ताइपेई. ताइवान की राष्ट्रपति साईइंग-विन ने चेतावनी दी है कि अगर चीन हम पर हमला करता है तो उसे महंगा पड़ेगा। साईके राष्ट्रपति बनने के बाद चीन ने कहा था कि अगर ताइवान आजादी की घोषणा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। साईने इसपर कहा कि ताइवान पहले से ही आजाद देश है और इसे अपनी आजादी की घोषणा करने की कोई जरूरत नहीं है।
साइ ने दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद बीबीसी से पहली बार बात करते हुए कहा कि हम अपने आप को रिपब्लिक ऑफ चीन, ताइवान कहते हैं। एक आजाद देश होने के नाते हम चीन से सम्मान की उम्मीद करते हैं। मॉडर्न ताइवान पिछले 70 साल से मेनलैंड चीन से अलग है और स्वतंत्र तौर पर काम कर रहा है।
‘उम्मीद करती हूं कि चीन हमारे जनादेश का सम्मान करेगा’
चीन की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि ताइवान के लोगों के विचारों का चीन सम्मान करेगा। राष्ट्रपति चुनाव में दिए गए लोगों के जनादेश को गहराई से समझेगा। चीन इस पर गौर करते हुए अपनी कुछ मौजूदा नीतियों में भी बदलाव करेगा। उन्होंने कहा कि मुझ पर आजादी से जुड़े मुद्दों को मजबूती से रखने का दबाव है। ताइवान अपनी स्वतंत्र पहचान से किसी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा।
ताइवान मेनलैंड चीन का हिस्सा होने में विश्वास नहीं करता: साई
साई ने कहा कि 1949 में चीन के नागरिक युद्ध में कम्युनिस्ट से हार के बाद ताइवान दशकों तक नेशनलिस्ट चियांग काई-शेक की तनाशाही में रहा। 1980 के बाद यह एशिया के सबसे प्रगतिशील लोकतंत्र के तौर पर उभरा है। हालांकि, इसे दुनिया के काफी कम देशों से मान्यता मिली है लेकिन इस चुनाव का परिणाम बताता है कि ताइवान के लोग मेनलैंड चीन का हिस्सा होने की थ्योरी में विश्वास नहीं रखते।
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