नासा के पूर्व वैज्ञानिक, मौसम विज्ञानी और शोधकर्ता रॉय स्पेंसर ने दुनियाभर में 2017 में मलेरिया संक्रमितों की संख्या की तुलना कोरोना की चपेट में आए लोगों की संख्या से की। इस आधार पर उन्होंने नतीजा निकाला है कि जिन देशों में मलेरिया के संक्रमितों की संख्या ज्यादा थी, वहां कोरोना के केस कम आए। जबकि, जिन देशों में मलेरिया के मामले कम या बिल्कुल नहीं थे, वहां कोरोना बड़े पैमाने पर फैला। नतीजों की पुष्टि मलेरिया प्रभावित 11 बड़े देशों में कोरोना के कम मामलों से भी होती है। स्पेंसर ने इसके लिए 234 देशों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। उनकी रिपोर्ट के दो स्तर महत्वपूर्ण हैं।
टॉप 40 मलेरिया प्रभावित देशों में कोरोना का असर
- 1000 लोगों पर मलेरिया पीड़ित - 212.4
- 10 लाख लोगों पर कोरोना पीड़ित- 0.2
154 देश जहां मलेरिया है ही नहीं
- 1000 लोगों पर मलेरिया पीड़ित- 0.00
- 10 लाख लोगों पर कोरोनाग्रस्त- 68.7
सर्वे के मुताबिक, 30 देशों के 6 हजार 200 डॉक्टरोंने कोरोना के इलाज में मलेरिया की दवाई को बेहतर माना
कोरोनावायरस के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन सबसे बेहतर है। दुनिया के 30 देशों के करीब 6 हजार 200 (37%) डॉक्टरों ने इसको स्वीकृति दी है। इन डॉक्टरों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना के लिए सबसे प्रभावी दवा बताया है। हालांकि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना से संक्रमण के इलाज के लिए दवा नहीं है। यूरोप, अमेरिका और चीन के डॉक्टर कोरोना के मरीजों को यह दवा दे सकते हैं, इसकी अनुमति दी जा चुकी है। ब्रिटेन में इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल जारी है। दुनियाभर के डॉक्टरों के प्राइवेट सोशल नेटवर्क सेर्मो के सर्वे के मुताबिक, स्पेन के 72% और इटली के 53% डॉक्टरों ने कहा किउन्होंने कोरोना मरीजों को यह दवा दी। वहीं चीन में यह आंकड़ा 44% और ब्रिटेन में 13% है।
शीर्ष 11 देश: कोरोना से 140 मौतें, जबकि मलेरिया से 3.40 लाख
देश | कोरोना के मामले | मौतें | मलेरिया से मौतें |
नाइजीरिया | 210 | 04 | 97200 |
कांगो | 22 | 02 | 48600 |
मोजांबिक | 10 | 00 | 16200 |
युगांडा | 48 | 00 | 20250 |
घाना | 205 | 05 | 60750 |
माली | 39 | 03 | 21000 |
नाइजर | 120 | 05 | 16200 |
बुर्किना फासो | 302 | 16 | 28000 |
कैमरून | 509 | 08 | 3000 |
तंजानिया | 20 | 01 | 20000 |
भारत | 3450 | 96 | 9620 |
11 सबसे ज्यादा मलेरिया प्रभावित देशों में भारत भी
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कॉन्गो, घाना, भारत, माली, मौजेम्बिक, नाइजर, नाइजीरिया, युगांडा, बुर्किना फासो, कैमरून और तंजानिया शीर्ष मलेरिया प्रभावित देश है। दुनियाभर में मलेरिया के कुल मामलों में से 70% और कुल मौतों का 71% इन्हीं 11 देशों से है। 2019 में अफ्रीकी देश नाइजीरिया में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया मेंटीबी की दवा सेइलाज
जर्मनी के माइक्रोबायोलॉजिस्ट टीबी से बचाव के लिए लगाई जाने वाली 100 साल पुरानी वैक्सीन से कोरोना के इलाज में जुटे हैं। उधर ऑस्ट्रेलिया में के मर्डोक चिल्ड्रेन रिसर्च इंस्टिट्यूट के शोधकर्ताओं का दावा है कि बैसिलस कैलमेट गुएरिन (बीसीजी) टीके से कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है। वे चिकित्सा कर्मियों पर इसका परीक्षण कर रहे हैं।
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