वॉशिंगटन. अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों ने मंगलवार को बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) का समर्थन किया। भारतीय-अमेरिकियों ने ओहायो-ह्यूस्टन समेत कई शहरों में रैली कर सीएए और एनआरसी के बारे में गलत जानकारी और भ्रम दूर करने की कोशिश की। केंद्र सरकार ने हाल ही में संसद से नागरिकता कानून पास कराया है। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आ चुके गैरमुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
रैली के आयोजनकर्ताओं ने बताया कि सीएए-एनआरसी के समर्थन में पिछले कई दिनों से रैलियां निकाली जा रही हैं। सबसे पहले सिएटल के विक्टर स्टेनब्रुक पार्क में रैली निकाली गई। 20 दिसंबर को ह्यूस्टन में भारतीय दूतावास के सामने, जबकि 22 दिसंबर को ऑस्टिन स्थित कैपिटल बिल्डिंग, ओहायो के टेड कैल्टेनबैक पार्क और नार्थ कैरोलाइना के नैश स्कवेर पार्क में रैलियां आयोजित की गईं। इनमें सीएए-एनआरसी से जुड़ी जानकारियों को लोगों से साझा किया गया।
वामपंथी संस्थाओं काझूठ उजागर करने के लिए रैली: आयोजनकर्ता
बताया गया है कि आने वाले दिनों में डैलस, शिकागो, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, अटलांटा, सैन होसे और कुछ अन्य जगहों पर रैलियों का आयोजन किया जाएगा। ओहायो के डबलिन में रैली का आयोजन करने वाले विनीत गोयल ने कहा, “हमने सीएए और एनआरसी के बारे में इस्लामिक और वामपंथी संस्थाओं की तरफ से फैलाए गए डर को दूर करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि सीएए मुस्लिमों को भारत से निकालने के लिए है, जो कि एक झूठ है।”
सीएए के विरोध की वजह से दूसरे देश के पीड़ितों पर किसी की नजर नहीं
वहीं सिएटल में रैली का आयोजन करने वाली अर्चना सुनील ने कहा कि सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले ज्यादातर लोगों के पास जानकारी नहीं है। वे तर्कों पर बात नहीं करना चाहते, न ही इस बारे में सुनना चाहते हैं। वे सिर्फ झूठ फैला रहे हैं। इससे उनकी परेशानी पर किसी की नजर नहीं जा रही, जिन्हें देश के बंटवारे के बाद से ही समस्याओं से गुजरना पड़ा है।
उत्तर कैरोलाइना में हुई रैली में 70 से ज्यादा विख्यात डॉक्टरों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन करने वाले अरविंद मोदहिनी ने बताया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में उतरे हैं। रैली में मौजूद लोगों ने भारत में हिंसक प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को कड़ी सजा देने की बात कही।
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