Wednesday, January 6, 2021
पेरू ने यूरोपियन फ्लाइट्स पर प्रतिबंध 15 दिन के लिए बढ़ाया, फ्रांस में एक दिन में 25 हजार केस आए January 06, 2021 at 08:21PM
कोरोना के नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों की वजह से पेरू ने यूरोपियन फ्लाइट्स पर प्रतिबंध 15 दिन के लिए बढ़ा दिया है। यहां 21 दिसंबर से यूरोप से आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगी हुई है। वहीं, लैटिन अमेरिकी देश और अमेरिका ने आने वाले पैसेंजर्स के लिए 72 घंटे के अंदर की निगेटिव कोरोना रिपोर्ट अनिवार्य की गई है।
उधर, फ्रांस में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 25 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यहां बीते दिन 25 हजार 379 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। यह पिछले एक हफ्ते में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इसी के साथ यहां अब तक 27 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
दुनिया में 8.76 करोड़ से ज्यादा केस
दुनिया में कोरोना से अब तक 8 करोड़ 76 लाख 40 हजार 464 केस मिले हैं। 18 लाख 91 हजार 692 मौतें हो चुकी हैं। अच्छी बात ये कि 6 करोड़ 31 लाख 32 हजार 35 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
साउथ कोरिया में ब्रिटेन की उड़ानों पर रोक बढ़ी
साउथ कोरिया ने ब्रिटेन की उड़ानों पर रोक को दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। बुधवार को इसका ऐलान किया गया। कोरोना के नए स्ट्रेन के मरीज मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। देश के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब तक नए स्ट्रेन के 11 केस मिल चुके हैं। मंगलवार को दो मामले सामने आए। एक केस साउथ अफ्रीका में मिले स्ट्रेन का सामने आया है।
EU में मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी
उधर, वैक्सीनेशन शुरू करने में पिछड़ने की वजह से आलोचना झेल रहे यूरोपियन यूनियन की ड्रग एजेंसी ने मॉडर्ना की वैक्सीन को अप्रूवल दे दिया है। पिछले हफ्ते यहां एक दिन में औसतन आठ हजार मरीज मिले हैं। यह 2020 में आए पीक से लगभग दोगुना है।
कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों में हालात
देश |
संक्रमित | मौतें | ठीक हुए |
अमेरिका | 21,857,616 | 369,990 | 13,024,142 |
भारत | 10,395,938 | 150,372 | 10,016,859 |
ब्राजील | 7,874,539 | 199,043 | 199,043 |
रूस | 3,308,601 | 59,951 | 2,685,723 |
UK | 2,836,801 | 77,346 | 1,345,824 |
फ्रांस | 2,705,618 | 66,565 | 198,756 |
तुर्की | 2,283,931 | 22,070 | 2,164,040 |
इटली | 2,201,945 | 76,877 | 1,556,356 |
स्पेन | 1,982,544 | 51,430 | N/A |
जर्मनी | 1,841,228 | 38,199 | 1,451,000 |
(आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं)
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'Violence never wins': Mike Pence as Senate returns January 06, 2021 at 06:52PM
Biden brands Capitol violence 'insurrection' January 06, 2021 at 06:14PM
64 दिन में भी जनता के फैसले को नहीं माने ट्रम्प, इस वाद-विवाद और बवाल 5 बातों से समझिए January 06, 2021 at 07:23PM
अमेरिका में बुधवार को जो कुछ हुआ उसे उपराष्ट्रपति माइक पेंस ‘देश के लोकतांत्रिक इतिहास का काला दिन’ करार दिया। यह तो तय है कि राष्ट्रपति डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन ही बनेंगे। मोटे तौर पर देखें तो बाइडेन की जीत 3 नवंबर को चुनाव वाले दिन ही तय हो गई थी। 14 नवंबर को इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग के बाद इस पर एक और मुहर लगी। 6 नवंबर को बाइडेन की जीत की संवैधानिक पुष्टि होनी थी। ऐसे में सवाल यह कि जब सब तय था तो बवाल क्यों हुआ? आखिर दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कलंकित क्यों हुआ? इसका एक ही जवाब है- डोनाल्ड ट्रम्प की जिद।
यहां हम आपको बिल्कुल आसान भाषा में इस विवाद को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
ट्रम्प समर्थकों के हंगामे के बाद संसद की कार्यवाही जारी, हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत
चुनाव से पहले
राष्ट्रपति ट्रम्प रिपब्लिकन और बाइडेन डेमोक्रेट पार्टी के कैंडिडेंट थे। कोरोनावायरस को संभालने में ट्रम्प की नाकाम मुख्य मुद्दा बनी। ट्रम्प महामारी को मामूली फ्लू तो कभी चीनी वायरस बताते रहे। 3 लाख से ज्यादा अमेरिकी मारे गए। लाखों बेरोजगार हो गए। अर्थव्यवस्था चौपट होने लगी। ट्रम्प श्वेतों को बरगला कर चुनाव जीतना चाहते थे। क्योंकि, अश्वेत भेदभाव का आरोप लगाकर उनसे पहले ही दूर हो चुके थे।
काश, इशारा समझ लेते
3 नवंबर को चुनाव हुआ। अमेरिका में जनता इलेक्टर्स को चुनती है। यह इलेक्टर्स राष्ट्रपति को चुनते हैं। इनके कुल 538 वोट होते हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोट दरकार होते हैं। 3 नवंबर को ही साफ हो गया था कि बाइडेन को 306 जबकि ट्रम्प को 232 वोट मिले। यानी ट्रम्प हार चुके हैं। चुनाव के पहले ही ट्रम्प ने साफ कर दिया था कि वे हारे तो नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां शायद उनका इशारा समझ नहीं पाईं। क्योंकि, अगर समझीं होतीं तो बुधवार की घटना टाली जा सकती थी। संसद के बाहर लोग जुट ही नहीं सकते थे।
ट्विटर, FB और इंस्टाग्राम ने ट्रम्प के अकाउंट ब्लॉक किए, परमानेंट बंद करने की चेतावनी
बुधवार को होना क्या था
अगर तकनीकि बातों में न उलझें तो सीधा सा जवाब है- बाइडेन की जीत पर संवैधानिक मुहर लगनी थी। संसद के दोनों सदनों के सामने इलेक्टर्स के वोट्स की गिनती होनी थी। यहां एक छोटी से बात और समझ लीजिए। अमेरिका में चुनाव के बाद नतीजों को अदालतों में चुनौती दी जा सकती है। लेकिन, वहां इनका निपटारा 6 जनवरी के पहले यानी संसद के संयुक्त सत्र के पहले होना चाहिए। यही हुआ भी। फिर, संसद बैठी। उसने चार मेंबर्स चुने। ये हर इलेक्टर्स का नाम लेकर यह बता रहे थे कि उसने वोट ट्रम्प को दिया या बाइडेन को।
तो दिक्कत क्यों हुई
इसका भी आसान जवाब है। बवाल इसलिए हुआ क्योंकि ट्रम्प समर्थकों को भड़का रहे थे। वे नहीं चाहते थे कि इलेक्टोरल कॉलेज यानी इलेक्टर्स के वोटों की गिनती हो। दूसरे शब्दों में कहें तो ट्रम्प नहीं चाहते थे कि संसद बाइडेन के 20 जनवरी के शपथ ग्रहण समारोह को हरी झंडी दे। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान दिए। समर्थक भड़क गए। संसद में हंगामा हुआ और एक महिला की मौत हो गई। संसद में इलेक्टर्स के वोट्स की जगह रिवॉल्वर नजर आईं।
अब आगे क्या होगा
फिलहाल, इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती जारी है। इसमें कई घंटे लग सकते हैं। ज्यादा वक्त लगने की वजह यह है कि कुछ वोटों को लेकर ट्रम्प की पार्टी के समर्थक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इनको क्लियर करने की तय प्रक्रिया है और इसी वजह से संसद को समय लगता है। बहरहाल, प्रॉसेस खत्म होने के बाद बाइडेन को विनर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। 20 जनवरी को वे संसद की शपथ लेंगे। संसद उनके कैबिनेट मेंबर्स के नाम को जांच के बाद अप्रूवल देगी। इस दौरान ट्रम्प को व्हाइट हाउस छोड़ना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते तो सुरक्षा बल उन्हें वहां से निकाल सकते हैं।
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लाल टोपी, नीले झंडों के साथ पहुंचे थे फसाद करने वाले ट्रम्प समर्थक, किसी का सिर फूटा तो कोई दीवार से गिरा January 06, 2021 at 06:35PM
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों का बुधवार को ऐलान होना था। इससे पहले ही अमेरिकी संसद भवन (यूएस कैपिटल हिल) के सामने ट्रम्प के हजारों समर्थकों जुट गए। वे चुनाव नतीजों को रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है कि इन चुनावों में धांधली हुई हे। ट्रम्प के ज्यादातर समर्थक लाल टोपी और नीले कपड़ों में पहुंचे थे। ये दो रंग ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के झंडे के रंग हैं। हिंसा करने वालों के हाथों में नीले बैनर थे, जिन पर लिखा था- KEEP AMERICA GREAT, यानी अमेरिका को महान बनाए रखें।
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Cabinet members discussing Trump's removal: US media January 06, 2021 at 05:41PM
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने ट्रम्प के अकाउंट ब्लॉक किए, हमेशा के लिए बंद करने की चेतावनी January 06, 2021 at 05:36PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों की हिंसा के बीच ट्विटर, फेसबुक ने ट्रम्प के अकाउंट ब्लॉक कर दिए। सोशल मीडिया साइट्स ने ट्रम्प के एक वीडियो को विवादित बताया है। ट्विटर ने चेतावनी दी कि ट्रम्प ने भविष्य में नियम तोड़े तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है।
इंस्टाग्राम ने भी ट्रम्प का अकाउंट ब्लॉक किया
##फेसबुक ने कहा- ट्रम्प के वीडियो से हिंसा भड़कने का खतरा
ट्विटर ने ट्रम्प के विवादित बयानों से जुड़े 3 ट्वीट हटा दिए। ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पहले फेसबुक और यूट्यूब ने ट्रम्प का वीडियो रिमूव कर दिया। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट (इंटेग्रिटी) गुए रोजेन ने कहा कि यह इमरजेंसी है, ट्रम्प के वीडियो से हिंसा और भड़क सकती है।
ट्रम्प ने कहा था- चुनाव में धोखा हुआ
कैपिटल हिल में हिंसा के बाद ट्रम्प ने ट्विटर पर 1 मिनट का वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे अपने समर्थकों से कह रहे थे- मैं जानता हूं आप दुखी हैं। हमसे चुनाव छीन लिया गया। इस बार चुनाव में धोखा हुआ, लेकिन हम उन लोगों के हाथों में नहीं खेल सकते। हमें शांति रखनी है, आप घरों को लौट जाइए।
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अमेरिका के जिस राज्य ने अश्वेतों को अधिकार दिए जाने के खिलाफ गृह युद्ध छेड़ा था, वहां पहली बार ब्लैक बना सीनेटर January 06, 2021 at 04:34PM
अमेरिका में जॉर्जिया की दो सीनेट सीटों के लिए हुए चुनाव में एक पर डेमोक्रेट उम्मीदवार राफेल वारनॉक ने जीत हासिल की है। वारनॉक जॉर्जिया से जीत हासिल करने वाले पहले ब्लैक हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा सीनेटर केली लोएफलर को हराया। दूसरी सीट पर भी डेमोक्रेट उम्मीदवार आगे थे।
वारनॉक की जीत इस मायने में खास है कि जॉर्जिया एक जमाने में अश्वेतों को बराबरी का अधिकार दिए जाने के खिलाफ रहा था। अब्राहम लिंकन के राष्ट्रपति बनने के बाद 1861 में जॉर्जिया ने कुछ अन्य राज्यों के साथ मिलकर अपने ही देश के खिलाफ गृह युद्ध छेड़ दिया। तब जॉर्जिया के शासकों का मानना था कि एक ब्लैक कभी ह्वाइट लोगों की बराबरी नहीं कर सकता है।
वारनॉक से जुड़ा एक और रोचक तथ्य यह है कि वे उसी चर्च में पास्टर थे जिसमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने 1960 के दशक में ऐतिहासिक भाषण दिया था। मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अमेरिका में अश्वेतों को बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए मुहिम चलाई थी। इतना ही नहीं वारनॉक ने पढ़ाई भी उसी कॉलेज से की है जहां से मार्टिन लूथर किंग जूनियर पढ़े थे।
गवर्मेंट ट्रायफेक्टा हासिल करने के करीब डेमोक्रेट
20 जनवरी से राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे जो बाइडेन की पार्टी ऐतिहासिक गवर्मेंट ट्रायफेक्टा बनाने दहलीज पर आ गई है। अमेरिका में अगर राष्ट्रपति की पार्टी संसद के दोनों सदनों में बहुमत हासिल कर लेती है तो उसे ट्रायफेक्टा जीत कहते हैं। डेमोक्रेट्स पहले ही हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में भी बहुमत में है। इससे पहले 2019 में गवर्मेंट ट्रायफेक्टा की स्थिति बनी थी। तब रिपब्लिकन की सत्ता थी।
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अपनी धुरी पर तेज घूम रही है पृथ्वी, कम हुए 24 घंटों में 0.5 मिली सेकंड January 06, 2021 at 04:25PM
पृथ्वी पिछले 50 सालों में किसी भी समय की तुलना में तेजी से घूम रही है। वैज्ञानिक अब इस बात परेशान है कि इसे कैसे मैनेज किया जाए। पृथ्वी में ये बदलाव पिछले साल आया था। डेली मेल की खबर के अनुसार, पृथ्वी इस समय 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम समय लेकर घूम रही है यानी हमारे 24 घंटे में 0.5 मिलीसेकेंड कम हो चुके हैं। 19 जुलाई 2020 का दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकेंड कम था। इससे पहले सबसे छोटा दिन 2005 में था, लेकिन पिछले 12 महीनों में ये रिकॉर्ड कुल 28 बार टूटा है।
पेरिस स्थित इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस के वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के घूमने की रफ्तार का असर 2021 में ज्यादा देखने मिलेगा। सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट पीटर व्हिबर्ली ने कहा कि यह बात सही है कि पृथ्वी अपने तय समय से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है। हो सकता है कि पृथ्वी पर रह रहे लोगों को समय के साथ चलने के लिए निगेटिव लीप सेकंड जोड़ना पड़े। 1970 से अब तक 27 लीप सेकंड जोड़ चुके हैं। पिछली बार साल 2016 में लीप सेकंड जोड़ा गया है।
हमारे जीवन पर क्या असर होगा?
पृथ्वी अपनी धुरी पर ज्यादा तेजी से घूम रही है, इसकी वजह से सभी देशों का समय बदल जाता है। इससे हमारी संचार व्यवस्था में भी दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि सेटेलाइट्स और संचार यंत्र सोलर टाइम के अनुसार ही सेट किया जाते है। ये समय तारों, चांद और सूरज के पोजिशन के अनुसार सेट की जाती है। नेविगेशन सिस्टम पर भी इसका असर पड़ेगा।
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ट्रम्प समर्थकों के हंगामे के बाद संसद की कार्यवाही फिर शुरू, नतीजों के ऐलान पर सस्पेंस बढ़ा January 06, 2021 at 04:16PM
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद जिस बात का डर था, वही हुआ। बुधवार को यहां संसद के दोनों सदन जो बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने जुटे। काउंटिंग के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सैकड़ों समर्थक संसद की बिल्डिंग (कैपिटल हिल) में घुस गए। इस दौरान गोली भी चली और एक महिला की मौत हो गई। कई घंटे बाद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (HOR) की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा- हम बिना डरे अपना काम जारी रखेंगे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि अब बाइडेन की जीत की औपचारिक घोषणा कब की जाएगी। यहां हम आपको इस घटना से जुड़े अपडेट्स दे रहे हैं....
पहले पूरा विवाद संक्षेप में समझिए
3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ। बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिले। सब साफ होने के बावजूद ट्रम्प ने हार नहीं कबूली। उनका आरोप है कि वोटिंग के दौरान और फिर काउंटिंग में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। कई राज्यों में केस दर्ज कराए। ज्यादातर में ट्रम्प समर्थकों की अपील खारिज हो गई। दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं। चुनाव प्रचार के दौरान और बाद में ट्रम्प इशारों में हिंसा की धमकी देते रहे हैं। बुधवार को हुई हिंसा ने साबित कर दिया कि सुरक्षा एजेंसियां ट्रम्प समर्थकों के प्लान को समझने में नाकाम रहीं।
कैपिटल हिल में हिंसा
बुधवार को इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती और बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने के लिए अमेरिकी संसद के दोनों सदन यानी सीनेट और HOR की बैठक शुरू हुई। इसी दौरान ट्रम्प और रिपब्लिकन पार्टी के सैकड़ों समर्थक संसद के बाहर जुट गए। नेशनल गार्ड्स और पुलिस इन्हें समझा पाती, इसके पहले ही कुछ लोग अंदर घुस गए। बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की। हिंसा हुई। इस दौरान गोली भी चली। किसने चलाई, क्यों चलाई? यह साफ नहीं है। लेकिन, एक महिला की मौत हो गई।
फिलहाल क्या हो रहा है?
दोनों सदनों से हंगामा करने वालों को निकाल दिया गया है। हंगामे के दौरान सांसदों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था। ये फिर सदन में पहुंचे। संसद की कार्यवाही फिर शुरू हुई।
ट्रम्प की सबसे बड़ी फजीहत
प्रेसिडेंट इलेक्ट की जीत पर मुहर लगाने के लिए कांग्रेस यानी अमेरिकी संसद का संयुक्त सत्र बुलाया जाता है। इसकी अध्यक्षता उप राष्ट्रपति करते हैं। इस बार इस कुर्सी पर माइक पेंस थे। पेंस रिपब्लिकन पार्टी के हैं। ट्रम्प के बाद उनका ही नंबर आता है। वे ट्रम्प समर्थकों की हरकत से बेहद खफा दिखे। कहा- यह अमेरिकी इतिहास का सबसे काला दिन है। हिंसा से लोकतंत्र को दबाया या हराया नहीं जा सकता। यह अमेरिकी जनता के भरोसे का केंद्र था, है और हमेशा रहेगा।
अमेरिकी संसद में फायरिंग
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक फोटो के जरिए बताया है कि जब ट्रम्प समर्थक संसद में हिंसा कर रहे थे, तभी कुछ पुलिस अफसरों ने दंगाइयों पर रिवॉल्वर तान दी। एक महिला की मौत हुई। हालांकि, यह बहुत साफ नहीं है कि महिला की मौत पुलिस की गोली से हुई या फायरिंग कहीं और से हुई।
आर्मी के स्पेशल गार्ड्स तैनात
घटना के बाद डीसी में मौजूद यूएस आर्मी की स्पेशल यूनिट को बुलाया गया। महज 20 मिनट में इसने मोर्चा संभाला। कुल मिलाकर 1100 स्पेशल गार्ड्स अब भी कैपिटल हिल के बाहर और अंदर तैनात हैं। राजधानी में कर्फ्यू है।
फेसबुक ने ट्रंप का वीडियो हटाया, ट्विटर ने प्रतिबंध लगाया
वॉशिंगटन में हिंसा के बीच फेसबुक ने डोनाल्ड ट्रंप का एक वीडियो साइट से हटा दिया है। इस वीडियो में ट्रंप अपने समर्थकों को संबोधित करते दिख रहे हैं। फेसबुक के वाइस प्रेसिडेंट ने कहा कि ऐसा करने से हिंसा में कमी लाने में मदद मिलेगी। वहीं, टि्वटर ने भी ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड कर दिया।
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आपकी हर जानकारी फेसबुक, इंस्टाग्राम से करेगा शेयर; लोकेशन ट्रैक करेगा, 8 फरवरी तक शर्तें न मानी तो अकाउंट करेगा बंद January 06, 2021 at 03:02PM
भारत समेत दुनिया के 200 करोड़ वॉट्सएप यूजर्स को एक नोटिफिकेशन मिलना शुरू हुआ है। इसमें कहा गया है कि 8 फरवरी 2021 तक नई टर्म्स ऑफ सर्विस (सेवा शर्त) और प्राइवेसी पॉलिसी (गोपनीयता नीति) को एग्री (स्वीकार) करें। ऐसा न करने पर अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा। यानी आप वॉट्सएप नहीं चला पाएंगे।
नोटिफिकेशन में स्पष्ट लिखा है कि अब वॉट्सएप आपकी हर सूचना अपनी मूल कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करेगा। यह पहली बार है जब वॉट्सएप ने लिखा है कि वह डेटा फेसबुक से शेयर करेगा। अब तक वह इस बात से इनकार करता रहा है।
नई शर्तों में आपके लिए कितना जोखिम?
- वॉट्सएप ने पहली बार कहा है कि वह आपके हर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का डेटा लेगा। यानी बैंक का नाम, कितनी राशि और डिलीवरी का स्थान आदि ट्रैक होगी। यही नहीं, फेसबुक-इंस्टाग्राम भी आपके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जान जाएंगे।
- ट्रांजैक्शन की डिटेल से कंपनी आपकी प्रोफाइलिंग करेगी। यानी यदि आप समोसा खाते हैं तो आप अमीर आदमी नहीं हैं। लेकिन स्टारबक्स जाते हैं, तो आप अमीर आदमी है। इसके बाद आपके पास महंगी गाड़ियों के विज्ञापन दिखने लगें ।
- वॉट्सएप आपके स्टेटस भी पढ़ेगा। इसमें जोखिम यह है कि यदि आपने लिखा कि बताएं कि मैं कौन सी गाड़ी खरीदूं। नई पॉलिसी के तहत यह स्टेटस फेसबुक भी पढ़ेगा और आपको फेसबुक-इंस्टाग्राम पर वाहन कंपनियों के विज्ञापन दिखने लगेंगे।
- वॉट्सएप आपकी लोकेशन भी एक्सेस करेगा। उसने विकल्प दिया है कि इसे आप डिसेबल कर सकते हैं। हालांकि बेशर्मी से यह भी कहा है कि उसे आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबर से अंदाजा तो लग ही जाएगा कि आप कहां आते-जाते हैं। कब-कब जाते हैं।
- अब अगर आप फोटो, वीडियो फॉरवर्ड करते हैं, तो वे वॉट्सएप के सर्वर पर अधिक समय तक स्टोर रहेंगे। वॉट्सएप ने कहा है कि वह ऐसा आपको फॉरवर्ड करने में मदद के लिए कर रहा है। लेकिन इसका मतलब है कि उसके पास जानकारी होगी कि फलां फोटो बहुत फॉरवर्ड हो रहा है। फेक न्यूज को ट्रैक करने और चुनाव के समय ऐसी जानकारी अधिक अहम होगी।
- वॉट्सएप बिजनेस अकाउंट पर भी नजर रखेगा। इनसे शेयर होने वाले सारे कैटलॉग का एक्सेस उसके पास होगा।
- अब कंपनी के पास यह भी जानकारी होगी कि आप किसे सबसे ज्यादा वाॅट्सएप कॉल करते हैं, महीने में कितने वॉट्सएप कॉल करते हैं। आप कौन से ग्रुप में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, आप कितने ग्रुप में हैं, आपकी ब्रॉडकास्ट लिस्ट कितनी है।
- वॉट्सएप आपको दोस्तों, ग्रुप्स, कंटेंट आदि को लेकर सुझाव भी देगा। यही नहीं, शॉपिंग, संबंधित ऑफर, फेसबुक कंपनियों के प्रोडक्ट के विज्ञापन भी दिखाएगा। एक तरह से वाॅट्सएप अब आपकी हर हरकत पर नजर रखेगा और उसका विश्लेषण करेगा।
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आपकी हर जानकारी फेसबुक, इंस्टाग्राम से करेगा शेयर; लोकेशन ट्रैक करेगा, 8 फरवरी तक शर्तें न मानी तो अकाउंट करेगा बंद January 06, 2021 at 03:02PM
भारत समेत दुनिया के 200 करोड़ वॉट्सएप यूजर्स को एक नोटिफिकेशन मिलना शुरू हुआ है। इसमें कहा गया है कि 8 फरवरी 2021 तक नई टर्म्स ऑफ सर्विस (सेवा शर्त) और प्राइवेसी पॉलिसी (गोपनीयता नीति) को एग्री (स्वीकार) करें। ऐसा न करने पर अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा। यानी आप वॉट्सएप नहीं चला पाएंगे।
नोटिफिकेशन में स्पष्ट लिखा है कि अब वॉट्सएप आपकी हर सूचना अपनी मूल कंपनी फेसबुक के साथ शेयर करेगा। यह पहली बार है जब वॉट्सएप ने लिखा है कि वह डेटा फेसबुक से शेयर करेगा। अब तक वह इस बात से इनकार करता रहा है।
नई शर्तों में आपके लिए कितना जोखिम?
- वॉट्सएप ने पहली बार कहा है कि वह आपके हर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का डेटा लेगा। यानी बैंक का नाम, कितनी राशि और डिलीवरी का स्थान आदि ट्रैक होगी। यही नहीं, फेसबुक-इंस्टाग्राम भी आपके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जान जाएंगे।
- ट्रांजैक्शन की डिटेल से कंपनी आपकी प्रोफाइलिंग करेगी। यानी यदि आप समोसा खाते हैं तो आप अमीर आदमी नहीं हैं। लेकिन स्टारबक्स जाते हैं, तो आप अमीर आदमी है। इसके बाद आपके पास महंगी गाड़ियों के विज्ञापन दिखने लगें ।
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- अब अगर आप फोटो, वीडियो फॉरवर्ड करते हैं, तो वे वॉट्सएप के सर्वर पर अधिक समय तक स्टोर रहेंगे। वॉट्सएप ने कहा है कि वह ऐसा आपको फॉरवर्ड करने में मदद के लिए कर रहा है। लेकिन इसका मतलब है कि उसके पास जानकारी होगी कि फलां फोटो बहुत फॉरवर्ड हो रहा है। फेक न्यूज को ट्रैक करने और चुनाव के समय ऐसी जानकारी अधिक अहम होगी।
- वॉट्सएप बिजनेस अकाउंट पर भी नजर रखेगा। इनसे शेयर होने वाले सारे कैटलॉग का एक्सेस उसके पास होगा।
- अब कंपनी के पास यह भी जानकारी होगी कि आप किसे सबसे ज्यादा वाॅट्सएप कॉल करते हैं, महीने में कितने वॉट्सएप कॉल करते हैं। आप कौन से ग्रुप में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, आप कितने ग्रुप में हैं, आपकी ब्रॉडकास्ट लिस्ट कितनी है।
- वॉट्सएप आपको दोस्तों, ग्रुप्स, कंटेंट आदि को लेकर सुझाव भी देगा। यही नहीं, शॉपिंग, संबंधित ऑफर, फेसबुक कंपनियों के प्रोडक्ट के विज्ञापन भी दिखाएगा। एक तरह से वाॅट्सएप अब आपकी हर हरकत पर नजर रखेगा और उसका विश्लेषण करेगा।
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EU regulator approves Moderna coronavirus vaccine January 06, 2021 at 03:46AM
विकीलीक्स के फाउंडर असांजे को जमानत नहीं, एक दिन पहले कोर्ट ने अमेरिका को सौंपने से इनकार किया था January 06, 2021 at 03:21AM
ब्रिटेन की जेल में बंद विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे को कोर्ट ने बुधवार को जमानत देने से इनकार कर दिया। एक दिन पहले ही कोर्ट ने असांजे को अमेरिका को सौंपे जाने की अपील खारिज कर दी थी। इस पर अमेरिका ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही थी। उसने मांग की थी कि मामले की सुनवाई चलने तक असांजे को हिरासत में भेज दिया जाए।
49 साल के असांजे ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं। वह लंदन की बेल्मार्श जेल में चार साल से ज्यादा वक्त से बंद हैं। उन्हें जमानत की शर्तें न मानने पर दोषी करार दिया गया था। असांजे को 2010 में स्वीडन की अपील पर लंदन में गिरफ्तार किया गया था। उन पर स्वीडन की दो महिलाओं ने रेप का आरोप लगाया था।
इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली
स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए असांजे ने 2012 में लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी। इस तरह वे गिरफ्तारी से बच गए। बाद में इक्वाडोर की सरकार ने उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया था। इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय समझौतों का लगातार उल्लंघन करना बताया गया था।
2019 में दूतावास से बाहर आने पर ब्रिटेन की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। स्वीडन ने नवंबर 2019 में रेप के आरोप वापस ले लिए। इसके बावजूद असांजे जेल में ही रहे।
अमेरिका के लिए वॉन्टेड हैं असांजे
असांजे ने विकीलीक्स की वेबसाइट पर मिलिट्री और डिप्लोमेटिक डॉक्युमेंट सार्वजनिक किए थे। इसके जरिए उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड और नाटो की सेनाओं पर इराक में युद्ध अपराध का आरोप लगाया था। असांजे पर यह भी आरोप है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूसी खुफिया एजेंसियों ने हिलेरी क्लिंटन के कैम्पेन से जुड़े ईमेल हैक कर उन्हें विकीलीक्स को दिए थे।
अप्रैल 2019 में अमेरिका ने उन पर हैकिंग की साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसमें दोषी साबित होने पर उन्हें पांच साल तक की सजा होगी। अगर असांजे पर लगे सभी आरोपों में उन्हें दोषी पाया जाता है, तो 175 साल तक की सजा हो सकती है।
वकील की दलील- राजनीति के कारण आरोप लगाए
अमेरिका का आरोप है कि असांजे ने आर्मी इंटेलीजेंस एनालिस्ट रहीं चेल्सिया मैनिंग से सीक्रेट डॉक्युमेंट हासिल किए थे। हजारों पन्नों के इन डॉक्युमेंट्स में इराक युद्ध के अलावा विवादित ग्वांतानामो बे जेल में बंद कैदियों से जुड़ी जानकारियां शामिल थी।
असांजे के वकील और सपोर्टर्स हमेशा से कहते आए हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति की वजह से लगाए गए हैं। अगर उन्हें इसके लिए सजा होती है, तो अमेरिका और ब्रिटेन दोनों देशों में प्रेस की आजादी पर असर पड़ेगा।
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Chinese Communist Party clamps new rules for members January 06, 2021 at 01:21AM
US के जॉर्जिया से पहली बार कोई अश्वेत सीनेटर चुना गया, चर्च में पादरी राफेल वारनॉक जीते January 06, 2021 at 12:00AM
जॉर्जिया में सीनेट की दो सीटों पर हुए चुनाव के बाद काउंटिंग चल रही है। इनमें एक पर डेमोक्रेटिक पार्टी के राफेल वारनॉक की जीत तय हो गई है। दूसरी पर कड़ा मुकाबला चल रहा है। यहां पार्टी के जॉन ओसोफ मामूली अंतर से आगे हैं। ये दोनों सीट जीतने से सीनेट पर डेमोक्रेट्स का कब्जा हो जाएगा।
इन सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग हुई थी। बुधवार को काउंटिंग के दौरान नतीजों की तस्वीर साफ हो गई। राफेल वारनॉक जॉर्जिया के साथ ही साउथ अमेरिका से सीनेटर चुने जाने वाले पहले अश्वेत बन गए। वह अटलांटा की एक चर्च में पादरी हैं। उन्होंने रिपब्लिकन केली लोफ्लर को हराया। राफेल को 22 लाख 23 हजार 649 यानी 50.6% वोट मिल चुके हैं।
अगर दूसरी सीट भी डेमोक्रेटिक पार्टी के पास आ जाती है तो उसे सीनेट में बहुमत मिल जाएगा। इससे उसके सदस्यों की संख्या 50 हो जाएगी। कमला हैरिस के वाइस प्रेसिडेंट इलेक्ट बन जाने के कारण सीनेट पर डेमोक्रेट का कब्जा होना तय है। ऐसा इसलिए क्योंकि टाई होने की स्थिति में वाइस प्रेसिडेंट के वोट से ही फैसला होता है।
रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ छिना
जॉर्जिया को रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है। यहां 1992 से पार्टी कभी नहीं हारी थी। इस बार पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प डेमोक्रेट जो बाइडेन से महज 11,779 से हार गए। वारनॉक की जीत डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जॉर्जिया में 2000 के बाद पहली बार कोई डेमोक्रेट सीनेटर चुना गया है।
ट्रम्प पर वोट के लिए दबाव डालने का आरोप
राष्ट्रपति चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले डोनाल्ड ट्रम्प खुद जॉर्जिया में हेराफेरी की कोशिश में उलझ गए थे। हाल में अमेरिका मीडिया में ट्रम्प का एक फोन कॉल सामने आया था। इसमें वे जॉर्जिया के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट ब्रैड रैफेंसपर्गर से कह रहे हैं कि वे उनकी जीत के लिए जरूरी 11,780 अतिरिक्त वोटों का इंतजाम करें।
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