ढ़ाका. बांग्लादेश ने 1971 के भारत-पाक युद्ध लड़ने वाले भारतीय सैनिकों को सम्मानित किया है। आजादीयुद्ध मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश की आजादी के लिए लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में ढाका के होटल में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें 26 भारतीय और पांच रूसी सैनिकों को सम्मानित किया गया। भारतीय सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र सिंह कादयन ने की।
बांग्लादेश के आजादी युद्ध मामलों के मंत्री एकेएम मोजम्मल हक ने कहा कि दोनों देशों के सैनिक प्रतिनिधिमंडल 14 दिसंबर को बांग्लादेश पहुंचे थे। यहां इन्हें विजय दिवस के अवसर पर विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। अपने दौरे में सैनिकों ने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत किया।
आजादी की लड़ाई में भारत ने जैसी मदद की वह, ईतिहास में दुर्लभ: हक
हक ने कहा, बांग्लादेश की आजादी में इंदिरा गांधी, भारत के लोगों और सैन्य बलों ने जिस प्रकार से मदद की वह इतिहास में दुर्लभ है। युद्ध के दौरानतत्कालीन सोवियत यूनियन ने युद्धबंदीके लिए अमेरिका के प्रस्ताव को वीटो किया और बांग्लादेश की मदद की। इससे बांग्लादेश को आजादी मिल सकी। उन्होंने इस युद्ध में शहीद हुए भारतीय और रूसी सैनिकों को याद किया और दोनों देशों के प्रति आभार प्रकट किया।
1971 में केवल 12 दिन में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त किया था
भारत पाकिस्तान 1971 के युद्ध में भारत की 12 दिनों में जीत हो गई और एक स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। स्वतंत्र बांग्लादेश के निर्माण में मुख्य भूमिका उस अत्याचार की थी जो वेस्ट पाकिस्तान, ईस्ट पाकिस्तान पर कर रहा था। इस अत्याचार से निपटने के लिए पूर्वी पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी सेना बनी जिसे भारतीय सेना ने सहयोग दिया था।भारतीय फौज ने करीब 90 हजार पाक सैनिकों को बंदी बना लिया था।
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