व्लादिमिर पुतिन अगले साल रूस के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 68 साल के पुतिन को पार्किन्स रोग हो गया है। उनकी गर्लफ्रेंड एलिना काबाऐवा उन पर इस्तीफे का दबाव डाल रही हैं। पुतिन की बेटियां भी यही चाहती हैं। पुतिन 1999 से पावर में हैं। इस दौरान एक बार वे प्रधानमंत्री भी रहे। संविधान संशोधन के जरिए तीसरी और फिर चौथी बार राष्ट्रपति बने।
परिवार का दबाव
पुतिन और उनकी बीमारी के बारे में खुलासा ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने अपनी रिपोर्ट में किया है। अखबार से बातचीत में रूस की पॉलिटिकल एनालिस्ट वेलेरी सोलोवेई ने कहा- पुतिन पर उनकी 37 साल की गर्लफ्रेंड और अपनी दो बेटियों का दबाव है कि वे इस्तीफा दे दें। वेलेरी ने कहा- पुतिन पर परिवार का काफी प्रभाव है। परिवार की वजह से ही वो जनवरी में पद छोड़ने का ऐलान करने पर विचार कर रहे हैं।
बीमारी है वजह
वेलेरी ने आगे कहा- आशंका है कि पुतिन को पार्किंसन्स बीमारी हो गई है। कुछ वक्त से उनमें इसके लक्षण नजर आए हैं। मीडिया ने उनके वीडियो फुटेज का एनालिसिस भी किया है। इनमें पाया गया कि पुतिन की उंगलियां और पैर कांप रहे थे। वे बार-बार पैरों की पोजिशन बदलते नजर आए।
कानून की टाइमिंग अहम
पुतिन के पद छोड़ने की खबर की टाइमिंग गौर करने लायक है। दरअसल, रूसी संसद इस वक्त इस एक नए कानून पर विचार कर रही है। अगर यह बन गया तो पुतिन सुकून में रहेंगे। इस कानून के मसौदे के मुताबिक, किसी भी पूर्व राष्ट्रपति पर कभी केस दायर नहीं किया जा सकेगा। पुतिन पर कई तरह के आरोप लगे हैं। कानून बन गया तो वे कभी कानूनी मामलों में नहीं फंसेंगे।
क्या है पार्किंसन्स?
एक आंकड़े के मुताबिक, फिलहाल दुनिया में इस बीमारी से करीब 62 लाख लोग पीड़ित हैं। हर साल इस बीमारी के चलते करीब एक लाख लोगों की मौत हो जाती है। इस बीमारी में रोगी के शरीर में कंपकंपी और कठोरता आ जाती है। इससे उसे चलने और बैलेंस बनाने में दिक्कत होती है। अकसर वो लिख भी नहीं पाता। इसका असर मानसिक तौर पर भी होता है।
कौन हैं पुतिन
1952 में सेंट पीटर्सबर्ग में जन्म हुआ। लॉ में ग्रेजुएशन किया। खुफिया एजेंसी केजीबी में शामिल हुए। हर तरह के हथियार चलाने के साथ ब्लैक बेल्ट हैं। 1999 में जब बोरिस येल्तसिन ने इस्तीफा दिया तो कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। 2000 में चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने। 2004 में दूसरी बार चुनाव जीता। संविधान के मुताबिक, तीसरी बार राष्ट्रपति नहीं बन सकते थे। इसलिए, प्रधानमंत्री बन गए। संविधान संशोधन कराया। 2012 से अब तक राष्ट्रपति हैं।
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