कोरोनावायरस या कोविड-19 के कहर से अमेरिका सकते में है। बुधवार रात तक यहां एक लाख 89 हजार 661 मामले सामने आए। इसी दौरान 4 हजार 097 की मौत हो गई। हालात भयावह हैं। महाशक्ति जूझ रही है। राष्ट्रपति ट्रम्प की कड़ी आलोचना भी हो रही है। हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने उन्हें ‘गैर जिम्मेदार और लापरवाह’ तक कह दिया। इसकी बाजिव वजह भी है। दरअसल, ठीक एक महीने पहले ट्रम्प ने कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताया था। अब जबकि हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति इसी कोरोना को क्रूर और जानलेवा बता रहे हैं।
सात दिन पहले तक नहीं समझ पाए खतरा?
न्यूयॉर्क टाइम्सके मुताबिक, सात दिन पहले तक ट्रम्प इसे सामान्य फ्लू ही मान रहे थे। मंगलवार को जब संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख 87 हजार हुआ तो उनके सुर बदल गए। अब वो इसकी तुलना 9/11 के हमलों से कर रहे हैं। महज 24 घंटे पहले उन्होंनें कोरोना को क्रूर और बेहद जानलेवा बताया। सच्चाई ये है कि वो अपने दावों के मकड़जाल में उलझ गए हैं।
ट्रम्प अब क्यों चिंतित?
व्हाइट हाउस ने करीब 15 दिन पहले कोरोना से निपटने के लिए टास्क फोर्स बनाई। इसके एक सदस्य और ट्रम्प के काफी करीबी डॉक्टर फौसी ने देश को आगाह किया। कहा कि यह वायरस 1 से 2 लाख 40 अमेरिकियों की जान ले सकता है।'मौजूदा हालात के आधार पर तैयार किए गए चार्ट भी यही आशंका जता रहे हैं। इन आशंकाओं को गलत साबित करने के लिए ट्रम्प सरकार रोज नए प्रतिबंध लगाने पर मजबूर है।
हालात काबू में नहीं हैं मिस्टर प्रेसिडेंट
कोरोना पर ट्रम्प के बयान बदलते रहे। कभी मामूली फ्लू बताया तो कभी क्रूर और खतरनाक। फिर ये भी कहा कि हालात काबू में हैं। अब इस बात की संभावना न के बराबर है कि अमेरिकी ईस्टर का पर्व भी मना पाएंगे। इसके संकेत मंगलवार को राष्ट्रपति ने खुद दिए। कहा कि मैं हर अमेरिकी से कहना चाहता हूं कि वो मुश्किल दिनों के लिए तैयार रहे। अगले दो हफ्ते हम पर बहुत भारी पड़ सकते हैं।'
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