अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अमेरिका की नागरिकता दी। ट्रम्प ने एक कार्यक्रम में उन्हें सिटिजन सटिफिकेट सौंपा। माना जा रहा है कि उन्होंने कानूनी रूप से इमिग्रेशन को अपना सपोर्ट दिखाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया। राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रम्प लगातार अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ रहे हैं।
पांच देशों के लोगों को मिली अमेरिकी नागरिकता
ट्रम्प ने कार्यक्रम में सुंदरी नरायणन को अमेरिका की नागरिकता दिलाई। उन्हें एक प्रतिभाशाली सॉफ्टवेयर डेवलपर भी बताया। उन्होंने कहा कि नारायणन अपने पति के साथ अमेरिका में पिछले 13 साल से हैं।
ट्रम्प ने कहा, "आपने नियमों का पालन किया, आपने अपना इतिहास सीखा, हमारे मूल्यों को अपनाया और खुद को सबसे ज्यादा इमानदार साबित किया।" सुंदरी नारायणन के साथ सूडान, बोलीविया, लेबनान और घाना के भी एक-एक नागरिक को भी अमेरिका की नागरिकता दी गई।
कन्वेंशन में आईं मेलानिया ट्रम्प
कन्वेंशन सेशन में ट्रम्प की पत्नी मेलानिया ने भी हिस्सा लिया। मेलानिया भी अमेरिका में एक इमिग्रेंट हैं। वह मूल रूप से स्लोवेनिया की हैं। मेलानिया ने बताया कि उन्होंने सिटीजन टेस्ट के लिए पढ़ाई की थी। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से वह एक अमेरिकी नागरिक बन पाईं।
इस दौरान मेलानिया ने ट्रम्प को वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ट्रम्प पारंपरिक राजनेता नहीं हैं। वह केवल बोलते नहीं, वह एक एक्शन की मांग करते हैं और उन्हें परिणाम मिलते हैं। मेलानिया इस दौरान हरे रंग का सूट पहने थीं। उन्होंने करीब 28 मिनट तक भाषण दिया।
ट्रम्प ने अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ सख्त कदम उठाए
ट्रम्प का हमेशा से अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ सख्त रुख रहा है। 2016 के चुनावों में उन्होंने इसे मुद्दा बनाया था। इस साल भी वे अवैध इमीग्रेशन के मुद्दे को अपने कैंपेन में प्रमुखता से उठा रहे हैं । ट्रम्प ने इसके लिए मैक्सिको की सीमा पर दीवार भी बनाई। उन्होंने गैर कानूनी ढंग से अमेरिका में घुसने वाले लोगों को उनके देश डिपोर्ट करना शुरू किया। उन्होंने अस्थाई रूप से ग्रीन कार्ड और एच-1बी प्रोफेशनल वर्क वीजा देने पर भी रोक लगा दी। साथ ही एच1-बी वीजा मेरिट के आधार पर जारी करने का प्रस्ताव भी रखा।
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