राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के मामले में देश के किसी भी राष्ट्रपति से बेहतर हैं। बीते साढ़े तीन सालों में ट्रम्प ने कई क्षेत्रों में भारत के साथ साझेदारी बढ़ाई है। ट्रम्प के राष्ट्रपति रहते ही अमेरिका ने बिना पहले समझौते किए भारत को आर्म्ड एमक्यू-9 अनमैन्ड एरियल सिस्टम दिया है। आने वाले दिनों में वह दोनों देशों के रिश्ते और भी बेहतर बनाने के लिए काम करते रहेंगे।
व्हाइट हाउस के मुताबिक, भारत-अमेरिका कोरोना महामारी के बाद भी साथ आए हैं। दोनों देशों की फार्मा कंपनियों ने दुनियाभर में दवाओं की ग्लोबल सप्लाई जारी रखी। वैक्सीन तैयार करने के लिए भी दोनों देशों की कंपनियां साथ काम कर रही हैं। व्हाइट हाउस सिक्योरिटी काउंसिल के एक वरिष्ठ अफसर ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में ये बातें कहीं।
अमेरिका भारत को हथियार देने वाला दूसरा बड़ा देश
व्हाइट हाउस सिक्योरिटी काउंसिल के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन में अमेरिका भारत को हथियार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बना है। एक दशक पहले तक दोनों देशों के बीच हथियारों के सौदे नहीं होते थे, लेकिन ट्रम्प के आने के बाद अमेरिका ने भारत को 20 अरब डॉलर (1490 हजार करोड़ रुपए) के हथियार बेचे हैं।
इस साल 3 अरब डॉलर (करीब 224 करोड़ रुपए) के हथियारों का सौदा हुआ है। इसके तहत अमेरिका भारत को एमएच-60 आर नेवल हेलिकॉप्टर और एएच-64 अपाचे हेलिकॉप्टर देगा।
ट्रम्प और मोदी के एक दूसरे के देशों के दौरे से दोस्ती गहरी हुई
ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने एक दूसरे के देशों का दौरा किया है। इससे दोनों देशों के बीच दोस्ती गहरी हुई है। 26 जून 2017 को ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस आए थे। सितंबर 2019 में मोदी ने ह्यूस्टन में हाऊड़ी मोदी कार्यक्रम में हिस्सा लिया, इसमें 55 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए।
ट्रम्प ने फरवरी 2020 में गुजरात में नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में करीब 11 लाख लोगों को संबोधित किया। इन कार्यक्रमों से भारत और अमेरिका के लोगों के बीच आपसी रिश्तों में मजबूती आई।
ट्रम्प ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति बहाली की कोशिश की
भारत और अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहाजों की आवाजाही आसान बनाने की दिशा में काम किया, ताकि ग्लोबल सप्लाई चेन बहाल रखी जा सके। इसके लिए अमेरिका ने भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया और जापान को भी विश्वास में लिया। चारों देशों के विदेश मंत्री ने इस क्षेत्र में शांति बहाल रखने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सितंबर 2019 में पहली बार बैठक भी की।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment