सभी माता-पिता की तरह पेज कर्टिन ने भी अपने 12 साल की बेटी के लिए स्कूली वर्ष खत्म होने पर समर ट्रेनिंग की योजना बनाई थी, पर कोरोना के कारण यह पूरी नहीं हो सकी। ऐसे में उन्हें गर्ल्स विद इम्पैक्ट प्रोग्राम के बारे में पता चला, जिसके तहत लड़कियों को फाइनेंशियल, बिजनेस और मनी मैजेमेंट संबंधी स्किल सिखाए जाते हैं।
उन्होंने बेटी को इससे जोड़ा, वह मास्क अवेयरनेस कैंपेन से जुड़ी। इस प्रोग्राम की सीईओ और वॉल स्ट्रीट एक्जीक्यूटिव रह चुकीं जेनिफर ओपेंशॉ के मुताबिक हम साबित करना चाहते हैं कि अमेरिका की युवा लड़कियां हुनरमंद हैं और उन्हें पर्याप्त ट्रेनिंग दी जाए तो वे बिजनेस या अन्य क्षेत्रों में बेहतर कर सकती हैं, यह उनके लिए अच्छा है और देश के भविष्य के लिए भी।
40 राज्यों के 2900 से ज्यादा लड़कियों को बिजनेस स्किल्स सिखाए गए
कोरोना महामारी के फैलने के बाद से 40 अमेरिकी राज्यों की 2900 से ज्यादा लड़कियों को इस प्रोग्राम के जरिए बिजनेस स्किल्स सिखाए जा चुके हैं, अब वे अपने जुनून को उद्यम में बदलने जा रही हैं। इस प्रोग्राम में 12-18 साल की लड़कियों को बिजनेस जगत की हस्तियों और इंस्ट्रक्टरों के नेतृत्व में कारोबार की योजना बनाने और उसे अमल में लाने के गुर सिखाए गए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस प्रोग्राम से मिली सीख से लड़कियों में 20 की उम्र में बड़े फैसले लेने मदद मिलती है। चाहे वह कार खरीदना, कॉलेज में एडमिशन, कर्ज मैनेज करना या वित्तीय फैसले वे बिना डरे ले पाती हैं। किसी पर निर्भर नहीं रहतीं?
6 फीट दूर से अलर्ट करता है 15 साल की छात्रा का डिवाइस
गर्ल्स विद इंपैक्ट से जुड़कर पेनसिल्वेनिया के मेकनिक्सबर्ग की 15 वर्षीय छात्रा नेहा शुक्ला ने ऐसा सेंसर बनाया जो पहनने वाले को अलर्ट करता है कि उससे 6 फीट या इससे कम दूरी पर कोई शख्स है। दरअसल नेहा को बुजुर्ग दादा-दादी के कोरोना संक्रमित होने का खतरा था, उन्हीं को ध्यान में रखकर उसने डिवाइस बनाया। इसे कैप या मास्क में भी लगा सकते हैं। अब नेहा इसकी डिजाइन को आसान बनाने के लिए कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
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