अमेरिका के सर्जन जनरल ने कोरोना महामारी को द्वितीय विश्वयुद्ध में हुएपर्ल हार्बर हमले की तरह बताया है। उन्होंने कहा है कि इस हफ्ते अमेरिका में कोरोना से मौतों की संख्या और बढ़ सकती है। ऐसे में देश दूसरे पर्ल हार्बर हमले जैसी स्थिति के लिए तैयार रहे। इस बीच, कई अमेरिकी राज्यों के गवर्नर ने महामारी से निपटने में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। राज्यों की शिकायत है कि सरकार ने उन्हें खराबउपकरणों के सहारे छोड़ दिया है। उन्होंने ट्रम्प प्रशासन पर सटीक प्रणाली और राज्यों से समन्वय बनाकर काम नहीं करने का आरोप लगाया है। अमेरिका में अब तक कोरोना के 3.36 लाख केस आए हैं। 9620 लोगों की मौत हो चुकी है। 17 हजार लोग ठीक हुए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि हालात जल्द ही काबू में होगा।
मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने कहा- राष्ट्रीय नीति का अभाव नजर आ रहा
कई राज्य संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी उपकरण अपने संसाधनों पर जुटा रहे हैं। मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर ने रविवार को एक समाचार चैनल से बात करते हुए मदद के लिए सरकार का आभार प्रकट किया। हालांकि उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एक राष्ट्रीय नीति का अभाव नजर आ रहा है। ऐसे में कई प्रकार की खामियांसामने आएंगी। कोरोना संक्रमण लंबे समय तक फैलता रहेगा और ज्यादा लोग बीमार होंगे।
वॉशिंगटन के गवर्नर जे इंसली भी सरकार के प्रयासों से नाराज
वॉशिंगटन के गवर्नर जे इंसली ने कहा, ‘‘यह विडंबना है कि संक्रमण रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश नहीं हो रही। बस कहने के लिए हमारे पास बैकअप है। सर्जन जनरल ने पर्ल हार्बर जैसी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। जबकि देश के 32 वें राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डिलैनो रूजवेल्ट ने पर्ल हार्बर हमले के दौरान कहा था कि मैं आप लोगों के पीछे खड़ा हूं। युद्धपोत बनाने के लिए आप सभी को गुड लक।’’
ट्रम्प ने कहा-मैं खुद राज्यों के गवर्नर के साथ मिलकर काम कर रहा
राष्ट्रपति ट्रम्प ने रविवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गवर्नर्स द्वारा सरकार की आलोचना को महज राजनीति बताया। उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका जल्द ही कोरोना संकट पर काबू पा लेगा। ट्रम्पने कहा, ‘‘ सरकार महामारी से निपटने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। मैं खुद राज्यों के गवर्नर के साथ मिलकर काम कर रहा हूं। कई राज्यों को वेंटिलेटर्स भेजे गए हैं। इस सुरंग के आखिर में हमें उम्मीद की रोशनी नजर आ रही है। जिस हिसाब से चीजें हो रही हैं, उससे लगता है कि उजाला ज्यादा दूर नहीं होगा।”
पर्ल हार्बर हमला क्या था?
पर्ल हार्बर हवाई के ओहायू द्वीप पर स्थित एक अमेरिकी नौसेना बेस था। इस पर 7 दिसंबर 1941 को जापानी नौसेना ने अपने विमानों से अचानक हमला किया था। इसके बाद दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका भी शामिल हो गया था। हमले से पहले तक अमेरिका एक न्यूट्रल देश माना जाता था। इसमें कुल 2 हजार 403 अमेरिकी नौसैनिकों की मौत हुई थे और 1,143 घायल हुए थे। इस घटना के जवाब में ही अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में एटम बम गिराया था।
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