कोरोनावायरस की वैक्सीन पर रिसर्च जारी है। ज्यादातर मामलों में ट्रायल चल रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो दुनिया में अब संक्रमितों का आंकड़ा 2 करोड़ 80 लाख 19 हजार 639 हो चुका है। अच्छी खबर ये है कि ठीक होने वालों की संख्या भी अब 2 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है। वहीं, महामारी में मरने वालों की संख्या 9 लाख से ज्यादा हो गई है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अब बात करते हैं दुनियाभर में कोरोनावायरस से जुड़ी कुछ अहम खबरों की।
वेटिकन सिटी : पोप फ्रांसिस मास्क में नजर आए
महामारी शुरू होने के बाद पोप फ्रांसिस सार्वजनिक तौर पर काफी कम नजर आए। अगर दिखे भी तो उन्होंने मास्क नहीं पहना। लेकिन, बुधवार को पहली बार ईसाइयों के सर्वोच्च गुरू ने मास्क पहना। हालांकि, जब वो लोगों से मिले तो उन्होंने इसे उतार दिया। कार में पोप को मास्क सेट करने में दिक्कत भी नजर आई। खास बात ये भी है कि पोप छह महीने में दूसरी बार लोगों से मिले। आमतौर पर पोप जब लोगों से मिलते हैं तो हाथ मिलाते हैं। बच्चों का माथा चूमते हैं। लेकिन, बुधवार को इन सब चीजों से पोप दूर रहे।
ब्राजील : वैक्सीन पर तनातनी
राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की सरकार चीन को लेकर सख्त रही है। चीन की एक कंपनी यहां लोकल कंपनी डोरिया के साथ वैक्सीन रिसर्च कर रही है। सरकार ने इसे मदद न देने का फैसला किया है। इसकी जगह सरकार ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के साथ काम करने का फैसला किया है। इसके लिए 360 मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद देने का भी फैसला किया है।
फ्रांस : तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
फ्रांस में महामारी की दूसरी लहर साफ तौर पर नजर आ रही है। जुलाई में यहां काफी हद तक इस पर काबू पा लिया गया था। लेकिन, अगस्त के दूसरे हफ्ते के बाद यह फिर बढ़ने लगा और अब खतरनाक होता जा रहा है। बुधवार को यहां कुल 8 हजार 577 संक्रमित मिले। 4 सितंबर को 8 हजार 975 पॉजिटिव केस मिले थे। सरकार सख्ती करना चाहती है, लॉकडाउन पर भी विचार किया जा रहा है, लेकिन लोगों को इसका अंदाजा लगते ही विरोध शुरू हो गया।
अमेरिका : ट्रम्प ने महामारी की सच छिपाया
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नवंबर में होने हैं। इसके पहले एक किताब ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की परेशानी बढ़ा दी है। खोजी पत्रकार बॉब वुडवार्ड की किताब ‘रेज’ में दावा किया गया है कि लोगों में कोरोनावायरस का डर न फैले इसलिए ट्रम्प ने इसके खतरे को नजरअंदाज किया। किताब के मुताबिक, ट्रम्प ने महामारी का असर कम दिखाने के लिए देश को सच नहीं बताया। वे जानते थे कि महामारी का असर देश की अर्थव्यस्था पर सबसे ज्यादा होगा और इससे लोगों में नाराजगी फैलेगी। वुडवार्ड से ट्रम्प की बातचीत का ऑडियो टेप भी सामने आया है।
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