क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें सड़क पर लोग नमाज की मुद्रा में खड़े दिख रहे हैं। बैकग्राउंड में अज़ान की आवाज भी आ रही है। वीडियो को फ्रांस के पेरिस में पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर टीचर की हत्या के मामले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
लेखक तारिक फतेह ने भी इस वीडियो को हाल ही का बताकर शेयर किया।
16 अक्टूबर की शाम पेरिस में , सैमुअल पेटी नाम के टीचर की पैगंबर का कार्टून दिखाने पर हत्या कर दी गई थी। एक पक्ष इस हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। वहीं दूसरा पक्ष फ्रांस सरकार पर इस घटना की आड़ में इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है।
मंगलवार को ट्विटर पर #WeStandWithFrance टॉप ट्रेंडिंग में शामिल रहा।
और सच क्या है ?
- फ्रांस में हो रहे प्रदर्शन से जुड़ी किसी भी मीडिया रिपोर्ट में हमें वायरल हो रहा वीडियो नहीं मिला। वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से पता चला कि यूट्यूब पर 2 साल पहले ही इस वीडियो को अपलोड किया जा चुका है। इससे ये साफ हो गया कि वीडियो का पेरिस में हो रहे हालिया प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं है।
- Thebengale96 नाम के जिस यूट्यूब चैनल पर 8 दिसंबर, 2017 को वीडियो अपलोड किया जा चुका है। उसके कैप्शन में लिखा है - फ्रांस के क्लिची ( Clichy) में सड़क पर प्रार्थना करने के विरोध में प्रदर्शन हुआ। कैप्शन से हमें क्लू मिला कि वीडियो 2 साल पहले सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में हुए प्रदर्शन का है।
- गूगल पर ( Protest in france against street prayer) की वर्ड सर्च करने से हमें बीबीसी वर्ल्ड की एक खबर मिली। जिससे पुष्टि होती है कि फ्रांस में सड़क पर नमाज पढ़े जाने के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शन में फ्रांस सरकार के 100 नेता भी शामिल हुए थे। प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों का कहना था कि नमाज के लिए इस तरह रास्ता रोका जाना गलत है।
- वायरल वीडियो में भी दो गुट दिख रहे हैं। एक गुट नमाज पढ़ रहा है। वहीं दूसरा गुट नमाज के विरोध में फ्रांस का राष्ट्रगान गा रहा है। बीबीसी की खबर में 2 साल पुराने इस प्रदर्शन की फोटो में जो बैनर दिख रहा है। वही बैनर वीडियो में भी है। साफ है कि 2 साल पुराने वीडियो को हाल में हो रहे प्रदर्शनों से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
- तारिक फतेह का ये दावा सही है कि वीडियो में लोग नमाज के विरोध में राष्ट्रगान गा रहे हैं। लेकिन, चूंकि ये वीडियो हाल ही का नहीं 2 साल पुराना है, इसलिए इसे पेरिस में हो रहे हालिया प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किया जाना गलत है। इस तरह पड़ताल में दावा आधा झूठ निकला।
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