पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तान और चीन की वायु सेनाओं के बीच युद्ध अभ्यास शुरू किया है। इसके लिए चीन ने सिंध प्रांत के थट्टा जिले में भोलेरी में पाकिस्तानी वायु सेना के हवाई अड्डे पर अपने फाइटर जेट के साथ सैनिकों काे भेजा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के वायु सैनिक फाइटर जेट के साथ साेमवार काे ही भाेलेरी पहुंच गए हैं। ये शाहीन-9 वायु सेना अभ्यास में शामिल हाे रहे हैं।
यहां चीन का भारी लिफ्ट एयरक्राफ्ट वाई-20 देखा गया है। चीनी सेना ने सोमवार को कहा था कि इस द्विपक्षीय अभ्यास का मकसद दोनों ही सेनाओं के “वास्तविक लड़ाकू प्रशिक्षण’ को बेहतर बनाना है। चीन ने इसमें शामिल हाे रहे अपने सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।
दिसंबर के अंत तक चलेगा अभ्यास
यह अभ्यास दिसंबर के अंत तक चलेगा। 2019 के शाहीन-9 युद्ध अभ्यास में चीन के 50 फाइटर जेट शामिल हुए थे। पाकिस्तान का यह वायु सेना अड्डा कराची से उत्तर-पूर्व में भारत के गुजरात राज्य की सीमा से लगा हुआ है।
चीन और पाकिस्तान के बीच यह युद्ध अभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है, जब लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच मई से ही तनाव चल रहा है और सैन्य तथा कूटनयिक स्तर पर कई दाैर की बातचीत के बावजूद टकराव की स्थिति है। चीन सेना ने लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के पास अपने फाइटर जेट तैनात कर रखे हैं।
भोलारी वायु सेना अड्डे का रणनीतिक महत्व
पाकिस्तान के भोलारी वायु सेना अड्डे की स्थापना 2017 में हुई थी। पाकिस्तानी वायु सेना के प्रमुख ने भोलारी प्रोजेक्ट को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बताया है। यह पाकिस्तानी वायु सेना के लिए जमीन और समुद्र में कार्रवाई के लिए क्षमता बढ़ाने में कारगर है। इससे पहले अंतिम शाहीन युद्ध अभ्यास भी भारत से लगे शिंजियांग प्रांत में हुआ था।
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