एम्सटर्डम. कोरोना महामारी से यूरोप में 10 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। 95 हजार से ज्यादा की मौतें हो चुकी हैं। संकट के इस वक्त में नीदरलैंड के मौसम विज्ञान संस्था(केएनएमआई) ने यूरोप के तीन बड़े देश स्पेन, इटली और फ्रांस के वायुमंडल की सैटेलाइट तस्वीर जारी की है, जिसके मुताबिक यहां के वायुमंडल से वायु प्रदूषण 2019 की तुलना में 45% तक घट गया है। अध्ययन के अनुसार वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी 54% तक गिर गया है।
डच इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के कॉपरनिकस ट्रोपोमी उपकरण से 2019 के मार्च-अप्रैल महीनों की 2020 के मार्च-अप्रैल से तुलनात्मक अध्ययन किया। इसमें पाया कि तीनों देशों का वातावरण बहुत साफ हो गया है। इन तस्वीरों से भी पता चलता है कि 2019 में इन देशों के वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर कितना ज्यादा था।
स्पेन, इटली, फ्रांस में अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया में 7 फीसदी लोगों की असमय मौत होती है। दूसरी तरफ, बात अगर स्पेन, फ्रांस और इटली की करें तो अब तक कोरोना से यहां करीब 60 हजार लोगों की मौत और 4.5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। यूरोप में सबसे ज्यादा मौतें इटली में 23,660 में हुई हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं- नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जानलेवा प्रदूषक है, जो औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है
स्टडी करने वाले केएनएमआई के वैज्ञानिक डॉ. हेंक एस्कस ने कहते हैं कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एक घातक प्रदूषक है, जो औद्योगिक गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है। हमारी टीम ने 2019 और 2020 के तुलनात्मक अध्ययन में पाया कि मैड्रिड (स्पेन), मिलान और रोम (इटली) के साथ लगते अन्य शहरों में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर 45% तक कम हो गया है, जबकि फ्रांस के पेरिस में इसका स्तर 54 प्रतिशत रहा। डेटा कैलुकेलेशन में 15% प्लस और माइनस की संभावना है, जो कि एक अहम मार्जिन है। ऐसा मुख्य रूप से बदलते मौसम की स्थिति और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की दैनिक दर में भारी उतार-चढ़ाव के कारण होता है। कोरोना महामारी का यही एर उजला पक्ष है कि दुनिया में वायु प्रदूषण का स्तर कम हो गया है।'
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