 
ह्यूस्टन. नासा ने भारतवंशी अमेरिकी एस्ट्रोनॉट राजा जॉन वुरपुत्तूर चारी का चयन अपने तीन आगामी स्पेस मिशन के लिए किया है। चारी अमेरिकी एयर फोर्स के कर्नल हैं और एफ-35 बेड़े इंटिग्रेटेड टेस्ट फोर्स के डायरेक्टर के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। वे नासा के स्पेस मिशन के लिए चुने जाने वाले तीसरे भारतवंशी अमेरिकी हैं। उनकी जड़े भारत में हैदराबाद से जुड़ी हैं। उनके पिता श्रीनिवास चारी काफी कम उम्र में अमेरिका चले गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चारी अगस्त 2017 में नासा के आर्टेमिस प्रोगाम के लिए 18,000 आवेदकों में से चुने गए 11 लोगों में से एक थे। उन्होंने दो साल की बेसिक एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग पूरी कर ली है और अब नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन, चांद और मंगल मिशन के तैयार हैं।
नासा की परंपरा के मुताबिक चारी को मिला सिल्वर पेन
शुक्रवार को जॉन्सन स्पेस सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें सभी 11 ग्रैजुएट्स के साथ सिल्वर पेन प्रदान किया गया। नासा की परंपरा के मुताबिक, अंतरिक्ष में जाने के बाद उन्हें दूसरे एस्ट्रॉनाट्स से यह पेन अदला-बदली करनी होगी। इस परंपरा की शुरुआत 1959 में मर्करी मिशन के लिए चुने गए 7 एस्ट्रोनॉट्स के साथ हुई थी।नासा के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेनस्टीन ने इस मौके पर कहाये लोग अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ एस्ट्रोनॉट हैं। यह इनके लिए हमारे एस्ट्रोनॉट कॉर्प्स में शामिल होने का अनमोल समय है।
मुझे शिक्षा के मूल्य अपने पिता से मिले: चारी
चारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि शिक्षा के मूल्य उन्हें अपने पिता श्रीनिवास वी चारी से मिले। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता का मानना था कि भारत मेंस्कूल जाना और शिक्षा प्राप्त करना अधिकार नहीं विशेषता है। यह एक ऐसी बात थी जो मेरे परिवार काफी हद तक लागू होती थी। इसलिए हमने कभी स्कूल जाने में आनाकानी नहीं की। मैं जानता हूं कि हमारे पिता को हमें स्कूली शिक्षा देने के लिए कितना त्याग करना पड़ा। मैं सोचता हूं कि शायद हममें और दूसरों में यही सबसे बड़ा अंतर था।’’
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