संविधान में संशोधन कर व्लादिमीर वी पुतिन को 2036 तक सत्ता में रहने की अनुमति दे सकता था। पहले यह रेफरेंडमअप्रैल में होना था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से टल गया।
मंगलवार को कई मॉस्कोवासी धूप में टहलने के लिए बाहर निकल आए। अथॉरिटी ने भी घर से निकलने के लिए उपयोग में आने वाले इलेक्ट्रॉनिक पास को केवल फार्मेसी और ग्रोसरी तक सीमित कर दिया था।
मॉस्को के मेयर ने वीडियो ब्लॉग के जरिए कहा कि हम तबाही से बचने में कामयाब रहे।शहर ने कोरोनावायरस को हराना शुरू कर दिया है। हालांकि अभी भीरूस में रोज 8-9 हजार संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।
मैक्सिको-राष्ट्रपति ने देश के दौरे के साथ लॉकडाउन हटाया
राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रादोर ने कोविड 19 के बढ़ते केस के बाद भी देश का क्वारैंटाइन खत्म कर दिया। उन्होंने जून की शुरुआत में देश के दौरे के साथ रिओपन प्रक्रिया शुरू कर दी।
कैंकन में मैनुअल ने कहा कि हमें नए सामान्य की ओर बढ़ना होगा, क्योंकि इसपर राष्ट्र की इकोनॉमी और लोगों की भलाई टिकी है। हालांकि,दूसरे देशों की तरह मैक्सिको ने अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए किसी बड़े राहत पैकेज की घोषणा नहीं की है।
मैक्सिको सिटी में हॉस्पिटल, मुर्दा घर और कब्रिस्तान भर चुके हैं। कुछ लोगों ने गुपचुप तरीके से अपने करीबियों को दफनाकर नियम तोड़े हैं। डॉक्टर को डर है कि अभी सबसे बुरा वक्त आने वाला है। डॉक्टर एलेजेंद्रो मासियास ने कहते हैं कि हम अभी भी महामारी के पहले शुरुआती चरण में हैं।
पाकिस्तान-2500 से ज्यादास्वास्थ्यकर्मी संक्रमित
पाकिस्तान में भी सरकार ने पाबंदियां में ढील दी है। शहरों के बाहर कोई भी मास्क नहीं पहन रहा है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहा है। लाहौर में पुराने शहर की गलियों में लोगों की भीड़ लगी रहती है। बीते हफ्ते पाकिस्तान में संक्रमण के मामले करीब दोगुने हो गए हैं। यहां टेस्टिंग बेहद कम होने के कारण यह बताने का कोई तरीका नहीं है कि वायरस कितना फैला हुआ है।
डॉक्टर्स की एक संस्था के दावे के मुताबिक, यहां 2500 से ज्यादा हेल्थ केयर वर्कर्स बीमारी की चपेट में आ गए हैं और 34 की मौत हो चुकी है। कोरोनावायरस से कम से कम 5 लॉमेकर्स की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद देश में सब शुरू हो रहा है।
प्रधानमंत्री इमरान खान लॉकडाउन को अमीरों की चीज बताते हैं। इसका मतलब है कि केवल अमीर लोग ही घर में बंद होकर रह सकते हैं। पाक पीएम ने अपने ट्विटर पर लिखा कि हमने दिहाड़ी मजदूर, सड़क पर व्यपार करने वाले, मजदूरों और गरीबी का सामना करने वालों के बारे में सोचे बिना लॉकडाउन मांगा। अल्लाह हमें हमारे पापों के लिए माफ करे।
ईरान- लॉकडाउन जल्दी खोल दिया, कोरोना केस अभी तक कम नहीं हुए
महामारी की शुरुआत में ईरान वायरस के बड़े केंद्रों में से एक था। मई की शुरुआत में ही देश में तीन हफ्ते के छोटे लॉकडाउन को हटाने का फैसला लिया गया। यह फैसला पहले से ही अंतरराष्ट्रीय पाबंदियों और बजट के कारण नुकसान उठा रही इकोनॉमी के बचाने के लिए लिया गया था।
ईरान के नेताओं ने कहा कि कोरोनावायरस वह सच्चाई है, जिसके साथ ईरानियों को जीना सीखना होगा। देश में जल्दी लॉकडाउन खुलने को लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने भी दूसरी लहर की चेतावनी दी थी।
एक महीने बाद यहां वायरस की दूसरी लहर शुरू हुई। 4 जून को ईरान में एक दिन में सबसे ज्यादा 3574 नए मामले मिले। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसका आरोप लोगों और सरकार पर लगाया।
राष्ट्रपति हसन रुहानी लगातार यह कह रहे हैं कि इकोनॉमी को खुला रहने दे, क्योंकि ईरान के पास कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कोरोनावायरस टास्क फोर्स के सदस्यों को चेतावनी दी है कि वे लोगों को दूसरी या तीसरी लहर के नाम से डराएं नहीं।
68 साल में पहली बार पाकिस्तान की जीडीपी में गिरावट आई है। 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ (-) 0.38% रही। सरकार के आर्थिक सलाहकार अब्दुल हफीज शेख ने इकोनॉमिक सर्वे 2019-20 में गुरुवार को यह जानकारी दी। इसमें कहा गया है कि देश की आर्थिक स्थिति पहले ही काफी कमजोर थी, महामारी ने तो हालात बदतर कर दिए।
सर्वे के मुताबिक, मवेशियों के मामले में मुल्क की हालत पहले से बेहतर हुई। इस वित्त वर्ष में एक लाख गधे बढ़े। कुल संख्या 55 लाख हो गई। पाकिस्तान और चीन के बीच एक समझौता है। इसके मुताबिक, पाकिस्तान तीन साल तक हर साल 80 हजार गधे चीन को निर्यात करेगा।भैंसों की तादाद में भी इजाफा दर्ज किया गया।
महामारी ने कमर तोड़ दी
इकोनॉमिक सर्वे 2019-20 के मुताबिक, जीडीपी 0.38 प्रतिशत कम रही। मार्च में आंशिक लॉकडाउन ने करीब-करीब सभी सेक्टर्स की कमर तोड़ दी। हालांकि, एग्रीकल्चर सेक्टर में 2.7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इंडस्ट्रियल और सर्विस सेक्टर में नेगेटिव ग्रोथ रही। यही वजह है कि जीडीपी का आकार बजाए बढ़ने के 0.38 फीसदी कम हुआ। हफीज ने कहा- ज्यादातर मुल्कों में लॉकडाउन था। इसी वजह से हमारा एक्सपोर्टबंद था। आईएमएफ पहले ही इस बारे में चेतावनी दे चुका था।
लेकिन, गधे बेशुमार बढ़े
पाकिस्तान की इकोनॉमी के ज्यादातर सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन, मवेशियों (लिवस्टॉक सेक्टर) के मामले में ऐसा नहीं है। इनकी तादाद पहले से काफी बढ़ी। इकोनॉमिक सर्वे में इसकी जानकारी दी गई है। देश में अब गधों की संख्या 54 से बढ़कर 55 लाख हो गई है। पिछले साल एक लाख गधे बढ़े। करीब 12 लाख भैंस भी बढ़ीं। अब इनकी संख्या 4 करोड़ हो गई है। वहीं, तीन लाख बकरियां बढ़ीं। इनकी संख्या 7 करोड़ हो गई है। ऊंटों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।
गधों का निर्यात चीन को
पाकिस्तान अपने गधों का सबसे ज्यादा निर्यात चीन को करता है। वहां इनकी स्किन का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में किया जाता है। जाहिर है पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए गधों की संख्या बढ़ना खुशी की बात है। पिछले साल ‘गल्फ न्यूज’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन ने पाकिस्तान में गधों की संख्या बढ़ाने के लिए तीन करोड़ डॉलर का निवेश किया है। दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ। इसके मुताबिक, पाकिस्तान हर साल 80 हजार गधे चीन को देगा। समझौता तीन साल के लिए है।