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गुरुवार को कैपिटल हिल में हुई हिंसा के लिए ज्यादातर लोग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। ट्रम्प की वजह से अमेरिका की जगहंसाई हुई। जख्म गहरा है, शायद भर भी जाए। लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिका के सख्त कानून हिंसा के गुनहगारों को सजा दे सकेंगे। और इससे भी बड़ा सवाल यह है कि ट्रम्प का क्या होगा? क्या व्हाइट हाउस के बाद जेल उनका नया पता होगा? क्या कार्यकाल के बचे हुए 12 दिन वे पूरे करेंगे, या उन्हें हटा दिया जाएगा? आइए इन दो बेहद अहम सवालों के जवाब तलाशते हैं...
12 दिन कुर्सी पर रहेंगे या नहीं?
अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनकी ही कैबिनेट पद से हटा सकती है। इसमें कैबिनेट के बहुमत के साथ ही उपराष्ट्रपति का समर्थन भी जरूरी है।
अब इसे ट्रम्प के मामले में तौलने की कोशिश करते हैं। CNN की रिपोर्ट दावा करती है कि ट्रम्प की कैबिनेट गुरुवार को उनके भड़काऊ भाषण को संसद पर हमले की घटना का जिम्मेदार मान रही है। ट्रम्प को पद से हटाने के लिए चर्चा ही नहीं, बैठकें भी शुरू हो चुकी हैं।
अब सवाल यह है कि ट्रम्प बाकी बचे 12 दिन का कार्यकाल पूरा करेंगे या नहीं? सवाल कठिन है, लेकिन जवाब आसान और हालात पर आधारित है। और वो यह है कि ट्रम्प पर महाभियोग चलाना मुश्किल है। उन्हें हटाना भी कठिन है। इसकी वजह यह है कि वाइस प्रेसिडेंट उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। वो भी तब जबकि ट्रम्प ने गुरुवार को उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाईं।
लेकिन, पेंस ट्रम्प को क्यों बचा रहे हैं?
गुरुवार को हुई घटना को पेंस ने ‘अमेरिकी इतिहास का काला दिन’ बताया। लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पेंस नहीं चाहते कि ट्रम्प पर महाभियोग चले या वे कुर्सी से हटें। इसकी वजह यह है कि अगर ऐसा हुआ तो रिपब्लिकन पार्टी की साख पर बट्टा लगेगा। दूसरी बात यह कि हो सकता है चार साल बाद पेंस ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनें। अगर उन्होंने आज ट्रम्प के खिलाफ कुछ किया तो उन्हें पार्टी में ट्रम्प समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। लिहाजा, इन दोनों मामलों में ट्रम्प बच जाएंगे।
चलिए मान लिया, तो क्या जेल भी नहीं जाएंगे ट्रम्प
USA TODAY की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी जांच एजेंसियों के पास इस बात के पुख्ता और तमाम सबूत हैं कि गुरुवार की हिंसा ट्रम्प के भड़काऊ भाषण के बाद भड़की। कॉर्नेल लॉ इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डेविड ओह्लिन ने कहा- बिल्कुल, हिंसा के लिए ट्रम्प जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपराध किया है और उन पर केस चलना चाहिए। जॉर्ज वॉशिंगटन लॉ यूनिवर्सिटी के डीन फ्रेडरिक लॉरेंस भी यही कहते हैं। कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल माइकल शेरविन ने कहा- जो जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
ये बात तो हुई जुबानी जमाखर्च की। लेकिन, अब इसे तथ्यों की कसौटी पर कसते हैं। इसमें दो बातें हैं। राष्ट्रपति के तौर पर ट्रम्प के पास दो ‘ट्रम्प कार्ड’ हैं। पहला- राष्ट्रपति के तौर पर वे किसी गलती के लिए खुद को माफ कर सकते हैं। दूसरा- अगर माफी नहीं भी मिली तो केस काफी लंबा चलेगा। और बहुत मुमकिन है कि ट्रम्प कानूनी खामियों का फायदा उठाकर बच जाएं। उनके खिलाफ सीधे और पुख्ता सबूत भी नहीं हैं जिनसे ये साबित हो सके कि उन्होंने समर्थकों से सीधा हिंसा करने को कहा हो। गवाह मिलना मुश्किल हैं।
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