अफगानिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट का समाधान किया गया है। यहां राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्लाअब्दुल्ला में सत्ता में साझीदारी को लेकर एक समझौताहुआ है। इसके अनुसार अशरफ गनी राष्ट्रपति बने रहेंगे, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी ए.अब्दुल्ला को कैबिनेट में आधे मंत्रिमंडल का मुखिया बनाया गया है।
यह दूसरी बार है कि गनी और अब्दुल्ला में सरकार में साझेदारी को लेकर समझौता हुआ है। इससे पहले 2014 में भी दोनों एक साथ आ चुके हैं। इस बार के समझौतेमें विवादास्पद नेता और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम को सेना का मुखिया बनाया गया है। अब्दुल राशिद पर राजनीतिक हत्याएं, रेप और घोटालों के आरोप हैं।
अमेरिका के दबाव पर हुआ समझौता
दरअसल, राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला में इस बात की लड़ाई थी कि पिछले साल चुनाव में कौन जीता। आधिकारिक तौर पर अशरफ गनी की जीत हुई थी, लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इसे मानने से इनकार कर दिया था और खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
अमेरिका के दबाव के बाद यह समझौता हुआ है, इसके चलते अब अमेरिका और तालिबान की शांति वार्ता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसी साल अफगानिस्तान को दी जाने वाली एक बिलियन डॉलर की मदद रोक दी थी। वे अफगानिस्तान में खड़े हुए नए राजनीतिक संकट से नाराज थे।
अब्दुल्ला के नेतृत्व में तालिबान से शांति वार्ता होगी
समझौते के तहत तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता ए.अब्दुल्ला के नेतृत्व में होगी। इसके साथ ही वह कैबिनेट में आंतरिक, आर्थिक, न्याय, लेबर और सोशल अफेयर्स के मंत्रालय के मुखिया होंगे।
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