चीन के वुहान से फैले कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण चीन को दुनिया के कई देशों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने चीन पर सीधा आरोप लगाया है। जर्मनी ने अब चीन को कोरोनावायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 130 अरब पाउंड (करीब 12 लाख करोड़ रुपए) का बिल भेजा है।
यूरोपीय शक्तियोंजैसे जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने चीन की संदिग्ध भूमिका पर आलोचना की है। जर्मनी के सबसे बड़े अखबार बिल्ड में एक इनवॉइस छापा गया है। इसमें बताया गया है कि बीजिंग पर बर्लिन की 130 अरब पाउंड (149 बिलियन यूरो) की उधारी बाकी है। जर्मनी में अब तक संक्रमण के 1 लाख 45 हजार 743 मामले सामने आए हैं। यहां 4,642 लोगों की मौत भी हो चुकी है
किस क्षेत्र में कितना नुकसान
जर्मनी के अखबार ‘बिल्ड’ में ‘चीन को कितनी उधारी चुकानी है’ हेडलाइन से खबर छापी गई है। नुकसान की लिस्ट में कि 27 अरब यूरो टूरिस्ट रेवेन्यू का नुकसान, 7.2 अरब यूरो फिल्म इंडस्ट्री का नुकसान, जर्मन एयरलाइन कंपनियों का प्रति घंटे का 10 लाख यूरो नुकसान और 50 अरब यूरो जर्मनी के छोटे उद्योगों को हुआ नुकसान शामिल है। ‘बिल्ड’ ने बताया कि इसमें प्रति व्यक्ति 1,784 यूरो (1,550 पाउंड) का नुकसान भी जोड़ा गया है। यह जर्मनी की जीडीपी 4.2 प्रतिशत गिरने की स्थिति का आंकड़ा है।
सब जानते हुए दुनिया को अंधेरे में रखने का आरोप
जर्मनी के इस कदम को चीन ने राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने और विदेशियों से नफरत दिखाने वाला कदम बताया है। बिल्ड एडिटर-इन-चीफ जूलियन रीचेल्ट ने कहा, ‘‘हमने अपने अखबार में पूछा है कि क्या चीन को दुनियाभर को भारी आर्थिक क्षति के लिए भुगतान करना चाहिए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘शी जिनपिंग, आपकी सरकार और वैज्ञानिक यह बहुत पहले से जानते थे कि कोविड-19 बहुत ही खतरनाक वायरस है, लेकिन आप लोगों ने दुनिया को इस बारे में अंधेरे में रखा। इसके साथ ही जब पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों ने जानना चाहा कि वुहान में क्या चल रहा है तो आपके वैज्ञानिकों ने कोई जवाब नहीं दिया। आपको सच बताने में लगा कि यह एक राष्ट्रीय अपमान है। ”
ट्रम्प भी दे चुके हैं चेतावनी
शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को चेताया कि अगर उसने यह जानबूझकर किया है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रम्प ने कहा था, ‘‘जब यह संक्रमण शुरू हुआ तभी इसे चीन में रोका जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब पूरी दुनिया इसके चपेट में है।’’चीन पर ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं कि उसके किसी भी काम में पारदर्शिता नहीं होती है। इस घातक वायरस का स्रोत रहे चीन के वुहान का वह वेट मार्केट भी फिर से शुरू कर दिया गया है।
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