क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय देश डेनमार्क ने मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार छीन लिया है।
और सच क्या है ?
- अलग-अलग कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने से भी इंटरनेट पर हमें हाल की ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि डेनमार्क ने मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार छीना है।
- पड़ताल के दौरान हमें डेनमार्क की न्यूज वेबसाइट्स पर एक साल पुरानी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। जिनसे पता चलता है कि डेनमार्क की संसद में पिछले साल अक्टूबर में नागरिकता से जुड़ा एक कानून पास किया गया था। हालांकि, ये कानून सभी मुस्लिम नागरिकों के लिए नहीं है।
- नए कानून के मुताबिक, सरकार के पास उन अतिवादियों की नागरिकता छीनने का अधिकार होगा। जो सीरिया और इराक में चल रहे इस्लामिक स्टेट के संघर्ष में शामिल हैं। बिना कोर्ट ट्रायल के इन अतिवादियों की नागरिकता छीनी जा सकेगी।
- गूगल पर (Denmark foreign fighters citizenship) की-वर्ड सर्च करने पर हमें The Reuters वेबसाइट पर 14 अक्टूबर, 2019 का आर्टिकल मिला। इस आर्टिकल में डेनमार्क के नागरिकता से जुड़े नए कानून के बारे में विस्तार से बताया गया है।
- डेनमार्क सरकार के मुताबिक, 2012 के बाद 158 लोग डेनमार्क से सीरिया और इराक में चल रहे इस्लामिक स्टेट के संघर्ष में शामिल हो चुके हैं। 27 लोग अभी भी संघर्ष में पूरी तरह से शामिल हैं। इन 27 लोगों के पास डेनमार्क की नागरिकता है।
- इन अतिवादियों की नागरिकता खत्म करने के लिए पहले डेनमार्क सरकार को कोर्ट ट्रायल का इंतजार करना होता था। लेकिन, पिछले साल आए कानून के बाद सरकार के पास सीधे नागरिकता छीनने का अधिकार है।
- डेनमार्क की संसद में ऐसा कोई कानून पास नहीं हुआ है। जिसमें सभी मुस्लिम नागरिकों से वोट देने का अधिकार वापस लिया हो। अतिवादियों के लिए लाए गए 1 साल पुराने कानून का गलत अर्थ निकालकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment