मिडिल ईस्ट के देश यमन के दक्षिण में अलगाववादी समूहों ने कई प्रांतों में खुद की सरकार बनाने की घोषणा की है। उन्होंने सरकार के साथ हुए शांति समझौते को तोड़ दिया है। बड़ी बात यह है कि अलगाववादियों ने यमन की आर्थिक राजधानी अदन में भी कब्जा कर लिया है। इससे यहां एक और गृह युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।
अलगाववादी समूह ‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ने एक बयान में कहा कि अब वे दक्षिणी प्रांतों और बंदरगाह शहर पर खुद ही शासन करेंगे। इन अलगाववादियों को संयुक्त अरब अमीरात का समर्थन (यूएई) मिला हुआ है, जबकि सरकार को सऊदी अरब का समर्थन है। अलगाववादियों ने सरकार पर भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं।
अलगाववादियों के कदम को सरकार ने खारिज किया
यमन सरकार ने अलगाववादियों के इस कदम को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री मोहम्मद अब्दुल्ला अल-हदरामी ने सऊदी अरब से अपना रुख स्पष्ट करने और ‘सदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल’ के विद्रोह के खिलाफ कदम उठाने को कहा है।
ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों से मिलकर लड़े थे
यमन में करीब चार साल से गृहयुद्ध चल रहा है। एक ओर सऊदी अरब समर्थित सरकार है और दूसरी ओर ईरान समर्थित हूती विद्रोही। इन हूती विद्रोहियों से लड़ने के लिए अलगाववादियों ने सरकार के साथ मिलकर लड़ाई लगी है। अब अलगाववादियों का यह कदम देश को एक और गृहयुद्ध की ओर ले जा रहा है।
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