वॉशिंगटन. अमेरिका ने कहा है कि वह भारत में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जारी प्रदर्शनों पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों को हिंसा से बचना चाहिए। अधिकारियों को भी लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा और सम्मान करना चाहिए। कानून के तहत धार्मिक स्वतंत्रता और समान व्यवहार का सम्मान अमेरिका और भारत दोनों के ही मौलिक सिद्धांत रहे हैं। हम अपील करते हैं कि भारत संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे।
इस कानून के नकारात्मक नतीजे हो सकते हैं: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि यह एक असंवैधानिक कानून है। इसे वापस नहीं लिया गया, तो इसके नकारात्मक नतीजे हो सकते हैं। सरकार को इमरजेंसी जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, जैसी कांग्रेस ने की थी। मायावती ने कहा कि बसपा संसदीय दल ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा में नागरिकता कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर आवाज उठाएगी।
नागरिकता कानून पर संसद में हमारे सवालों के जवाब नहीं दिए: उद्धव ठाकरे
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी नागरिकता कानून पर हमारे पास कोई साफ तस्वीर नहीं। उन्होंने कहा कि हमने कानून को लेकर संसद में जो भी सवाल पूछे, उनके जवाब नहीं दिए गए। यह नहीं बताया गया कि कितने लोग देश में आने वाले हैं और कहां से आ रहे हैं। यह भी नहीं बताया गया कि आने के बाद लोग कहां रहेंगे।
शिवसेना नेता संजय राउत से जब नागरिकता संशोधन बिल के महाराष्ट्र में लागू किए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फैसला करेंगे। विपक्षी डेलिगेशन के राष्ट्रपति से मिलने पर राउत ने कहा कि शिवसेना ऐसे किसी भी दल का हिस्सा नहीं है।
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