नई दिल्ली. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मेजबानी इस साल भारत को सौंपी गई है। इसमें हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी यहां आ सकते हैं। यह आयोजन साल के अंत में प्रस्तावित है। फिलहाल, तारीख तय नहीं हैं। पिछले साल समिट किर्गिस्तान में आयोजित की गई थी। इमरान और नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था। हालांकि, दोनों के बीच अभिवादन की रस्म अदायगी के अलावा कोई बातचीत नहीं हुई थी। एससीओ में कुल आठ देश शामिल हैं। भारत और पाकिस्ता को इसकी स्थायी सदस्यता 2017 में मिली थी।
भारत को पहली बार मेजबानी
संगठन के महासचिव व्लादिमीर नोरोव ने सोमवार को कहा- शंघाई सहयोग संगठन की वार्षिक बैठक भारत में होगी। यह पहला मौका है जब भारत आठ देशों के इस वैश्विक संगठन की मेजबानी करेगा। भारत के अलावा चीन, रूस, कजाखकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान एससीओ के सदस्य हैं। पिछला सम्मेलन किर्गिस्तान में आयोजित किया गया था। इसमें सभी प्रकार के आतंकवाद पर रोक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। मोदी और इमरान दोनों ने इसमें शिरकत की थी। बाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की कुशलक्षेम पूछी। इसके अलावा कोई बात नहीं हुई। एससीओ की एक बैठक जुलाई में भी प्रस्तावित है। इसमें भी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा ले सकते हैं।
इमरान आएंगे या नहीं?
पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक यह साफ नहीं है कि पाकिस्तान समिट में हिस्सा लेने का न्योता मंजूर करेगा या नहीं। इसकी वजह दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्ते हैं। पांच अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटा दी थी। पाकिस्तान ने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसका विरोध किया। हालांकि, मलेशिया और तुर्की को छोड़कर किसी भी देश ने उसका समर्थन नहीं किया। इमरान का आरोप है कि दुनिया भारत के इस कदम के खिलाफ चुप्पी साधे है और इसके गंभीर परिणाम होंगे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment