जेनेवा. महिलाओं के स्वास्थ्य और आर्थिक भागीदारी के मामले में व्यापक असमानता के बीच भारत लिंगानुपात के मामले में वैश्विक स्तर पर 112वें स्थान पर पहुंच गया है। पिछले साल भारत 108वें स्थान पर था। इस बार चार अंक का नुकसान हुआ है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की। आइसलैंड लिंग असमानता के मामले में दुनिया का सबसे बेहतर देश बना हुआ है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की जेंडर गैप रिपोर्ट के मुताबिक चीन (106वें), श्रीलंका (102वें), नेपाल (101वें), ब्राजील (92वें), इंडोनेशिया (85वें) और बांग्लादेश (50वें) स्थान पर हैं। वहीं, पाकिस्तान 151वें, इराक 152वें और यमन 153वें स्थान पर है।
डब्ल्यूईएफ ने कहा, ‘‘पहले यह माना जा रहा था कि लिंग असमानता को खत्म होने में 108 साल लग जाएंगे। लेकिन जिस तरह विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, अब कहा जा रहा है कि भेदभाव खत्म होने में 99.5 साल लगेंगे। हालांकि देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, काम और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों में अभी भी असमानता है। हालांकि, 2018 में स्थिति थोड़ी बेहतर हुई थी।’’
राजनीतिक असमानता खत्म होने में 95 साल लगेंगे
जेनेवा की अंतर्राष्ट्रीय संगठन डब्ल्यूईएफ ने कहा कि राजनीति में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार देखा जा सकता है। राजनीतिक असमानता को खत्म होने में करीब 95 साल लगेंगे। पिछले साल कहा जा रहा था कि इसमें 107 साल लग सकता है। दुनिया भर में महिलाओं का लोअर-हाउस (नीचले सदन) में 25.2% और मंत्री पदों पर 21.2% हिस्सेदारी है। जबकि पिछले साल यह 24.1% और 19% थी।
हालांकि, आर्थिक असमानता में अभी भी काफी खाई है। पिछले साल की 202 साल की अपेक्षा अब इसे खत्म होने में 257 साल लगेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सबसे बड़ी चुनौती है क्लाउड कंप्यूटिंग, इंजीनियरिंग, डेटा और एआई जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का कम होना।
राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
डब्ल्यूईएफ ने 2006 में जेंडर गैप को लेकर पहली बार रिपोर्ट पेश की थी। उस समय भारत 98वें स्थान पर था। तब से भारत पिछड़ते जा रहा है। चार मानकों में तीन पर भारत पिछड़ गया है। भारत राजनीतिक सशक्तीकरण में 18वें स्थान पर है। जबकि स्वास्थ्य के मामले में 150वें, आर्थिक भागीदारी और अवसर के मामले में 149वें और शिक्षा पाने के मामले में 112वें स्थान पर है।
भारत में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बेहद सीमित
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि भारत में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर (35.4%) बेहद सीमित हैं। यह पाकिस्तान में 32.7%, यमन में 27.3%, सीरिया में 24.9% और इराक में 22.7% है। कंपनियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व वाले देशों में भी भारत (13.8%) काफी पीछे है। चीन (9.7%) में स्थिति बदतर है।
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