पाकिस्तान के एक और अधिकारी का कारनामा सामने आया है। इंडोनेशिया में पाक के पूर्व राजदूत ने राजधानी जकार्ता में दूतावास की बिल्डिंग को औने-पौने दामों में बेच दिया था। मामला 19 साल पहले का है।
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश के नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने 19 अगस्त को पूर्व राजदूत मेजर जनरल (रिटायर्ड) सैयद मुस्तफा अनवर के खिलाफ शिकायत की। अनवर पर आरोप है कि उन्होंने 2001-02 में दूतावास की एक बिल्डिंग बेच दी थी। इससे पाकिस्तान को 13.2 लाख डालर (करीब 22 करोड़ पाकिस्तानी रुपए) का नुकसान हुआ।
सरकार को बिना बताए बिक्री का विज्ञापन जारी किया
अनवर ने विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बिना बिल्डिंग को बेचने का विज्ञापन जारी कर दिया था। जबकि, राजदूत बिना मंत्रालय की अनुमति के ऐसा नहीं कर सकता है। एनएबी का आरोप है अनवर ने इंडोनेशिया में अपनी नियुक्ति के बाद जकार्ता की बिल्डिंग बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी। प्रक्रिया शुरू होने के बाद उन्होंने मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने बिल्डिंग की बिक्री पर रोक लगा दी थी और अनवर को कई लेटर भेज जानकारी भी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने नैब अधिकारियों को अयोग्य बताया था
एनएबी की तरह से यह एक्शन तब लिया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। भ्रष्टाचार के मामले में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते कहा था कि एनएबी के अधिकारी अयोग्य है। ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने पाया था कि एनएबी अधिकारियों के पास ठीक तरह से पूछताछ करने के लिए जरूरी काबिलियत नहीं है।
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