पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन सफदर की दिन पहले कराची में गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ रहा है। सफदर को सोमवार को कराची के एक होटल से दरवाजा तोड़कर गिरफ्तार किया गया था। वे यहां पत्नी मरियम के साथ ठहरे हुए थे। उनकी गिरफ्तारी फौज और रेंजर्स ने की थी। इससे सिंध प्रांत की पुलिस बेहद नाराज है। आईजीपी समेत तमाम आला अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने का ऐलान कर दिया। बाद में आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने फौरन मामले की जांच के आदेश दिए। आईजीपी से बातचीत की। इसके बाद पुलिस अफसरों ने छुट्टी पर जाने का फैसला 10 दिन टाल दिया।
सियासत में फंसी फौज
विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेट फ्रंट (पीडीएम) ने पिछले दिनों पंजाब प्रांत के गुजरांवाला और कराची में बड़ी रैलियां की हैं। उनके निशाने पर सरकार से ज्यादा फौज है। पीडीएम का आरोप है कि फौज की धांधली और मिलीभगत की वजह से ही इमरान सत्ता में आए। अब तमाम विपक्षी दल इमरान और फौज के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन चला रहे हैं। पहली बार फौज का जनरलों का नाम सियासी रैलियों में लिया जा रहा है। आईएसआई भी निशाने पर है। ऐसे में सरकार और फौज दोहरी मुश्किल में फंस गए हैं।
सफदर मामले में गलती हुई
मरियम नवाज के पति कैप्टन सफदर को कराची से गिरफ्तार करके फौज फंस गई है। कराची सिंध प्रांत का हिस्सा है और यहां पीपीपी की सरकार है। यहां सूबे के पुलिस प्रमुख मुश्ताक मेहर और तमाम आला अफसरों ने फौज की कार्रवाई के विरोध में छुट्टी पर जाने का ऐलान किया तो हड़कंप मच गया। आर्मी चीफ बाजवा हरकत में आए। उन्होंने पहले पीपीपी चीफ बिलावल भुट्टो से बातचीत की। इसके बाद मुश्ताक को भरोसा दिलाया कि वे मामले की फौरन जांच कराएंगे और दोषी लोगों को सजा दिलाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, बाजवा ने माना कि उनके अफसरों ने गलती की।
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