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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब तक 1.3 करोड़ लोग अपना वोट डाल चुके हैं। 3 नवंबर को वोटिंग का आखिरी दिन है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंटिस्ट माइकल मैक्डोनल्ड ने विभिन्न राज्यों के डेटा का एनालिसिस कर अध्ययन किया यह डेटा जारी किया है। उनके मुताबिक बुधवार तक 1,30,15,675 लोग वोट डाल चुके हैं। इनमें से करीब 60 लाख लोगों ने मेल के जरिए वोट डाला। बाकी ने बैलेट के जरिए वोटिंग की है।
5 राज्यों में 2016 की तुलना में 20% ज्यादा वोटिंग
इस अविधि तक 2016 तक महज 14 लाख लोगों ने ही वोट डाला था। यानी इस बार पिछली चुनाव की तुलना में अब तक 10 गुना वोट पड़ चुके हैं। 5 राज्यों मिनिसोटा, साउथ डकोटा, वर्मांट, वर्जीनिया और विस्कॉन्सिन में 2016 की तुलना में 20% ज्यादा वोट पड़े हैं। फाइनल वोटिंग से पहले बढ़ती वोटिंग की वजह कोरोना है, जिसने लोगों को सुरक्षित वोटिंग करने के लिए प्रेरित किया है।
अमेरिका में मतदाता मेल और केंद्रीय बूथ पर जाकर बैलेट के जरिए फाइनल वोटिंग से दो महीने पहले वोट डाल सकते हैं। सामान्य तौर पर बुजुर्ग, सैन्य कर्मचारी और विदेशों में रह रहे अमेरिकी ही मेल से वोटिंग की सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए राज्यों ने इस नियम को लचीला किया है।
34 राज्यों के लोग उचित कारण बताए बिना मेल से वोटिंग कर सकते हैं। सात राज्यों में मेल से वोटिंग करने के लिए वाजिब वजह बतानी होगी। नौ राज्यों और वॉशिंगटन डीसी का प्रशासन सभी वोटर को मेल बैलेट भेज रहा है। यानी यहां के वोटर को मेल से वोटिंग करने के लिए आवेदन भी नहीं करना पड़ेगा।
मेल से पड़े 60 लाख वोट
शुरुआती रुझान के मुताबिक मेल से पड़े 60 लाख वोटों में 34 लाख वोट ट्रम्प के विरोधी बाइडेन को जाते दिख रहे हैं। लेकिन स्टडी के मुताबिक बहुत संभव है ट्रम्प समर्थक बूथ पर ताकत दिखाएंगे।
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