नई दिल्ली. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने 2020 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 5.2% कर दिया है। एजेंसी ने कहा है कि कोरोनावायरस महामारी का संक्रमण फैलने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की तरफ जा रही है। इससे पहले एजेंसी ने 2020 के लिए भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को 5.7% रखा था। एसएंडपी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी की तरफ से जाने से एशिया पैसेफिक क्षेत्र की ग्रोथ रेट आधे से कम रहकर 3% के आसपास रह सकती है।
गहरी मंदी में जा सकती है एशिया पैसेफिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था
एसएंडपी के एशिया पैसेफिक क्षेत्र के चीफ इकॉनमिस्ट शॉन रोश का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था के गिरने, अमेरिका और यूरोप में गतिविधियों को रोकने के साथ स्थानीय स्तर पर वायरस के बढ़ने के कारण एशिया पैसेफिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में जा सकती है। उन्होंने कहा कि एजेंसी का अनुमान है कि कम से कम 4000 करोड़ डॉलर की आय का नुकसान हो सकता है। विज्ञप्ति के अनुसार वायरस के फैलने से अमेरिका और यूरोप के नागरिक दो तिमाही तक बाहर नहीं जाएंगे, इस कारण टूरिज्म इंडस्ट्री को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। रोश का कहना है कि अनिश्चतता के कारण अमेरिकी डॉलर की तरफ रुझान बढ़ेगा, उभरते देशों के पॉलिसी निर्माता नीतियों को और कड़ा बना सकते हैं।
नकारात्मक रह सकती है जापान की ग्रोथ रेट
विदेशी निवेशक सबसे ज्यादा पूंजी भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस से निकालेंगे। एसएंडपी ने कहा है कि चीन की ग्रोथ रेट 2.9%, भारत की 5.2% और जापान की ग्रोथ रेट -1.2% रहने का अनुमान है। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए यूएस फेड ने ब्याज दरों को शून्य के करीब ला दिया है तो बैंक ऑफ जापान ने असेट खरीदारी में बढ़ोतरी की है। एजेंसी का कहना है कि प्रभावित सेक्टर और वहां काम करने वाले कर्मचारियों की मदद करने से राहत मिल सकती है लेकिन संक्रमण लंबे समय तक रहने से किए गए उपायों का असर समाप्त हो सकता है।
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