अमेरिका में बोस्टन मैराथन के दौरान बम धमाका करने के दोषी को मौत की सजा दिलाने की कोशिश तेज हो गई है। अटॉर्नी जनरल विलियम बार ने गुरुवार को कहा कि वह आरोपी झोखर तारसानेव के लिए मौत की सजा की मांग करेंगे। न्यूज एजेंसी एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है। तारसानेव पर 2013 में बोस्टन मैराथन के दौरान फिनिश लाइन के पास प्रेशर कुकर बम की मदद से धमाके करने का आरोप है। इस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई थी और 260 लोग घायल हो गए थे। इनमें से 17 लोग अपाहिज हो गए थे।
अमेरिका के फेडरल अपील कोर्ट के तीन जज वाले पैनल ने 31 जुलाई को बम धमाके मामले में सुनवाई की थी। अपील कोर्ट ने कहा था कि 2015 में इस मामले पर सुनवाई करने वाली कोर्ट मामले की तह तक नहीं पहुंची। इस पर गौर करते हुए अपील कोर्ट ने तारसानेव के ऊपर लगे तीन आरोपों को हटाने और उसे सुनाई गई मौत की सजा को पलटने का आदेश दिया था।
सार्नएव ने भाई के साथ मिलकर रची थी धमाके की साजिश
तारसानेव ने अपने बड़े भाई टैमरलन के साथ मिलकर धमाके की साजिश रची थी। टैमरलन को पुलिस ने 2013 में ही भागने की कोशिश करने पर मार गिराया था। सार्नएव को गिरफ्तार कर लिया गया था। कोर्ट में मामले सुनवाई होने के बाद तारसानेव को दोषी पाया गया था। उसे जहरीला इंजेक्शन लगाकर मौत की सजा देने का आदेश दिया था। हालांकि, तारसानेव ने अपनी मौत सजा के खिलाफ कोर्ट में अपील की थी। उसने कोर्ट से कहा था कि हमले का मास्टरमाइंड उसका बड़ा भाई था जोकि पुलिस एनकाउंटर में पहले ही मारा जा चुका है। ऐसे में उसे मौत की सजा नहीं सुनाई जाए।
अटॉर्नी जनरल ने कहा- हमें जो जरूरी लगेगा करेंगे
अटॉर्नी जनरल बार ने तारसानेव की मौत की सजा माफ किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हमें जो जरूरी लगेगा वह करेंगे। हम इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। उसके लिए मौत की सजा की मांग जारी रहेगी। तारसानेव पर कुल मिलाकर 30 आरोप लगाए गए थे। इनमें से सिर्फ 3 आरोप हटाए हैं। ऐसे में अगर उसे मौत की सजा नहीं भी मिलती है तो उसे पूरा जीवन जेल में ही काटना होगा। अभी तारसानेव की उम्र 27 साल है।
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